भगवान ऐसी सास से बचाए। मनोहर हिंदी कहानी। Long Hindi story | Best Hindi Story

मनोहर हिंदी कहानी : मेरा नाम अनामिका है मेरी जिंदगी में शायद खुशियां कभी आई ही नहीं थी बचपन से जवान होने तक का सफर मेरा बड़ा ही तकलीफ दे गुजरा हर लड़की जैसे-जैसे बड़ी होती है उसके दिल में ना जाने कितने अरमान होते हैं ना जाने कितनी ख्वाहिशें होती हैं और ना जाने उसकी आंखों में कितने सपने होते हैं जिन्हें वह पूरा करना चाहती है लेकिन मेरी जिंदगी का मकसद सिर्फ एक यही था कि मैं अपनी जिंदगी सुकून से गुजार सकूं ना मेरी जिंदगी में कोई खुशी थी

और ना ही कोई सुकून था एक अजीब सी जिंदगी हो गई थी मैं अपनी जिंदगी में खुशियां देखने के लिए तरस रही थी पल-पल मर रही थी कि ना जाने मुझे खुशियां कब नसीब होंगी मगर शायद मुझे तो दुखों के लिए ही बनाया गया था मैं तीन साल की थी जब मेरे पापा मुझे और मेरी मम्मी को इस दुनिया से छोड़कर चले गए थे

मैं अपने मम्मी पापा की इकलौती बेटी थी हमारा कोई रिश्तेदार भी नहीं था सिर्फ मेरे चाचा चाची के अलावा मेरी मम्मी मेरी चाची की जेठानी थी मेरे दादा दादी तो इस दुनिया में थे नहीं ले देकर मेरे पापा का सिर्फ एक छोटा ही भाई था मेरे मम्मी पापा ने बड़े अरमानों के साथ चाचा जी की शादी की थी और चाची को इस घर में लेकर आए थे हम सब लोग एक साथ एक ही घर में रहते थे फिर अचानक एक दिन मेरे पापा की एक्सीडेंट में मौत हो गई सब कुछ बिल्कुल ठीक चल रहा था

मेरे पापा का काम बहुत अच्छा था वो काफी सारे पैसे कमाया करते थे लेकिन जब उनकी मौत हो गई और मेरी मम्मी और मेरा खर्चा चाचा जी उठाने लगे तो ये बात चाची को बिल्कुल भी पसंद नहीं आती थी मम्मी चाची को बड़ी ही उम्मीद के साथ इस घर में लेकर आई थी उन्हें लगता था कि उनकी देवरानी उनकी बहन बनकर रहेगी पापा के मरने के बाद मम्मी बीमार रहने लगी थी चाची को बुरा लगता था कि उनका पति हम दोनों मां बेटी का खर्चा अपने पैसों से करता है

कई साल इसी तरह से गुजर गए थे मेरी मम्मी सब कुछ बर्दाश्त करते हुए चाचा चाची के साथ रहती थी अगर उनका कोई बेटा होता तो उनका सहारा बनता मेरी मम्मी अपनी बेटी को लेकर कहां जा ती क्योंकि मेरे ननिहाल वाले मेरी मम्मी से नहीं रखते थे मेरी मम्मी ने पापा के साथ अपनी मर्जी से शादी की थी और उन लोगों को मेरे पापा पसंद नहीं थे मम्मी ने जब भागकर मेरे पापा से शादी की तो मेरे ननिहाल वालों से सारे संबंध खत्म हो गए थे

वह अपनी बेटी को लेकर कहां जाती इसलिए चाची की उल्टी सीधी बातों को बर्दाश्त किया करती थी चाची हमें कुछ भी कहती चाचा उनसे पलटकर एक शब्द नहीं कहते थे बल्कि चाचा बिल्कुल खामोश रहते थे उन्होंने कभी यह नहीं समझा कि उनकी भाभी ने सारी जिंदगी उन्हें औलाद बनाकर पाला था उनकी शादी की उनकी परवरिश की उनकी पढ़ाई पूरी की क्योंकि मेरे पापा की शादी कम उम्र में हो गई थी उस समय मेरे चाचा भी छोटे थे

तो मेरे चाचा के सारे काम मेरी मम्मी ही किया करती थी मेरी मम्मी को मां बनने की खुशी पूरे 7 साल बाद नसीब हुई थी इसलिए मेरी मम्मी ने चाचा जी को ही अपनी औलाद समझा था उन्होंने चाचा जी को हमेशा अपने बेटे की तरह पाला था पापा ने मम्मी से शादी की राती कह दिया था कि तुम्हें मेरे भाई को अपनी औलाद की तरह प्यार करना होगा कभी भी मेरे भाई के साथ किसी तरह का भेदभाव नहीं करना क्योंकि उसके माता-पिता नहीं है मैं नहीं चाहता कि उसे तुम कभी भी इस बात का एहसास दिलाओ

मैं नहीं चाहता कि तुम कभी भी भाभी बनकर उसके साथ किसी तरह का भेदभाव करो भाभी तो मां समान होती है इसलिए तुम्हें उसकी परवरिश एक मां की तरह ही करनी है मेरी मम्मी ने चाचा की परवरिश बिल्कुल एक मां की तरह की थी लेकिन अब जब उनकी पत्नी मम्मी को खरी खोटी सुनाती थी तो चाचा बिल्कुल खाम मोश हो जाया करते थे उन्होंने मेरी मम्मी की परवरिश का गलत सिला दिया था मेरी मम्मी सब कुछ बर्दाश्त करते हुए इस घर में रहती थी

चाची का सारा काम करती थी फिर धीरे-धीरे चाची ने दो बच्चों को जन्म दिया चाची के पास कोई बेटी नहीं थी और फिर मैं भी जवान हो चुकी थी मम्मी के साथ-साथ मुझे भी चाची की बातें सुननी पड़ती थी क्योंकि अब मैं बड़ी हो गई थी और मैंने अच्छी तरह से होश संभाल लिया था मेरी मम्मी बीमार रहने लगी थी मैं अपनी मम्मी से बहुत प्यार करती थी और सारा दिन उनकी सेवा में लगी रहती थी चाची की बातें बर्दाश्त करने के बाद मम्मी अपना खाना पना अलग भी नहीं कर सकती थी

क्योंकि अगर वह ऐसा कर लेती तो फिर उन्हें कमा कर कौन लाकर देता मम्मी किस तरह से हम दोनों मां बेटी का गुजारा करती मम्मी की हालत तो ऐसी नहीं थी कि वह पैसे कमाने के लिए घर से निकल जाती और उस समय मैं भी छोटी थी लेकिन मम्मी ने सोचा था कि जब उनकी बेटी बड़ी हो जाएगी तो ये सारी परेशानी दूर हो जाएगी मगर ऐसा नहीं हुआ था मम्मी की जगह में चाची के सारे काम करने लगी थी उनकी सारी बातें सुनने लगी थी

हम दोनों मां बेटी उनकी बातें सुनकर सिर्फ सबर करते थे इसके अलावा हम कुछ भी नहीं कर सकते थे अब जैसे-जैसे मैं बड़ी हो रही थी मैं बहुत खूबसूरत होती जा रही थी सब लोग मेरी बहुत तारीफ किया करते थे इसलिए चाची को मैं बहुत खलती थी चाचा तो मुझे बहुत प्यार करते थे क्योंकि बचपन से ही उन्होंने मुझे अपनी गोद में खिलाया था यही वजह थी कि चाची मुझसे बहुत चढती थी मेरी मम्मी और मैं चाची से अच्छी तरह से बिहेव करते थे हमेशा हर बात को बर्दाश्त करते थे

इग्नोर करने की कोशिश करते थे बल्कि हम उन्हें यह एहसास दिलाना चाहते थे कि हम आपके अपने हैं मगर उन्हें तो जैसे कोई फर्क ही नहीं पड़ता था चाची मुझसे कितना भी कुछ कहती मैं कभी पलटकर उन्हें जवाब नहीं देती थी मम्मी मुझसे यही कहती थी कि बेटी सबर करो सबर करने वालों के साथ हमेशा भगवान खड़ा होता है मैं अपनी चाची की बहुत इज्जत करती थी जबकि मैं भगवान से प्रार्थना करती थी कि मेरी चाची सुधर जा जिससे हमारे घर का माहौल भी सुधर जाएगा

मगर कहते हैं ना कि कुछ लोग कभी नहीं बदल सकते क्योंकि वह अपनी आदत से मजबूर होते हैं मेरी मम्मी बीमार होकर बिस्तर पर पड़ी रहती थी और चाची सारा दिन घर में महारानियां की तरह हुकुम चलाती थी चाची को यह बात बिल्कुल भी पसंद नहीं थी कि चाचा मुझसे कोई भी बात किया करें वह तो अपने दोनों बेटों को भी मुझसे दूर रखती थी हमेशा हम दोनों मां बेटी को ताने दिया करती थी कि तुम्हारा पति तो मर गया है और तुम मां बेटी हम लोगों पर पर बोझ बन गई हो

चाचा कभी-कभी खामोशी से मेरे लिए कुछ खाने-पीने का सामान भी लेकर आते तो चाची को पता चल ही जाता था और वह घर में इतना हंगामा करती थी कि चाचा शर्मिंदा होकर रह जाते थे इस हंगामे से मैं सहम कर रह जाती थी जब मम्मी ने घर के ऐसे हालात देखे तो मम्मी ने फैसला किया कि वह मेरा रिश्ता तय कर देंगी और जितनी जल्दी हो सकेगा मेरी शादी कर देंगी इसलिए मेरी मम्मी ने अपनी सहेली के एक बेटे के साथ मेरा रिश्ता तय कर दिया था

मेरी मम्मी की सहेली वैसे भी मुझे बहुत पसंद करती थी और कई बार बंद शब्दों में मेरी मम्मी से मेरे रिश्ते के बारे में कह चुकी थी मेरी उम्र कम थी इसलिए मेरी मम्मी उनको हर बार इंकार कर देती थी मगर अब घर के हालातों को देखकर मम्मी चाहती थी कि उनकी बेटी जल्द से जल्द अपने ससुराल की हो जाए लेकिन चाची ने इस रिश्ते को भी खत्म करवाने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी चाची दिन रात मम्मी के कान भरती रहती थी और उन्हें उन्हीं के दोस्त के खिलाफ भड़काया करती थी

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मगर मेरी मम्मी भी चाची की आदत को अच्छी तरह से जानती थी तभी तो चाची की बातें एक कान से सुनकर दूसरे कान को निकाल दिया करती थी जब चाची की बातों का मम्मी पर कोई असर नहीं हो रहा तो उन्होंने दूसरा रास्ता तलाश किया और चाचा के कान भरने लगी मम्मी ने जब चाची की ऐसी हरकतें देखी तो फौरन से पहले मेरी सगाई कर दी थी और अपनी सहेली से कह दिया कि वह जल्द ही मेरी शादी करना चाहती हैं मेरी होने वाली सास भी जल्द ही शादी करने के लिए तैयार थी

मगर चाची को मेरी खुशी एक आंख नहीं भा रही थी उन्हें लगता था कि शादी पर जितना भी खर्च होगा वह सब उनके पति का ही होगा जबकि वह नहीं जानती थी कि मेरी मम्मी ने मेरे लिए काफी कु जोड़कर रखा हुआ था मेरी मम्मी की सहेली की बचपन से ही ख्वाहिश थी कि मैं उनके घर की बहू बनूं मगर मम्मी ने बचपन में यह बात टाल दी थी क्योंकि मेरी मम्मी का मानना था कि जब बच्चे बड़े हो जाएंगे तो जो भी उनकी मर्जी होगी वही होगा तभी उस समय मेरी मम्मी की सहेली भी खामोश हो गई थी

मगर अब एक बार फिर से मेरी मम्मी की सहेली हमारे घर पर मेरा रिश्ता मांगने के लिए आ गई थी क्योंकि आंटी अब अपने बेटे की आंखों में मेरे लिए पसंदी दगी देखने लगी थी उनका बेटा और मैं बचपन में एक ही स्कूल में जाते थे और वह कभी-कभी हमारे घर भी आ जाता था आंटी भी अपने बेटे की शादी कर देना चाहती थी उन्होंने अपने बेटे से पूछा था कि अगर उसे कोई लड़की पसंद है तो वह बता दे उसने मेरा नाम लिया था इसलिए दोबारा से आंटी हमारे घर पर मेरा रिश्ता मांगने आ गई थी

मेरी मम्मी ने मुझसे मर्जी पूछी तो मैंने सब कुछ अपनी मम्मी पर छोड़ दिया था क्योंकि मैं तो किसी को पसंद नहीं करती थी जैसा वह मेरे लिए करती बेहतर ही होता मुझे तो इस रिश्ते पर कोई ऐतराज नहीं था मुझे भी उनका बेटा अच्छा लगता था मेरा रिश्ता लग जाने से मैं बहुत खुश थी और मेरी यही खुशी चाची को बिल्कुल भी पसंद नहीं आ रही थी क्योंकि मेरी मम्मी जब मेरा रिश्ता तय कर रही थी तो चाची ने कई बार मम्मी को मना किया मगर मम्मी ने चाची की एक नहीं सुनी

तो चाची मेरे फियांसे के खिलाफ मेरे चाचा को भड़काने लगी चाचा ने एक दो बार मम्मी से दबे दबे शब्दों में कुछ ऐ ऐसी बातें कहीं तो मम्मी समझ गई थी कि चाचा जी भी अपनी पत्नी की लगाई बुझाई में आ गए हैं तो मेरी मम्मी ने मेरी सबसे पहले सगाई कर दी शादी भी जल्दी ही करने को कह दिया था जब चाची ने यह देखा कि उनके सारे प्लान फ्लॉप हो चुके हैं फिर वह खामोश होकर बैठ गई क्योंकि अब ऐसा करने के अलावा उनके पास दूसरा कोई चारा नहीं था

मगर जब मम्मी सो रही होती थी तब चाची मुझसे कहती थी कि जरूर तुम्हारा उस लड़के के साथ कोई चक्कर चल रहा होगा तभी तो तुम्हारी मां ने खामोशी से रिश्ता त कर दिया और यही वजह है कि इतनी जल्दी-जल्दी में तुम्हारी शादी भी हो रही है अभी तुम्हारी शादी करने की उम्र नहीं है मगर तुम इन कामों में पड़ गई हो तो शादी होनी भी जरूरी है मैं तो चाची की बात सुनकर दंग रह गई थी मैं उनकी बात सुनकर रोती और उन्हें अपनी सफाइट ऐसा कुछ भी नहीं है

मगर मेरी बात सुनकर चाची मुझे ताना कसती हुई नजरों से देखती थी और पूरी बात सुने बिना ही अपने कमरे में चली जाती थी उनके जाने के बाद में बहुत रोती थी मगर ममी को कुछ भी नहीं बताती थी क्योंकि इस तरह चाची घर में हंगामा भी क्रिएट कर देती इसी वजह से मैं चाची के दिन रात ताने सहती रहती चाची मुझसे कहती कि मैं तुम्हारी करतूतें तुम्हारे चाचा को बता दूंगी और मैं हक्का-बक्का होकर उनकी शक्ल देखती रह जाती और सोचती कि मैंने ऐसा क्या कर दिया

जो यह ऐसा कह रही हैं मगर चाची को मैं कुछ भी नहीं कह सकती थी दूसरी तरफ मम्मी की भी हमेशा तबीयत खराब रहती थी इसलिए मैं उनको कुछ भी नहीं बताती थी एक दिन मम्मी की इतनी ज्यादा त यत खराब हो गई कि उनकी सांस बहुत तेज तेज चलने लगी मैं घबरा गई थी मैं जल्दी से भागकर चाचा के कमरे में गई उनके कमरे का दरवाजा बजाया तो चाची दरवाजे पर आई और कहने लगी कि क्या बात है इतनी जोर-जोर से दरवाजा क्यों पीट रही हो

मैंने कहा चाची मम्मी की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई है जल्दी से चाचा को भेज दीजिए मम्मी को अस्पताल लेकर चलना है चाची कहने लगी वह अभी सो रहे हैं और खामोशी से अपने कमरे में चले जाओ हमें डिस्टर्ब करने की जरूरत नहीं है मैं रोते हुए अपने कमरे में आ गई थी और अपनी मां को संभालने की कोशिश कर रही थी लेकिन मम्मी को तो ठीक तरह से सांस भी नहीं आ रही थी वह तड़प रही थी मैं दोबारा से चाचा के कमरे का दरवाजा पीटने लगी

अबकी बार चाचा दरवाजे पर आए थे मैंने उन्हें रो-रोकर मम्मी की हालत के बारे में बताया तो हम दोनों मिलकर मम्मी को अस्पताल ले गए थे हम जब अस्पताल पहुंचे तो डॉक्टर ने मम्मी को इमरजेंसी में एडमिट कर लिया था मैं बार-बार उस बंद दरवाजे को तक रही थी जिसके अंदर मेरी ममी को ले जाया गया था थोड़ी देर के बाद डॉक्टर कमरे से बाहर आए और वह कहने लगे कि आप लोग पेशेंट के लिए प्रार्थना करें हम तो अपनी कोशिश कर रहे हैं शायद वह प्रार्थना हों से ही ठीक हो जाएं

डॉक्टर की बात सुनकर मैं फूट-फूट कर रोने लगी मेरी मां की जिंदगी खतरे में थी और मैं कुछ भी नहीं कर पा रही थी सारी रात इसी तरह रोते-रोते गुजर गई थी सुबह डॉक्टर ने आकर जो हमें खबर दी उसे सुनकर मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी और मुझ पर परेशानियों का पहाड़ टूट पड़ा था मेरी मम्मी मुझे छोड़कर जा चुकी थी मैं बुरी तरह से रोने लगी डॉक्टर लाख कोशिशें करने के बावजूद भी मेरी मम्मी को नहीं बचा सके थे मेरे पापा तो इस दुनिया से पहले ही जा चुके थे

और अब मैंने अपनी मम्मी को भी खो दिया था मेरी मम्मी का अंतिम संस्कार हो गया था और फिर जिंदगी पहले की तरह गुजरने लगी बल्कि अब तो पहले से भी बदतर हो गई थी चाची ने मेरा रिश्ता भी मेरी मम्मी की सहेली के बेटे से खत्म करवा दिया मैं उस दिन बहुत रोई थी चाची मुझसे घर के सारे काम करवाती थी और मैं थक हार कर चूर हो जाती थी अब वह मुझे मारने पीटने भी लगी थी उन्होंने चाचा को मेरे खिलाफ भड़का दिया

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और चाचा से कहने लगी कि तुम्हारी भतीजी का पड़ोस के लड़के से चक्कर चल रहा है मगर मुझे अफसोस इस बात का था कि अपनी पत्नी की बात सुनकर चाचा ने विश्वास भी कर लिया था उन्हें अपनी भतीजी के कैरेक्टर पर यकीन नहीं हुआ था और इस तरह चाचा को बहुत गुस्सा आ गया उन्होंने मेरी शादी करने का फैसला लिया पहले तो वह लोग मेरा रिश्ता खत्म करवा चुके थे लेकिन अब उनका कहना था कि वह मुझे शादी करके जल्द से जल्द इस घर से निकालना चाहते हैं

चाचा ने चाची से कहा कि इसके लिए कोई अच्छा सा रिश्ता तलाश करो चाची ने जल्दी ही मेरे लिए रिश्ता तलाश कर लिया था और फिर इस तरह सिंपल तरीके से मेरी शादी कर दी गई और मुझे विदा करके मेरी ससुराल भेज दिया गया मेरे अरमानों का कत्ल हो चुका था जिस लड़के को मैं पसंद करती थी उसके साथ मेरी शादी नहीं हुई और ना जाने यह किसके साथ इन्होंने मेरी शादी कर दी थी मैं तो इसे जानती भी नहीं नहीं थी यह कौन था

कैसा था बस खामोशी से अपने चाचा चाची की बात मानकर इस घर में आ गई थी क्योंकि उनकी बात मानने के अलावा मेरे पास और कोई चारा भी नहीं था मेरी ससुराल में मेरे पति और सास के अलावा और कोई भी नहीं था मेरी शादी इतनी सिंपल तरीके से हुई थी कि अकेली मेरी सास और पति ही मुझे बिहा करर अपने घर ले आए थे मेरी शादी बहुत दूर एक गांव में हुई थी मेरे चाचा चाची ने मुझे दहेज में कुछ भी नहीं दिया था यह घर बहुत ही छोटा था

और यहां पर गरीबी साफ नजर आ रही थी जबकि हमारा घर तो काफी बड़ा था मैं इस घर को देख देखकर रो रही थी और अपने आंसुओं को छुपाने की कोशिश कर रही थी क्योंकि मैं जानती थी कि यहां आने के बाद मेरे भाग फूट चुके हैं अब तो कुछ भी नहीं हो सकता था मेरी यहां शादी हो गई मेरी सास मुझे मेरे कमरे में ले आई थी जहां पर एक टूटा फूटा पलंग और एक पुरानी सी अलमारी खड़ी हुई थी इसके अलावा इस कमरे में कोई भी फैसिलिटी मौजूद नहीं थी इतनी गर्मी थी

इसके बावजूद भी यहां पर पंखा नहीं था सिर्फ एक छोटा सा बल्ब जल रहा था मेरी सास का बिहेवियर मेरे साथ अच्छा था उन्होंने कहा कि बेटी हम लोग गरीब जरूर हैं मगर यहां पर तुम्हें अपने हिसाब से काफी प्यार देंगे अपनी सांस की बात सुनकर मुझे ऐसा लगा था जैसे इतने प्यार भरे शब्द सुने मुझे कितने दिन हो गए हैं उनकी बात सुनकर मैं घर के हालात पर रोना भूल गई थी और मुझे अपनी सास की बात बहुत पसंद आई थी उन्होंने मुझे प्यार से बहू नहीं बल्कि बेटी कहकर पुकारा था

मेरे दिमाग का बोझ अब कुछ हल्का हुआ था अब मेरा अपने पति से मिलना रह गया था काफी देर हो गई थी मुझे अपने पति का इंतजार करते हुए मेरी सास मेरे कमरे से जा चुकी थी थोड़ी ही देर गुजरी थी कि मुझे दरवाजा खुलने की आवाज आई मैं सहम कर बैठ गई कमरे के अंदर मेरा पति आया था मेरा पति मेरे करीब आकर बैठ गया उसने सबसे पहले मुझे मुंह दिखाई का गिफ्ट दिया भले ही वह एक मामूली सा आर्टिफिशियल ज्वेलरी सेट था मगर मेरे लिए किसी हीरे जवाहरात से कम नहीं था

मेरा पति मेरे हाथ पर हाथ रखकर कहने लगा कि तुम बहुत सुंदर हो मैं तुम्हें सारी जिंदगी खुश रखूंगा उसकी बात सुनकर मुझे एक अजीब सी खुशी महसूस हुई थी मैंने सोचा था कि चलो अच्छा है मुझे ससुराल तो अच्छी मिली है अभी हम लोग यही बातें कर रहे थे कि अचानक मेरे कमरे का दरवाजा बजने लगा मेरा पति कहने लगा कि मैं देखता हूं कि दरवाजे पर कौन है शायद मां ही होगी मेरे पति ने जैसे ही दरवाजा खोला तो मेरी सास ही दरवाजे पर खड़ी हुई थी

मगर मेरी सास के हाथ में एक स्प्रे की बटल थी वह कहने लगी कि बहू जरा मुझे कमरे के अंदर स्प्रे करना है मैं हैरानी से अपनी सास की तरफ देखने लगी उन्होंने कहा कि दरअसल हमारे गांव में बहुत मच्छर हैं और सबसे ज्यादा मच्छर तो हमारे घर में लगते हैं क्योंकि हमारे घर के आसपास में पेड़-पौधे ज्यादा हैं मेरी सास कहने लगी कि तुम बाहर चली जाओ मैं कमरे में स्प्रे कर देती हूं क्योंकि मैं नहीं चाहती कि शादी की पहली रात ही मेरी शहर की रहने वाली बहू को मच्छर काट ले

तुम जानती होगी कि मच्छर के काटने से कितनी बीमारियां पै पैदा होती हैं अपनी सास की बात मुझे बिल्कुल ठीक लग रही थी यह बात तो सही है कि मच्छर काटने से काफी सारी बीमारियां हो जाती हैं मैंने अपनी सांस से कहा कि आप कमरे के अंदर स्प्रे कर सकती हो मेरी बात सुनकर ना जाने क्यों मेरी सांस हिचकिचाना लगी थी और मुझ से कहने लगी कि बहू मैं चूल्हे पर तुम दोनों के लिए दूध गर्म करने के लिए रखकर आई थी और अभी भूल गई मैं इतनी स्प्रे करती हूं

तुम जरा किचन में जाकर दूध देख लो कहीं निकल कर बाहर ना आ जाए वरना मेरे लिए किचन साफ करना भारी हो जाए आएगा अपनी सांस की बात पर हां करते हुए मैं कमरे से निकल गई थी और फिर मैं किचन में आ गई यह छोटा सा किचन था मगर यह देखकर मैं हैरान रह गई कि चूल्हे पर तो दूध था ही नहीं यहां तक कि गस्ता कौन नहीं था मैं नजर दौड़ाकर चारों तरफ देखने लगी मुझे लगा कि शायद मेरी सास को गलतफहमी हुई होगी

मैं अपने कपड़े संभालती हुई जैसे ही कमरे के अंदर गई तो मेरी सास कमरे के अंदर स्प्रे कर चुकी थी कहने लगी बहू अब तुम आराम से सारी रात सोना तुम दोनों को मच्छ नहीं काटेंगे मेरा पति अपनी मां को बड़ी गौर गौर से देख रहा था मैंने कहा मम्मी जी किचन में तो चूल्हे पर दूध रखा हुआ ही नहीं था पहले तो मेरी सास मेरी बात सुनकर कंफ्यूज होने लगी फिर उसके बाद कहने लगी कि मैं भूल गई थी शायद मुझे गलतफहमी हो गई कि मैं चूल्हे पर दूध रखकर आई हूं

अच्छा चलो तुम लोग अब आराम से सो जाओ काफी रात हो गई है यह कहकर मेरी सास स्प्रे की बोतल हाथ में लेकर कमरे से बाहर निकल गई थी जबकि मेरे पति ने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया था वह कहने लगे कि हां हमारे घर में बहुत मच्छर हैं बहुत ज्यादा परेशान करते हैं पर मैं देख रही थी कि कमरे में एक या दो ही मच्छर दिखाई दे रहे थे लेकिन बीमारियां पैदा करने के लिए तो यह भी काफी होते हैं उसके बाद दोबारा से मेरा पति मेरे करीब आ गया

लेकिन अजीब बात यह थी कि अचानक मेरे पति को छींक आई एक छींक आने के बाद मेरे पति को लगातार सात-आठ छींक आई थी मुझे लगा शायद मेरे पति को जुकाम हो गया मैंने अपने पति से कहा कि आप ठीक तो है ना मैंने ने अपने पति को हाथ लगाते हुए यह बात कही थी कि अचानक मेरे पति ने मेरा हाथ झटक दिया मैं अपने पति को देखकर हैरान रह गई उसके बाद जो मेरे पति ने किया उसे देखकर मेरे होश उड़ गए थे क्योंकि मेरा पति तो पागलों जैसी हरकतें करने लगा था

उसकी हरकतें बड़ी ही अजीब सी थी पहले तो वह बिस्तर से उठकर खड़ा हुआ फिर अपना सर झुकाकर उसने इधर-उधर देखना शुरू कर दिया ऐसा लग रहा था जैसे वह कुछ ढूंढ रहा है वैसे भी कमरे में ज्यादा सामान मौजूद नहीं था उसने बिस्तर पर रखे हुए तकिए उठाकर फेंकना शुरू कर दिए मैं उसे देखकर डर गई थी मैं उससे दूर भाग रही थी उसके बाद उसने बिस्तर को ही उठाकर इधर-उधर फेंकना शुरू कर दिया पूरी चादर बिखेर दी और पलंग को भी उठाकर पीछे की तरफ धकेलने लगा

मेरे तो होश ही उड़ गए थे कि मेरा पति यह सब कुछ क्या कर रहा है मैं जोर-जोर से चिल्लाने लगी कि मम्मी जी मम्मी जी पर ऐसा लग रहा था जैसे मेरी सास गहरी नींद में सो गई है उन्हें मेरी किसी बात की आवाज नहीं आ रही थी मुझे अपने पति की ऐसी हरकतें देखकर बहुत अजीब लग रहा था मेरे पति को ऐसा करते-करते काफी देर हो गई थी और उसके बाद वह खुद ही जमीन पर लेटकर सो गया अपने पति की ऐसी हरकतें देखकर मेरे होश उड़ गए थे

समझ नहीं आ रहा था कि अचानक मेरे पति को क्या हो गया था फिर मैंने जब देखा कि मेरा पति गहरी नींद में सो चुका है तो मैंने डरते सहमती पलंग पर दोबारा से बिस्तर सेट किया और मैं बिस्तर लगाकर लेट गई थी लेकिन सारी रात मुझे डर के मारे नींद नहीं आई थी क्योंकि मुझे अपने पति से डर लग रहा था सुबह कहीं जाकर मेरी आधे घंटे के लिए आंख लगी थी सुबह जब मैं सोकर उठी तो मैंने देखा कि मेरे पति का बिहेवियर मेरे साथ बिल्कुल नॉर्मल था मैं यह देखकर चौक गई थी

क्योंकि सुबह जब मेरी आंख खुली तो वह मुझे देखते ही कहने लगा कि मुझे बहुत तेज भूख लग रही है प्लीज मेरे लिए चाय बना दो मां शायद पड़ोस वाले घर में गई हुई है अपने पति की बात सुनकर मुझे कुछ तसल्ली हुई थी कि चलो अब मेरा पति कुछ नॉर्मल हो गया मैं किचन में जाकर अपने पति के लिए चाय बनाने लगी थी और फिर हम दोनों पति-पत्नी ने साथ मिलकर नाश्ता किया लेकिन इस दौरान भी बार-बार मेरा ध्यान अपने पति की रात वाली हरकत पर जा रहा था

मेरा पति अब तो मुझसे बहुत प्यार से बात कर रहा था मेरा पति अपने काम पर जाने के लिए अब घर से निकल चुका था थोड़ी देर के बाद मेरी सास ने मुझे घर के कामकाज के बारे में सब कुछ समझा दिया था और फिर हम दोनों सास बहू मिलकर घर की सफाई कर रहे थे जब मैंने बातों ही बातों में अपनी सास को अपने पति की रात वाली हरकत के बारे में बताया और यह भी कहा कि मैं आपको जोर-जोर से आवाज लगा रही थी मगर आपने मेरी आवाज नहीं सुनी मेरी सास कहने लगी

अच्छा मुझे तुम्हारी कोई आवाज नहीं आई शायद आवाज इसीलिए नहीं आई थी क्योंकि मैं शादी की वजह से बहुत थक गई थी इसलिए मुझे लेटते ही गहरी नींद आ गई थी तुम इस बात को अपने दिमाग से निकाल दो जरूर तुम्हें कोई गलतफहमी हुई है मगर मुझे कोई गलतफहमी नहीं हुई थी लेकिन फिर भी मैंने इस बात को इग्नोर कर दिया था रात को जब मेरा पति आया तब भी उसका बिहेवियर बिल्कुल ठीक था वो मुझसे बहुत प्यार से बात कर रहा था

मैंने उसे रात वाली हरकत के बारे में बताया तो उसने कहा कि मुझे याद नहीं मैंने यह सब कुछ किया है तुम मुझ पर इल्जाम लगा रही हो फिर मैंने जल्दी से बात को बदल दिया कि कहीं मेरा पति मेरी इस बात का गलत मतलब ना निकाले और फिर उससे थोड़ी सी प्यार भरी बात की तो उसका मूड बिल्कुल ठीक हो गया था आज फिर से मेरी सास कमरे में आई और कहने लगी कि बहू मैं कमरे में स्प्रे करने आई हूं

मैंने कहा मम्मी जी मच्छर तो मुझे कहीं भी नजर नहीं आ रहे तो मेरी सास कहने लगी अरे ऐसे कैसे नजर आएंगे पेड़ पौधों की वजह से कोनों में छिप जाते हैं जब रात को बत्ती बंद होती है तब नजर आते हैं चलो मैं स्प्रे कर देती हूं अच्छा तुम एक काम करो मैं घर का दरवाजा बंद करना भूल गई हूं जरा दरवाजा बंद करके आ जाओ अपनी सांस की बात पर मैं दरवाजा बंद करने चली गई थी दरवाजा बंद करने के बाद जैसे ही मैं कमरे में आई तो मैंने देखा कि मेरे पति छींक रहे थे

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मैं मैंने उनकी तरफ देखते हुए कहा कि आपको क्या हो गया है मेरी सास कहने लगी कि शायद जुकाम हो गया होगा यह कहकर जल्दी से मेरी सास कमरे से निकल गई उसके बाद मेरे पति ने कहा कि दरवाजा बंद कर लो अब हमें सोना चाहिए काफी रात हो गई है मेरे पति इसी तरह से लगातार छींक रहे थे जब अचानक फिर से उन्होंने कल वाला रूप दिखाना शुरू कर दिया जो कल रात वो दिखा चुके थे मैं आज भी बहुत डर गई थी और जोर-जोर से चिल्लाकर अपनी सास को आवाज लगा रही थी

मैं कमरे से निकलना चाह रही थी मगर मेरा पति कमरे के दरवाजे के पास खड़ा हुआ दीवार पर जोर-जोर से अपने घूंसे मार रहा था मुझे उससे डर लग रहा था कि कहीं वह मुझ पर हाथ ना उठा दे मगर आज भी अपना काफी सारा पागलपन दिखाने के बाद मेरा पति खुद ही जमीन पर लेटकर सो गया था मेरी समझ नहीं आ रहा था कि मेरे पति को आखिर क्या परेशानी है सुबह उठकर मैंने जब अपनी साथ से दोबारा से यह सब कुछ पूछा तो उन्होंने फिर से मेरी बात को इग्नोर कर दिया

और कहने लगी कि तुम्हें गलतफहमी हुई है मुझे गलतफहमी एक बार हो सकती है मगर बार-बार नहीं फिर कुछ दिन इसी तरह से गुजर गए और हर बार मेरी सास यही कहती कि तुम्हें कोई गलतफहमी हो रही है मेरे चाचा चाची तो शादी के बाद मुझसे मिलने ही नहीं आए थे मैं भी उनके घर नहीं जाना चाहती थी अब जो भी था जैसा भी था यही मेरा अपना घर था मेरी सास का नेचर मेरे साथ बहुत अच्छा था जबकि पति कभी अच्छा रहता था मेरे पति को जो कुछ भी होता था

वह सिर्फ रात को ही होता था लेकिन अब मैं देख खने लगी थी कि मेरे पति की याददाश्त कमजोर होने लगी थी वह अपनी चीजें रखकर भूल जाते थे मैं अपने पति का बहुत ख्याल रखती थी मेरे पति भले ही पागलपन दिखाते थे मगर उन्होंने कभी मुझे नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं की थी हर रोज मेरे पति ऐसा ही करते थे लेकिन अब मैं देख रही थी कि मेरे पति बीमार रहने लगे थे और काम पर भी नहीं जा रहे थे मैंने कई बार अपनी सास से कहा कि हमें इनको डॉक्टर के पास लेकर जाना चाहिए

मगर मेरी सास कहती थी कि मेरे पास इतने पैसे नहीं हैं मुझे शादी में कोई जेवर भी नहीं मिला था जो मैं वह बेचकर अपने पति का इलाज करवा लेती मेरी समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं अब तो मेरे पति की हालत ऐसी हो गई थी कि वह बिस्तर से भी नहीं उठ रहे थे और मैं कुछ नहीं कर पा रही थी कई दिन इसी तरह से गुजर गए थे मगर मैं बहुत कंफ्यूज इस बात पर थी कि हर रात मेरी सास स्प्रे की बोतल लेकर जब मेरे कमरे में आती हैं तो मेरे पति तभी पागलपन की हरकतें क्यों करने लग जाते थे

और मेरी सास मुझे किसी ना किसी काम से कमरे से बाहर भेज दिया करती थी मुझे धीरे-धीरे यह बात समझ जाने लगी थी कि मेरी सास के कमरे से बाहर जाते ही मेरे पति को छींक आती है और उसके बाद मेरे पति का रूप बदलने लगता है मेरी समझ नहीं आ रहा था कि मैं अपनी सांस पर शक क्यों कर रही हूं क्योंकि वह तो बहुत अच्छी हैं मुझे उनके बारे में ऐसा नहीं सोचना चाहिए वह मेरा बहुत ख्याल रखती हैं कई दिन इसी तरह से गुजर गए थे मैं अपने पति की तरफ से बहुत परेशान थी

क्योंकि वह दिन बदन बीमार होता जा रहा था मेरा पति अब मुझसे कोई बात भी नहीं करता था क्योंकि वह इतना बीमार था कि बिस्तर से उठ भी नहीं पा रहा था अब वह अपने पागलपन वाली हरकतें करना छोड़ चुका था मगर मेरी सास अभी भी कमरे में आकर मच्छरों का स्प्रे करती थी मेरी यह बात समझ नहीं आती थी कि मुझे मच्छर तो कहीं पर भी नजर नहीं आते थे तो फिर वह हर रोज पाबंदी के साथ कमरे में इसपे क्यों करती थी मगर मैं अपने पति की सेवा में कभी कोई कमी नहीं छोड़ रही थी

उनको टाइम से खा ना दिया करती थी दवाई तो उनको मिल नहीं रही थी क्योंकि हमारे पास उनका इलाज करवाने के पैसे नहीं थे घर में जो राशन था उनसे ही खाना बन रहा था क्योंकि अब मेरे पति ने काम पर जाना भी छोड़ दिया था मुझे अपनी किस्मत पर तरस आता था कि आखिर मेरे नसीब में ही यह सब कुछ क्यों लिखा हुआ है शादी से पहले चाचा चाची की वजह से मैं बहुत परेशान रहती थी और शादी हो जाने के बाद मैं इस सब परेशानी में घिर कर रह गई हूं

मगर मैं यहां से तंग आकर जा नहीं सकती थी क्योंकि यह मेरा ससुराल था मेरे माय के से ज्यादा सुकून तो मुझे यहां पर था मैं दोबारा उस नर्क में नहीं जाना चाहती थी कई दिन इसी तरह से गुजर गए थे जब एक दिन मेरी सास मुझसे कहने लगी कि बहू यह कपड़े पहन लो आज घर में मेहमान आ रहे हैं अपनी सास की बात सुनकर मैं हैरान हुई थी क्योंकि मेरी शादी को लगभग सात महीने हो गए थे आज तक तो यहां कोई मेहमान नहीं आया था तो फिर अब कौन से मेहमान आने वाले थे

मेरी सास ने कहा कि बस तुम तैयार हो जाओ तुम्हारे लिए एक सरप्राइज है अपनी सास के कहने के मुताबिक मैं तैयार हो गई थी लेकिन आधी रात का समय हो गया था अभी तक तो कोई भी मेहमान नहीं आया था इतनी रात को भला कौन सा मेहमान आता मैं कपड़े बदलने ही जा रही थी कि मेरी सास ने मुझे आवाज लगाई उस समय मेरा पति बहुत गहरी नींद में सो रहा था मेरी सास ने मुझे अपने कमरे में बुलाया

मैं यह देखकर दंग रह गई थी कि रात के इस समय मेरी सास के कमरे में दो बड़े ही अजीब मर्द बैठे हुए थे जिन्हें देखकर मुझे कुछ अच्छा महसूस नहीं हो रहा था वो दोनों ही मर्द मुझे बड़े गौर से घूर कर देख रहे थे मेरी सास ने उनसे कहा कि जो मुझे इस लड़के की ज्यादा कीमत देगा मैं उसे इसके हवाले कर दूंगी अपनी सास की बात सुनकर मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी आखिर वह यह क्या बात कह रही थी वह कहने लगी कि ले जाओ इसको मैं अपनी सास से कहने लगी कि आखिर यह लोग कौन हैं

और आप मुझे इनके साथ कहां भेज रही हो मेरी सास एक अजीब से हंसी हंस रही थी और फिर वह दोनों आदमी जबरदस्ती मेरे मुंह पर हाथ रखकर मुझे घर से ले गए आधी रात का समय था इसलिए वह लोग मुझे बड़ी खामोशी के साथ ले गए थे और किसी को यह बात पता नहीं चली थी कि मैं उनके साथ जा रही हूं मैं अपने आप को छुड़ाने की बहुत कोशिश कर रही थी मगर उन दोनों ने मुझे बड़ी मजबूती के साथ पकड़ा हुआ था और मेरे चेहरे पर भी पट्टी बांध दी थी जिसकी वजह से मैं शोर भी नहीं मचा सकती थी

मेरे तो रोंगटे खड़े हो रहे थे कि ना जाने अब मेरे साथ क्या होने वाला है मेरे तो होश तब उड़े थे जब उन लोगों ने मुझे एक अजीब सी जगह पर पर ले जाकर खड़ा कर दिया था यह बड़ी ही अजीब जगह थी यहां पर बहुत सारी औरतें थी और कुछ अजीब तरह के मर्द भी थे मैं समझ गई थी कि यह कोठा है उन दोनों में से एक आदमी ने मेरी ज्यादा कीमत दे दी थी

और फिर मुझे कमरे में ले जाया गया मैं रो रही थी गिड़गिड़ा रही थी मगर मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही थी मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह क्या हो रहा है थोड़ी देर गुजरी थी कि एक औरत कमरे के अंदर आई मैं उसके आगे हाथ जोड़कर खड़ी हो गई और कहने लगी कि प्लीज मुझे यहां से निकाल दो मुझे मेरी सांस ने यहां पहुंचाया है मैं अपनी सांस को कभी माफ नहीं करूंगी वो औरत मेरी बात सुनकर जोर-जोर से हंसने लगी

और कहने लगी कि तुम जैसी ना जाने कितनी भाभिया यहां पर आ चुकी हैं उस औरत की बात सुनकर मैं दंग रह गई उसने मुझे एक ऐसी सच्चाई बताई जिसे सुनकर मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी उसने कहा कि हां तुम रिश्ते में मेरी भाभी लगती हो जिस औरत ने तुम्हें बेच दिया है वह औरत मेरी मां है और तुम्हारा पति मेरा सौतेला भाई है दरअसल मेरी मां ने तुम्हारे पति के पिता से दूसरी शादी की थी फिर हमारे पिता मर गए और जब मैं जवान हुई तो मैंने भाग कर शादी कर ली थी

मेरा पति और मैं मिलकर यह कोठा चलाते हैं मेरी मां अपने सौतेले बेटे को बिल्कुल भी पसंद नहीं करती थी इसलिए उन्होंने बचपन से लेकर अब तक उसे बहुत परेशान किया मेरी मां उसे खाने में मिलाकर उसका दिमाग खराब करने की दवाई देती है मैंने कहा लेकिन मैंने अपनी सास को कभी अपने पति को दवाई देते हुए नहीं देखा बल्कि मेरी सास के पास तो इतने पैसे ही नहीं है कि वह मेरे पति का इलाज करवा सके मेरा पति घर में बीमार पड़ा हुआ है

यह औरत कहने लगी कि हां मेरी मां के पास पैसे नहीं हैं क्योंकि मैं अपनी मां से खूबसूरत लड़कियां खरीदती हूं जब वह मेरे भाई की शादी करवा देती है तो मेरे भाई की चौथी पत्नी हो मेरे सोतेले भाई को मेरी एक मां ऐसी दवाई का स्प्रे देती है जिससे मेरे भाई की दिमागी हालत कमजोर होने लगती है और जब उस पर दवाई का असर होता है तो वह पागलो जैसी हरकतें करने लग जाता है अभी तक तो मेरी मां भाई के लिए हमेशा अनपढ़ और गांव की लड़कियों को ही बिहा कर लाई है

लेकिन अब की बार मेरी मां को तुम्हारा रिश्ता मिला था सुना था कि तुम शहर की रहने वाली हो और शहर की लड़कियां ज्यादातर पढ़ी-लिखी होती हैं इसलिए मेरी मां ने दवाई का इस्तेमाल करने के बजाय इस बार स्प्रे की बोतल के अंदर दवाई को मिला दिया ताकि तुम्हें किसी बात का शक ना हो वह अपने सौतेले बेटे का इस्तेमाल करती हैं उसकी शादियां करवाती हैं और मेरे भाई को इतनी तेज दवाइयां दी जाती हैं कि वह कुछ दिन बाद बीमार हो जा जाता है

और वह अपनी बीमारी में लग जाता है और उसे पता ही नहीं चलता कि उसकी पत्नी कहां है तुम्हारे साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ मेरी मां ने दवाई का स्प्रे उस पर कर दिया जिसकी वजह से वह थोड़ी देर के बाद अपने होश खो बैठता था लेकिन अब वह हमारे प्लान के मुताबिक बीमार हो गया और इसीलिए तुम्हें बेचने का भी समय आ गया मैंने अपने आदमियों से तुम्हें यहां बुला लिया अब तुम सारी जिंदगी इस कैद में रहकर यहां पर धंधा करोगी और इस तरह मुझे पैसे मिलेंगे लड़कियां जितना भी धंधा करती हैं

और उसमें जितने भी पैसे आते हैं वह मेरी मां और मैं आधे आधे बांट लेते हैं तुम्हारा पति तो अब इतना बीमार हो चुका है कि उसे पता ही नहीं चलेगा कि तुम उसको छोड़कर यहां आ गई हो अब मेरी मां पैसे मिलने के बाद कुछ दिन तक उसे स्प्रे वाली दवाई नहीं देंगी तो वह खुद ही ठीक हो जाएगा और जब वह ठीक होगा तो तुम्हें याद करेगा फिर मेरी मां उसे बताएगी कि वह लड़की तुम्हारी बीमारी से तंग आकर यहां से अपने माइके चली गई और अब वह तुम्हारे साथ नहीं रहना चाहती

हमने हर बार अपने भा के दिल में इसी तरह से उसकी पत्नियों के खिलाफ नफरत पैदा कर दी वह हर बार हमारे समझाने के मुताबिक शादी तो कर लेता है मगर जब वह बीमार हो जाता है तो उसकी पत्नियां हम घर से उठा लेते हैं और फिर उनसे धंधा करवाते हैं यह राज हर लड़की पर यहां आने के बाद ही खुलता है और मैं भी तुम्हारी सास की बेटी हूं इकलौता लड़का सुनकर हर बार मेरे भाई को अच्छे रिश्ते मिले हैं

वह यही समझता है कि उसकी बीमारी की वजह से हर लड़की उसे छोड़कर चली जाती है उसे इतनी हैवी डोज दी जा आती है कि वह भूल जाता है कि पहले वाली पत्नी के साथ उसने क्या-क्या किया था उसकी याददाश्त इतनी कमजोर हो जाती है कि वह अपनी पुरानी पत्नियों को याद ही नहीं करता और नई पत्नी के साथ पागलपन वाली हरकतें शुरू कर देता है कुछ तो मेरे भाई से डर जाती हैं और डर के मारे अपने माई के जाने की बात करती हैं

तो हमें जल्दबाजी में ही उन्हें यहां पर लाना पड़ता है आज तक किसी को हमारी सच्चाई का पता नहीं चला अब तुम खामोशी से यहां धंधा करो ज्यादा होशियारी करने की कोशिश मत करना इस औरत की बात सुनकर मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी मेरी समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं इसका मतलब यह था कि मेरा पति सही इंसान था और ये लोग उसका फायदा उठा रहे थे यह लोग ना जाने कितनी लड़कियों की जिंदगी बर्बाद कर चुकी थी

मुझे अपनी किस्मत पर बहुत रोना आ रहा था यह औरत अपनी बात पूरी करने के बाद कमरे से बाहर निकल गई थी मैं बैठकर फूट-फूट कर रो रही थी मेरी समझ नहीं आ रहा था मैं यहां से कैसे बाहर निकलूं तभी फिर अचानक मेरी नजर कमरे में खुलने वाली एक खिड़की पर गई यह खिड़की बाहर की तरफ खुल रही थी भले ही यह दूसरी मंजिल पर बनी हुई थी मगर मुझे कुछ भी करके यहां से भागना था अपनी इज्जत बचानी थी और मैं अपने पति को भी बचाना चाहती थी

क्योंकि उसकी मां उसकी सौतेली मां और सौतेली बहन जानबूझकर उसको बीमार कर रही थी और जानबूझकर उसकी कंडीशन ऐसी कर दिया करती थी कि उसका दिमाग अपनी बीमारी से हटकर अपनी पत्नी पर कभी जाता ही नहीं था मैंने सोच लिया था कि मेरे पति के साथ जो कुछ भी हुआ है मैं उसे इस बारे में जरूर बताऊंगी और उसका इलाज करके उसे ठीक करवाऊंगी और अपनी सास और इस औरत को सजा दिलवा उंगीयर्ड गई मेरे पैर में बहुत गहरी मोच आई थी

मगर फिर भी मैं लंगड़ा हुई वहां से भाग निकली और पुलिस स्टेशन जाकर मैंने पुलिस को सारी बात बता दी थी पुलिस ने मेरी सास की बेटी को और उसके कोठे को सील कर दिया और उन लड़कियों से भी बयान लिए गए जो कि धंधा कर रही थी उन सब ने वहां पर अपने-अपने बयान दिए कुछ ऐसी लड़कियां थी जिनको किडनैप करके वहां पर रखा गया था और कुछ मेरी ही जैसी थी जो शादी के झांसे में आकर यहां पर आ गई थी पुलिस ने मेरी सास को भी अरेस्ट कर लिया था

क्योंकि वह भी अपनी बेटी और उसके पति के साथ मिली हुई थी मगर मैंने पुलिस की मदद ली और अपने पति को अस्पताल पहुंचाया मेरे पति का इलाज हुआ तो मेरा पति कुछ ठीक हुआ मैंने अपने पति को उसकी मां और उसकी सौतेली बहन की सारी सच्चाई बता दी थी मेरा पति जब धीरे-धीरे ठीक होने लगा तो उसे अपनी जिंदगी की पूरी कहानी सुनकर बड़ा ही अफसोस हुआ था और फिर उसके बाद वह मेरे आगे हाथ जोड़कर अपनी मां और बहन की तरफ से माफी मांगने लगा

इसमें मेरे पति की कोई गलती नहीं थी क्योंकि वह तो खुद अपने होश में नहीं था मगर अपनी सांस और नंद को भी सजा दिलवाने में मैंने कोई कमी नहीं छोड़ी थी उन दोनों को और उनके पूरे ग्रहो को कड़ी से कड़ी सजा हुई थी मेरे पति को यह एहसास हो गया था कि सौतेली मां सौतेली ही होती है सगे माता-पिता ही हमेशा अपनी औलाद का ख्याल रखते हैं जैसे कि मैं थी मेरे चाचा चाची ने मेरे मां-बाप के मरने के बाद मुझे कोई सहारा नहीं दिया था मुझे हमेशा अपने घर की धूल समझा था

ऐसा ही कुछ मेरे पति के साथ भी हुआ था भले ही वो मेरे पति के सामने अच्छी बनती थी मगर व कभी भी उसकी सगी मां नहीं बन पाई थी मेरा पति उन पर आंख बंद करके विश्वास करता था वो स्प्रे की बोतल जो मेरी सांस मच्छर भगाने के बहाने कमरे में छिड़कने आती थी वो कोई स्प्रे नहीं था बल्कि वो तो एक तरह की दवाई थी जो मेरे पति को नाक के जरिए दी जाती थी और जिसका कांटेक्ट सीधा दिमाग से था जब भी मेरी सास मुझे बहाने से कमरे से निकाल दिया करती थी

तो मेरे पति के मुंह पर जल्दी से स्प्रे कर दिया करती थी जिसके बाद मेरा पति अपने होश खोने लगता था और फिर उसे याद ही नहीं रहता था उसे यह पता ही नहीं होता था कि वह क्या कर रहा है मेरे पति का इलाज हुआ और फिर मेरा पति बिल्कुल ठीक हो गया मेरे पति ने अपनी सौतेली मां और बहन से सारे संबंध खत्म कर दिए

अब भगवान ने मेरे पति को एक अच्छी नौकरी दिलवा दी है मैं अब अपने घर में अकेली रहती हूं मेरी सास को तो जेल हो गई इस तरह हम दोनों पति-पत्नी एक अच्छी और खुशहाल जिंदगी गुजार रहे हैं लेकिन आज भी जब मैं वह समय याद करती हूं तो मेरे रोंगटे खड़े हो जाते हैं

 

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