मशवरा | Suvichar Hindi Story | Sad And Emotional Hindi Story | Moral Hindi Story

Suvichar Hindi Story : रात का वक्त था और मुझे इस समय इस कमरे में नहीं होना चाहिए था यह वही कमरा था जहां से मुझे औरतों की अजीब सी आवाज आती थी और इस कमरे में भी चार से पांच औरतें थी मैं यहां पर क्यों आ गई क्योंकि अगर यहां पर कुछ बुरा होता तो फिर मेरे साथ भी तो वही होना था लेकिन मुझे यह राज जानना चाहती थी और यह राज जानने की उत्सुकता ही मुझे यहां तक ले आई थी 

लेकिन यह जो उत्सुकता होती है ना यह कोई अच्छी चीज नहीं होती कभी-कभी यह आपको बड़ी मुसीबत में भी डाल देती है थोड़ी सी डरी हुई भी थी लेकिन जिस आदमी ने इस कमरे में आना था मैं उसको अच्छी तरह जानती थी सोचा कि वह मेरे साथ बुरा नहीं करेगा यह कमरा बहुत अजीब सा था बाहर से छोटा लगता था लेकिन बहुत बड़ा था इस कमरे को चार दरवाजे लगते थे पता नहीं इन दरवाजों से अंदर कौन सी मुसीबत आने वाली थी

 और किस तरफ से आनी थी यह भी किसी को पता नहीं था फिर थोड़ी देर बाद बाहर गाड़ियों रुकने की आवाज आने लगी जैसे बारी-बारी गाड़ियां रुक रही हैं फिर कुछ मर्दों की आवाज आई जैसे वे आपस में बातें कर रहे हैं और अंदर आ रहे हैं इससे पहले कि मैं और भी ज्यादा डर जाती वह आदमी वहां पर आ गया जिसको मैं अच्छी तरह जानती थी और उसी की वजह से आज मैं यहां पर थी

 मुझे ऐसा लग रहा था कि वह किसी मंत्र रास्ते पर है और मैं उसे रोकना चाहती थी पर यह नहीं पता था कि वह अब रुकने वालों में से नहीं था मैं यहां कभी भी नहीं आती तो सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं देखना चाहती थी कि वह इस कमरे में क्या कर रहा है थोड़ी देर के बाद उसने एक लड़की को बुलाया और कहा यहां आओ मेरे सामने खड़ी हो जाओ मैं छुपी हुई थी इसलिए वह मुझे देख नहीं पा रहा था पर फिर उसने उस लड़की को ऐसी फरमाइश कर दी कि वह लड़की शर्म से पानी पानी हो गई

 पर उसकी मजबूरी थी क्योंकि जो उसे कहा गया था वह तो उसने करना ही था और देखते ही देखते बारी-बारी उसने अपने सारे जब मेरे पति से शादी हुई हमारी शादी की पहली रात थी तो वह कमरे में आया और उसने आकर ऐसी बात की कि मैं बहुत ज्यादा डर गई मुझे पहले ही मेरी दोस्तों और रिश्तेदारों ने डरा दिया था और सचमुच डरा दिया था मैंने कहा था कि यह जो शादी होती है उसमें तो बहुत सारे मसले मसाइल होते हैं और शादी की रात तो सबसे ज्यादा महत्त्वपूर्ण होती है और इस दिन अगर कोई गड़बड़ हो जाए तो पति सारी जिंदगी याद रखता है

 

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 उन्होंने मुझे ऐसी-ऐसी बातें बताई थी जो मैं अब यहां पर नहीं बता सकती लेकिन आप लोग समझ ही गए होंगे इसलिए मैं बहुत डरी हुई थी और फिर मेरी किस्मत थी या क्या मामला था कि मेरा पति भी आगे से ऐसा निकला कि उसने भी मुझ पर हल्का हाथ नहीं रखा और ऐसी बातें की कि मैं बहुत डर गई मेरे पति का नाम राजेंद्र था उसने कहा कि मेरी बात बहुत ही गौर से सुनना तुम्हें मैंने अपनी मर्जी से पसंद किया तुम्हारी तस्वीर मुझे बहुत अच्छी लगी थी तुम मुझे बहुत मासूम लगी थी

 इसलिए मैंने तुमसे शादी की अब तुम मासूम ही बनकर रहना क्योंकि अगर तुम चालाक बन गई तो फिर तुम्हारे लिए इस घर में रहना मुश्किल हो जाएगा मैंने पूछने लगी कि चालाक कैसे बन जाऊंगी तो उसने कहा कि अभी मेरी बात खत्म नहीं हुई यह तो मुझे इस तरह का आदमी लग रहा था कि जैसे कोई बहुत ही ज्यादा डिसिप्लिन वाला आदमी पसंद होता है और मैं वाकई मासूम थी क्योंकि मेरी उम्र कम थी 

और मुझे ज्यादा बातों के बारे में पता भी नहीं था घर की सबसे छोटी बेटी थी उसने कहा कि अगर मेरी बात मानोगी तो यह घर तुम तुम्हारे लिए स्वर्ग बन जाएगा और अगर मेरी बात नहीं मानोगी तो यह घर तुम्हारे लिए नरक बन जाएगा तुम अपने कमरे में रहो किचन तक जाओ जो दिल करता है करो खाओ पियो तुम्हें शॉपिंग करने से कोई नहीं रोकेगा तुम्हें जाना है तो मेरे साथ जाना होगा

 लेकिन जहां कहोगी वहां ले जाऊंगा तुम्हारे घर वालों के सामने तुम्हारी इज्जत बनाऊंगा उनके सामने यह बात साबित कर दूंगा कि तुमने मुझे बहुत खींच कर रखा है लेकिन मेरा कोई भी अपना इस घर में नहीं आता इसलिए मेरी तरफ तुम्हें यह साबित करने की जरूरत नहीं होगी मुझसे बिना वजह के सवाल नहीं करोगी मैं कहां जाता हूं कहां से आता हूं क्या करता हूं तुम नहीं पूछो गी घर में जो भी हो रहा है 

तुम ऐसे रहोगी कि जैसे तुम्हारे कान भी नहीं है और तुम्हारे मुंह में जबान भी नहीं है और तुम आंखों से भी अंधी हो क्योंकि ना तुमने कुछ करना है ना देखना है ना कहना है बाकी मैं तुम्हें अपने दिल की शहजादी बनाकर रखूंगा तुम्हें बहुत प्यार दूंगा तुम मेरे साथ रहोगी तो तुम्हें अपने आप से प्यार हो जाएगा उसने मुझसे यह सब कहा तो मैंने हां मैं सर हिला दिया और फिर लड़की जैसी भी हो शादी के पहले दिन तो वह कुछ भी नहीं बोलती

 वह तो मोम की गुड़िया की तरह बैठी रहती है और बस हां ही कहती है और यहां तो मेरा पति मेरे सामने ही कह रहा था कि अगर कुछ और किया तो यह घर तुम्हारे लिए नर्क बन जाएगा और नर्क में तो कुछ अच्छा नहीं होता ना मतलब उसने मुझे अच्छा खासा डरा दिया यह घर बहुत बड़ा था यहां 20 कमरे थे लेकिन दूसरे मंजिल पर कोई भी नहीं जाता था मेरे मम्मी पापा ने भी लड़के के पैसे देखकर ही शादी की थी इसीलिए मैंने ज्यादा खोजबीन भी नहीं करवाई थी मेरा नाम पूनम है 

और मैं आप लोगों को अपनी जिंदगी की कहानी सुना रही हूं अब एक मासूम सी लड़की जिसको किसी बारे में पता ही नहीं है उसको ऐसा धांसू और खतरनाक किस्म का पति मिल जाए और वह पहले ही दिन कह दे कि मेरी बात मानना नहीं तो बहुत बुरा होगा तो उसके छोटे से दिल से क्या गुजरेगी मेरे पति ने कहा कि तुम्हारे लिए मैंने दो कमरे सजाए हैं एक हमारा बेडरूम है 

और दूसरे कमरे में तुम पूरा दिन बैठ सकती हो वहां पर बड़ी से एलआईडीटी थी लेकिन उसने साथ मुझे यह भी कहा कि इतना खाना मत खाना कि तुम्हारा वजन बढ़ जाए मुझे ज्यादा मोटी औरतें भी नहीं पसंद हैं जैसी हो वैसी ही रहना किचन भी बहुत बड़ा था घर में काम करने के लिए दो नौकरानी आती लेकिन जब घर की मालकिन को इतना डरा दिया तो नौकरा नियां तो ऐसी डरी सहमी रहती थी कि सर उठाकर देखती भी नहीं थी बस काम करती

 और जो उनको कहो वह करके चली जाती थी मेरा पति पूरा दिन घर से बाहर रहता था मुझे नहीं पता वह क्या करता था रात को बेडरूम के अंदर आ जाता तो मुझे कॉल करता कि मैं कमरे में आ गया हूं अपने आप को थोड़ा सा साफ सुथरा करो मेरी पसंद के कपड़े पहनो और खुशबू लगाकर मेरे पास आ जाओ मैं उसके कमरे में ऐसे जाती जैसे कोई नालायक छात्र मैथ की क्लास में जाता है

 जैसे आता कुछ नहीं है लेकिन वह सर झुकाकर चला जाता है उसे पता होता है कि आज उसकी क्लास लगने वाली है लेकिन मेरा पति मेरा ख्याल करता था मुझे अच्छे तरीके से रख रहा था बुरा इंसान नहीं था पर थोड़ा सा अजीब था मेरी एक दोस्त कह रही थी कि बहुत ज्यादा अमीर होने के लिए इंसान को थोड़ा सा अजीब होना पड़ता है सीधे-साधे लोग कभी अमीर नहीं होते शायद इसीलिए वह ऐसा था पैसे की भी कोई रोक टोक नहीं थी वह मुझे बहुत सारे पैसे देता था पिछले पैसे खत्म नहीं होते तो फिर और भी देता था

 मेरे लिए एक गाड़ी और ड्राइवर भी रखा हुआ था मैं जब उसे कहती मुझे ले जाता था मैं अपनी मम्मी के घर भी चली जाती यहां पर ना तो मेरी कोई सासू मां थी ना ही कोई जेठानी थी ना देवरानी थी ना ननद थी कोई भी नहीं था यह घर मेरे लिए बिल्कुल अकेला था और मैं यहां की अकेली मालकिन थी लेकिन अपने ही घर में दो कमरों के अलावा मुझे कहीं जाने की इजाजत नहीं थी और मैं नहीं जा सकती थी इंसान के अंदर एक बहुत अजीब सी बात होती है उसे जिस काम से मना करते हैं 

ना वह उस काम को ही करने की कोशिश करता है जो मुझे मेरे पति ने मना किया कि तुम्हें बाकी घर में नहीं जाना तो पता नहीं बार-बार क्यों मेरा दिल उसी तरफ जाने को कर रहा था यह बात थी बहुत अजीब लेकिन अब मेरे दिमाग पर यह बात सवार हो गई थी कि उसने मुझे मना क्यों किया है वह मुझे ऐसे क्यों रख रहा है जैसे मैं उसकी गुलाम हूं मैं उसकी पत्नी नहीं हूं मैं भी उससे सवाल कर सकती हूं मैं भी गुस्सा कर सकती हूं एक दिन मैंने सोचा कि मैं आज गुस्सा कर देखती हूं यह क्या करता है 

और मैंने बहाना इस बात का बनाया कि आप आज घर देर से क्यों आए हैं वैसे तो वह रोज ही देर से आता था जब उसने मुझे कमरे में बुलाया तो मैंने थोड़े तेवर दिखाए और मैंने कहा कि आप देर से क्यों आए मैं कब से आपका इंतजार कर रही थी पत्नी हूं मैं आपकी इतना तो हक है ना मेरा कि मैं पूछ सकूं कि आप देर से क्यों आए किसके साथ थे क्या कर रहे थे मैं एक ही सांस में बोल पड़ी मैंने भी कोई ड्रामा देखा था जिसका एक सीन मुझे याद था बस उसी की हीरोइन की तरह मैं बोलने लगी

 और अभी मैं बोल रही थी कि मेरे पति का जोरदार थप्पड़ मेरे मुंह पर आकर लगा और मैं एक तरफ गिर गई मुझे आज तक मेरे पापा जी ने भी कभी नहीं मारा था और मेरे पति ने जब मेरे मुंह पर थप्पड़ ही दे मारा तो मैं हैरान रह गई फिर उसने मुझे ऊपर उठाया और मेरे बाल ठीक किए और कहा कि आज तुमने यह जबान कैसे चलाई आगे ऐसा नहीं करना कभी-कभी मुझे ऐसा लगता था कि यह आदमी नहीं है यह कोई रोबोट है मैं रोबोट के साथ रह रही हूं जिसके अंदर कोई प्रेम नाम की चीज ही नहीं है

 बस अपने काम का पूरा है उसने साथ ही मुझे यह भी कह दिया कि अब टिपिकल पत्नियों की तरह कभी मुझसे नाराज मत हो जाना तुम्हें थप्पड़ मार दिया तो क्या हुआ यह सब तो चलता ही रहता है वैसे भी गलती तुम्हारी थी तुम्हें मेरे सामने जबान नहीं चलानी चाहिए थी मैं तो इतना डर गई थी कि मैं कैसे जबान चलाती मैं उससे नाराज भी नहीं हुई और बिल्कुल नॉर्मल हो गई मेरे पति ने तो कहा था कि इस घर में उसका कोई भी रिश्तेदार नहीं आएगा और ना ही मेरा कोई रिश्तेदार बार-बार आएगा 

लेकिन एक दिन वह अपनी एक मां और चार जवान बहनों को लेकर आ गया जब मुझसे मिलवाया और मैं आगे बढ़ने लगी तो वह लोग डरी हुई सी नजर आने लगी और मेरे पति ने भी कह दिया कि इनको ज्यादा सर चढ़ाने की जरूरत नहीं है उनको एक कमरे में जगह दे दी लेकिन मुझे कहा कि तुम वहां नहीं जाओगी और उनके कमरे में खाना पना नौकरानी दे दिया करेगी तुम पहले की तरह ही रहूंगी

 बिलकुल ऐसे जैसे यह लोग यहां पर हैं ही नहीं यह सब मेरे लिए मुश्किल था एक घर में इतनी सारी लड़कियां रह रही थी और मैं उनसे ऐसे कैसे पेश आ सकती थी कि वह यहां पर है ही नहीं वैसे भी पूरा दिन मैं बोर होती रहती थी जैसा मैंने पहले बताया था कि इस घर में काम करने वाली नौकरानी आंख उठाकर बात भी नहीं करती थी मेरे पास करने के लिए कुछ नहीं होता था मैं शॉपिंग करके टीवी देखकर फिल्में देखकर तंग आ गई थी यह सब कुछ आपको अच्छा तो लगता है

 लेकिन जब आपको रोज यही सब करने को मिले तो फिर अच्छा नहीं लगता फिर इंसान बोर हो जाता है मुझे पता है कि वह मेरी जिंदगी के कोई अच्छे लोग नहीं थे सासू मां कभी भी अच्छी नहीं होती और पति की बहन तो वैसे ही आपको तंग करती है लेकिन क्या पता कि वह अच्छी होती और मेरे साथ अच्छे से रहती तो फिर मुझे क्या था मैं बुरी इंसान तो नहीं थी पर मेरे पति ने कह दिया तुम इनके मामले में मैं नहीं बोलूंगी मैंने भी अपने पति से थप्पड़ खाया था जो वह कहता मैं मैंने मान लिया 

उसने उसे थप्पड़ वाली बात को बिल्कुल भी दोबारा नहीं किया जैसे कुछ हुआ ही नहीं है ऐसे फिर रहा था कि जो किया है बिल्कुल ठीक किया है लेकिन उस दिन के बाद मुझे यह बात जरूर समझ आ गई थी कि मैं कुछ भी बोल नहीं सकती हूं अब मेरे दिल में मेरे पति के लिए जहर पनपने लगा था ऐसा लगता था कि वह पिंजरे में रखने के लिए एक सुंदर पंछी को लाया है लेकिन उस पंछी को आजाद नहीं करना चाहता

 अपनी मर्जी होती थी तो अच्छे से बात करता था मूड खराब होता तो बातें सुनाता गुस्सा करता बाहर ले जाता तो वहां पर भी मैं अपनी मर्जी से कुछ नहीं कर सकती थी किसी को आंख उठाकर देख भी नहीं सकती थी अगर देख लेती तो सवाल करता था क्या देख रही थी किसको देख रही थी जब हम किसी होटल में जाते तो खुद ही अपनी पसंद का खाना ऑर्डर कर लेता और फिर मुझसे पूछता कि खाना अच्छा है ना इसी तरह अगर सोपिंग की बात करता तो अपनी पसंद की चीजें लेकर दे देता 

और बाद में कहता था कि कितनी अच्छी लग रही हो तुम और यह सूट अच्छा लग रहा है यह तो वही बात हो गई थी कि पिंजरा सोने का था लेकिन था तो पिंजरा ही जो मेरे साथ हो रहा था उनके साथ भी वही हो रहा था वह तो अपने कमरे से बाहर भी नहीं निकलती थी मैं तो फिर भी बाहर निकल जाती किचन में चली जाती मेरा पति मुझे कहीं ले जाता लेकिन उन लोगों को तो जैसे कैद करके रखा था

 पर वह लोग आपस में तो बात कर लेती होंगी ना और मैं तो अकेली रहती थी सुबह मुझे मेरे पति सोते हुए छोड़कर चला जाता और पूरा दिन ना मुझे उसकी शक्ल दिखाई देती थी और ना ही मुझे फोन करता था अब मैंने सोचा कि पता तो चले कि दिन भर करता क्या है लेकिन फिर मुझे यह पता चला कि वह घर पर ही होते हैं क्योंकि उसकी गाड़ी भी घर पर खड़ी रहती थी और ड्राइवर भी और चौकीदार के मुंह से निकल गया कि साहब तो अंदर ही हैं मैं हैरान थी कि अगर अंदर था तो फिर कहां था

 और मेरे कमरे में तो नहीं था मुझे तो कह कर गया था कि मैं घर पर नहीं हूं मैंने अपने पति पर थोड़ी नजर रखी तो मेरे सामने यह बात आई कि वह अपनी मां और बहनों के कमरे में चला जाता था अब तो रात को भी वहीं पर होता था क्योंकि जब से वह लोग आए थे उसने मुझे अपने कमरे में बुलाना छोड़ दिया था मुझे उसे कमरे के अंदर जाने की इजाजत नहीं थी लेकिन मैं बाहर से तो सुन सकती थी कि अंदर क्या बातें हो रही हैं

 और मैंने ऐसी आवाज सुनी कि मैं हैरान रह गई क्योंकि अंदर से तो उन लड़कियों की सिसकियां लेने की आवाज आ रही थी मेरे पति कमरे में गए और अंदर से ऐसी आवाज आ रही थी लेकिन उन्होंने कहा था कि उनकी मां मा और बहने हैं लेकिन उनकी शक्ल से तो वह ऐसा नहीं लग रहा था क्योंकि मेरे पति का रंग सांवला था और वह बहुत ज्यादा सुंदर और गोरी लग रही थी और मुझे उनसे बहुत डर भी लग रहा था 

मेरे पति की तो शक्ल ही ऐसी थी कि जैसे वह कोई गलत काम करता है इसलिए मेरा पहला शक उसी पर ना जाता तो और कहां जाता इसलिए मैंने सोच लिया कि वह मुझसे झूठ बोल रहा है उसने मुझे कहा कि औरतों को मैंने बाहर निकालने की अनुमति दी है लेकिन तुम उनसे बात नहीं करोगी अगर मुझे पता चल गया कि तुमने उनसे बात की है तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा और यह मत समझना कि मुझे पता नहीं चलेगा 

तुम्हें पता भी नहीं है कि इस घर में कैसे-कैसे सिस्टम लगे हुए हैं तुम पूरा दिन क्या करती हो मुझे पता चल जाता है यह सुनकर मैं परेशान हो गई मुझे लगा कि उसने कमरे लगाए हुए हैं तभी तो वह कह रहा है कि पूरा दिन तुम क्या करती हो मुझे पता चल जाता है यहां सिस्टम लगे हैं लेकिन मैंने औरतों को दूर से देखा मेरे पति शायद उन्हें बाहर लाने की इजाजत दी थी और वे दोनों गार्डन में बैठे थे कहीं जा नहीं सकती थी 

उनकी हालत बड़ी अजीब लग रही थी वह लंगड़ा लंगड़ा के चल रही थी और जब मैं थी तो उनकी हालत इतनी बुरी नहीं थी अभी तो बहुत बुरी हो गई थी नौकरानी ने उनको खाना भी वही दे दिया और मैंने देखा कि वह खाना खाते हुए रो रही थी लेकिन उनकी मां उन्हें समझा रही थी और कह रही थी कि चुपचाप खाना खा लो और खाना ऐसे खा रही थी जैसे चार दिन बाद उनको खाना मिला है

 मैंने नौकरानी से पूछा कि यह जो मेरे पति की बहने हैं क्या तुम रोज खाना नहीं देती तो पहले तो बता नहीं रही थी बाद में कहने लगी कि जब साहब कहते हैं तो तब खाना दे देती हूं मैंने कहा कि फिर भी तुम्हें इतना तो याद होगा ना कि तुमने उनको आखिरी दफा कब खाना दिया था तो उसने कहा कि परसों दिया था यानी कि इन लोगों को इतने दिन का खाना नहीं दिया गया था और उसके बाद अब खाना दिया था मैंने कहा कि तुम्हारे साहब ने ऐसा क्यों कहा है कोई इतनी देर तक कैसे भूखा रह सकता है यह तो जुल्म है 

उसने कहा कि यहां एक और जुल्म भी है यह शब्द उसकी जुबान से निकल गया मैंने कहा कि मुझे बताओ क्या बात है तो वह डरने लगी उसने कहा कि नहीं मैं नहीं बताऊंगी फिर मुझे भी अचानक से याद आया कि इस घर में तो कैमरे लगे हुए हैं मुझे ऐसी बात नहीं करनी चाहिए लेकिन मैंने इंटरनेट पर एक वीडियो देखी जिससे यह पता चल जाता है कि अगर आपके घर में कैमरे लगे होते हैं 

तो क्या होता है मैंने अपना फोन का कैमरा ऑन एन किया और पूरे घर को स्कैन किया अगर कैमरा लगा होता तो मुझे कहीं से लाल रोशनी नजर आ जाती यही तरीका है पता लगाने का कैमरा लगा हुआ है या नहीं यानी कि हिडन कैमरा लेकिन ऐसा कुछ नहीं था पूरे घर में कोई कैमरा नहीं था इसका मतलब क्या है मेरा पति हम लोगों के दिमाग के साथ खेल रहा था उसने यह झूठ बोला था

 हमें बेवकूफ बनाने के लिए कि मैं कह दूंगी कि कैमरे लगे हैं तो यह अपनी जगह पर बैठी रहेगी कुछ तो ऐसा हो रहा था उस कमरे में जो वह मुझसे छुपा रहा था बल्कि डरता भी था कि कहीं मैं वहां तक ना पहुंच जाऊ जाऊ सारी चीजें मिलकर मुझे उसे तरफ जाने के लिए विवश कर रही थी जहां पर शायद मुझे नहीं जाना चाहिए था बात ऐसी थी कि जब मेरा पति उसे कमरे में जाता तो वहां से अजीबोगरीब किस्म की आवाज आती थी

 औरतें चिल्लाती थी और अब जब मेरा पति वहां से बाहर निकला तो उसके हाथों में बहुत सारे पैसे थे मैं हैरान रह गई मेरा पति मुझे उन औरतों के करीब ही नहीं जाने देता था कि अगर वह एक कमरे में खड़ी है तो तुमने उसे कमरे में भी नहीं जाना और यह बात वैसे करता था कि जैसे अगर मैं चली गई तो वह मुझे अपनी जिंदगी से निकाल देगा मेरे मां-बाप मेरा इस आदमी के साथ शादी करवाकर बहुत खुश थे वह कहते थे कि बहुत अच्छा इंसान है सिर्फ तुम्हें कितनी अच्छी तरह से रखा हुआ है ऐसे हम तुम्हें कभी भी ना रख पाते बात तो ऐसी ही थी

 मैं अपनी बहनों में सबसे छोटी थी मेरी सारी बहनों का रिश्ता जिस जगह पर हुआ था वह बिल्कुल भी खुश नहीं थी उनको अपने सारे काम खुद करने पड़ते थे उनके पति भी उनका ख्याल नहीं करते थे और जैसा मैंने पहले बताया मेरे पति ने मेरे घर वालों के सामने यह बात साबित कर दी थी कि वह मुझसे बहुत प्यार करता है और पागलों की तरह मेरा ख्याल करता था उसने कहा था कि हमारे रिश्ते के कुछ उसूल हैं 

और उसने एक उसूल यह है कि हमारे कमरे में हम एक दूसरे के साथ जैसे भी रहे हम किसी को यह नहीं बताएंगे कि हमारे साथ कोई मसला है क्योंकि दुनिया वाले ऐसी बातों पर हंसते हैं तमाशा देखते हैं और मुझे ऐसे लोग बिल्कुल नहीं पसंद इसलिए किसी को कहने से अच्छा है कि हम खुद ही अपने आप को ठीक रखें तो फिर सारे मामले भी ठीक रहते हैं मेरी बहन भी मुझे देखती थी तो अजीब अजीब बातें करती थी 

कहती थी कि हाय तुम्हारे जैसा हमारी किस्मत कहां से तुम्हारी किस्मत की जैसी हमारी जिंदगी होती तो हम भी बड़े खुश होते तुम्हारे पर्स में हर टाइम पैसे होते हैं तुम्हारा पति तुम्हारी इतनी परवाह करता है और तुम इतने बड़े घर में रहती हो और तुम्हारे घर में कोई सांस भी नहीं है मैंने भी उनको नहीं बताया था कि मुझे घर में क्या मसले हैं ठीक कहता था मेरा पति कि लोग तमाशा देखते हैं 

लेकिन अब तमाशा भी रोज ही लगने लगा था मेरा पति मुझ पर ही गुस्सा निकालता था वह रात को उन औरतों के कमरे में चला जाता था पूरी रात बैठकर वहां पर क्या करता रहता था अगर मुझसे कोई बात करने जाता था तो वह बात करने में कितनी देर लगती एक घंटा दो घंटे वह तो पूरी रात वहां पर गुजार देता था और एक दिन तो कुछ बहुत अजीब हुआ मैंने उसके बाजू पर निशान देखे पता नहीं कि निशान किस चीज के थे लेकिन यह निशान पहले नहीं थे ऐसा लगता था कि किसी ने उसे बहुत जोर से काटा था

 लेकिन हमारे घर में तो कोई मच्छर भी नहीं था और इस तरह का कोई जीव जंतु भी नहीं था कि जो उसको काट जाए यह घर कोई आम घर थोड़ी था यह तो बंगला था यहां पर तो मेरे पति की मर्जी के बगैर मच्छर भी नहीं आता था लेकिन वही बात पूछने की हिम्मत नहीं हुई पर कभी-कभी ऐसा होता है कि इंसान की हिम्मत उल्टी जगह चल जाती है पूछने की हिम्मत तो मुझ में नहीं थी लेकिन जासूसी करने की हिम्मत आ गई 

और मैंने सोच लिया था कि मुझे एक प्लान बनाना होगा मुझे उसे कमरे में जाना होगा देखना होगा तो मेरा पति वहां पर क्या करता है और अगर फिर वह कुछ ऐसा कर रहा है जो उसे नहीं करना चाहिए तो मैं भी उसके सामने सर उठाकर बोल सकूंगी और उसे कहूंगी कि वह मुझे इस तरह से कैद नहीं रख सकता अगर वह मुझसे सच में प्रेम करता है तो उसे मुझे आम लोगों की तरह रखना होगा सच तो यही था कि मैं इस जिंदगी से तंग आ गई थी क्योंकि एक और बात भी थी जो बहुत बड़ी थी

 मैंने अपनी मां को अभी तक नहीं बताई थी बता देती तो वह बहुत परेशान होते मेरे पति ने साफ साफ कह दिया था कि वह फव साल तक बच्चा पैदा नहीं करना चाहता है और यह बहुत लंबा समय था मेरी मां कहती थी कि जो मर्द अपनी बीवी के साथ बच्चा पैदा नहीं करना चाहता इसका मतलब कि वह उसे अपने साथ नहीं रखना चाहता जब उसका तुम्हारे से दिल भर जाएगा तो वह तुम्हें छोड़ देगा यह बात उन्होंने मेरी एक बहन को कही थी जब उसके पति ने भी कोई ऐसी ही बात की थी

 लेकिन फिर मेरी मां की बात मानकर मेरी बहन ने अपना घर बचा लिया था यह तो अमीर आदमी था मेरा वाला पति तो बहुत अमीर था इसको तो मेरे जैसी हजारों मिल जाती यह भी हो सकता था कि मुझे अपने साथ रखा हुआ था और बाद में जब दिल भर जाता तो मुझे वापस भेज देता क्योंकि एक मर्द के पैर बंधने के लिए संतान की ही जरूरत होती है और वह पैदा करने से उसने इंकार कर दिया था मैं नहीं चाहती थी कि मेरा पति मुझे छोड़ दे फिर मेरी बहन ने मुझ पर हंसी और कहीं कि हमारे गरीब वाले पति ही ठीक हैं

 कम से कम हमें छोड़ा तो नहीं है तुम्हारे पति तुम्हें इस्तेमाल करके छोड़ दिया इसलिए मैं बहुत डर रही थी मेरा यह डर मेरी उत्सुकता और यह बेचैनी मिलकर मुझे यह सब कुछ करने पर मजबूर कर रही थी और मैंने प्लान बना लिया था मैंने सोच लिया था कि मैं उसे कमरे के अंदर ही छुट जाऊंगी और देखूंगी की कि जब मेरा पति वहां पर आता है तो वह क्या करता है मेरा पति आजकल बहुत परेशान भी रहता था 

और एक दिन इस घर में एक डॉक्टर भी आया था लेकिन जब मैंने पूछा कि डॉक्टर किसके लिए आया था तो मेरे पति ने कहा कि तुम्हें पूछने की जरूरत नहीं है लेकिन वह खुद तो बिल्कुल ठीक था अगर उनके लिए डॉक्टर मंगवाया था तो फिर उन पर इतने जुल्म क्यों करता था क्योंकि एक वक्त में आप या तो किसी पर जुल्म कर सकते हो या फिर उसकी फिक्र कर सकते हो एक ही वक्त में आप दोनों काम नहीं कर सकते हैं 

ऐसा नहीं होता है मेरी शादी हो गई थी मुझे भी थोड़ी ही अकल आ गई थी पर मुझे नहीं पता था कि मेरी यह अकल मुझे बहुत ज्यादा परेशान करवाएगी क्योंकि मैंने प्लान बना लिया था मैं पहले से ही उस कमरे के अंदर जाऊंगी मैं वहां छुप चाहती थी इसके लिए मुझे उसे कमरे का लॉक खराब करना पड़ा मेरे पति ने घर में नौकरों को बहुत डांटा और कहा कि शाम तक यह लॉक ठीक होना चाहिए

 और नजर रखना कि जो लोग अंदर हैं वह बाहर ना आए आज उनको को बाहर बिल्कुल ना निकलने देना मैंने उसे कमरे में जाने के लिए सारे घर की लाइट खराब कर दी और चुपके से उस कमरे के अंदर चली गई नौकरों को पहले ही कह दिया था कि मैं सोने लगी हूं मैंने नींद की दवाई खाई हो कोई तंग ना करें अपने बिस्तर में अपनी जगह पर तकिया लगा दिया था वैसे भी मेरे पति का और मेरा बेडरूम अलग था

 और मेरा कमरा अलग था इसलिए कोई मेरे कमरे में आने वाला नहीं था मैं खुद ही उस कमरे में जाकर छुप गई जब तक लाइट आई तब तक मैं उस कमरे की अंदर थी और अब वैसे भी शाम होने वाली थी और मेरा पति आने वाला था वह सब की सब औरतें उसी कमरे में थी और बहुत ज्यादा परेशान लग रही थी रो रही थी कुछ अजीब सी बातें भी कर रही थी पर मुझे सुनने में दिक्कत हो रही थी

 मैं चाहती थी कि वे आपस में कोई बात करें ताकि मुझे समझ आ जाए कि मामला क्या है और मैं पहले से ही किसी संगीन परिणाम के लिए तैयार हो जाऊं लेकिन फिलहाल ऐसा कुछ नहीं हो रहा था फिर एक लड़की बोल ही पड़ी उसने कहा कि हम कब तक इस कमरे में बैठे रहेंगे यह आदमी हमें कभी भी यहां से बाहर नहीं जाने देगा यह लोग तो मेरे पति के बारे में ऐसी बातें कर रहे थे कि जैसे उनका दुश्मन है 

लेकिन मेरा पति तो कह रहा था कि यह मेरी बहन है और मेरी मां है फिर यह उससे इतनी नफरत क्यों करते थे थोड़ी देर के बाद मेरा पति कमरे में आ गया मैं बहुत अच्छी जगह छुपी हुई थी क्योंकि यह कमरा बहुत बड़ा था बाहर से देखने में छोटा लगता था लेकिन अंदर से बहुत बड़ा कमरा था इसके अंदर ही बाथरूम भी था खिड़कियां भी थी बहुत सारे दरवाजे भी थे यह दरवाजे कहां खोलते थे

 मुझे नहीं पता था क्योंकि अभी तक मैंने इस घर को गौर से देखा ही नहीं था मुझे तो बस अपने कमरे से दूसरे कमरे तक जाने की ही अनुमति थी इसीलिए मुझे अजीब सा लग रहा था ऐसा लग रहा था जैसे मैं ही सबसे बड़ी पागल हूं जिसको अपने ही घर के बारे में नहीं पता मेरा पति वहां पर आ गया और उसने कहा कि मैंने तुम लोगों के पीछे बहुत मुश्किल उठाई है

 अपने भाई से कहो कि मेरा कर्जा वापस कर दे मैं तुम लोगों का क्या करूं वह इस दुनिया का सबसे बुरा आदमी है तुम लोगों को आज से उठाकर यहां ले आया एक तरह से देखा जाए तो उसने तुम लोगों को बेच दिया है मैं सारी रात यहां नहीं बैठ सकता मैं थक गया हूं अपने भाई से कहो कि मेरा कर्जा वापस करें वरना मुझे तुम पांच औरतों का क्या करना है पहले से ही शादी कर चुका हूं मेरी एक पत्नी है 

अगर उसने मुझसे सवाल करना शुरू कर दिया तो मैं उसको क्या जवाब दूंगा वह बहुत अच्छी है मेरा बहुत ख्याल रखती मेरी हर बात मानती है लेकिन यह बात ऐसी है जिस पर उसे सवाल करने का अधिकार है और मैं उसे रोक नहीं सकता मैं अपने पति की बातें सुनकर हैरान हो रही थी इसका मतलब कि मामला कुछ और ही था यह ना तो उसकी मां थी ना ही उसकी बहन थी मेरा पति जिस तरह से मेरे बारे में अच्छा बोल रहा था 

अब मुझे बहुत शर्मिंदगी होने लगी और मैं सामने आ गई जब उसने मुझे देखा तो वह भी हैरान हो गया मुझे डर भी बहुत लग रहा था लेकिन उन सब के सामने ने उसने मुझे कुछ नहीं कहा मैंने कहा कि मुझे माफ कर दे आप पूरी रात यहां बैठ जाते थे और आपके पास उसे दिन पैसे थे उसने कहा कि वह पैसे मुझे इन्हीं लोगों ने दिए थे इनके भाई ने मेरे साथ बिजनेस करने की बात की थी और मुझसे बहुत सारे पैसे लिए थे

 मैं तब से ही इनके पीछे पड़ा था कि मुझे पैसे वापस कर दे इनके भाई से भी बातें कर रहा था लेकिन वह इतना बुरा आदमी है कि उसने पैसे नहीं वापस किए और कहा कि मेरी मां बहनों को अपने पास गिरवी रख लो लेकिन इन्हें और को मेरे घर के बाहर छोड़कर चला गया और अब उसका फोन तब से बंद है मैं उस दिन से बहुत परेशान हूं तुम्हें क्या बताता कि औरतें कौन है हमारे घर में क्यों है

 इसलिए झूठ बोलना पड़ा कि यह मेरी मां बहन है अगर तुम यहां तक जासूसी करती हुई आई हो तो इसमें तुम्हारा कोई कसूर नहीं है तुम्हारी जगह कोई भी होता तो वही करता जिसका पति घर में पांच औरतों को उठाकर ले आए और ठीक तरह से बताए भी नहीं कि क्या है तो वह तो ऐसा ही करेगी इसका मतलब कि उनके अपने भाई ने उनको बेच दिया था वह बुरी तरह से रोने लगी

 और कहने लगी कि हमें तो खुद नहीं पता हम क्या करें हमारे पास तो कुछ भी नहीं है अगर होता तो हम चले जाते तुम भले आदमी हो जो तुमने हमें यहां इज्जत से रखा है बाहर घूमने फिरने की इजाजत भी दी है खाना भी देते हो अगर तुम्हारी जगह कोई और होता तो अब तक पता नहीं क्या कर चुका होता मेरे दिमाग में एक आईडिया आया हम लोग अपने कमरे में वापस आ गए मेरे पति ने कहा कि तुम ही बताओ मैं क्या करूं

 मैंने कहा कि कि आप इनको काम पर रख लें कुछ लोगों को घर में काम पर रख लें कुछ लोगों को फैक्ट्री में और इनका खाना पना हमारी तरफ से होगा और इनकी जो पगार बनेगी उससे आप अपना कर्ज चुका लीजिए क्योंकि इनका भाई तो उनको ऐसे ही छोड़कर चला गया अब हम भी इनको यहां से निकाल देंगे तो यह कहां जाएंगी मेरे पति ने कहा कि मैं तो तुम्हें मासूम और बेवकूफ समझता था 

लेकिन तुमने बहुत अच्छी बात की है क्योंकि इनका कोई कसूर नहीं है मेरा भी दिल नहीं मान रहा था पर मैंने इन्हें पर शक्ति करने की कोशिश की इनका खाना पना बंद किया पर उस आदमी को कोई परवाह नहीं है तब वह औरतें हमारे घर में काम करने लगी उनकी मां घर में बहुत अच्छा खाना बनाने लगी है दो बेटियां घर के कामकाज संभालती हैं क्योंकि मेरे यहां संतान होने वाली है इसीलिए अब मुझे भी कुछ लोगों की जरूरत है बाकी दो बेटियां फैक्ट्री में काम करती हैं 

और इसी तरह से सब कुछ हो रहा है तुम लोग मुझे बताओ कि मैंने अपने पति को अच्छा मशवरा दिया या नहीं क्योंकि मुझे इसके अलावा कुछ समझ नहीं आया पर अब जब से मेरे पति को पता चला है कि हमारे यहां संतान होने वाली है वह मुझे बहुत प्यार करता है मेरा बहुत ख्याल रखता है और अब हमारी जिंदगी भी अच्छी गुजर रही है यह लोग बहुत अच्छे हैं खुद्दार हैं इन्हें लोगों को हमारी बहुत फिक्र है मुझे नहीं लगता कि यह हमारे साथ कभी भी बुरा करेंगे

 

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