Mastram Story : मेरी सास मुझे कपड़ों की दुकान पर ले गई और कहने लगी अब क्या बात भी मैं ही करूं जो कहां है वह पूछना इनके पास तो सारा माल होता है मैंने कहा मुझे शर्म आ रही है तो मेरी सास ने कहा तू शर्माती रहेगी ना तो सब कुछ खत्म हो जाएगा चल पूछना इनसे मैं साइड पर हो जाती हूं अगर तुझे मुझसे शर्म आ रही है तो मैंने कहा आपसे नहीं मम्मी जी मुझे दुकान वाले से शर्म आ रही है
वह क्या सोचेगा कि हम क्या लेने के लिए आए हैं तो मेरी सांस कहने लगी यहां पर यही सब कुछ लेने के लिए आते हैं मैंने दुकान वाले से कहा आपके पास रात को सोने वाले कपड़े होंगे शुक्र है मुझे पूरी बात नहीं बतानी पड़ी वह समझ गया और मुझे दिखाने लगा कि मुझे क्या लेना है और क्या नहीं मेरी सास ने इशारा किया कि यह वाली उठा ले जब मैंने उस सूट की तरफ देखा तो मैंने कहा नहीं यह तो कुछ ज्यादा ही अजीब है
तो वह कहने लगी जितनी अजीब होगी उतनी ही तुझ पर अच्छी लगेगी उन्होंने वही वाली चीज पैक करवा दी और मुझे कहा अब तू घर का कोई काम नहीं करेगी जा अपने कमरे में नहा धोकर तैयार हो जा खुशबू लगा और यह वाला सूट पहन ले और मैं अपने बेटे को फोन करके जल्दी बुलाती हूं ताकि वह घर आए और फिर तेरे कमरे में जाए जैसे ही वह कमरे में आए तो उसका स्वागत करना और पूछना कि मैं कैसी लग रही हूं मुझे बहुत अजीब लग रहा था
हालांकि यह सब कुछ मुझे अपने पति के सामने ही करना था लेकिन फिर भी मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि मेरा मेरे पति के साथ इस तरह का रिश्ता ही नहीं था वह मेरी तरफ देखता ही नहीं था ना ही उसने कभी मुझसे प्रेम जताया ही कहा कि तुम अच्छी लग रही हो प्यारी लग रही हो मेरी पत्नी हो बस वही इसी तरह का था फिर भी मैं अपनी सांस के कहने पर तैयार हो गई मेरी सास अच्छी थी जो मुझे मेरे पति के करीब करने की कोशिश कर रही थी
वरना तो ऐसी-ऐसी औरतें होती हैं जो बहू को अपने बेटे से दूर करने की कोशिश करती हैं और किसी तरह दोनों में नफरत डालना चाहती है लेकिन यह तो मेरा साथ दे रही थी वह कहते हैं ना कि जिसको ससुराल अच्छा मिलता है उसको पति अच्छा नहीं मिलता और जिसको पति अच्छा मिलता है उसको ससुराल अच्छा नहीं मिलता मेरा ससुराल तो बहुत अच्छा था लेकिन मेरा पति इस तरह का था खैर मैं तैयार हो गई और मैंने अपने आप को देखा वैसे मैं अच्छी लग रही थी
वजन तो मेरा ज्यादा था लेकिन फिर भी मैं बहुत प्यारी लग रही थी तभी मेरा पति कमरे में दाखिल हुआ तो मैं थोड़ी शर्मा गई जब उसने मुझे देखा तो उसने कहा यह क्या हुलिया बना रखा है मैंने कहा मैं कैसी लग रही हूं तो उसने कहा तुम ऐसी लग रही हो जैसे तुम्हारे अंदर किसी ने हवा भर दी है इतनी बुरी लग रही हो कि मैं तुम्हें क्या बताऊं तुम्हें देखकर मुझे उल्टी आ रही है पता नहीं नहीं कौन सा दिन था जब तू मेरी जिंदगी में आई थी
और अब मुझे तुम्हारे साथ गुजारा करना पड़ रहा है क्या करूं मैं तुम ही बताओ तुम ही बताओ क्या मैं सारी जिंदगी इसी तरह गुजारता रहूंगा मैं तो हैरान रह गई वह एक सांस में बोलने लगा और बाथरूम में चला गया मैं बेड पर बैठ गई और फूट फूट कर रोने लगी मेरी नजर अपनी तस्वीर पर पड़ी जो शादी से पहले की थी ऐसा लगता था कि वह किसी और लड़की की तस्वीर है अब मुझे क्या करना चाहि था मैंने कुछ सोच लिया
और जब मेरा पति बाथरूम से मुंह हाथ धोकर बाहर आया तो मुझे ऐसे अवतार में देखकर हैरान रह गया उसने कहा अब यह क्या है मैंने कहा क्या मैं अभी भी अच्छी नहीं लग रही और वह मेरी तरफ आया मेरा नाम मधु है मेरी उम्र 17 साल है मैं एक गरीब परिवार से ताल्लुक रखती थी हमारे पास दौलत तो ना थी पर शराफत में लोग हमारे घर की मिसाल देते थे सारा मोहल्ला हमारी रीफ किया करता था हमारे घर का माहौल यूं तो बहुत अच्छा था
पर इस घर में हमें कभी भी ना तो अच्छा खाने को मिला और ना ही अच्छा पहनने को मेरे बाबा पंडित थे और वह कहते थे कि हमें हर हाल में गुजर और शुक्र करना चाहिए मैं भगवान के घर का रखवाला हूं भगवान के घर में होता हूं मैं यही काम कर सकता हूं हमें इसी तरह से जिंदगी गुजारनी चाहिए किसी के साथ बुरा नहीं करना चाहिए जो है उसी में खुश रहना चाहिए क्योंकि यह सब कुछ भगवान ने दिया है उसने सोच समझ कर दिया है
किसको कितना देना है किसको कितना नहीं देना हम उसके साथ सवाल नहीं कर सकते बस जो उसने दिया है उसमें ही खुश रह सकते हैं हम तीन बहने थी मैं सबसे बड़ी थी जब मेरी उम्र 17 साल हो गई तो मेरे घर वालों को मेरी शादी की फिक्र सताने लगी क्योंकि मेरी मां कहती थी कि लड़कियों की शादी जल्दी ही कर देनी चाहिए रिश्ते करवाने वाली मौसी मेरी मां की सहेली थी उसी ने मेरी मां का दिमाग खराब किया था उल्टी सीधी बातें बताती थी
एक दिन उनको कहानी सुना रही थी एक लड़की थी जिसके मां-बाप ने उसकी शादी फिक्स कर दी और वह शादी वाले दिन ही भाग गई क्योंकि वह किसी और से प्रेम करती थी और उस लड़की की उम्र 27 साल तक उस लड़की को घर में बैठाए रखा और जब शादी की बारी आई तब तक उसने अपने लिए कोई और तलाश कर लिया इसलिए लड़कियों की शादी जल्दी करवा देनी चाहिए जाहिर है उसका परिवार तो शादियों से चलता था
और इसलिए वह कहती थी कि सबकी शादी जल्दी करवा दो ताकि उसके पास ज्यादा ग्राहक हो मोहल्ले की ज्यादातर लड़कियों के रिश्ते उन्होंने ही करवाए थे अब उनके हमारे घर भी चक्कर लगने शुरू हो गए थे इस उम्र में लड़कियों को बहुत शौक होता है कि उनके रिश्ते के बारे में क्या बातें हो रही हैं मुझे भी बहुत शौक था बल्कि उत्सुकता की हद तक मैं पागल थी इस मामले में क्या बात हो रही है मुझे सब कुछ जानना था
एक दिन मौसी मेरी मां से मिलने आई तो मैं छुपकर उनकी बातें सुनने लगी देखो बहन लड़कियों के रिश्ते होते हैं दहेज से और तुम तो अभी से सब साफ-साफ कह रही हो कि दो जोड़ों के अलावा तुम अपनी बेटी को कुछ भी नहीं दे सकती यूं तो तुम्हारी बेटियों के रिश्ते मुझे होते नजर नहीं आ रहे उसकी खरी और साफ बात सुनकर मेरी मां घबरा गई और कहने लगी कि कुछ तो करो कोई तो ऐसा होगा जो बिना दहेज के किसी की बेटी को कबूल कर लेगा कोई भगवान का नेक बंदा होगा
भगवान मेरे पति को सलामत रखे। Hindi Family Story | Sad And Emotional Hindi Story
बेशक अपनी बेटियों को दहेज नहीं दे सकते लेकिन मेरी बेटियां शक्ल और सूरत की बहुत अच्छी हैं हां हां अच्छे लोग भी हैं पर बहुत कम है मेरी बेटियां भी लाखों में एक हैं मेरी मां ने बहुत मोहब्बत से हमारी तारीफें की पर उसका कहना था कि अपनी औलाद भला किसको बुरी लगती है मेरी मां तो उसकी बाकायदा मिनते करने लगी कि कुछ तो करो कोई तो राह निकालो हम इतने गरीब लोग थे कि हम कहीं से उधार पकड़कर भी दहेज नहीं बना सकते थे
ऐसा भी नहीं था कि किसी से सामान उठा लेते और बाद में गुस्से में पैसे देते क्योंकि बाद में भी पैसों का इंतजाम नहीं होना था इसलिए मेरी मां को आज यह सब कुछ करना पड़ा वह भी किसी सोच में गुम हो गई और फिर उन्होंने मेरी मां को एक अजीब रिश्ते के बारे में बताया जी हां इस रिश्ते को अजीब ही कहूंगी अभी मेरी मां की नजर मुझ पर पड़ी और उन्होंने मुझे वहां से डांट कर भगा दिया पर मैं भी बहुत हैरान थी और काफी चालाक भी थी मैं फिर वहीं वापस आ गई
जहां खड़े होकर मैं उनकी बातें सुन रही थी क्योंकि अब तो मेरा शौक और भी बढ़ गया था आखिर यह किस किस्म के रिश्ते की बात हो रही थी मैं यह सोचने लगी कि उन्होंने यह क्या कहा कि अजीब रिश्ता है लोग कहते हैं अमीर रिश्ता है गरीब है भला यह अजीब क्या बला थी देखो बहन एक रिश्ता है लड़का अकेला है घर उसका अपना है शक्ल और उम्र का भी सही है लेकिन उसकी एक शर्त है मेरी मां ने हैरान होकर पूछा कैसी शर्त है
वह शादी से पहले लड़की से मिलना चाहता है उसने बताया और हमारे खानदान में तो ऐसा कोई रिवाज नहीं है पंडित कभी नहीं मानेंगे मेरी मां बहुत परेशान हो गई मेरे बाबा यूं तो अच्छे इंसान थे लेकिन वह हमेशा अपनी बात मनवा थे और उनको गलत बातों से सख्त नफरत थी वह इस बात के लिए कभी इजाजत नहीं देते कि लड़का शादी से पहले मुझे देखने आता मौसी के चेहरे पर मुस्कुराहट बिखर गई और उन्होंने मेरी मां के कान में कोई बात करना शुरू कर दी
जिसको मैं नहीं सकती थी मेरी मां हैरान नजर आने लगी लेकिन अब वह बेचैन लग रही थी दिन बाद मुझे मेरी मां ने कहा कि मैं तैयार हो जाऊं क्योंकि मुझे देखने लड़के वाले आ रहे हैं जबकि मेरे पापा घर पर नहीं थे वह घर से बाहर गए हुए थे मैंने मां से कहा कि अगर पापा भी घर पर नहीं है और आपने रिश्ते वालों को बुला लिया अब इस बात पर कितने नाराज होंगे मां ने कहा वह तुझे देखने आ रहे हैं विदाई करवाने नहीं आ रहे हैं जो तेरा बाप नाराज हो होगा
अगर तू उनको पसंद आ गई फिर उनका आना जाना तो लगा ही रहेगा तेरे बाप से बाद में भी मिल सकते हैं वैसे भी तेरा बाप कौन सा कोई ऐसा आदमी है जिसको कोई नहीं जानता बड़े वाले मंदिर का पुजारी है सब उसे जानते हैं वह लोग भी जानते होंगे तेरे बाप के इस काम का एक बहाना फायदा हमें यह होने वाला है सबको पता है कि हम अच्छे घर वाले हैं क्योंकि पंडित का अपना घर अच्छा नहीं होगा तो फिर किसका होगा
वही अलग बात है कि तेरा बाप अपने हुक्म चलाता है और हमारी कोई बात मानता ही नहीं है मां ने मेरे लिए एक बहुत चुस्त सूट निकाला था जो मुझे बहुत पसंद था और मैंने इसको यह सोच के रखा हुआ था कि कभी इसको किसी को दे दूंगी क्योंकि हमारे घर में ऐसे तंग कपड़े पहनने की इजाजत नहीं थी इसमें तो मेरा सारा जिस्म नजर आता था मेरे बाबा को ऐसे कपड़े पहनना पसंद नहीं था पर आज मां ने कहा कि मुझे यह सूट पहनना होगा मैं हैरान थी
मुझे मां की बातें समझ नहीं आ रही थी मैंने कहा वो लोग मुझे बुरा लड़की समझेंगे कि कैसे कपड़े पहने हुए हैं वैसे तो जब किसी लड़की को कोई लड़के वाले देखने आते हैं तो उसे हमेशा यह कहा जाता है कि सिर पर पल्लू रखना नजरें झुका कर रखना ताकि वह समझ जाएं कि लड़की बहुत ही सुशील है लेकिन यहां पर मेरी मां मुझे इस तरह के कपड़े पहनने को कह रही थी जिन्हें देखकर लोगों के दिल में पहली बात यही आएगी कि इतने तंग कपड़े क्यों पहने हुए हैं
लोग बातें करेंगे मेरी मां ने कहा कि आजकल सब ऐसे ही कपड़े पहनते हैं ज्यादा गाय बनने की जरूरत नहीं है लेकिन वह मेरी मां थी मैं उनकी मां नहीं थी इसलिए उन्होंने मुझसे अपनी सारी बातें मनवा ली मेरी मां ने मुझे जबरदस्ती एक बहुत तंग कपड़ा पहनने को कहा और मुझे घर की बैठक में भेज दिया जबकि मैं उनसे पूछ रही थी कि आप मेरे साथ क्यों नहीं चलती और बैठक में कौन मौजूद है मेरे लिए पहली दफा किसी का रिश्ता आया था
जाहिर है मैं भी घबराई हुई थी मुझे नहीं पता था कि कैसे पेश आना है यह सब तो मुझे मां ने बताना था और जिस तरह मां ने मुझे बैठक में भेजा था मैं यही समझी कि शायद बैठक में लड़के की मां बहनें या कुछ और रिश्तेदार मौजूद होंगे पर जैसे ही मैंने बैठक में कदम रखा मैं तो हैरान रह गई इस कमरे में और कोई नहीं सिर्फ एक लड़का ही बैठा था
जो मुझे देखकर खुश हो हुआ मैं घबरा गई वह शख्स मुझे सिर से पांव तक देख रहा था उसका अंदाज बहुत अजीब था जैसे वह मेरे वजूद का जायजा ले रहा हो मैंने नोट किया कि उसकी नजर मेरी कमर पर थी मैं और ज्यादा घबरा गई क्योंकि इन कपड़ों में तो मेरी कमर वैसे भी नजर आ रही थी मैं आसपास देखने लगी कि मां कहां रह गई
वह आगे बढ़ा और मुझे लगा कि वह मेरे करीब आ रहा है मेरी टांगे कांपने लगी वह बिल्कुल मेरे करीब से होकर बाहर चला गया जैसे वह मुझे डराकर बहुत खुश हुआ हो मुझे समझ नहीं आया कि आखिर यह सब हो क्या रहा था मेरी एक दोस्त थी जो बहुत अजीब अजीब बातें करती थी क्योंकि उसकी शादी हम सबसे पहले हो गई थी
जब वह हमारे साथ बैठ जाती थी तो हम उसे कहते थे कि अपने पति और शादी की कोई बात नहीं करनी क्योंकि हमें तेरी बातों से उल्टी आती है लेकिन उसने एक दफा कहा था कि मर्द होते ही नहीं औरतों को डराकर बहुत खुशी मिलती है और मुझे आज ऐसा ही लगा था कि जैसे वह मुझे डरते हुए देखकर बहुत खुश हुआ था मां ने मेरे किसी सवाल का जवाब नहीं दिया और दोबारा मुझसे इस बात पर कोई बात भी नहीं की जबकि यह कोई छोटी बात नहीं थी
मां को मुझसे बात तो करनी चाहिए थी पर ना वह मुझसे बात कर रही थी और ना इस मौजू पर मेरी कोई बात सुन रही थी उन्होंने इतना जरूर कहा था कि यह बात किसी को बताना नहीं ना अपनी बहनों को और ना अपने बाप को अगर यह बात किसी को बताई तो मुझसे बुरा कोई नहीं होगा मैं हैरान थी कि मां ने यह सब क्यों किया क्या उनको पता नहीं था कि इस कमरे में एक लड़का बैठा हुआ है और फिर भी उन्होंने मुझे इतनी आसानी से अंदर भेज दिया
और उस लड़के ने भी कोई बात नहीं की यह सब कुछ क्या था मुझे नहीं पता था कि वह कौन है लेकिन मुझे सब जरूर लग रहा था कि मां को इस बारे में सब कुछ पता था यह गलती से नहीं हुआ था हमारे घर की बैठक का दरवाजा वैसे भी बाहर खुलता था लेकिन ऐसे कोई किसी के घर में आकर थोड़ी ना बैठ जाता है लेकिन एक बात तो तय थी कि मां किसी बात पर खुश बहुत थी मुझे कहने लगी कि अच्छी बात है कि हमारे घर में खाना पना कम है
इसीलिए तोल लड़किया अभी भी लड़कियां ही लगती हैं मैंने कहा जो क्या मतलब लड़कियां नहीं लगेंगी तो क्या लगेंगी जाने लगी तो नहीं जिन घरों में खाना पना ज्यादा होता है वहां पर लड़कियां मोटी हो जाती हैं और अपनी उम्र से ज्यादा लगती हैं मैंने कहा कि आपने आज तक तो कोई ऐसी बात नहीं की फिर आपको अब यह ख्याल कैसे आ गया वैसे भी हम लोग तो मोटे नहीं है वह कहने लगी कि हां इसीलिए तो कह रही हूं जब मेरे बाबा घर आ गए
तो कुछ दिन बाद मेरे लिए एक रिश्ता आया कुछ औरतें आई और बिना मुझे ठीक से देखे ही हां बोल दिया मेरे पापा भी मान गए और जब मुझे लड़के की तस्वीर दिखाई तो मैं हैरान रह गई यह तो वही लड़का था जो उस दिन बैठक में मौजूद था मेरी शादी तय हो गई और लड़के की ख्वाहिश थी कि शादी सादगी से हो मेरे पापा के भी हालात बहुत खराब थे
और मुझे भी ऐसा कोई अरमान नहीं था इसलिए दो हफ्ते बाद ही मेरी शादी आकाश नाम के लड़के से कर दी गई पहले दिन से ही उसका रवैया मेरे साथ काफी अजीब था उसने मुझे शादी की रात ही कह डाला कि मैं खूबसूरत तो बहुत हूं पर खूबसूरत ही रहूं तो अच्छा है उसकी इस अजीब बात की मुझे समझ नहीं आई पहली रात तो बड़ी खास होती है दूल्हा दुल्हन एक दूसरे से सिर्फ अच्छी बातें ही करते हैं इस तरह से कोई बात नहीं करता कि हां तो अच्छे तो हो लेकिन अच्छे ही रहो तो ठीक है
मैंने तो उसको ऐसा नहीं कहा कि पैसे तो तुम ठीक कमा लेते हो लेकिन ठीक ही कमाओ तो ठीक है वरना मुश्किल हो जाएगी फिर वह ऐसे बात क् क्यों कर रहा था उसकी एक बात नहीं मेरे दिमाग में जगह बना ली थी मैं बार-बार यही सोच रही थी कि उसने ऐसा क्यों कहा फिर मैंने आखिरकार खुद को समझाया कि शायद उसे किसी ने कहा हो कि पत्नी से ऐसे बात करना कि वह तुमसे डर जाए क्योंकि यह वैसे भी मुझे डराकर खुश हो रहा था
एक दो दिन बाद उसने मुझे अपने पास बिठाया और मुझे देखकर कहा कि आज मेरी बात गौर से सुन लो तुम्हें इस बात पर हमेशा मानना है तुम जब तक इस घर में हो तुम्हें लगातार डायट करना होगा ताकि तुम मोटी ना हो जाओ क्योंकि मुझे मोटापे से बहुत नफरत है उसने बहुत सुकून से सीधी सी बात कर दी मैंने उसे कहा कि देखिए औरतें शादी के बाद थोड़ी बहुत मोटी हो जाती हैं उसने कहा कि क्यों मोटी हो जाती है शादी के बाद क्या उनकी भूख बढ़ जाती है
पैसो से बढ़कर तुम्हारी इज्जत है। Meri Kahaniyan | Manohar Story In Hindi | Best Hindi Story
मैंने कहा कि नहीं वह बच्चों की वजह से उसने कहा कि बच्चों को तुम अभी छोड़ दो वह एक अलग बात है मुझे उसके सामने बात करके ऐसा लगता था जैसे मैं कोई नालायक स्टूडेंट हूं और वह मेरे कॉलेज का प्रिंसिपल है मैंने कहा कि नहीं वह कभी-कभी वैसे भी हो जाता है लोग कहते हैं कि शादी रात आ गई है वह कहने लगा कि तुम सुनी सुनाई बातें नहीं करो
जो मैं तुम्हें कह रहा हूं बस अपने दिमाग में रखो मुझे लगा वह मजाक कर रहा है पर वह बेहद संजीदा था उसने बाकायदा एक डाइटिंग लिस्ट बना दी और उसे दीवार पर चिपका दिया और काम करने वाली को सीधा कह दिया कि अगर यह कुछ और खाएगी तो मैं तुम्हें नौकरी से निकाल दूंगा तुम इसके लिए इस लिस्ट के अलावा कोई चीज नहीं बना सकती और वह भी कमकम यह नहीं कि प्लेट भर के दे दो वरना तुम्हारी नौकरी गई
साहब आप ऐसी बातें नहीं करें मुझे नौकरी की बड़ी जरूरत है आप जो कहेंगे मैं वैसा ही करूंगी मुझे इस घर में अपनी मर्जी का कुछ भी खाने की आजादी नहीं थी ना तली हुई चीजें ना मिठाई ना नमकीन ना चावल मुझे समझ नहीं आता था कि अमीर घराने में शादी करने का क्या फायदा जब मुझे यहां भी पेट भरकर खाना नहीं मिल सकता था मैं बहुत परेशान थी बल्कि इससे अच्छा तो मैं अपने घर में खाया करती थी अब तो मुझे और भी ज्यादा भूख लगती थी
और मैं खाने की तलाश में रहती थी जब इंसान खाता रहता है तो उसकी भूख नियंत्रित रहती है लेकिन जब वह अचानक से खाना छोड़ देगा तो वह भूख उसके सर पर सवार हो जाती है फिर वह कुछ भी उठाकर खाने लगता है शायद यह इंसान की फितरत है कि उसे जिस काम से रोका जाए वही काम करने में लग जाता है एक दिन मैंने फ्रिज में केक रखा देखा तो मेरा दिल ललचा गया और मुझसे रहा नहीं गया मैंने सोचा कि एक बार खाने से मैं मोटी थोड़ी हो जाऊंगी
इसमें कौन सी कयामत आ जाएगी और ठीक उसी वक्त आकाश ने मुझे देख लिया मुझे लगा वह शायद गुस्सा करेगा या कहेगा कि तुमने अच्छा नहीं किया आइंदा ऐसा मत करना लेकिन वह तो हाथापाई पर उतर आया उसने मुझ पर थप्पड़ की बरसात कर दी जैसे मुझे सांस भी लेने ना दिया मना किया था मैंने तुझे पहले दिन ही मना किया था भूखी औरत पर तूने फिर भी यह हरकत की अगर यह सब कुछ खाकर तू मोटी बन गई
तो याद रखना तुझे वापस तेरे घर छोड़ आऊंगा फिर इस घर में तेरी कोई जगह नहीं होगी जब मैंने तुझे इस काम से मना किया तो फिर तूने यह क्यों किया तू मेरे साथ जिद लगा रही है चाहती क्या है बता क्या चाहती है उसने मुझे बहुत मारा अब मुझे समझ आया कि उस दिन वह हमारे घर क्यों आया था वह शादी से पहले मुझे देखना चाहता था कि कहीं मैं मोटी तो नहीं हूं
और मेरी अपनी मां ने मुझे ऐसे शख्स के हवाले कर दिया सिर्फ इसलिए कि उसने उनसे दहेज नहीं मांगा था तभी तो मेरी मां ने मुझे वह कपड़े दिए थे जो मुझे सबसे ज्यादा टाइट थे ताकि मैं दुबली पतली लगूं मैं मोटी पहले भी नहीं थी मेरी मां ने जानबूझकर यह सब कुछ किया था उस दिन के बाद से उसने फ्रिज और किचन में लगी अलमारियों को भी ताला लगाना शुरू कर दिया था
वह उतनी ही चीजें निकाल कर ले जाता जितनी मुझे जरूरत होती थी और बाकी सारी चीजों को ताला लगाकर चला जाता चाबी उसी के पास होती थी अपनी मर्ज से कुछ चुराकर भी नहीं खा सकती थी वह तो मुझे मेरे घर भी नहीं छोड़ता था कि कहीं मैं अपने घर में कुछ ना खा लूं मेरी जिंदगी तो बर्बाद हो गई थी पर भगवान के घर देर है अंधेर नहीं जब मुझे यह खबर मिली कि मैं मां बनने वाली हूं तो मैं बहुत खुश थी मुझे लगा कि अब तो मुझे पेट भर खाने को मिलेगा
क्योंकि एक गर्भवती औरत के लिए खाना बहुत जरूरी होता है उसे तो एक आम इंसान से ज्यादा खाना चाहिए पर उसने मुझे ौ माह भी डाइट पर रखा उसने मुझे कभी भी कुछ भी पेट भर कर खाने नहीं दिया मैं हर वक्त रोती रहती थी यह बात किसी को बताती तो वह कहता कि चलो अच्छी बात है इस तरह तुम हमेशा पतली रहोगी लड़कियों को स्मार्ट ही रहना चाहिए कोई मेरा हाल नहीं जानता था कभी-कभी मेरी सांस को मुझ पर रहम आ जाता तो वह मुझे कुछ मीठा खिला देती थी
कितनी अजीब बात है कि सास को पर रहम आ जाता था पर पति को नहीं यह नौ माह मैंने किस तरह गुजारे मैं ही जानती थी भगवान ने मुझे बेटे दिया और मुझे खून की कमी हो गई और बेटे की पैदाइश के एक माह बाद ही मेरा वजन बढ़ने लगा देखते ही देखते मैं 46 किलो से 86 किलो की हो गई कोई भी डाइट दवा या एक्सरसाइज मेरे बढ़ते हुए वजन को रोक ना सकी पर मैं खुद हैरान थी कि मेरे साथ यह सब कुछ क्या हो रहा था
क्योंकि शादी से पहले तो मेरा वजन सिर्फ 45 किलो ही था और अब अचानक से मेरा वजन इतना ज्यादा बढ़ रहा था जबकि मैं तो खाना भी नहीं खाती थी शायद यह सब कुछ टेंशन की वजह से हो रहा था वह मुझे डॉक्टर के पास ले गया डॉक्टर ने भी यही कहा था कि खून की कमी होने की वजह से औरत का वजन बढ़ जाता है
हमारे खानदान में एक लड़की थोड़ी पढ़ी लिखी थी वह कह रही थी कि खाना ना खाने से और ज्यादा वजन बढ़ता है लेकिन उस वक्त मुझे उसकी यह बात समझ नहीं आती थी शायद मेरे साथ भी यही सब कुछ हो रहा था मुझे मेरा पति अपनी निगरानी में खाना देता था बहुत सारी किताबें पढ़ता रहता था इधर-उधर से लोगों से टोट के पूछता रहता था उसके टोटके उसने मुंह पर इस्तेमाल कर लिए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था
उसने मुझ पर बहुत मेहनत करने की कोशिश की मुझे दवाइयां भी लाकर दी और घर में एक मशीन भी लगवाई ताकि मैं एक्सरसाइज करूं लेकिन फिर भी कोई असर ना हुआ आखिरकार आकाश भी हार मान गया और मुझे मेरे हाल पर छोड़ दिया उसने मुझ पर से पाबंदी हटाई तो मैं बहुत खाने लगी और मेरा वजन 86 किलो से सीधे 100 पर जा पहुंचा
मैं 22 साल की उम्र में ही 50 साल की औरत लगने लगी थी अब तो आकाश मेरी तरफ देखता भी नहीं था ना मुझसे बात करता ना मेरा ख्याल रखता था जैसे उसे मुझसे नफरत हो गई थी अब तो उस पर किसी बात का भी असर ना होता था पहले भी मेरे दिन रोते हुए ही गुजरते थे और अब भी मैं रोती रहती थी पर मेरे प्रॉब्लम का हल किसी के पास भी नहीं था उसने जब हथियार फेंक दिया और कहा कि मैं तुम्हारे लिए कुछ नहीं कर सकता
तो मैंने और खाना खाया इतना खाना खाया कि मैंने एक महीने में ही 20 किलो वजन बढ़ा लिया वह सारी चीजें वह मुझे खाने नहीं देता था मैंने जी भर कर खाई मेरे पास नहीं था उसने मुझे नहीं रोका और मैं भी लगी रही मुझे भी गुस्सा था तकलीफ थी इतने वक्त तक उसने मुझे इन सारी चीजों से दूर रखा जो मुझे पसंद थी अगर वह मुझे एक सामान्य जिंदगी गुजरने देते तो शायद सब कुछ सामान्य ही होता लेकिन मेरी जिंदगी सामान्य कहां से इसलिए जो मेरे साथ हुआ
वह भी बहुत बुरा था मैंने दो तीन महीने के अंदर ही 50 किलो से ज्यादा वजन चढ़ा लिया था वह खुद तो दुबला पतला था एक दिन मुझ पर एक और कयामत टूट पड़ी जब वह दूसरी पत्नी ब्याह के लिए आया मेरी सास मेरी तरफदारी तो नहीं करती थी लेकिन उन्होंने कभी भी अपने बेटे को यह नहीं कहा था कि वह दूसरी शादी कर ले मेरी सास ने भी गुस्सा किया उसने कहा किसको उठाकर ले आया है
यही मिली थी शादी करने के लिए मेरी सास बोल रही थी कि मेरे पति ने उन्हें खामोश करवा दिया और कहा खबरदार जो किसी ने मेरी पत्नी को कुछ कहा यह मेरी पत्नी है लेकिन मेरे होते हुए दूसरी शादी कैसे कर सकता था उसने कहा रीति रिवाजों के हिसाब से मैं उसको अपनी पत्नी बनाकर लाया और वैसे भी कोई नहीं जानता कि इस घर में क्या हो रहा है मैंने कौन सा इस खबर पर कोई वीडियो बनानी है जो सबको पता चल जाएगा
बस मेरी पत्नी है मेरे घर में रहेगी और अगर तुमने ज्यादा कोई बात करने की कोशिश की या किसी ने कहा कि तुम एक वक्त में सिर्फ एक ही पत्नी रख सकते हो तो मैं तुम्हें छोड़ दूंगा लेकिन उसको नहीं तुम जैसी हाथी औरत होती है जो अपने आप को इतना बुरा बना लेती है कि पति दूसरी औरतों के पीछे जाते हैं और फिर वह कहते हैं कि मेरा पति मेरे पास नहीं बैठता अरे तुम्हें जैसी मोटी औरत के साथ कौन रखेगा अपने आप को पत रखा होता
तो मुझे यह सब कुछ करने का मौका ही नहीं था मैंने कहा था तुम्हारी मदद भी की थी तुम्हारा ख्याल भी रखा था नजर भी रखता था कोई निगरानी में तुम्हें सब कुछ खिलाता था लेकिन फिर भी तुमने क्या किया जब से मेरा वजन बहुत ज्यादा बढ़ गया था मेरा पति मेरी तरफ देखता भी नहीं था यानी कि शादी करने से तकरीबन महीना पहले उसने मुझे बिल्कुल ऐसे कर दिया था जैसे मैं इस घर में हूं भी नहीं
मेरी सास ने भी मेरी मदद की मुझे अच्छे-अच्छे कपड़े पहन के रात को उसके सामने भेजने की कोशिश की कहा तुझे अच्छे से नाइट सूट पहनकर उसका इस्तेमाल करना सब कुछ किया लेकिन मेरे पति ने मेरी तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखा मैं पहले तो बोतल बनी खड़ी थी लेकिन अब मेरा जब्त जवाब दे गया था मैं आगे बढ़ी और मैंने अपने पति को बातें सुनाना शुरू कर दी मैं तो हैरान ही रह गई यह कौन है यह सिला दिया
तुमने मुझे मेरी वफा का सोचा भी नहीं था कि आप ऐसा करेंगे अपने बेटे के बारे में भी नहीं सोचा किसको ले आए तो क्या सारी जिंदगी तेरे साथ गुजार देता तू मेरी पत्नी कम और मेरी मां ज्यादा लगती है शर्म आती है मुझे तेरे साथ बाहर जाते हुए शराफत है मेरी कि मैं तुझे तलाक नहीं दे रहा हूं ना कोई तुझे रोकेगा जो मर्जी कर उसने अपनी दुल्हन का हाथ थामा और वहां से चला गया उस लड़की के चेहरे पर मैंने मुस्कुराहट देखी थी व लड़की मुझे बहुत चालाक लग रही थी
और अब क्या हो सकता था मैं रोती ही रह गई और अपने घर चली आई सबने मुझे समझाया कि मैं वापस चली जाऊं पर अब मैं वापस जाने से इंकार कर गई थी मैंने अपनी मां को उस दिन कहा अगर आपने उस दिन मेरे साथ यह ना किया होता तो शायद आज मेरी जिंदगी अलग होती और वह भी क्या कर सकती थी उनको क्या मालूम था कि इस तरह का इंसान निकलेगा मेरे घर वालों के हालात अच्छे नहीं थे मैं उन पर बोझ नहीं बनना चाहती थी
इसलिए मैंने एक पर्स बनाने वाली फैक्ट्री में काम करना शुरू कर दिया काम बहुत मुश्किल का था मुझे 12 घंटे तक भट्टी के सामने खड़ा रहना पड़ता था बेटा भी था साथ इसलिए सर तोड़ मेहनत करती रही दो साल का अरसा गुजर गया इस मुश्किल काम ने मेरा 40 किलो वजन कम कर दिया था क्योंकि गरम भट्टी के सामने खड़ा होना कोई आसान काम नहीं था अब मैं 60 किलो पर आई थी और पहले से बहुत बेहतर लगती थी मुझे अपने वजूद से पहले दिन से कोई मसला नहीं था
मैं तो बहुत खुश रहती थी अब मैं अपनी जिंदगी जी रही थी अब भी मैं आकाश के साथ रिश्ते में थी पर वह तो मुझे कभी लेने नहीं आया ना ही उसने कभी कॉल की और उस शख्स से मुझे ऐसी कोई उम्मीद भी नहीं थी पर एक दिन मेरी आंखों ने कुछ देखा यह मोहल्ले की गली थी आकाश किराने की दुकान पर खड़ा सामान ले रहा था मैं तो उसे देखकर हैरान ही रह गई वह इस कदर मोटा कैसे हो गया था कि पहचाना ही नहीं जा रहा था
पर मैं तो उसकी पत्नी थी ना मैं उसे कैसे ना पहचान मैं आगे बढ़ी और उसे रोका वह मुझे देखकर हैरान हुआ और कुछ झिझक लगा जैसे ना चाहता हो कि मैं उसे देखूं यह क्या हाल बना रखा है मैं ठीक हूं वह घबरा सा गया मुझे एनीमिया हुआ है खून की कमी की वजह से जिस्म फूल गया है यह वजन नहीं है यह सिर्फ मेरे जिस्म को हवा हुई है मैं दवाई खाऊंगा तो एक दो हफ्तों में ठीक हो जाऊंगा तुम मेरी फिक्र मत करो उसने मुझसे नजरें चुराते हुए कहा क्या कब कैसे मैं हैरान थी
मैं ठीक हो जाऊंगा तुम मेरी फिक्र मत करो वह बहुत घबराया हुआ लग रहा था मुझसे नजर भी नहीं मिला रहा था और वहां से चला गया मतलब भाग गया था मेरा बेटा मुझे बुलाने के लिए आया था उसने दूर से आकाश को देख लिया उसने मुझसे पूछा यह कौन था तो मेरी हैरानी और भी बढ़ गई क्या मेरे बेटे ने अपने बाप को नहीं पहचाना मैंने कहा यह तुम्हारे पापा थे
तो वह हंस दिया और कहने लगा इतने मोटे मैंने उसे मना किया कि यह नहीं कहते कुछ दिन बाद मुझे मेरे पति की कॉल आई और उसने कहा मुझे आज तुम्हें एक बात बतानी है जिस लड़की से मैंने शादी की मैं उससे मोहब्बत करता था लेकिन मेरी मां मेरी शादी उससे करवाना नहीं चाहती थी क्योंकि उसकी मां और बहन स्टेज ड्रामों में काम करती थी लड़की खुद तो नहीं करती थी लेकिन मेरी मां कहती थी कि यह कंजरी है हमने कंजर के घर से रिश्ता नहीं लेना है
लेकिन मैं इसको बहुत पसंद करता था इसीलिए मैंने जानबूझकर तुम्हें खाने में ऐसी दवाएं मिलाकर दी जिससे तुम्हारा वजन बहुत बढ़ जाए और फिर मैं यह बहाना कर सकूं कि तुम बहुत मोटी हो गई हो और मैं तुमसे रिश्ता नहीं रखना चाहता तुम्हारी साथ नहीं रहना चाहता इसीलिए मैंने तुम्हें जानबूझकर ऐसी दवाई दी थी मैंने तुम्हें तलाक नहीं दी थी क्योंकि पहले ही मैं तुम्हारे साथ जुल्म कर चुका था लेकिन यह सब कुछ मैंने अपनी बात मनवाने के लिए किया था
मेरी मां कभी भी मेरी शादी उस लड़की से ना करवाती उन्होंने तुम्हें पसंद किया था मुझे मोटापे से हमेशा से ही नफरत थी और वह बहुत ज्यादा खूबसूरत दुबली पतली थी इसलिए मुझे अच्छी लगती थी मुझे पता है कि मेरे बिना तुमने जिंदगी बहुत मुश्किल से गुजारी है और मैं इसका हकदार तो नहीं हूं पर भगवान के लिए तुम मेरी जिंदगी में वापस आ जाओ अब तुम्हारा जो भी फैसला होगा मुझे मंजूर होगा
मैं हैरान रह गई कि मेरे पति ने मेरे साथ यह सब कुछ किया था मुझे तो यकीन ही नहीं हो रहा था वह बार-बार कॉल करता था लेकिन मैं जवाब नहीं देती थी क्योंकि मुझे समझ में नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं वह अपने किए पर शर्मिंदा था तो क्या मैं उसको माफ कर देती मैंने अपना फोन ही बंद कर दिया और उसने मौसी के हाथों मेरे लिए एक पैगाम भिजवाया था कि मैं उसे माफ कर दूं और वापस आ जाऊं उसकी दूसरी पत्नी उसे छोड़कर जा चुकी थी
उसने जुड़वा बेटियां पैदा की थी और और वो बेटियां भी अपने साथ ले गई थी बल्कि उसने अपनी बेटियों का खर्च लिखवाया था और आकाश उसको खर्च भी दे रहा था उसका कहना था कि वह इस जैसे मोटे इंसान के साथ नहीं रहना चाहती जबकि खुद बहुत हसीन लगती है एक मोटे पति को वह कबूल नहीं कर सकती आकाश अपने किए पर बहुत शर्मिंदा था मैं खुद पर हुए जुल्म याद करती तो कभी भी वापस ना जाती एक शख्स ने मुझसे शादी सिर्फ मेरी खूबसूरती देखकर की थी
यह तो बहुत ही बुरी बात थी और मैं एक बेटे की मां थी इसलिए अपनी औलाद के बारे में सोचकर मैंने आकाश को माफ कर दिया और वापस चली आई घर आई तो मुझे एक खुशगवार पति मिला उसने खुद हमारे लिए मेरी पसंद का खाना बनाया था उसने मुझसे रो-रोकर माफी मांगी उसने कहा कि मुझे माफ कर दो मैं बहुत गलत था मैं समझा था कि सिर्फ बाहरी खूबसूरती ही सब कुछ होती है पर मैं गलत था जो मैंने तुम्हारे साथ किया वह किसी जुल्म से कम नहीं था
और वही जुल्म किस्मत ने मेरे साथ कर डाला और अब मैं बदल गया हूं हो सके तो मुझे माफ कर दो आकाश ने रोकर हाथ जोड़कर कहा था मैं भी रोने लगी और उसे माफ कर दिया अब वह वाकई बदल गया था अब हम नॉर्मल लोगों की तरह रहते थे मैं उसका बहुत ख्याल रखती थी और वह ठीक हो रहा था मैंने अपनी जिंदगी की कहानी से यही सीखा कि मोहब्बत कभी भी सूरत से नहीं होती है और जिसको सूरत से हो जाए वह मोहब्बत नहीं होती है
Youtube Channel link – Meri Kahaniyan