Moral Stories For Childrens In Hindi : मेरा नाम नैतिक है मैं बंगाल के एक छोटे से कस्बे का रहने वाला हूं अपनी मां से दूर मैं दिल्ली शहर की यूनिवर्सिटी में पढ़ने के लिए आया हुआ था अपने ही यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाली मुझे एक लड़की से प्यार हो गया था उसका नाम वर्षा था वर्षा मुझे बहुत पसंद आई थी वह दिल्ली की ही रहने वाली थी और बहुत खूबसूरत थी उसकी खूबसूरती ने ही मुझे उसकी तरफ अट्रैक्ट किया था वह मेरी आइडियल थी
क्योंकि मैं अपनी पत्नी ऐसी ही लड़की को बनाना चाहता था जो बहुत खूबसूरत हो और पढ़ने लिखने में भी बहुत इंटेलिजेंट हो वर्षा बिल्कुल ऐसी ही थी जैसी चाहत मैंने अपनी फ्यूचर वाइफ की की थी मैं उससे शादी करना चाहता था बड़ी मुश्किल से मैंने उसे प्रपोज किया था और भरोसा दिलाया था कि मैं उससे शादी करूंगा धीरे-धीरे हम दोनों एक दूसरे के बहुत करीब आ गए थे हम दोनों की खूब बातचीत होने लगी थी वर्षा के अलावा मैं किसी को पसंद नहीं करता था एक वही पहली लड़की थी
जो मुझे भा गई थी मैं ऐसा नहीं था कि लड़ लड़कियों के साथ फ्लर्ट करता मैंने कभी किसी लड़की को नजर उठाकर नहीं देखा था हमेशा मैंने औरत की इज्जत की थी मेरी मां ने मुझे हमेशा औरत की इज्जत करनी सिखाई थी क्योंकि मेरे पिता नहीं थे और सारी जिंदगी मेरी मां ने मेरे लिए काफी कुछ किया था जब मैं 10 साल का था तभी मेरे पिता मुझे इस दुनिया से छोड़कर चले गए थे मेरी एक 7 साल की बहन भी थी मेरी मां ने लोगों के घरों में झाड़ू बर्तन करके हम दोनों भाई बहन को पढ़ाया लिखाया था
और अपने गहने बेचकर मुझे दिल्ली यूनिवर्सिटी में एडमिशन दिलवाया था और मेरी पढ़ाई का खर्चा खुद उठा रही थी मैं चाहता था कि मैं अपनी पढ़ाई पूरी होने के बाद एक अच्छी नौकरी करूंगा और अपनी मां को कभी काम नहीं करने दूंगा मेरी बहन ने तो इंटर करने के बाद स्कूल में टीचिंग करना शुरू कर दिया था लेकिन मैंने अभी तक कोई नौकरी नहीं की थी मुझे इस बात पर शर्मिंदगी भी महसूस होती थी कि अभी तक मैंने अपनी मां का कोई साथ नहीं दिया पर मैंने सोच लिया था कि जैसे ही मेरी पढ़ाई पूरी होती है
मैं जल्द ही किसी अच्छी नौकरी की तलाश में लग जाऊंगा मैं वर्षा से शादी करना चाहता था और अपनी मां को उसके बारे में बताना चाहता था लेकिन मैं जानता था कि जब तक मेरी नौकरी नहीं लग जाती तब तक वर्षा की फैमिली भी हमारी शादी के लिए तैयार नहीं होगी और मैं भी अपनी मां से शादी के बारे में बात नहीं कर पाऊंगा लेकिन मुझे उम्मीद थी कि वर्षा को देखने के बाद मेरी मां कभी भी हम दोनों के रिश्ते के लिए इंकार नहीं करेंगी क्योंकि वह बहुत खूबसूरत थी
मेरी मां का हमेशा यही कहना था कि मैं खूबसूरत लड़की को अपने घर की बहू बनाऊंगी अभी मुझे अपनी जवान बहन की भी शादी करवानी थी बस मुझे जल्दी थी कि मुझे कोई अच्छी नौकरी मिल जाए अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद जब मैं बंगाल वापस गया तो वहां पर मैंने नौकरी तलाश करना शुरू कर दी थी और फाइनली मुझे एक अच्छी नौकरी भी मिल गई थी जिस पर मेरी मां बहुत खुश हुई थी
और मैंने उनको भरोसा दिलाया था कि मैं धीरे-धीरे हमारे घर की सारी परेशानियों को दूर कर दूंगा और अपनी जवान बहन की शादी भी खूब धूमधाम से करूंगा मेरी मां का नाम बबीता था मेरी बहन भी देखने में खूबसूरत थी और उसके रिश्ते आ रहे थे पर अभी हमारे घर के हालात इस काबिल नहीं थे कि हम उसकी शादी करते वैसे भी आजकल महंगाई के चलते हुए आम आदमी नॉर्मल शादी भी नहीं कर सकता और मेरी मां की तो शुरू से ही ख्वाहिश थी कि वह अपनी बेटी की शादी धूमधाम से करना चाहती थी
बंगाल आने के बाद वर्षा और मेरी मुलाकात कम हो गई थी अब हम दोनों फोन पर ही बातें किया करते थे एक दिन वर्षा ने मुझे एक ऐसी बात बताई जिसे सुनकर मेरे होश उड़ गए थे मैं वर्षा को खोना नहीं चाहता था वर्षा ने मुझे बताया था कि उसके लिए एक बिजनेसमैन के बेटे का रिश्ता आया है हालांकि उसकी फैमिली भी मिडिल क्लास थी लेकिन इस रिश्ते को लेकर उसकी फैमिली बहुत सीरियस थी
और वोह लोग उसकी शादी कर देना चाहते थे उनका मानना था कि उनकी बेटी वहां पर ऐश करेगी वर्षा का यह रिश्ता उसकी खूबसूरती की वजह से आया था मैं वर्षा को किसी और का होने नहीं देना चाहता था और मैंने ठान लिया था कि मैं बिना टाइम वेस्ट किए ही मां से वर्षा के बारे में बात करूंगा अभी तो मेरी एक महीने की भी सैलरी नहीं आई थी मुझे मां से बात करते हुए शर्म आ रही थी
पर क्या करता हालात ही कुछ ऐसे बन गए थे मैंने तो सोचा था कि मैं नौकरी करने के बाद अपनी बहन की शादी कर दूंगा और अपनी शादी के लिए कुछ पैसे जोड़ लूंगा तब जाकर वर्षा और अपने बारे में मां को बताऊंगा पर मेरी पूरी प्लानिंग मिट्टी में मिल गई थी मैंने हिम्मत करके इस बारे में अपनी मां को बताया
और वर्षा की फोटो भी उनको दिखाई थी मुझे उम्मीद थी कि मां उसको देखते ही पसंद कर लेगी क्योंकि मेरी मां को भी मेरे लिए खूबसूरत लड़की की तलाश थी पर ऐसा कुछ भी नहीं हुआ था मां ने तो मुझसे सवाल करने शुरू कर दिए थे कि आखिर यह सब कब से चल रहा है
और यह लड़की कौन है कहां की है मैंने मां को बता दिया था कि यह लड़की दिल्ली की है और मेरी यूनिवर्सिटी में ही इससे मेरी मुलाकात हुई थी मैं इसे बहुत पसंद करता हूं और इसके अलावा किसी और से शादी नहीं करूंगा मां को इस बात पर बहुत गुस्सा आया था मां ने कहा था कि तुम्हें शर्म नहीं आती अभी तुम्हारी जवान बहन की भी शादी नहीं हुई है और तुम अपनी शादी करना चाहते हो मैंने मां से कहा मां मैं बहुत मजबूर हूं
मैं पहले बहन की ही शादी करवाना चाहता था मगर वर्षा के परिवार वाले उसकी शादी कहीं और करवाना चाहते हैं इसीलिए मैं चाहता हूं कि आप मेरे साथ दिल्ली चलो और वर्षा के घर वालों से उसका हाथ मांग लो मेरी मां तो यह बात सुनकर बहुत गुस्सा हुई थी मेरे लिए मां को मनाना बहुत मुश्किल हो गया था उधर वर्षा मुझसे नाराज हो रही थी कि मेरी शादी हो जाएगी और तुम रिश्ता नहीं भेजोगे बड़ी मुश्किल से मैंने मां को मना ही लिया था अपने बेटे की खुशी की खातिर मां मान गई थी
मगर उनका मूड खराब था उनका कहना था कि पहले मुझे घर के हालात बेहतर करने चाहिए थे तब जाकर अपनी शादी के बारे में सोचना चाहिए था मगर मैं कुछ नहीं कर सकता था कुछ भी मेरे बस में नहीं था मुझे तो सिर्फ वर्षा की मोहब्बत दिखाई दे रही थी मैं उससे अलग नहीं होना चाहता था मेरी मां जब वर्षा के घर रिश्ता लेकर गई तो उन लोगों ने हमारे रिश्ते से साफ इनका इकार कर दिया था
मगर वह लोग भी अपनी बेटी की जिद के आगे हार मान गए थे और इस तरह से मेरी शादी वर्षा के साथ हो गई वर्षा दिल्ली से विदा होकर मेरे साथ बंगाल मेरे घर में रहने के लिए आ गई थी पूरी शादी में मेरी मां का मूड मेरी तरफ से काफी खराब रहा था उन्होंने तो खुश होकर मेरी पत्नी की शॉपिंग भी नहीं की थी सब कुछ मैंने अपनी मर्जी से ही किया था हालांकि मेरी शादी नॉर्मल सी हुई थी क्योंकि मैंने अपनी शादी के लिए लोन लिया था और अब मेरे ऊपर लोन का भी बोझ हो गया था
अब बस मुझे दिल लगाकर मेहनत करनी थी मेरी जिंदगी मेरी पत्नी के साथ बहुत अच्छी गुजर रही थी मगर मेरी मां अभी तक वर्षा को एक्सेप्ट नहीं कर पाई थी मेरी बहन भी मेरी पत्नी से बहुत खुश थी क्योंकि वर्षा मेरी बहन की फ्रेंड बन गई थी मेरी पत्नी ने कभी मुझसे इस बात की शिकायत नहीं की थी कि तुम्हारी मां ने अभी तक मुझे एक्सेप्ट नहीं किया उसकी मम्मी का जब भी फोन आता वो उनसे यही कहा करती थी कि उसकी ससुराल बहुत अच्छी है
और सब लोग उसका बहुत ख्याल रखते हैं जबकि मेरी मां को तो वर्षा एक नजर नहीं भाती थी वर्ष ये सब कुछ खामोशी से बर्दाश्त कर रही थी सिर्फ मेरी खातिर हमारी जिंदगी इसी तरह से गुजर रही थी मेरी और वर्षा की शादी को 1 साल हो गया था अभी तक मेरे ऊपर से ना तो लोन का कर्जा उतरा था और ना ही अभी तक मेरे घर के हालात बेहतर हुए थे क्योंकि शादी हो जाने के बाद तो 10 तरह के खर्चे आ जाते हैं वर्ष भी हर महीने अपने माइके जाती थी किराए में भी मेरे काफी सारे पैसे खर्च हो जाते थे
मेरी मां को ये सब कुछ बर्दाश्त नहीं होता था इसी तरह हमारी शादी को 2 साल हो गए थे मगर अभी तक हमारे पास कोई औलाद नहीं थी मेरी मां मेरी पत्नी को इस बात का भी ताना दिया करती थी कहने को तो मेरी पत्नी मेरी मां से बहुत परेशान थी मगर वह मेरे सामने कुछ भी जाहिर नहीं करती थी और मैं हमेशा अपनी पत्नी का साथ दिया करता था एक तरह से मैं मां को भी ऐसी कमी महसूस नहीं होने देता था कि मैं अपनी पत्नी की तरफ हूं
मेरी बहन की भी अभी तक शादी नहीं हुई थी मेरी मां मुझसे हमेशा नाराज रहती थी काफी दिनों से वर्षा की तबीयत ठीक नहीं चल रही थी वह मेरे साथ डॉक्टर की भी नहीं जा रही थी एक दिन सुबह-सुबह का टाइम था जब मैं सोकर उठा तो मेरी पत्नी कमरे में मौजूद नहीं थी यह देखकर मुझे बड़ी हैरानी हुई थी क्योंकि आज तक मेरे साथ ऐसा नहीं हुआ था मेरी जब भी आंख खुलती थी वर्षा कमरे में ही मौजूद होती थी
और मुझसे नाश्ते का पूछती थी सुबह-सुबह मुझे गुड मॉर्निंग कहकर जगाती मगर आज वर्षा मुझे कहीं नजर नहीं आ रही थी मेरी शादी को 2 साल हो गए थे वर्षा ने कभी अपने तौर तरीके नहीं बदले थे मगर आज मैं कमरे में अकेला था मुझे कुछ अजीब सा महसूस हुआ था मगर आज जब मैं बाहर आया तो यह देखकर और ज्यादा हैरान रह गया था कि मेरा घर आज बिल्कुल खाली पड़ा हुआ था मैं मां के कमरे की तरफ गया तो उनके कमरे में भी ताला लगा हुआ था बहन भी घर में मौजूद नहीं थी
यह सब देखकर मेरा मूड खराब हो गया था क्योंकि मेरे घर में ऐसी कंडीशन आज से पहले कभी नहीं हुई थी आखिर मुझे सोता हुआ छोड़कर यह लोग कहां चली गई थी मैं मेरे दिल में तरह-तरह की बातें आने लगी थी कि कहीं आस पड़ोस या रिश्तेदारी में किसी की मौत तो नहीं हो गई लेकिन ऐसा नहीं था अगर किसी की मौत होती तो ये लोग मुझे जरूर बताती मैं बाहर आया तो पूरा घर बिखरा पड़ा हुआ था कहीं चोरी डके तो नहीं हो गई मेरे दिल में यह बात भी आई थी कि तभी मुझे घर के अंदर मेरी मां और मेरी पत्नी आती हुई नजर आई
मैं उनकी तरफ जाने लगा मैंने पूछा कि आप लोग कहां चली गई थी मेरी पत्नी ने अपना सर झुका लिया जब कि मेरी मां चहक हुए कहने लगी बेटा आज तो मैं तुम्हें ऐसी गुड न्यूज़ सुनाने वाली हूं कि तुम खुशी से झूम उठोगे आज तो दोनों सास बहू के बिहेवियर में जमीन आसमान का फर्क था मेरी पत्नी जितनी परेशान नजर आ रही थी मेरी मां उतनी ही खुश थी मेरी मां ने मुझे बताया कि बेटा तुम पिता बनने वाले हो मैं बाबाजी से बहू के लिए भभूति लेकर आई थी
उसका कमाल देखो कि बहू दो महीने में ही गर्भवती हो गई यह सब मेरे बाबा जी की भभूति का ही कमाल है बाबा जी का तो जितना शुक्रिया अदा किया जाए उतना ही कम है अपनी मां के मुंह से यह बात सुनकर मुझे बहुत खुशी हुई थी कि मेरी पत्नी मां बनने वाली है मैं बहुत खुश हुआ मगर मेरी पत्नी बिल्कुल भी खुश नहीं थी उसने तो अपना सर झुकाया हुआ था और वह बहुत परेशान लग रही थी
मैंने अपनी पत्नी से सवाल किया वर्षा क्या तुम्हें खुशी नहीं हुई है वह सर झुकाकर फौरन अपने कमरे में चली गई मां कहने लगी बहू शर्मा गई है आज मां मेरी पत्नी के साथ काफी खुश थी मगर यह तो मैं ही जानता था कि मेरी पत्नी शर्माने से ज्यादा परेशान हो रही है उसने मुझसे कोई बात नहीं कही थी मगर मैं उसकी आंखों को देखकर समझ गया था वर्षा की परेशानी की वजह तो मुझे मालूम नहीं थी मैंने चुपचाप मां के साथ खुशी तो मना ली थी
मगर वर्षा की वजह से मेरा दिल उदास हो रहा था थोड़ी देर के बाद मेरी बहन भी अपनी फ्रेंड के घर से आ गई थी वह भी यह खबर सुनकर बहुत खुश हुई थी मैं कमरे में गया तो मेरी पत्नी बाथरूम में जा चुकी थी वह मुझसे बात तक नहीं कर रही थी जैसे मैं उसका बहुत बड़ा मुजरिम हूं मुझे वर्षा की यह बात पसंद नहीं आई थी मगर इतनी बड़ी खुशी के मौके पर मैं उससे कुछ कहकर अपना मूड खराब नहीं करना चाहता था
मैं चुपचाप उसका इंतजार करने लगा थोड़ी देर के बाद जब वह कमरे में आई तो मैंने उससे रिक्वेस्ट की और पूछा कि तुम्हें इस बात की खुशी नहीं है कि हम दोनों पेरेंट्स बनने वाले हैं तो वह कहने लगी कि मैं बहुत खुश हूं नैतिक आप बेवजह ही ज्यादा सोच रहे हो मैंने अपनी पत्नी की बात पर यकीन तो कर लिया था मगर यह बात मेरी समझ नहीं आ रही थी कि आखिर वर्षा को क्या बात बुरी लगी हुई है
ऐसे तो वह पहले कभी रिएक्ट नहीं करती थी वह बहुत खामोश खामोश सी थी और मुझसे भी कम बात कर रही थी मैं तो चुपचाप अपनी मां के तेवर देख रहा था क्योंकि अब वही थी जो मुझसे सबसे ज्यादा बात कर रही थी अब उनका मूड भी मेरी तरफ से ठीक हो चुका था तब इमा ने मुझसे कहा बेटा मुझे ₹ हज दे दो दरअसल काफी दिनों से तुम्हारी पत्नी की तबीयत खराब हो रही थी मैं समझ गई थी कि तुम्हारी पत् पत्नी प्रेग्नेंट है
इसलिए मैं तुम्हारी पत्नी को डॉक्टर के पास ले गई डॉक्टर ने मुझे सख्ती से कहा है कि तुम्हारी पत्नी का बहुत ख्याल रखना है और इसे पौष्टिक खाना ही देना है तब तक तुम्हारी पत्नी के अंदर जान नहीं आएगी तुम देखते नहीं कि वर्षा कितनी कमजोर हो गई है इसे खून की कमी है जब तक यह पौष्टिक आहार नहीं लेगी तब तक इसके शरीर में खून नहीं बनेगा इसीलिए मैं चाहती हूं कि मैं बहू के लिए विटामिंस और प्रोटीन से भरपूर ही खाना बनाऊं और इसके लिए ढेर सारे फल सब्जी लेकर आऊं
ताकि तुम्हारा होने वाला बच्चा सेहतमंद पैदा हो मां की बात सुनकर मुझे अजीब सा लगा था कि मां अचानक से मेरी पत्नी के लिए इतनी अच्छी और फिक्र मंद कैसे हो गई थी जबकि वह तो अपनी बहू के बारे में थोड़ी भी परवाह नहीं करती थी मगर आज कहने लगी कि मैं अपनी बहू के लिए बाजार से ताजे फल और सब्जियां लेकर आऊंगी यह मेरी वही मां थी जिन्होंने मेरी पत्नी को अभी तक एक्सेप्ट नहीं किया था
और उसको घर की नौकरानी बनाकर रख दिया था उसे बांझ होने के तानी भी दिया करती थी और आज वही मां उसे आराम करने के लिए कह रही थी और उसकी इज्जत भी कर रही थी उन्होंने मेरी पत्नी से कहा कि तुम्हें किचन में आने की अब कोई जरूरत नहीं है तुम सिर्फ बिस्तर पर लेटकर आराम करो डॉक्टर ने तुम्हें आराम बताया है मां की इस बात ने मुझे और भी ज्यादा हैरान कर दिया था
क्योंकि मेरी मां तो इतनी नरम दिल नहीं थी जो अपनी बहू से यह कह देती कि मैं तुम्हें खाना तुम्हारे कमरे में बेड पर ही लाकर दिया करूंगी अब तो मेरी मां पूरी तरह से चेंज हो चुकी थी थी मेरी मां ने मेरी बहन से भी कहा था कि घर के सारे काम तुम किया करोगी और खाना मैं बनाया करूंगी मेरी बहू घर का कोई काम नहीं करेगी मैं इसका पूरी तरह से ख्याल रखूंगी मां की बातों से मैं बहुत खुश हुआ था कि देर से ही सही पर उन्होंने मेरी पत्नी को एक्सेप्ट कर लिया था और अब उनका मूड मेरी तरफ से भी ठीक था
फिलहाल उसी समय मेरी मां ने मुझसे 00 मांग लिए और मार्केट चली गई उनके मार्केट जाने के बाद भी मैंने अपनी पत्नी से बात करने की कोशिश की मगर मेरी पत्नी कुछ अजीब सा बिहेवियर कर रही थी ऐसा लग रहा था जैसे वह मुझसे कुछ छुपा रही है या फिर बताना ही नहीं चाहती मैं अपनी पत्नी को ज्यादा जिद करके परेशान करना नहीं चाहता था मेरे दिल में तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश रहती थी कि मेरी पत्नी हमेशा खुश रहे और इसी तरह हमारा आने वाला बच्चा भी सेहतमंद रहेगा
मैंने अपनी पत्नी से कोई बात नहीं की शाम का समय था जब घर के दरवाजे पर बैल बजी मैं दरवाजा खोलने गया तो मां घर में आई थी उनके हाथ में एक काले रंग की थैली थी मैंने अपनी मां से कहा मां यह क्या है तो उन्होंने कहा बेटे मैं दूध लेकर आई हूं तुम्हारी पत्नी के लिए आखिर उसका ख्याल भी तो रखना है मां ने यह बात बड़े अजीब तरीके से कही थी अपनी मां के बारे में ऐसी बातें करते हुए मुझे शर्म आ रही है
मगर पता नहीं क्यों मेरी मां उन दिनों में बहुत चालाक और शातिर लगने लगी थी उनके हर एक अंदाज से तेजी झलकती थी फिलहाल मैं खामोश हो गया था मां तेजी से उस थैली को लेक कर किचन में चली गई थी और फिर उन्होंने किस समय मेरी पत्नी को दूध दिया मुझे तो कुछ पता ही नहीं चला रात के समय हम लोग सो गए थे क्योंकि मेरी पत्नी तो बिल्कुल खामोश हो गई थी मुझसे किसी तरह की बातचीत नहीं कर रही थी
इसलिए मैं बोर हो गया था और मैं भी जल्दी सो गया था सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं हैरान रह गया था कि आज मेरी पत्नी जागी नहीं थी बल्कि बिस्तर पर ही सो रही थी और उसके हाथ पैरों पर लाल रंग लग रहा था मैंने अपनी पत्नी के हाथ को सूं कर देखा तो यह खून था यह देखकर तो मेरे होश उड़ गए थे मैंने जब अपनी पत्नी को जगाया तो वह भी अपने हाथ पैर देखकर दंग रह गई थी और अपने आप से डरने लगी थी
मेरी पत्नी की हालत बहुत बुरी हो गई थी वह बुरी तरह से रो रही थी यह सब शोर शराब देखकर मेरी मां और बहन भी कमरे में आ गई थी मेरी पत्नी को कुछ नहीं पता था कि उसके हाथ पैर पर यह खून कहां से आया मुझे लगा कि कहीं मेरी पत्नी के चोट तो नहीं लग गई मगर वह तो बिल्कुल ठीक थी और रात के समय बिल्कुल सही सोई थी अपने हाथ पैरों पर खून देखकर वह भी बहुत परेशान हो रही थी इस बारे में हम लोगों को कुछ भी नहीं पता था मेरी मां ने कहा कि हो सकता है
तुम्हारी पत्नी के रात कहीं पर चोट लग गई हो और इसने ध्यान ना दिया हो मगर मेरी पत्नी तो बुरी तरह से रो रही थी आज जो कुछ भी हुआ था वह बड़ा ही अजीब था मेरी पत्नी ने अपने हाथ पैर धो लिए तो वह सारा खून साफ हो गया था मेरी मां मेरी पत्नी की इतनी सेवा कर रही थी फिर भी मेरी पत्नी उनसे खुश नहीं थी और उसका मूड खराब था लेकिन इधर मेरी मां मेरी पत्नी के बारे में बड़ी अलग-अलग सी बातें कर रही थी
अगले दिन फिर से मेरी मां सुबह के टाइम पर कहीं चली गई थी और शाम को मेरे ऑफिस से आ जाने के बाद ही घर को वह वापस आई थी और आज फिर उनके हाथ में काले रंग की थैली थी उन्होंने कहा कि मैं बहू के लिए दूध लेकर आई हूं वो उस थैली को लेकर किचन में चली गई थी उन्होंने मेरी बहन से सख्ती से कह दिया था कि यह दूध बहू के लिए ही है मैं बहू के लिए प्योर और महंगा वाला दूध ले कर आई हूं
मुझे अपनी बहू का बहुत ख्याल रखना है इस दूध को तुम नहीं पीना मेरी मां का कहना था कि डॉक्टर के कहने के मुताबिक बहू को ज्यादा मात्रा में दूध पिलाना है ताकि बहू और बच्चे के अंदर कैल्शियम की कमी ना रहे मां की इस बात से मैं बड़ा हैरान था मेरी मां कभी भी महंगा सामान लेकर नहीं आती थी अगले दिन मैं फिर से हैरान रह गया था आज खून मेरी पत्नी के हाथ पैरों पर नहीं लगा हुआ था
बल्कि उसकी जगह पर हमारे बैड के नीचे एक बड़े से कटोरे में रखा हुआ था इस खून को देखकर तो अबकी बार मैं चौक गया था कि आखिर यह किसकी हरकत है मेरी मां और बहन को भी इस बारे में कुछ पता नहीं था और मेरी पत्नी थी कि उसने तो बिल्कुल ही चुप्पी साध ली थी वह तो अजीब पागलों जैसी हरकतें करने लगी थी ना किसी से बात करती थी ना ही हस्ती मुस्कुराती थी सिर्फ रोती रहती थी या फिर खामोश रहती थी
और वह दिन बदन कमजोर होती जा रही थी मेरी मां ने कहा कि हो सकता है बेटा यह खून नहीं हो बल्कि कोई लाल रंग हो तुम्हारी पत्नी ने रख दिया हो मगर मेरी पत्नी तो कुछ बताने के लिए तैयार ही नहीं थी मैंने नाली में ले जाकर वह कटोरे में रखा हुआ खून बहा दिया था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह सब कुछ क्या हो रहा है अगले दिन मैं ऑफिस से जल्दी घर आ गया था
मैं जैसे ही अपने कमरे में गया तो मेरी मां मेरी पत्नी को सब्जियों का सूप पिला रही थी और मेरी पत्नी उसे पीने से इंकार कर रही थी मेरी मां ने मुझे देखते ही कहा कि देखो बेटा इस सब्जियों के सूप को प पीने से तुम्हारी पत्नी और तुम्हारे बच्चे की सेहत अच्छी हो जाएगी मगर तुम्हारी पत्नी है कि पी ही नहीं रही है आजकल की औरतों के बहुत दिमाग है सही चीजें खाती ही नहीं है और गलत चीजें सुबह शाम खाती हैं
मां का लंबा चौड़ा लेक्चर सुनने के बाद बेचारी वर्षा ने खामोशी से किसी तरह सूप का कड़वा घूंट भर के उसे पी लिया था मुझे अपनी पत्नी पर तरस भी आ रहा था मगर मेरी मां यह सब उसकी और उसके बच्चे की अच्छी सेहत के लिए ही तो कर रही थी मैं भी अपनी मां के आगे मजबूर हो गया था मैं उन्हें कुछ भी नहीं कह सकता था चुपचाप वर्षा ने वह सूप खत्म कर लिया था मगर इसके बाद मां के तेवर फिर से बदल गए थे
रात का समय हुआ तो मेरी पत्नी दर्द से तड़प रही थी वर्षा के चेहरे से ही उसकी हालत को समझा जा सकता था वह मुझसे कहने लगी कि मेरी तबीयत ठीक नहीं है प्लीज मुझे डॉक्टर के पास लेकर चलो लगता है कि मुझे उल्टी आ जाएगी मेरे सीने पर बहुत ज्यादा जलन हो रही है वर्षा की हालत देखकर और उसकी बातें सुनकर कर मैं परेशान हो गया था मगर मां बाहर खड़ी हुई यह सारी बातें सुन रही थी मां कमरे के अंदर आ गई और मेरी पत्नी को तसल्ली देते हुए कहने लगी कि ऐसा कुछ भी नहीं है बहू शुरू शुरू के दिनों में तो ऐसा ही होता है
अभी तुम्हारा पहला बच्चा है इसलिए तुम्हें कुछ पता नहीं है इन दिनों में औरत की तबीयत ऐसी ही खराब रहती है मगर मेरी पत्नी की तो पहले महीने में ही बहुत ज्यादा तबीयत खराब थी जब से उसे पता चला था कि वह प्रेग्नेंट है तब से ही वह उदास उदास रहने लगी थी और धीरे-धीरे कमजोर भी हो रही थी मेरी मां ने कहा कि बात-बात पर डॉक्टर के पास जाओगी तो तुम्हें वहम हो जाएगा इसलिए बेहतर यही होगा कि बस तुम अपना ख्याल रखो
और ज्यादा से ज्यादा आराम करो तुम कुछ ही देर में ठीक हो जाओगी मेरी पत्नी वर्षा फिर से रोते-रोते खामोश हो गई थी उसका बस नहीं चल रहा था कि वह भागकर डॉक्टर के पास पहुंच जाए लेकिन वह चुप हो गई थी वैसे भी कोई भी इंसान ज्यादा देर तक अपनी सेहत की तकलीफ बर्दाश्त नहीं कर सक लगता इसी तरह से एक हफ्ता गुजर गया था मेरी पत्नी की तबीयत अब दिन बदिनी बिगड़ने लगी थी
लेकिन हर रोज सुबह को एक कटोरा खून हमारे बैड के नीचे से जरूर मिलता था मैं जब भी सुबह सवेरे अपने चप्पल बैड से निकालने के लिए बैड के नीचे झुकता था तभी मुझे वह कटोरा नजर आता था और मेरी पत्नी तो अब ज्यादातर बिस्तर पर ही रहती थी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर यह खून का कटोरा हमारे कमरे में कौन रखता है जबकि मैं याद से रात को कमरे का दरवाजा बंद करके सो सया करता था मेरी पत्नी की तबीयत हमेशा ही खराब रहती थी
उसे इतनी तकलीफ होती थी कि वह बिस्तर से आराम पर सो भी नहीं सकती थी वह बार-बार मुझसे यही कहती थी कि प्लीज मुझे डॉक्टर के पास लेकर चलो मुझे भी उसकी फिक्र होती थी मेरे दिल में ख्याल आता था कि मैं उसे डॉक्टर के पास ले जाऊं मगर हर बार मेरी मां कोई ना कोई बात कहकर मुझे डॉक्टर के पास उसे लेकर जाने ही नहीं देती थी एक दिन तो मेरी पत्नी कहने लगी कि प्लीज मुझे डॉक्टर के पास लेकर चलो मैं तुम्हा रे आगे हाथ जोड़ती हूं अगर ऐसा नहीं हुआ तो मैं इस दुनिया से चली जाऊंगी
तुम्हें मेरी फिक्र नहीं है तुम मेरे पति होकर भी मेरी बात का यकीन नहीं कर रहे हो मेरी पत्नी सारा दिन कोई बात नहीं करती थी मगर जब उसे दर्द होता तो वह बहुत रोती थी और रो-रो कर मुझे अपनी परेशानी के बारे में बताया करती थी पता नहीं उसको क्या हो गया था मैं उसकी बातें सुनता तो मुझे बहुत एहसास होता था और मैं सोच में पड़ जाता था मुझे उसकी बातें और नजरें काटने लगी थी
आज उसके ज्यादा रिक्वेस्ट करने पर मैं उसको जबरदस्ती डॉक्टर के पास ले गया था क्योंकि आज उसको बहुत ज्यादा दिक्कत आ रही थी और उसकी तबीयत ठीक नहीं थी मुझे लग रहा था कि कहीं मेरे बच्चे को और मेरी पत्नी की जान को कोई खतरा ना हो जाए इसलिए मैंने मां की भी कोई बात नहीं सुनी थी मैंने उससे कह दिया था कि मैं आज तुम्हें अस्पताल लेकर जाऊंगा मां ने मुझे मना किया था
मगर मैं नहीं रुका क्योंकि मुझे मेरी पत्नी की बहुत फिक्र थी अपने बच्चे और पत्नी को लेकर मैं अब रिस्क नहीं लेना चाहता था मेरी पत्नी का सांस बहुत फूल रहा था मैं उसे अस्पताल लेकर गया मैंने अपनी पत्नी का डॉक्टर से चेकअप करवाया तो पता चला कि मेरी पत्नी डिप्रेशन और बेचैनी का शिकार हो रही है जिसकी वजह से बच्चे को भी नुकसान हो सकता था डॉक्टर ने मुझे और बताया कि मेरी पत्नी किसी ऐसी नशे की चीज का सेवन कर रही है
जिसकी वजह से उसके शरीर में सुस्ती पैदा हो रही है और उसके खून में भी इंफेक्शन हो रहा है और साथ ही साथ मेरी पत्नी को व भी करवाते रहना होगा और उस चीज पर भी रोक करनी होगी जिसका मेरी पत्नी सेवन कर रही है मगर हमारे घर में तो ऐसी कोई भी चीज नहीं थी इस बात से तो मैं सोच में पड़ गया था और ना ही इससे पहले मेरी पत्नी कभी ऐसी थी बल्कि मेरी पत्नी बहुत फुर्ती थी कभी भी उसे कोई ऐसी सुस्ती की शिकायत नहीं हुई थी
मगर अब वह बहुत सुस्त रहने लगी थी यह बात बड़ी खतरनाक थी मैं जब घर आया तो मेरी मां मेरा इंतजार कर रही थी मुझे देखते ही वह कहने लगी कि क्या बता दिया डॉक्टर ने तुम लोगों को तुम्हें भगवान पर यकीन नहीं है और अपनी मां पर भी यकीन नहीं है तुम जैसे लोग सिर्फ और सिर्फ बर्बाद होते हो अब देख लेना मुझसे शर्त लगा लो तुम्हारा बच्चा तुम्हारे लिए मुसीबत की वजह बन जाएगा
उसे जन्म तो लेने दो दुनिया में तो आने दो फिर तुम पछताओगे अपनी मां की बात टालने वाले और उसकी इज्जत ना करने वाले हो तुम बुरी तरह से पछताओगे तुम्हें अभी समझ नहीं आ रहा कि तुम किस रास्ते पर चल पड़े हो लेकिन एक बार तुम्हारी अपनी औलाद इस दुनिया में आ जाए तो तुम्हें समझ आ जाएगा कि तुमने अपनी मां की बात ना मानकर कितनी बड़ी गलती की है मां का बिहेवियर तो बिल्कुल बदल चुका था
वह पहले की तरह हो गई थी मुझे अपनी मां से यही उम्मीद थी कि मां कम से कम एक हफ्ते तक तो मुझसे और मेरी पत्नी से कोई बात नहीं करेगी क्योंकि इससे पहले भी कई बार जब वह गुस्सा होती थी तो फिर एक हफ्ते से पहले-पहले हम लोगों से बात नहीं करती थी और तो और अपना खाना पीना भी अलग कर लिया करती थी लेकिन अगले ही दिन मां मेरी पत्नी के पास आई और उसके लिए सब्जी का सूप बनाकर लाई थी मेरी पत्नी से कहने लगी बेटा मैं गुस्से में थी मैंने जो भी कहा था
मैं उस पर शर्मिंदा हूं तुम अपना ख्याल रखो इस दौरान मेरी बहन का अचानक रिश्ता आ गया था लोग मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करते थे और उन लोगों को मेरी बहन के अलावा कुछ नहीं चाहिए था मेरी मां का इस बात पर मूड खराब था वह मेरी बहन की शादी धूम-धाम से करना चाहती थी मगर मैंने उनको समझाया कि लड़के वालों को सिर्फ हमारी बहन चाहिए तो फिर हमें दहे देने की या उसकी शादी धूमधाम से करने की क्या जरूरत है मेरा भी तो इतना हिसाब नहीं है
बड़ी मुश्किल से मेरी मां इस रिश्ते के लिए मान गई थी और मेरी बहन एक हफ्ते के अंदर-अंदर विदा होकर अपनी ससुराल चली गई थी लेकिन मैंने नोटिस किया था कि इस दौरान ना तो हमारे बेड के नीचे से खून का कटोरा निकला था और ना ही मेरी पत्नी के शरीर पर कहीं पर भी खून लगा हुआ होता था लेकिन जैसे ही मेरी मां मेरी बहन की शादी से फ्री हो गई तो दूसरे ही दिन से फिर से वही सब कुछ होने लगा का कभी मेरी पत्नी के शरीर पर खून लगा हुआ होता तो कभी कटोरे में बैठ के नीचे रखा हुआ होता था
मां का बिहेवियर तो मेरी पत्नी के साथ फिर से अच्छा हो गया था उनका बदला हुआ बिहेवियर देखते हुए मैं परेशान भी था और हैरान भी था क्योंकि घर में जो कुछ भी हो रहा था वह भी अजीब था और मां का बिहेवियर भी मुझे परेशानी में डाल रहा था मुझे अपनी मां पर शक हो रहा था मां हर रोज घर से भी निकलती थी अब तो मेरी बहन की भी शादी हो गई थी वह मेरी गर्भवती पत्नी को अकेले ही घर में छोड़कर ना जाने कहां चली जाती थी और जब मैं ऑफिस से आता तभी वह घर को वापस आती थी
अब मैंने अपनी मां पर नजर रखनी शुरू कर दी थी एक दिन मैं ऑफिस नहीं गया था और अपनी मां से कह दिया था कि मैं ऑफिस जा रहा हूं क्योंकि मुझे आज अपनी मां का पीछा करना था और मैंने अपनी मां का पीछा करना शुरू कर दिया था मैं देख रहा था कि वह आखिर कहां जाती है अब मुझे पता चल रहा था कि ज्यादातर समय मेरी मां घर से बाहर ही गुजारती है काफी काफी देर तक घर से बाहर रहती है इस बात ने मुझे चौकन्ना कर दिया था और मेरी पत्नी थी कि मुझे कोई बात ही नहीं बताती थी
मैं वर्षा से भी कोई बात पता नहीं कर पा रहा था अब जो करना था वो मुझे खुद ही करना था इसलिए मैं अपनी मां का पीछा कर रहा था मेरी मां हमारे घर से काफी दूरी पर आ गई थी मेरी मां रिक्शे में थी और मैं भी रिक्शा में ही बैठा हुआ था फिर मेरी मां एक ऐसी जगह पर जाकर रुक गई जहां की जगह काफी सुनसान थी यहां पर एक छोटी सी झोपड़ी बनी हुई थी इस झोपड़ी में काफी सारे लोग बैठे हुए थे और उसमें एक बाबा भी बैठा हुआ था जो जादू टोने का काम कर रहा था
मैं चोरी चुपकर इस झोपड़ी के अंदर झांक कर सब कुछ देख रहा था मेरी मां उस बाबा से कह रही थी कि मुझे बली का खून दे दो और जल्द से जल्द मेरी बहू के बच्चे को उसके पेट में ही मार दो बाबा कहने लगा कि यह बली का खून ले लो और मेरी मु मांगी कीमत के पैसे दे दो मेरी मां ने उसे ₹ हज दे दिए थे उस बाबा ने कहा कि जल्दी ही तुम्हारी बहू की हालत खराब हो जाएगी और उसका बच्चा पेट में ही खत्म हो जाएगा
क्योंकि मैं अपनी बहू से बहुत तंग आ चुकी थी अब मैं उसको अपने घर में और ज्यादा बर्दाश्त नहीं कर सकती मैं चाहती हूं कि इस बच्चे के साथ-साथ मेरी बहू भी खत्म हो जाए ताकि मैं अपने बेटे की शादी तब करवाऊं जब वह अपने घर की जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से संभाल ले बाबा ने मेरी मां से कहा कि तुम परेशान ना हो तुम हमें जितने पैसे देती हो उस हिसाब से हम तुम्हारे लिए बहुत कुछ कर रहे हैं
कुछ दिन रुक जाओ तुम जैसा कहोगी वैसा ही होगा लेकिन उसके लिए हमें जानवर की बली चढ़ा होगी हम तुम्हें उसका खून देंगे फिर तुम उसे अपनी बहू को खाने में मिलाकर दे देना जिसकी वजह से तुम्हारी बहू और उसका बच्चा दोनों ही इस दुनिया से चली जाएंगे मेरी मां यह बात सुनकर बहुत खुश हो गई थी और उन्होंने ढेर सारे पैसे उस बाबा के हवाले कर दिए और वह खुद वहां से काले रंग की थैली में खून लेकर वापस आने लगी थी
अपनी मां की बात सुनकर तो मेरे होश उड़ गए थे कि मेरी मां मेरी पत्नी के साथ इतना गलत क्या कैसे कर सकती थी मैंने वहां से निकलते ही अपनी मां को पुकारा मुझे देखते ही मेरी मां के तो होश ही उड़ गए थे वह घबरा गई और कहने लगी बेटा तुम यहां पर कैसे आए उन्होंने अपनी फीलिंग्लेस हो चुका था उनकी नजरें झुकी हुई थी मगर उनके बोलने में ईगो अभी भी था वो मुझसे कहने लगी बेटा मैं तो यहां अपनी पड़ोस की एक औरत के लिए आई थी
बाबा ने उसके लिए दवाई दी थी वो बीमार है ना इसीलिए तुम्हें तो पता है कि हमारे मोहल्ले के कुछ लोग इन बाबा का ही इलाज करते हैं मैंने अपनी मां से कहा मां बेवकूफ किसी और को बनाना मैंने उनकी आंखों में आंखें डालकर देखते हुए कहा था तो वह भी मुझ पर फट पड़ी और कहने लगी हां तो तुम्हें क्या लगता है कि मैं तुम्हारी पत्नी को सारी जिंदगी बर्दाश्त करती रहूंगी मुझे पता है कि तुम सच्चाई जान गए हो
अब तुम सारी सच्चाई पता लगा ही चुके हो तो फिर तुमसे क्या छुपाना तुम्हें कभी इस बात का एहसास नहीं हुआ कि सारी जिंदगी तुम्हारी मां ने लोगों के यहां झाड़ू बर्तन करके तुम्हारी परवरिश की और तुम्हें पढ़ने के लिए दिल्ली भेजा ताकि तुम किसी काबिल बन सको और हमारी परेशानियों को दूर कर सको लेकिन तुमने तो वहां जाकर इस लड़की को पसंद कर लिया और इससे शादी करने की जिद कर ली
मैं चाहती थी कि पहले तुम अपनी जिम्मेदारियां समझो लेकिन मेरी एक ही बेटी है उसकी शादी धूमधाम से करो तुमने तो मेरी बेटी की शादी भी सादगी से ही कर दी जबकि मेरा सपना था तुमने तो इस लड़की के चक्कर में अपनी मां बहन को और घर की जिम्मेदारियों को समझने की कोशिश ही नहीं की तुमने कभी इस बात का एहसास ही नहीं किया कि तुम्हारी मां ने झाड़ू बर्तन करके तुम्हारी परवरिश की अरे मैं चाहती थी कि तुम अच्छी जगह नौकरी करो
और ज्यादा पैसे कमाओ लेकिन तुम तो मुझे इतना करने के बावजूद भी अपनी कमाई नहीं दे सके तुम्हें क्या लगता है कि इस महंगाई के दौर में मैं तुम लोगों का तो खर्चा उठा ही रही हूं साथ-साथ तुम्हारे बच्चे का भी खर्चा उठाऊं तुम मुझे घर में एक टका नहीं देते वो ब हज भी तुमने मुझे अपनी पत्नी की देखभाल के लिए ही दिए थे क्योंकि तुम अपनी पत्नी के दीवाने हो चुके हो और उसकी मोहब्बत में तुम्हें कुछ दिखाई नहीं देता
तुमने उसकी वजह से मेरे सारे सपनों को चूर-चूर कर दिया बल्कि तुम इसकी वजह से और ज्यादा कर्जदार हो गए मुझे तो वह पहले से ही पसंद नहीं थी बस मैंने तुम्हारी खुशी की खातिर उसे एक्सेप्ट कर लिया था मैं उसे तुमसे दूर करना चाहती हूं इसीलिए मैंने अपना थोड़ा-थोड़ा जेवर बेचकर इस बाबा से तुम्हारे बच्चे और तुम्हारी पत्नी को खत्म करने का इलाज करवा रही हूं यही वजह है कि तुम्हारी पत्नी अब तुमसे बात नहीं करती
हां मैं ही थी जो हर रात तुम्हारी पत्नी के शरीर पर खून लगा दिया करती थी क्योंकि बाबाज ने कहा था कि अपनी बहू के शरीर पर खून लगाने से या फिर उसकी उस जगह पर खून का कटोरा रखने से जहां पर वह सोती है तुम्हारी बहू धीरे-धीरे बीमार रहने लगेगी और वह अपने पति से भी दूर रहेगी तुम कुछ भी करोगे वह तुम्हारे बेटे को कुछ नहीं बताएगी यही वजह है कि तुम्हारी पत् पत्नी का मुंह पूरी तरह से बंद हो गया है
और जिस जानवर के खून की छींटे मैं उसके खाने में मिला देती हूं उसको खाने से उसकी सेहत खराब हो रही है जिसकी वजह से अभी तक तुम्हारी पत्नी बीमार है और उसके पेट में तुम्हारे बच्चे की ग्रोथ भी नहीं बढ़ रही तुमने मेरा बहुत दिल दुखाया है भगवान तुम्हें इसकी सजा जरूर देगा मां की बातें सुनकर तो मेरा पारा हाई हो गया था आखिर वह इतनी बुरी कैसे हो सकती थी मैंने अपनी मां से कहा मां आपने मेरी पत्नी के साथ बहुत बुरा किया है
मैंने आपको कभी पैसे देने से इंकार नहीं किया बल्कि मेरा भगवान जानता है कि मैं अपने घर के हालात को सुधारना चाहता था पर कुछ जिम्मेदारियों में ऐसा घिर गया कि जैसा मैं चाहता था ऐसा कुछ भी नहीं हो सका आप जो भी कर रही हो अपनी नफरत की वजह से कर रही हो क्योंकि आपको मेरी पत्नी शुरू से ही पसंद नहीं थी और आप मेरी इतनी जल्दी शादी नहीं करवाना चाहती थी इस सब में मेरा या फिर मेरी पत्नी का कोई कसूर नहीं है आपने उसे कई तरह की बातें सुनाई
मगर वह बेचारी खामोशी से आपके साथ जिंदगी गुजारती रही है आपने जो किया बहुत गलत किया भगवान इसके लिए आपको कभी माफ नहीं करेगा मेरी मां अपनी गलती मानने के बजाय मुझ पर ही चल रही थी कहने लगी बेटा अभी तो तुम देखना कि भगवान तुम्हारे साथ क्या करता है तुमने अपनी मां का बहुत दिल दुखाया है तुम्हें इसका जरूर बदला मिलेगा देख लेना तुम्हारा बच्चा इस दुनिया में कभी नहीं आएगा और अगर पैदा हो भी गया
तो जिस तरह से तुमने मुझे धोखा दिया है इस तरह से वह भी तुम्हें धोखा देगा मैंने अपनी मां से कहा बस मां खामोश हो जाओ मेरी मां वहां से चली गई थी और मैं काफी देर तक वहां खड़े होकर इस बात पर अफसोस करता रहा था कि मेरी मां ने जो कुछ किया वह बहुत गलत किया मैं घर आ गया था लेकिन हैरान कर देने वाली बात यह थी कि मेरी मां अभी तक घर वापस नहीं आई थी जबकि वह मुझसे पहले ही घर से निकली थी मैंने देखा कि मेरी पत्नी की तबीयत ठीक नहीं थी
मैं उसे डॉक्टर के पास लेकर गया तो डॉक्टर ने फिर से वही ही बात बताई थी मेरी पत्नी कोई नशे की चीज नहीं ले रही थी बल्कि इसी बाबा की वजह से जो जानवरों का खून मेरी मां को दे रहा था उनकी वजह से मेरी पत्नी की ऐसी कंडीशन हो रही थी क्योंकि वही खून मेरी मां मेरी पत्नी को खाने में मिलाकर दे रही थी थोड़ी देर के बाद खबर आई कि मेरी मां का एक्सीडेंट हो गया और मेरी मां अस्पताल में भरती है
मैं जब अपनी मां से मिलने गया तो मेरी मां की दोनों टांगे एक्सीडेंट में खराब हो चुकी थी डॉक्टर को मेरी मां की टांगे काटनी पड़ गई थी मेरी मां ने जो किया था उसे उनकी सजा मिल गई थी मेरी मां को इस बात का एहसास हो गया था उन्होंने मुझसे हाथ जोड़कर माफी मांगी थी क्योंकि वह गलत कर रही थी इसलिए गलत की सजा उन्हें ही मिली थी मेरी मां काफी समय तक लाचार पड़ी रही
क्योंकि अब मेरी मां की कहीं भी जाने की हालत नहीं रही थी अब वह घर में ही लाचार बनकर रहती थी धीरे-धीरे मेरी पत्नी की सेहत भी ठीक होने लगी थी मेरी पत्नी ने समय पूरा होते ही एक सेहतमंद बच्चे को जन्म दिया था मेरी मां समझ गई थी कि गलत वह थी गलत मेरी पत्नी या फिर मैं नहीं था शायद इस घर के हालात सुधारना मेरे भाग्य में ही नहीं लिखे हुए थे क्योंकि मैं मेहनत से पीछे नहीं था मां को तो अपनी गलती का एहसास हो गया था अब वह सारी जिंदगी के लिए लाचार हो गई हैं
और हम दोनों पति-पत्नी से माफी मांगती हैं एक मां कितनी ही बुरी क्यों ना हो पर वह कभी अपनी औलाद को बददुआ नहीं दे सकती मेरे बिना कुछ किए बिना ही मेरी मां ने मेरे साथ बहुत गलत किया था क्योंकि वह इस गलतफहमी का शिकार थी कि मैं घर की जिम्मेदारियां नहीं निभाना चाहता मेरे बच्चे के कदम इस घर में इतने शुभ आए थे कि धीरे-धीरे हमारे घर की परेशानियां खत्म हो गई थी
मेरी दूसरी जगह पर नौकरी लग गई थी जहां पर मेरी सैलरी काफी ज्यादा अच्छी थी मगर मेरी मां ठीक नहीं हो सकी वो इसी तरह से लाचार एक तरफ बिस्तर पर पड़ी रहती है क्योंकि अब वह चलने के काबिल नहीं रही मेरी पत्नी उनकी बहुत सेवा करती है मैं अपने बेटे और अपनी पत्नी के साथ बहुत खुश हूं मगर मुझे अपनी मां को ऐसे देखकर आज भी बहुत अफसोस होता है |
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