चाची ने गलत किया | Mastram Kahani | Sad And Emotional Hindi Story

Mastram Kahani : 

मेरा नाम आलिया है मेरी यह कहानी बड़ी ही दुख भरी कहानी है हर कदम पर मुझे दुख मिले थे शायद औरत की जिंदगी ऐसी ही होती है अकेली लड़की और अकेली औरत इस दुनिया में लोगों के लिए कोई अहमियत नहीं रखती लोग देखते हैं कि इसके आगे पीछे तो कोई भी नहीं है तो उस पर इतने इल्जाम लगाते हैं कि वह टूटक रह जाती है मेरे पेरेंट्स मुझे इस दुनिया से छोड़कर अचानक चले गए थे

 मेरे मम्मी पापा एक दूसरे से इतना प्यार करते थे कि पहले तो मेरी मम्मी इस दुनिया को छोड़कर चली गई और उनकी मोहब्बत में पापा भी बीमार रहने लगे उसके बाद वह भी इस दुनिया से चले गए अब मैं अपने चाचा चाची और अपनी दादी के पास रहती थी मेरी चाची के दो बेटे थे एक बेटा तो मेरी ही उम्र का था उसका नाम दानिश था दानिश मुझे पसंद करता था 

और चोरी-चोरी नजरों से मुझे देखता रहता था व देखने में बहुत स्मार्ट था और हमेशा अपनी पढ़ाई में लगा रहता था लेकिन मैं जब से इस घर में आई थी मेरी तो जिंदगी बर्बाद होकर रह गई थी मेरी पढ़ाई भी पूरी नहीं हो पाई थी क्योंकि हम लोग इन लोगों से अलग रहते थे मेरे मम्मी पापा किराए के घर में रहते थे

 क्योंकि मेरे पापा ने मम्मी के साथ भागकर शादी की थी तो इसीलिए मेरे दादाजी ने पापा को मोहब्बत की शादी करने पर घर से निकाल दिया था क्योंकि यह हमारे घर का रिवाज नहीं था कि लड़का और लड़की आपस में मोहब्बत की शादी करें अगर अपनी पसंद से शादी करनी ही होती थी तो अपने पेरेंट्स को बता देना होता था फिर यह फैसला पेरेंट्स के हाथ में होता था कि उनको अपने बच्चों की शादी करवानी है या नहीं 

लेकिन मेरे पापा यह बात अच्छी तरह से जानते थे कि मेरे दादा मम्मी से शादी के लिए कभी तैयार नहीं होंगे क्योंकि जब मेरे दादाजी जिंदा थे तो उनके घर के हालात बहुत अच्छे थे वो एक बड़े बंगले में मुंशी की नौकरी किया करते थे मेरे दादा जी ने अपनी मेहनत की कमाई से काफी सारी जमीन खरीदी हुई थी लेकिन मेरे पापा के पास कुछ भी नहीं था और जो दादाजी उनको देते वह भी उनके हाथ से निकल गया था 

मम्मी पापा को दादाजी ने घर से निकाल दिया था क्योंकि पापा घर में निकाह करके मम्मी को ले गए थे उन्होंने इस समय उन दोनों को घर से निकाल दिया और सोच लिया था कि वह अपनी जमीन जायदाद में से कभी भी पापा को हिस्सा नहीं देंगे उनके लिए सिर्फ उनका एक ही बेटा है फिर चाचा जी की शादी हो गई और उनके भी दो-दो बच्चे हो गए मैं अपने मम्मी पापा की इकलौती बेटी थी 

जब मम्मी पापा इस दुनिया को छोड़कर चले गए तो मैं बेसहारा हो गई थी दादा जी को मुझ पर तरस आया आखिर मैं थी तो उनका ही खून इसलिए वह मुझे लेकर अपने घर पर आ गए पर दादाजी बहुत बीमार रहते थे मुझे आए हुए अभी एक महीना ही हुआ था कि दादाजी भी इस दुनिया से चल बसे मुझे इस घर में कोई पसंद नहीं करता था क्योंकि मेरी दादी बड़ी ही लालची औरत थी 

उनको कभी अपने बड़े बेटे से प्यार नहीं हुआ उनका कहना था कि मेरा बड़ा बेटा तो इसकी मां की मोहब्बत में गुम हो गया था और अपने मां-बाप को भूल गया था इसलिए ना तो मुझे अपना बेटा पसंद है और ना ही उसकी औलाद और फिर मैं सबसे ज्यादा पसंद उनको इसलिए भी नहीं थी क्योंकि मैं एक लड़ लड़की थी और मेरे चाचा चाची के दोनों बेटे ही थे वो उन दोनों को सीने से लगाकर रखती थी

 दादाजी इस दुनिया को छोड़कर चले गए घर के हालात अब दिन बदन बिगड़ने लगे जिस तरह से मेरे दादाजी ने अपना काम संभाला हुआ था उस तरह से मेरे चाचा से नहीं संभला और उन्होंने कोई दूसरा काम देख लिया चाचा अब एक मामूली सी नौकरी करने लगे थे धीरे-धीरे जिंदगी इसी तरह से आगे बढ़ती चली गई और मैं जवान हो गई और चाचा के बेटे भी जवान हो गए उनका छोटा बेटा तो अभी सिर्फ 15 साल का था 

और बड़ा बेटा मेरे साथ-साथ 20 साल का हो चुका था हम दोनों की उम्र में सिर्फ छ महीने का ही फर्क था मैं दानिश से छ महीना छोटी थी चाची मुझ पर बहुत अत्याचार करती थी घर का सारा काम उन्होंने कम उम्र में ही मेरे कंधों पर डाल दिया था उनका कहना था कि अब यह हम लोगों के टुकड़ों पर पल रही है तो हम इसे फ्री में तो यहां पर खाने नहीं दे सकते यहां पर रहने के लिए ऐसा कुछ ना कुछ तो करना ही पड़ेगा

 इसलिए मेरे खेलने कूदने की उम्र में मैं घर का लहा चौका संभाल रही थी आलिया ओ आलिया मनहूस कहीं की कहां चली गई कमबखत कितनी देर तक सोती है इसे पता नहीं है कि हम लोग भूखे हैं अरे कमबखत उठ जा और हम लोगों के लिए नाश्ता बना दे मेरा ससुर इस मुसीबत को मेरे सर पर डालकर चला गया है आखिर अब्बा जी को क्या जरूरत थी इसको हमारे घर में लाने की इतनी महंगाई के जमाने में हमारे लिए अपना खर्च चलाना मुश्किल है

 ऊपर से अब्बा जी इसको लाने के बाद खुद तो इस दुनिया से चले गए और यह कमबखत अगर खुद खुद भी अपनी मां के साथ मर जाती तो मेरी जान को तो सुकून होता ना चाची की ऐसी बुलंद बड़बड़ा हट से और ऐसे शब्दों से ही मेरी हर सुबह की शुरुआत होती थी एक सुबह को जब मैं डांट सुनती तो मुझे डांट सुनते सुनते रात हो जाती थी मैं जब से इस घर में आई थी इस घर के लोगों का बिहेवियर मेरे साथ ऐसा ही था 

और दादी दादी को तो मैं एक नजर नहीं भाती थी हालांकि मैं उनका अपना खून थी इस घर में मेरे लिए हर दिन बड़ी ही तकलीफ में गुजरा था क्योंकि हर दिन मुझे मनहूस और कम वक्त होने का ताना दिया जाता था मेरे पापा और मम्मी मुझे बहुत याद आते थे और मैं सोचती थी कि वह लोग मुझे इस दलदल में छोड़कर क्यों चले गए अगर उन दोनों को जाना ही था 

तो वह मुझे भी अपने साथ ले जाते या फिर मेरे पैदा होते ही वो लोग मुझे अपने हाथों से मार देते मैं ी जिंदगी से तो मर जाना बेहतर समझती थी जहां पर मेरे अपने ही मेरे खिलाफ थे आखिर मेरे मम्मी पापा ने मोहब्बत ही तो की थी कोई गलती तो नहीं की थी जिसकी सजा उनके लिए बहुत बड़ी थी और अब उ की औलाद को भी दी जा रही थी मेरे चाचा तो बहुत ही सीधे इंसान थे जो चाची ने कहा और जो दिया खा लिया 

इस घर में शायद दानिश के अलावा मेरी किसी को कोई परवाह नहीं थी दानिश मुझसे चोरी चुपके कभी-कभी बात कर लिया करता था बाकी तो इस घर में किसी को मेरी कोई फिक्र ही नहीं थी चाची मेरे साथ जो चाहे जैसा सुलूक करें किसी को मेरी कोई परवा नहीं थी चाची मेरे साथ जैसा भी करती थी दादी खामोशी से देखती रहती थी बल्कि दादी सुबह को जो घर से निकलती थी शाम के वक्त ही घर पर आती थी

 मोहल्ले में ही आज पड़ोसियों के यहां बैठने के लिए चली जाती थी हमारे पड़ोस में एक घर था सलमा बाजी का घर उनकी बेटी सानिया मेरी बहुत अच्छी सहेली बन गई थी मैं कभी-कभी उससे बातचीत कर लिया करती थी सानिया देखने में बहुत खूबसूरत थी जब भी हमारे घर आई थी चाची उसे देखकर बहुत खुश हो जाती थी वह अभी पढ़ाई कर रही थी आज चाची अपने माइके गई हुई थी 

दादी घर से बाहर थी चाचा भी काम पर थे और चाची के दो दोनों बेटे भी घर से बाहर थे मैं घर में बिल्कुल अकेली थी जब अचानक हमारे घर पर सानिया आ गई मैं खुश हो गई थी क्योंकि ज्यादातर हम लोग एक दूसरे से चोरी चुपके बात करते थे कभी फुर्सत से बात करने का मौका ही नहीं मिलता था आज सानी आई तो घर में कोई भी नहीं था सानिया को मेरी इस हालत पर बड़ा अफसोस होता था

 वह कहती थी कि मैं हमेशा तुम्हारे लिए दुआ करती हूं कि तुम्हारी जिंदगी से यह मुश्किल वक्त निकल जाए जब वह मेरी इस तरह से फिक्र करती तो मैं उससे कहने लगती कितनी अजीब बात है ना सानिया घर में इतने लोग होते हैं फिर भी मैं घर में अपनी आवाज तक सुनने को तरस जाती हूं मेरे शब्दों में घबराहट और इमोशंस थे सानिया मेरी बहुत अच्छी फ्रेंड बन गई थी और मेरे दुखों की साथी भी थी

 हम दोनों के घर बिल्कुल बराबर बराबर थे जब मैं छत पर किसी काम से जाती तो सानिया को भी बहाने से छत पर बुला लिया करती थी इस तरह से हम दोनों एक दूसरे से बातें करते थे सान्या की मम्मी को हम दोनों की बातों से और हम दोनों की दोस्ती से कोई फर्क नहीं पड़ता था था बल्कि वह तो मुझसे बहुत खुश रहती थी वह बहुत ही अच्छी औरत थी लेकिन मेरी चाची नहीं चाहती थी कि मैं किसी से भी बातचीत रखूं

 हम दोनों की छतें मिली हुई थी कभी-कभी मैं छत से ही सानिया के घर चली जाती थी और जब मुझे लगता कि चाची आवाज दे रही हैं तो दौड़कर अपने घर की छत पर आ जाती और चाची को पता भी नहीं चलता था कि मैं सानिया के घर गई थी सानिया मेरी उदास बातें सुनकर कहने लगी प्लीज आलिया यार उदास मत होना मैं आ गई हूं ना अब तुम अपनी आवाज सुन लो 

सानिया ने मेरा मूड बदलने के लिए शरारत से कहा था मैं उसकी तरफ देखने लगी और मुस्कुराहट से खिलखिला गई सानिया ने दिल ही दिल में मेरी खुशी की दुआ मांगी थी थोड़ी देर तक जब सानिया मेरे पास बैठी रही तो उसकी मम्मी ने उसे आवाज लगा ली थी वह अपने घर चली गई और मेरे यहां अभी तक कोई भी नहीं आया था चाची तो रात को आई थी मैं बाहर आंगन में ही बैठी हुई थी

 जब चाची और उनकी फैमिली आ गई थी दादी भी शाम के टाइम पर ही घर में आ गई थी दादी दवा खाकर अपने कमरे में आराम करने के लिए लेट गई थी और मैं आंगन में बैठी हुई सब्जी काट रही थी आज मैंने लाल रंग का सूट पहना हुआ था दानिश मुझसे बातों-बातों में कहता था कि तुम्हारे ऊपर लाल रंग बहुत सूट करता है दानिश ने जब घर में घुसते ही मुझे लाल रंग के कपड़े पहने हुए देखा तो व एक नजर से मुझे देखता ही रह गया

 जब चाची ने हम दोनों पर गौर किया तो उन्होंने मुझे डांट लगाई और कहने लगी जब घर में घर के मर्द हुआ करें तो तुम अपनी मनहूस शक्ल लेकर कमरे से बाहर मत निकला करो इस घर में तो किसी को मेरा ख्याल नहीं था मैं उदास होकर यही सोचती थी कि अपनी फैमिली के होते हुए भी मैं कितनी अकेली हूं

 यह सब मेरे अपने ही खानदान के लोग थे अगले दिन पता चला कि हमारे पड़ोस में किसी की मौत हो गई है हमारे घर से सब लोग वहां पर चले गए थे मैं घर में अकेली थी जब इस घर में कोई नहीं होता था तो मुझे बहुत खुशी होती थी क्योंकि मेरे कानों को थोड़ा सा सुकून मिल जाता था मैं किचन में खाना बना रही थी तभी अचानक अरमान आ गया अरमान के छोटे भाई का नाम था उसने दरवाजा बजाया तो मैंने दरवाजा खोल दिया था

 दरवाजा खोलने के बाद मैं वापस किचन में आ गई थी और अपने काम में बिजी हो गई थी वह अपना कुछ जरूरी सामान लेने के लिए आया था उसके बाद वह किस समय घर से निकल गया मुझे कुछ पता ही नहीं चला मैं घर में बड़े सुकून से खाना पका रही थी क्योंकि अब मुझे पता था कि सारे ही लोग दो घंटे से पहले घर पर वापस नहीं आएंगे और अरमान या दानिश इन लोगों में से मुझे किसी से कोई प्रॉब्लम नहीं थी

 यह दोनों ही मुझे अच्छा समझते थे अरमान किस समय घर से निकल गया मुझे पता नहीं चल सका दरवाजा दोबारा से बजने लगा मुझे लगा कि दरवाजे पर अरमान होगा मैंने किचन से ही खड़े-खड़े चिल्लाते हुए कहा अरे दरवाजा खुला हुआ ही है मैंने कब बंद किया है बाहर से किसी के बोलने की आवाज नहीं आई मैं बिना दुपट्टे के ही जब दरवाजे पर चली गई तो चाचा जी को आता हुआ

 देखकर मैं वापस किचन से अपना दुपट्टा लेने के लिए चली गई मुझे घबराहट होने लगी थी क्योंकि कभी-कभी चाचा जी भी मुझ पर बहुत नाराज हो जाते थे मैंने जल्दी से दुपट्टा ओड़ा चाचा जी के साथ-साथ दादी भी मौजूद थी दादी तो मुझे खूंखार नजरों से देख रही थी उन्होंने मेरी तरफ देखकर कहा किसके लिए खुला छोड़ा था दरवाजा दादी गुस्से से चिल्लाने लगी उधर चाचा भी दादी की हां में हां मिलाने लगे

 मैंने कहा वो दादी दादी कहने लगी मत कहा करो मैं तुम्हारे बाप को अपना बेटा नहीं समझती तो फिर तुम मुझे किस हक से दादी कहती हो तुम्हें इस घर में सिर्फ मैंने अपने पति की वजह से बर्दाश्त किया हो है वरना मेरा बस चलता तो मैं तुम्हें अभी इस घर से धक्के मार कर निकाल देती मैंने हमेशा अपने पति के फैसले का मान किया तुम्हारे बाप ने तो दूसरी औरत की खातिर अपनी जिंदगी बर्बाद कर ली

 और खुद मर गया और तुम्हें हमारे हवाले कर गया अगर उसने मेरी मर्जी के मुताबिक शादी की होती तो हम तुम्हें अपने घर का मेंबर समझते भी ऊपर से तुम्हारी मां ने पैदा भी की तो बेटी अगर बेटा पैदा करती तो शायद हम उसे कुछ समझ लेते लेकिन तुम तो हमारे लिए सिर्फ खर्च का जरिया बनकर आई हो और तुम्हारा दुपट्टा कहां था यह लक्षण होते हैं

 इज्जतदार लड़कियों के बगैर कहीं की अपनी मां की तरह ही बिगड़ी हुई है गुस्से की वजह से दादी की आंखें तो खोल रही थी ना जाने क्या समझ रही थी वह उन्होंने मुझे इतनी बातें भी सुना दी थी और फिर भी वह मुझ पर इल्जाम लगा रही थी मेरी तो दादी और चाचा की बातें सुनकर जान ही निकल रही थी चाचा जी कहने लगे कि दफा हो जाओ अब यहां से यहां क्यों खड़ी हुई हो दादी कहने लगी हां कमरे में जाकर बैठ जाओ

 आज की बा बाद मुझे अपनी मनहूस शक्ल मत दिखाना दादी चिल्लाते हुए कहने लगी मेरा नन्ना सा दिल थरथर कांप रहा था यह तो अच्छा था कि इस मौके पर चाची घर में नहीं थी वरना तो वह भी आग को हवा दे देती भागते हुए मैं अपने कमरे में आ गई और दरवाजे के साथ टेक लगाकर फर्श पर बैठती चली गई मुंह पर हाथ रखकर मैं अपनी सिसकियों को रोकने की कोशिश कर रही थी

 आज मुझे अपने मां-बाप की बड़ी बेचैनी से याद आ रही थी अगर आज वह जिंदा होते तो मुझे आज अपने ऊपर लगे हुए इल्जाम को बर्दाश्त ना करना पड़ता चाचा और दादी की नफरत भरी नजरें मेरे दिमाग में अभी तक घूम रही थी वो लोग मुझसे इतनी नफरत करते थे कि मुझे नहीं लगता था कि वह लोग मुझे कभी अपना सकेंगे क्योंकि सारी जिंदगी उन्होंने मुझे कभी अपना नहीं समझा तो वो लोग अब मुझे क्या अपना समझेंगे

 जब मेरा बचपन था और मुझे अपनों की जरूरत थी इसी तरह काफी रात हो गई थी और मैंने खाना भी नहीं खाया था क्योंकि मैं अपने कमरे में बैठी हुई रो रही थी तभी अचानक दानिश कमरे में आ गई गया और मुझे देखकर कहने लगा आई एम सॉरी वो आज काम ज्यादा था और मम्मी भी काफी टाइम से जाग रही थी इसीलिए मैं तुमसे मिलने नहीं आ सका दानिश ने मुझे जब इस तरह से रोते हुए देखा तो वह कहने लगा क्या हुआ तुम्हारी आंखों में आंसू है

 तुम रो क्यों रही हो दानिश आखिर मुझसे क्या चाहता था मैं कभी समझ नहीं पाई थी लेकिन मैं इतना जानती थी कि मैं भी उसे पसंद करने लगी हूं मैंने उसे कोई बात नहीं बताई बल्कि अपने चेहरे पर एक फीकी सी मुस्कुराहट सजा ली वह मेरी री तरफ देखकर समझ गया था कि मैं उससे कुछ छुपाने की कोशिश कर रही हूं वह कहने लगा अब तुम मुझसे भी बातें छुपाओगी उसने कहा क्या कुछ हुआ है

 क्या दानिश ने अचानक मेरा हाथ पकड़ते हुए पूछा तो मैं घबरा गई थी क्योंकि वह चोरी चुपके मेरे कमरे में आया था मुझे डर लग रहा था कि अगर घर में किसी ने भी हम दोनों को एक साथ देख लिया तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम क्रिएट हो जाएगी और मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं चाहती थी मैं तो उसके हाथ पकड़ने से रोने लगी थी

 मैंने रोते हुए आज की सारी बात बात उसे बता दी थी दानिश ने जब मेरी बात सुनी तो वह अपना सर पकड़कर बैठ गया था उसने कहा कि हद होती है इल्जाम लगाने की भी उसने कहा तुम फिक्र मत करो मैं मम्मी से जल्दी ही हम दोनों के रिश्ते की बात करूंगा दानिश की बात सुनकर तो मेरे होश उड़ गए थे

 उसने मुझे भरोसा दिलाया था और कहा था कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं और उसने कहा था कि मैं काफी सालों से तुम्हें इस घर में सब कुछ बर्दाश्त करते हुए देख रहा हूं लेकिन मैं नहीं चाहता कि तुम इस घर से जाओ मैं तुमसे शादी करके तुम्हें इस घर में रखना चाहता हूं और जो घर वाले तुम्हारी इज्जत नहीं करते मेरी पत्नी बनने के बाद वही सारे घर वाले तुम्हें अपनी पलकों पर बिठा कर रखेंगे 

तुम फिक्र मत करो मैं अच्छी तरह से जानती थी कि कुछ भी हो जाए चाचा चाची और दादी कभी भी हम दोनों की शादी के लिए नहीं मानेंगे ये लोग मुझे अपने घर में इतना सब कुछ बर्दाश्त करने पर भी बर्दाश्त नहीं करते कुछ अपने इस घर में इस घर की बहू बन जाऊंगी तो मुझे कैसे बर्दाश्त करेंगे पर दनी ने मुझे हर तरह से भरोसा दिलाया था उसने आज मुझे प्रपोज करने के साथ-साथ मेरे दिल को तसल्ली दिला दी थी

 और मेरी आंखों में सपने दिखा दिए थे कि वह मुझे इस घर की बहू बनाकर रहेगा और जो वैल्यू हमेशा से मैं चाहती थी वही वैल्यू मुझे दिलवाकर रहेगा दानिश ने कहा कि मैं इस बारे में अपने पापा से बात करूंगा उनसे कहूंगा कि तुम्हारे साथ इस घर में इस तरह से बिहेव ना किया करें क्योंकि एक वही है जो मेरी बात को समझ सकते हैं बाकी मम्मी और दादी को को समझाना तो मेरे बस की बात नहीं है

 उसने मुझसे कहा इतनी बड़ी बात हो गई और तुम्हारे मुंह में जबान नहीं है क्या तुम कुछ बोल नहीं सकती थी तुम्हें हिम्मत करनी चाहिए जब तक तुम हिम्मत नहीं करोगी और अपनी तरफ से कोई स्टैंड नहीं लोगी तब तक लोग तुम्हें गलत समझते रहेंगे मैंने दानिश से कहा मैं कुछ नहीं कर सकती यह लोग मेरे अपने हैं और मैं इनको पलटक जवाब नहीं दे सकती पता नहीं लोगों के सामने मेरी बोलती क्यों बंद हो जाती है 

वह सब लोग मुझसे नफरत करते हैं मैं इसी के काबिल हूं दानिश कहने लगा बस खामोश हो जाओ अब मैं तुम्हारे मुंह से और कुछ नहीं सुन सकता अब अगर तुमने दोबारा ऐसी गलती की और अपने खिलाफ तुमने आवाज नहीं उठाई तो मुझसे बुरा तुम्हारे लिए कोई नहीं होगा समझी दानिश के इस तरह से मुझ पर हक जताना मुझे पसंद आया था आज पहली बार कोई इंसान मेरे हक में बोल रहा था 

और मुझे मेरे हक के लिए ही डांट रहा था आज मैं अकेले ही अकेले बहुत खुश हो रही थी क्योंकि इस घर में मेरी खुशी में शाम शामिल होने वाला कोई नहीं था मैंने सोचा चलो कोई तो है ना जिसे मेरी खुशी प्यारी है और वह कोई और नहीं सिर्फ दानिश है मुझे दानिश की मोहब्बत पर बहुत यकीन हो गया था अगले दिन जब मैं छत पर गई तो मैं सानिया के घर चली गई थी मैंने सानिया को दानिश के बारे में सब कुछ बता दिया 

मेरी बात सुनकर सानिया बहुत खुश हुई थी वह मेरी पक्की बेस्ट फ्रेंड थी मेरी खुशी पर हमेशा खुश हुआ करती थी सानिया ने कहा कि यह तो बहुत अच्छी बात है मैं तो जानती थी कि वो जिस तरह से तुम्हें देखता है वह तुम्हें जरूर पसंद करता है अगर तुम्हारी शादी दानिश से हो गई तो इस घर में तुम्हारा एक अलग मकाम बन जाएगा

 और फिर किसी की मजाल नहीं होगी कि तुम्हें कोई भी कुछ कह सके दानिश घर में जब भी होता तो वह मुझे छुपी छुपी नजरों से देखता रहता था और मुझे उसका इस तरह से देखना बहुत पसंद आता था एक दिन दानिश मेरे लिए चूड़ियां लेकर आया था और छत पर ले जाकर उसने मुझे अपने हाथों से चूड़ियां पहनाई थी वो मेरी मोहब्बत में डूबता चला जा रहा था और मैं भी उसके लिए बहुत सीरियस थी 

पर मुझे इस बात का डर था कि अगर इस बारे में किसी को पता चल गया तो बहुत बड़ी प्रॉब्लम क्रिएट हो जाएगी मैंने जब अपनी परेशानी की वजह दानिश को बताई तो वह कहने लगा कि मैं जल्दी ही मम्मी पापा से हमारे रिश्ते की बात करूंगा और अगर उन्होंने फिर भी हमारी शादी नहीं करवाई तो मैं तुम्हें भगा कर ले जाऊंगा मुझे खुशी हुई थी कि जो मोहब्बत मुझे कभी किसी से नहीं मिल सकी उससे कहीं ज्यादा बढ़कर दानिश मुझे दे रहा था

 जब चाची मुझे बातों ही बातों में परेशान करती तो दानिश चाची को टोक दिया करता था क्योंकि उसे भी पसंद नहीं था कि मुझे कोई बुरा भला कहे दानिश की मोहब्बत पाकर तो मैं खुद को हवाओं में उड़ता हुआ महसूस करती थी अब मुझे चाची और दादी की डांट इतनी बुरी नहीं लगती थी जितनी कि पहले लगती थी इस तरह हम दोनों के बीच नजदीकियां शुरू हो गई थी हम दोनों एक दूसरे से बातचीत करते-करते काफी नजदीक आ गए थे

 क्योंकि काफी सालों से मैं नोटिस कर रही थी कि अपने दिल की बात को दानिश अपने दिल में ही दबाए बैठा हुआ था जब उसने अपने दिल की बात कही तो मैंने भी अपना दिल खोलकर उसके सामने रख दिया था एक उसकी ही मोहब्बत थी जिसकी वजह से मैंने घर के लोगों से डरना छोड़ दिया था दानिश की इतनी मोहब्बत पाकर तो मेरे पैर ही जमीन पर नहीं टिक रहे थे अब मेरे पास सानिया से भी करने के लिए दानिश की ढेर सारी बातें होती थी

 मुझे जब भी मौका मिलता मैं सानिया को अपनी और दानिश की हर बात बताया करती थी और वह मेरी बातें सुनकर मुस्कुराती कहती थी कहती थी कि मुझे यकीन नहीं होता कि तुम उसकी मोहब्बत में इतनी पागल हो गई हो एक ऐसी डरपोक लड़की जो अपने घर वालों से खुलकर बात नहीं कर सकती अब वह एक लड़के की मोहब्बत में बड़ी निडर बनती जा रही है कभी-कभी तो मेरी बात सुनकर सानिया कहती थी 

बस भी करो ना आलिया तुम्हारे पास कभी दानिश के अलावा कोई और बात भी होती है लगता है तुम्हें दानिश का फोबिया हो गया है अब मेरा किसी काम में दिल नहीं लगता था बस मैं हर बार दुआ करती रहती थी कि जल्द से जल्द दानि की नौकरी लग जाए और फिर वह हम दोनों के रिश्ते की बात कर ले ताकि मेरी मुश्किल भरी जिंदगी आसान हो सके इस घर के लोगों की अत्याचार मुझसे अब बर्दाश्त नहीं हो रहे थे

 मैं रात को दानिश के घर आने का बड़ी बेताबी से इंतजार करती थी जब रात का अंधेरा गहरा हो जाता तब दानिश और मैं घर वालों की आंखों में धूल झोंक कर छत पर एक दूसरे से बातें करने के लिए जाते थे फिर एक दिन जो बात मेरे सामने आई उसे सुनकर तो मेरे होश ही उड़ गए थे सानिया की मम्मी मेरे लिए रिश्ता लेकर आई थी थी जिस पर मेरे घर वाले तो शादी करने के लिए फौरन ही तैयार थे 

सानिया ने अपनी मम्मी को रोकने की बहुत कोशिश की थी पर उन्हें मेरे और दानिश के अफेयर के बारे में नहीं पता था और सानिया अपनी मम्मी से खुले शब्दों में इस बात के बारे में कोई बात नहीं कर सकती थी मगर उसने इस बारे में अपनी मम्मी को बता दिया तो यह बात 100% श्यर थी कि मेरी शिकायत घर पर जरूर हो जानी थी फिर तो मेरे खैर नहीं थे दानिश की नौकरी लगने से पहले ही हम दोनों का रिश्ता खत्म हो जाता 

मैंने इस बारे में जब दानिश को बताया तो दानिश को भी सानिया की मम्मी पर बहुत गुस्सा आया था वह कहने लगा कि उन्हें तुम्हारा रिश्ता लगवाने की इतनी जल्दी क्यों आ रही है मुझे भरोसा है कि मेरी फैमिली अभी तुम्हारी शादी नहीं करेगी और इस रिश्ते से इंकार कर देंगे मुझे भी यही लगता था कि जो दानिश कह रहा है वही सच होगा पर जब घर के सारे लोगों ने देखा कि लड़का अच्छा है और उसकी फैमिली बैकग्राउंड भी अच्छा है 

तो उन लोगों ने अपने सर से बोझ उतारने के लिए मेरी शादी करने का फैसला कर लिया और रिश्ता फाइनल कर दिया लड़की वाले घर वालों पर बहुत जोर दे रहे थे कि जल्द से जल्द शादी करनी है इधर मैं दानिश को समझाने की बहुत कोशिश कर रही थी और उधर दानिश मुझे बार-बार समय दे रहा था कि एक बार मेरी नौकरी लग जाए मैं तभी इस बारे में घर पर बात करूंगा मैं बहुत मजबूर हूं मैं कुछ नहीं कर सकता

 कुछ दिनों बाद दानिश ने घर पर आकर बताया कि उसकी मुंबई जैसे बड़े शहर में नौकरी तय हो गई है मुझे इस बात की बहुत खुशी हुई थी मुझे लगा कि दानिश अब हम दोनों के रिश्ते की बात करेगा लेकिन मैं हैरान रह गई थी कि दानिश ने रिश्ते की बात नहीं की थी बल्कि उसने घर में सब लोगों को यह बता दिया था कि मैं यहां से मुंबई शहर में नौकरी करने के लिए शिफ्ट हो रहा हूं जैसे-जैसे मेरे रिश्ते की बात आगे बढ़ रही थी 

वैसे-वैसे ही मुझे दानिश पर गुस्सा आ रहा था कि उसने मुझे मोहब्बत के सपने दिखाए थे और अब वह मुंबई जाने की तैयारी कर रहा था मैंने जब सानिया को यह बात बताई तो सानिया ने दानिश से बात की दानिश ने ना जाने सानिया को क्या समझा दिया था कि वह मेरे घर पर आई थी और उसकी तरफ से बोल रही थी उसने कहा कि उसकी बात को समझने की कोशिश करो वह सच में मजबूर है वह अभी शादी की बात नहीं कर सकता 

क्योंकि अभी उसके पास कुछ नहीं है अभी तो उसने अपने मां-बाप के पैसों से पढ़ाई कंप्लीट की है और अब वह अपने पैरों पर खड़ा होकर कुछ पैसे कमाकर ही अपने पेरेंट से बात करना चाहता है दिन इसी तरह से गुजर रहे थे मैं बहुत उदास थी दानिश के जाने में दो दिन रह गए थे मैं उससे फाइनल बात करना चाहती थी कि अब क्या करना है इधर घर वाले में मेरी शादी की तारीख फिक्स करना चाहते थे 

दानिश अपनी नौकरी की खुशी में इतना अंधा हो गया था कि मेरी मोहब्बत को भूल चुका था और मुंबई जाने की तैयारी बड़ी जोर-शोर से कर रहा था मैंने दानिश से कहा था कि तुम्हें कुछ भी करके मुंबई जाने से पहले हम दोनों के रिश्ते की बात फाइनल करनी है मेरी बात सुनकर दानिश खामोश हो गया था उसकी खामोशी मेरे दिल को चुभ रही थी फिर दानिश ने जवाब दिया कि मुझे माफ कर दो 

आलिया मेरे मम्मी पापा नहीं मानेंगे वह तुमसे बहुत नफरत करते हैं और दादी दादी भी कभी नहीं मानेगी हमारे इस रिश्ते के लिए मैंने दानिश से कहा तुम ऐसा कैसे कह सकते हो तुम एक बार बात करके तो देखो तुमने ही तो मुझे भरोसा दिलाया था कि तुम बात करोगे तुमने बहुत कॉन्फिडेंस के साथ कहा था मेरे शब्दों में बहुत रिक्वेस्ट थी दानिश ने कहा कि मैं तुम्हारी मोहब्बत में अंधा हो गया था इसलिए मैंने तुमसे कह दिया था

 पर मैं जानता हूं कि वह लोग नहीं मानेंगे दानिश ने धीमी आवाज में कहा था हम दोनों छत पर खड़े हु आपस में बातें कर रहे थे मेरी आंखों में आंसू आ गए मैंने दानिश से कहा जब तुम्हें इस बारे में पता था तो तुमने मुझसे मोहब्बत ही क्यों की क्यों मेरा हाथ पकड़कर मुझे जीना सिखाया मैं जैसी भी थी इस घर में खुश थी तुम मेरे हालात जानते थे ना फिर भी क्यों मुझे सुहाने सपने दिखाए तुम जैसे बुजदिल इंसान को मोहब्बत करने का कोई हक नहीं होता

 दानिश कहने लगा मैंने तुमसे कभी शादी का वादा नहीं किया मैं तो अपने दिल में बहुत गुस्सा भरकर बैठी हुई थी दानिश ने ने भी आज आर पार की ठान ली थी क्योंकि वह तो मुंबई जाने के लिए बेताब हो रहा था मैं उसकी बात पर खामोश हो गई और फिर सोचा कि वह सची तो कह रहा है 

लेकिन उसने मुझे प्यार क्यों दिया था उसने मुझसे कहा मैं नहीं चाहता कि मैं मुंबई जाकर तुम्हारी वजह से परेशान रहूं इसलिए तुम मुझसे कोई उम्मीद मत रखना मैं अपना पूरा कंसंट्रेट अपने काम पर रखना चाहता हूं मुझे बड़ी मुश्किल से यह नौकरी मिली है दानिश अपनी बात कहकर खामोश हो गया था मैंने अपने दिल में सोचा कि क्या कोई ना भी खुदगर्ज हो सकता है मैं तो अपना सब कुछ दानिश पर लुटाने के लिए तैयार थी

 हम लड़कियां भी कितनी अजीब होती है ना जब हमें हमारे अपनों से मोहब्बत ना मिले तो हम मोहब्बत को तलाश करने लग जाते हैं यह सोचे बिना कि मोहब्बत सब कुछ नहीं होती वो रात मेरी जिंदगी की सबसे खतरनाक रात थी मुझे अपनी मोहब्बत छिन जाने का अफसोस बहुत था दानिश अपनी बात कहने के बाद छत से पलटक नीचे उतर रहा था मैं तो वहीं पर शौक खड़ी रह गई थी मुझे तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था

 लेकिन अचानक मुझे आवाज आई जब दानिश ने कहा मम्मी आप मैंने जैसे ही पलट कर देखा तो मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी क्योंकि चाची और मेरी दानिश की बातें सुन चुकी थी चाची ने दानिश से तो कुछ नहीं कहा उसे डांट करर नीचे भेज दिया लेकिन मैं अच्छी तरह से जानती थी कि आज मेरी जिंदगी का बड़ा मुश्किल वक्त है आज मुझ पर बहुत सारे इल्जाम लगाए जाएंगे चाची मेरे बाल पकड़कर खींचती हुई मुझे नीचे तक ले गई

 मैं चाची के आगे हाथ जोड़ रही थी कि इसमें सिर्फ सिर्फ अकेली मेरी ही गलती नहीं है बल्कि आपका बेटा भी शामिल है लेकिन चाची के मुंह से तो लगातार यही शब्द निकल रहे थे कि मैं तुझे अच्छी तरह से जानती थी तू मेरे बेटे को अपनी मोहब्बत के जाल में फंसाना चाह रही है आज तेरी खैर नहीं है चाची ने मुझे डंडा लेकर बुरी तरह से मारा था चाचा और दादी ने मुझे बचाने की कोशिश नहीं की थी बल्कि दादी तो कह रही थी कि जैसी तेरी मां है वैसी ही तू भी है तेरी मां ने मेरे बेटे को मोहब्बत के जाल में फंसा लिया था

 और अब तू मेरे पोते को अपनी मोहब्बत के जाल में फंसाकर वही सब कुछ दोहराना चाहती है जो कुछ सालों पहले तेरी मां ने हमारे साथ किया था और मेरे बेटे को अपने परिवार वालों से दूर कर दिया था चाचा को भी इस बात से बहुत गुस्सा था क्योंकि चाची दादी और चाचा को नमक मिर्च लगाकर सब कुछ बता चुकी थी मुझे अफसोस था कि दानिश मुझे पीटता हुआ देखकर मुझे बचाने के लिए बिल्कुल भी आगे नहीं आया था 

क्योंकि चाची ने उसे डांट दिया था और कहा था कि अगर तुमने इसकी हमदर्दी में एक शब्द भी कहा तो अपनी मां का मरा हुआ मुंह देखोगे दानिश इस सब हंगामे के समय घर से बाहर चला गया था रात के 3:00 बजे ना जाने वह कहां चला गया था उसने मेरी तरफ पलटकर भी नहीं देखा था कि मेरी यहां पर क्या हालत हो रही है दादी और चाचा ने फैसला किया था कि मेरी शादी अगले हफ्ते ही करवा दी जाए 

क्योंकि मेरा रिश्ता तो पहले से ही लगा हुआ था उन लोगों का कहना था कि हम नहीं चाहते कि यह हमारे मुंह पर कालिक मल दे हम चाहते हैं कि जल्द से जल्द इसकी शादी हो जाए ताकि इसका बोझ हमारे सर से उतर जाए जो मेरे साथ हुआ था उस सब से तो मैं मर जाना चाहती थी वह रात मैंने बड़ी तकलीफ में गुजारी थी सानिया भी मेरे लिए कुछ नहीं कर सकती थी अगले हफ्ते जुम्मे के दिन मेरी शादी रख दी गई थी

 दो दिन बाद दानिश भी मुंबई चला गया था पर उसने मेरा हालचाल पूछने की भी कोशिश नहीं की थी मैं समझ गई थी कि वह है तो अपनी मां का ही बेटा भला उसकी मां मुझ पर जितनी जुल्म करती थी उसने भी मेरे साथ वैसा ही किया था दानिश के तो ख्याल को भी मैंने अपने दिल से निकालने का फैसला कर लिया था और जो हो रहा था उसे खामोशी से होने दिया था मैं इस घर से जाना चाहती थी 

और फिर मेरी शादी एक हफ्ते के बाद फरमान नाम के एक लड़के के साथ हो गई थी फरमान की उम्र मुझसे 10 साल ज्यादा थी वैसे तो उसके घर में या जिंदगी में किसी तरह की कोई कमी नहीं थी लेकिन उसके अंदर एक कमी थी फरमान के सर पर बाल नहीं थे उसकी उम्र ज्यादा हो जाने की वजह से उसके सर के सारे बाल झड़ गए थे 

पर वह देखने में बहुत अच्छा था उसके मां-बाप इस दुनिया में नहीं थे और 200 गज के मकान में वह अकेला रहता था उसे अपनी हमसफर की जरूरत थी पर उसके गंजेपन की वजह से कोई भी उसे अपनी बेटी देने के लिए तैयार नहीं था मेरा नसीब उसके साथ जुड़ा हुआ था इसलिए मेरा निकाह फरमान के साथ हो गया और मैं उसके घर में उसकी दुल्हन बनकर आ गई थी फरमान मुझसे बहुत प्यार करता था 

वह बहुत ज्यादा बातूनी था और बहुत हंसने हंसाने वाला इंसान था और उसकी मोहब्बत ने मुझे भी हंसना बोलना सिखा दिया था मैं अपने पुराने गम भू भूल गई थी इस घर में मुझे बहुत सुकून मिलता था विदा होने के बाद मेरा मायका तो बिल्कुल खत्म हो गया था इसलिए मैं दोबारा चाहकर भी उस घर में नहीं पलट सकती थी जहां से मुझे निकाला गया था मेरी जिंदगी में खुशियां आ गई थी इसी तरह से मेरी शादी को एक महीना गुजर गया था

 एक दिन मैं फरमान के साथ मार्केट जा रही थी जब मुझे वहां पर चाची मिल गई वो सान्य की मम्मी के साथ मार्केट में थी उनको यह बात हजम नहीं हुई कि मैं अपने पति के साथ इतनी खुश क्यों हूं उन्होंने ने मेरे पति से उसके हालचाल पूछे और फिर भरे बाजार में ही मेरे पति को मेरी और दानिश की मोहब्बत की कहानी सुनाने लगी

 उन्होंने कहा कि तुम अपनी पत्नी पर जरा नजर रखना क्योंकि यह बड़ी चालाक लड़की है इसने मेरे बेटे को भी अपने प्यार के जाल में फंसा लिया था यह कहकर चाची तो सानिया की मम्मी के साथ आगे बढ़ गई थी मगर मैं बहुत शर्मिंदा हो रही थी फरमान मुझे घूरती हुई नजरों से देख रहे थे उन्होंने घर जाकर मुझ पर बहुत गुस्सा किया और कहने लगे कि तुम्हारा अगर अपने कजिन के साथ अफेयर चल रहा था तो तुम्हें मुझे इस बारे में बताना चाहिए था 

मैंने फरमान को समझाने की कोशिश की कि मेरा जो कुछ भी था शादी से पहले था लेकिन शादी हो जाने के बाद कभी मेरे दिल में दानिश का ख्याल तक नहीं आया था शादी के बाद मैंने आपको ही अपना सब कुछ माना है पर उन्होंने कहा कि अगर तुम मुझे यह बात अपने मुंह से पहले बता देती तो शायद मुझे इतना बुरा नहीं लगता 

लेकिन आज भरे बाजार में तुम्हारी चाची ने जब यह बात मुझे बताई तो मुझे बहुत शर्मिंदगी हुई मैंने फरमान को को समझाने की बहुत कोशिश की कि चाची तो शुरू से ही मेरे साथ ऐसी रही है पर उनकी तो कुछ समझ ही नहीं आ रहा था वह मुझसे नाराज हो गए थे आज मुझे बहुत गुस्सा आ रहा था चाची पर कि उन्होंने शादी से पहले मेरे साथ जो किया सो किया लेकिन अब वह मेरी शादीशुदा जिंदगी में दखल अंदाजी नहीं कर सकती थी 

मैंने सोच लिया था कि मैं कभी भी फरमान को अपनी फैमिली से नहीं मिलने दूंगी दो दिन इसी तरह से गुजर गए थे अभी तक फरमान मुझसे नाराज थे मुझे उनकी नाराजगी बहुत चुभ रही थी लेकिन दो दिन के बाद कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरे होश उड़ा दिए थे जब दो दिन फरमान को नाराज होते हुए निकल गए तो मेरी बर्दाश्त से बाहर हो गया था क्योंकि फरमान से नाराजगी की वजह सिर्फ मेरी चाची की बातें थी

 मैंने फैसला कर लिया था कि मैं चाची के घर जाकर अब उनको कड़क जवाब देकर आऊंगी कि वह मेरी शादीशुदा जिंदगी में दखल अंदाजी ना करें क्योंकि अब मैं उनके घर में नहीं रहती जो उनके अत्याचार चुपचाप सहन नहीं करूंगी इसलिए मैं जब अपने माइके गई तो वहां का तो माहौल ही बदला हुआ था दानिश बिस्तर पर पड़ा हुआ था शायद उसका एक्सीडेंट हो गया था उसको तो बहुत नुकसान हो गया था 

और उसके पैर में इतनी गहरी चोट आई थी कि वह चल भी नहीं सकता था मैंने जब उसकी ऐसी हालत देखी तो दानिश ने मुझे देखते ही मेरे सामने हाथ जोड़ लिए और कहने लगा कि मुझे माफ कर दो आलिया मुझे नहीं पता था कि जिस नौकरी की तलाश में मैं मुंबई गया हूं वहां पर मेरे साथ इतना बुरा सुलूक किया जाएगा मैं तुम्हें छोड़कर और तुम्हारी मोहब्बत को धोखा देकर मुंबई गया था मेरी किस्मत ने मुझसे वहां जाने के बाद उसका बदला ले लिया 

क्योंकि मेरे साथ भी वहां पर एक बहुत बड़ा धोखा हुआ वहां जाने के बाद मैं जिस कंपनी में नौकरी कर रहा था वहां के कुछ लोगों ने मुझे एक बहुत बड़े स्कैम में फंसा दिया मैं इन लोगों से बचकर भाग रहा था और भागते भागते ही मेरा एक्सीडेंट हो गया जिससे मेरी हालत ऐसी हो गई और मुझे मेरे कीए की सजा मिल गई दानिश का पैर जिंदगी भर के लिए खराब हो गया था

चाची और दादी को भी इस बात का एहसास हो गया था कि मेरे साथ उन लोगों ने गलत किया था चाची बहुत शर्मिंदा हो रही थी मैं आज वैसे भी चाची से अपना बदला लेने के लिए आई थी मैंने सोच लिया था कि आज मैं उनके बड़े होने का लिहाज नहीं करूंगी और उन्हें खूब सारी बातें सुनाऊंगा हाथ जोड़ दिए और कहने लगी कि मेरे बेटे के साथ सच में बहुत गलत हुआ है यही तो था जो हमारे इस घर की परेशानियों को दूर करने के लिए मुंबई में नौकरी करने के लिए गया था

 लेकिन इसके साथ यह सब कुछ हो गया श शद कहीं ना कहीं इस सब की वजह हम लोगों का तुम्हारे साथ बुरा बिहेवियर है हमने तुम्हारे साथ बहुत गलत किया था प्लीज हमें माफ कर दो मैंने चाची से कहा मैं आपको माफ कर देती लेकिन आपने मेरी शादीशुदा जिंदगी में भी जहर घोल दिया मैं आपको कभी माफ नहीं करूंगी बाकी सबको मैं माफ कर चुकी हूं दादी तो आज मुझे गले लगाने के लिए मेरे करीब आ रही थी मैं उनसे गले लगकर अपने घर को वापस आ गई थी पर चाची वहीं पर शर्मिंदा होती रह गई थी 

मैं उन लोगों से ज्यादा कोई रिश्ता नहीं रखना चाहती थी मैं बस इतनी ही बात करने के लिए गई थी लेकिन जब मैं घर आई तो फिर आते ही मुझे बहुत तेज चक्कर आया और मैं बेहोश होकर गिर गई जब दानिश घर पर आए तो वह मुझे अस्पताल ले गए जब अस्पताल में मेरी आंख खुली तो मेरे पति मेरे करीब बैठे हुए थे और बहुत खुश थे उन्हें देखकर मैंने अपना मुंह फेर लिया उन्होंने मेरा हाथ थामा 

और कहने लगे आई एम सॉरी मैं तुम्हारी चाची की बातों में आ गया था मैं तुम्हें कभी नहीं छोड़ सकता मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं तुम्हारी चाची ने मुझे फोन करके सब कुछ बता दिया कि तुम गलत नहीं हो उन्होंने सारी जिंदगी तुम्हारे साथ बुरा किया तो ऊपर वाले ने उनके साथ भी बुरा कर दिया पता नहीं उनके साथ क्या बुरा हुआ है लेकिन जो भी है हमारे साथ बहुत अच्छा हुआ है फिर जो खबर उन्होंने मुझे सुनाई उसे सुनकर तो मैं बहुत खुश हुई थी 

फरमान ने मुझे बताया कि तुम अपना ख्याल रखो तुम मां बनने वाली हो अब हम दोनों मां-बाप बनने वाले हैं और अब हमें अपनी जिंदगी को अपने इस बच्चे के नाम कर देना है मैं बहुत खुश थी पूरे नौ महीने के बाद मैंने प्यारी सी बेटी को जन्म दिया फरमान का बिहेवियर मेरे साथ बिल्कुल पहले जैसा था मेरी जिंदगी पूरी तरह से बदल गई है और मैं फरमान के साथ एक अच्छी जिंदगी गुजार रही हूं

 दानिश जैसे इंसान के साथ बहुत अच्छा हुआ था दानिश को आज भी बहुत अफसोस है कि उसने मेरे साथ गलत किया उधर चाचा चाची और दादी यह तीनों भी बहुत शर्मिंदा हैं अब मैं अपनी जिंदगी में इतनी खुश हूं कि मैंने कभी उन लोगों को पलट कर ही नहीं देखा दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको हमारी कहानी पसंद आई होगी कहानी पसंद आई है 

 

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