अकेलापन | Hindi story | Manohar Hindi Story | Sad Hindi Story

Hindi story : आज मैं बहुत खुश था मेरी जिंदगी की सबसे बड़ी खुशी पूरी हो रही थी मुझे यकीन ही नहीं आ रहा था कि मेरे साथ ऐसा भी हो सकता है वह लड़की जो मेरा पहला ख्वाब थी जो मेरा पहला प्यार थी लेकिन जो मेरे भाई की पत्नी बन गई थी अब वह मेरी पत्नी बनकर मेरे कमरे में बैठी मेरा इंतजार कर रही थी

 

मैं खुशनसीबी पर रस्क कर रहा था और मैंने उसके लिए एक बहुत प्यारा सा मुंह दिखाई का तोहफा लिया था जब मैं कमरे में गया तो वह सर झुकाकर बैठी हुई थी उसके पास बैठा तो मुझे एहसास हुआ कि शायद वह इस बात पर उदास होगी कि मैं उसका देवर था

 

 और अब उसके पति के रूप में उसके सामने हूं मैंने खुद को यह समझा लिया था कि जब तक वह मुझे कबूल नहीं कर पाती मैं उसके साथ किसी भी किस्म की जबरदस्ती नहीं करूंगा जब मैंने अपनी पत्नी को तोहफा दिया तो उसके चेहरे पर मुस्कान थी मुझे यह देखकर अ हुआ कि शायद वह शादी से खुश थी

 

और अब वह मेरे सामने शर्मा कर सर झुकाए बैठी थी मैं उसकी हर अदा पर फिदा होता जा रहा था वह रात मेरी खुशियों के समुंदर में डूबते हुए गुजरे थे उस दिन में ऐसी राहत महसूस कर रहा था जैसे मैंने जिंदगी में पहले कभी नहीं की थी और जब शुभ उठा तो मैं खुद को तरोताजा महसूस कर रहा था

 

 मैं ऐसे पूछता था जैसे मुझे नई जिंदगी मिल गई हो मेरे माता-पिता मुझ मुझे खुश देखकर खुश थे मगर जब उन्हें भैया की याद सताने लगती तो वह फिर से रोने लगते थे भैया मेरी माता पिता की जान थे और भैया भी इतने अच्छे थे कि परिवार वाले थे हम उनके बगैर कैसे खुश रह सकते थे मेरी पत्नी भी अक्सर उनका नाम लेकर उदास हो जाती थी और तब मैं उसे अपने सीने से लगा लेता और कहता मुझे अच्छा नहीं लगता कि तुम मेरे सामने किसी और मर्द का नाम लो चाहे वह मेरा भाई ही क्यों ना हो 

 

तुम्हारे मुंह से उनका नाम सुनता हूं तो तकलीफ होता है मुझे वह मुस्कुरा कर कहने लगी कि आगे से मैं आपको तंग नहीं करूंगी और आपके भाई का नाम भी नहीं लूंगी मुझे जब भैया की याद आती थी तो मैं भी एक बार तड़प जाता था और मेरी आंखों में आंसू आ जाते थे

 

 

 

मगर मैं इस बात पर खुश था कि रूपा मुझे हासिल हो गई थी वरना शायद मैं जिंदगी भर उसे यूं ही भाई की पत्नी के रूप में देख देख कर तड़पता रह हम सब घर में सो रहे थे मेरी पत्नी का कहना था कि वह मेरे साथ हनीमून पर जाना चाहती है मेरे माता-पिता को भी इस बात पर कोई ऐतराज नहीं था

 

 यूं भी वे यह समझते थे कि उनकी बहू उदास है और मुझे उसे कहीं घुमाने के लिए लेकर जाना चाहिए तभी मैं उसे लेकर एक बहुत ही खूबसूरत जगह पर आ गया था जितने वक्त हम दोनों यहां पर रहे हम दोनों पहले से ज्यादा एक दूसरे के करीब आ गए थे और जब हम लोग लोग वापस आए तो मेरी पत्नी पहले से ज्यादा खूबसूरत हो गई थी मेरा सच्चा प्यार पाकर उसकी खूबसूरती में निखार हो गया था मां तो उसकी नजर उतारते हुए नहीं थक रही थी

 

 और अक्सर वह यह बात कहते हुए चुप हो जाती थी कि इस कदर खुश तो वह मेरे बड़े भाई के साथ में नहीं थी जितना वह मेरे साथ थी जब उन्हें भाई की याद आती तो फिर से रोने लगती थी और हम उन्हें मुश्किल से बहला थे मेरा कॉलेज की पूरा हो गया था और अब मैं भी एक जगह पर नौकरी कर रहा था मेरी भी अच्छी खासी तंखा थी जिसमें मैं अपनी पत्नी की हर ख्वाहिश को पूरा कर लिया करता था पापा अपना छोटा सा बिजनेस चला रहे थे और घर की सारी जिम्मेदारी पापा ही पूरा कर रहे थे जबकि मैं सिर्फ अपनी पत्नी के खर्चे और नखरे ही उठाता था 

 

उस दिन मैं अपनी पत्नी को लेकर डिनर करने के लिए गया हुआ था और वह दिन हम दोनों ने भरपूर अ में एक साथ गुजारा था आधी रात के वक्त हम जब घर में वापस आए तो घर में एक अजीब सी खामोशी छाई थी माता-पिता के कमरे की रोशनी चमक रही थी हम जब भी कहीं बाहर से आते थे

 

 

तो अपने माता-पिता के कमरे में जरूर जाते थे आज भी हम उन्हें प्रणाम करने के लिए जब उनके कमरे में गए तो अंदर का मंजर देखकर हम दोनों हैरान रह गए थे मुझे अपनी आंखों पर यकीन ही नहीं आ रहा था और मेरी पत्नी की हालत भी मेरे जैसा था कमरे में माता-पिता उनके साथ भाई बैठे हुए थे 

 

माता-पिता बहुत बेचैन लग रहे थे जब कि भाई पहले से काफी कमजोर हो गए थे उनका रंग भी पहले से ज्यादा गहरा हो गया था उन्होंने अपनी नजर मेरी पत्नी पर डाली और गुस्से से अपनी जगह से उठकर हमारी तरफ बढ़े और मेरी पत्नी को जब मैं कॉलेज से घर वापस आया तो घर में भाई की शादी का किस्सा छिड़ा हुआ था भाई को भी आज ऑफिस से छुट्टी थी वह भी पास ही बैठे यह सब बातें सुनकर मुस्कुरा रहे थे मैं भी भाई को छेड़ते हुए बोला कि आज तो आप बहुत खुश होंगे 

 

आखिर आपकी शादी जो होने जा रही है मेरी बात सुनकर वह शर्मा गए और उठकर वहां से चले गए उसके बाद मेरे माता-पिता एक लड़की को देखने गए तो भाई को मैंने बेचैनी से होल में तहल हुए देखा और उनके चेहरे पर परेशानी थी वह बार-बार घड़ी की तरह देख रहे थे यह देखकर मैं हंस पड़ा और उन्हें कहने लगा कि बार-बार टाइम देखने से वह जल्दी थोड़ी ना आ जाएंगे मेरी बात पर भाई ने गुस्से से देखा और कहने लगे कि तुम बहुत ही ज्यादा शरारती हो गए हो मां से कहकर तुम्हारा भी बंदोबस्त करवाता हूं

 

 उन्हें कहता हूं कि तुम्हारे लिए भी कोई लड़की ढूंढे यह बात सुनकर मैंने अपने से कानों को हाथ लगाया और कहने लगा कि अभी तो मुझे पढ़ना है अपना करियर बनाना है उसके बाद शादी भी कर लेंगे अभी तो एंजॉय कर रहे हैं शाम को जब माता-पिता घर आए तो बहुत ज्यादा खुश थे उन्हें लड़की बहुत ज्यादा पसंद आई थी मेरी मां तो एक ही बात कह रही थी कि हमें तो लड़की बहुत पसंद आई है अब भगवान करें कि उन्हें भी हमारा बेटा पसंद आ जाए मेरे भाई लाखों में एक थे देखने में तो नॉर्मल थे और जॉब भी बहुत अच्छी करते थे ऐसे में इंकार का कोई जवाब ही नहीं बनता था 

 

तभी जिस दिन भाई के ससुराल वाले आ रहे थे तो उस वक्त मुझे मां कहने लगे कि आज तुम घर से बाहर रहना आज लड़की और उसके घर वाले तुम्हारे भाई को देखने के लिए आ रहे हैं मां की बात का मतलब मैं समझ गया था जब भी मैंने कुछ भी नहीं कहा और घर से बाहर आ गया था मेरे दिल में भी अपनी भाभी को देखने की बहुत ख्वाहिश थी मगर मैं जानता था कि अगर मैं घर गया तो कोई ना कोई मसला बन सकता है इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ था कि जो लोग भाई को देखने के लिए आए थे

 

 उन्होंने मुझे पसंद कर लिया था और मेरे लिए रिश्ता देकर चले गए थे तो क्योंकि भाई का रंग सांवला था और जबकि मेरा रंग बेतहाशा गोरा था और मैं देखने में भी बहुत ही ज्यादा हैंडसम था इसलिए भाई की जिस लड़की के साथ भी रिश्ता हुआ उसने जब मुझे देखा तो उसने भाई के साथ शादी से इंकार कर दिया था

 

 

 

हालांकि भाई के पास गाड़ी घर सब कुछ था और उनकी जॉब भी बहुत अच्छी थी मैं जानता था कि मेरी मां यही वजह से मुझे जाने को बोल रही है इसीलिए मैं घर से निकल गया और अपने दोस्तों के साथ इधर-उधर घूम रहा था रात को जब मैं घर में गया तो मेरी मां बहुत खुश थी 

 

उन्होंने मुझे मिठाई से मुंह मीठा करवाया और कहने लगी कि उन लोगों ने तुम्हारे भाई को पसंद कर लिया है और बहुत जल्द ही शादी भी करना चाहते हैं यह सुनकर मैं भी खुशी से खिल उठा और फिर घर में भाई की शादी की तैयारियां होने लगी थी भाई अब बहुत ज्यादा खुश रहने लगे थे मैंने अभी तक अपनी होने वाली भाभी को नहीं देखा था मुझे उन्हें देखने की ख्वाहिश थी मगर मेरी मां का कहना था कि जब वह घर में आ जाएगी तब तुम अपनी भाभी को देख लेना और अपनी मां की यह बात सुनकर मैं चुप का चुप रह गया था 

 

एक तरह से उनके बातें भी अपनी जगह पर बिल्कुल दुरुस्त थी वह शायद गुजरे हूं कल के लिए परेशान थी डरी हुई थी तभी वह इतनी सावधानी बरत रही थी इसलिए मैंने भी किसी बात में जिद करना जरूरी नहीं समझा था उसकी शादी तो भाई के साथ हो रहे थे अगर भाई ने उसको देखा था उसके साथ उनकी अंडरस्टैंडिंग थी तो मुझे इस चीज से क्या मसला हो सकता था फिर भाई की शादी भी होगी जिस दिन भाई की शादी थी

 

 उस दिन मैंने अपनी भाभी को देखा और तब उन्हें देख मेरा मुंह खुले का खुला रह गया था मुझे वह दिन याद आ गया था जब मैं अपने एक दोस्त के साथ शॉपिंग करने के लिए मोल में गया था मैं एक लड़की को देखा था और उसको देखकर मेरे दिल में उसके लिए मोहब्बत जैसे जाग उठी थी और उस लड़की ने भी जब मुझे देखा तो उसकी निगाहों में मुझे अपने लिए पसंदी दगी नजर आ रही थी उसके बाद वह लड़की ना जाने कहां चली गई मैंने उसको बहुत ढूंढा हर गली हर दुकान हर जगह मेरी नजरें उसी लड़की को तलाश कर रही थी

 

 मगर उसके बाद कभी भी मेरी उसके साथ मुलाकात नहीं हुई वह थी जो मेरे दिमाग पर जैसे सवार हो गई थी मैं चाहकर भी उसे भूल नहीं पा रहा था फिर राफ्ता राफ्ता इस बात को एक साल का अरसा गुजर गया और मैं उसे भूल नहीं पाया था उस लड़की का चेहरा मेरी आंखों के सामने आ जाता था

 

और फिर उसके बाद मैं उस लड़की को आज देख रहा था और उसे देखकर मुझे एहसास हो रहा था कि मैं किस कदर बदनसीब इंसान हूं जिंदगी में पहली बार एक लड़की पसंद आई और उस लड़की की मेरे बजाय मेरे भाई के साथ शादी हो गई यह बात किसी तरह से भी मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रही थी

 

 उस रात में बेचैनी के साथ अपने कमरे में तहल रहा बार-बार मेरी आंखों में आंसू आ रहे थे और मैं यह सोच रहा था कि अगर उस लड़की की भाई की बजाय मेरे साथ शादी होती तो मैं अपने जीवन से किस कदर खुश होता मगर अब मुझे लगता था कि मेरा सारा जीवन इस उदासी में गुजरने वाला है

 

 

और अपने फिलिंग को छुपाना मेरे लिए बहुत मुश्किल हो रहा है अगले दिन उठा तो भाभी तो नॉर्मल थी मगर भाई का चेहरा खुशी से खिल रहा था वह बेतहाशा खुश थे और उनके अंदाज से लग रहा था कि उन्हें भाभी से किसी भी तरह की कोई शिकायत नहीं है मेरी मां भी भाभी से बहुत प्यार करती थी

 

 और उन्हें इस घर में जल्द ही एक और फर्द की हैसियत हासिल हो गई थी मगर मैं उसे कतरा रहता था जहां पर वह होती तो मैं वहां से उठ जाता था यह बात सब लोगों ने नोट की थी एक दिन मेरी मां मुझसे कहने लगी आखिर तुम अपनी भाभी से बात क्यों नहीं करते यह कितनी गलत बात है वह तुम्हारे भैया की पत्नी है और तुम्हें उसके साथ ऐसा रवैया नहीं रखना चाहिए मैंने मां को कहा कि आइंदा मैं इस चीज का ख्याल रखूंगा मगर मैं जानता था कि शायद कभी भी मैं उनके सामने नहीं बैठ सकूंगा

 

 क्योंकि उन्हें देखकर मुझे एहसास होता था कि मैंने उसे खो दिया है यही वजह थी कि मैं उसके पास जब भी बैठता था मुझे बेचैनी होने लगती थी इसलिए मैंने अब सभी घर वालों के साथ खाना पीना छोड़ दिया था मैं घर में लेट ही आता था जब घर में आता था तो सभी लोग खाना खा चुके होते थे और सभी लोग अपने अपने कमरों में होते थे तभी मेरी मां मुझ मुझे अपने कमरे में ही खाना दे दिया करती थी भाई की शादी को एक साल हो गया था अब मां अपनी बहू से अपने पोते की फरमाइश करने लगी थी 

 

जब भी मां ऐसी बात कहती तो मेरी भाभी शर्मा जाती थी और भागते हुए अपने कमरे में चली जाती थी यह देखकर मेरी मां हंस पड़ती थी कि मेरी बहू कितनी शर्मीली लड़की है वह आजकल के लड़कियों की तरह तेज नहीं है भाभी खाना भी बहुत अच्छा बनाती थी और घर के कामों में मां की मदद भी करती थी मां को हमेशा से यह बात सताती थी कि भगवान ने उन्हें कोई बेटी नहीं दी थी अगर उनकी कोई बेटी होती तो वह उनके घर के कामों में मदद करती उन्हें बेटी का बहुत शौक था 

 

हम दोनों भाई लड़के होने के बावजूद भी उनके घर के कामों में मदद करते थे मगर फिर भी वह यही कहती थी कि काश मेरी एक बेटी होती और अब जब से भाभी आ गई थी तो मेरी माताजी का यह गिला शिकवा भी दूर हो गया था भाभी भी उन्हें बहुत ही ज्यादा इज्जत और मान देती थी भाभी जब भी कोई अच्छा काम करती थी या अम्मी जब उनकी कोई तारीफ करती थी तो इस बात पर भाई अपनी खुशी महसूस करते और उनके चेहरे पर तब जो तस्वीर होती थी 

 

वह मुझे नजर छुपाने पर मजबूर कर देता था और मैं यह समझता था कि काश रूप मेरी पत्नी होती तो आज मैं इस कदर खुश होता अब मैं खुद को कोसता रहता था कि काश के भाई की शादी से पहले ही मैं एक बार अपनी भाभी को देख लेता तो आज यह सब कुछ ना होता मुझे पूरा यकीन था कि तब अगर मैं भाभी के सामने आता तो भाभी मुझे पसंद कर लेती जैसे कि इससे पहले लड़कियों ने किया था उस दिन मेरे भाई शहर से बाहर जाना था और उनकी वापसी तीन दिनों बाद होने थी 

 

यह जानकर भाभी बहुत उदास हो गई थी कि वह तीन दिन भाई के बिना कैसे गुजारेंगे जबकि मेरी मां उनको इस बात पर तसल्ली दे रही थी मेरा दिल चाह रहा था कि मैं अपनी भाभी से कहूं कि मे होते हुए आपको परेशान होने की क्या जरूरत है आप क्यों उदास हो रही हैं अब जब भाई घर नहीं है तो मे दिग में यह शैतानी खल आया कि क्यों ना मैं एक बार भाभी अपनी ख्वाहिश पूरी  तो शद इस तरह मैं उन्हें अपने दिल निने में कामयाब हो जाऊं मगर मुझे खुद पर कंट्रोल था 

 

शायद तभी मैं फिर इस हद तक नहीं गया था भाई तीन दिनों के बाद वापस आना था और उस दिन भाभी बहुत परेशान थी वह कहने लगी कि तीन दिन से मुझे कबीर ने कॉल नहीं की मैं जब भी कॉल करती हूं नंबर बंद मिलता है वह बहुत परेशान हो रही थी जब कि भैया की आदत शुरू से ही ऐसी थी वह जहां कहीं भी जाते थे तो खबर दे देते थे हम सभी उनके रवैए के आदी थे मां भाभी को कहती कि वह फोन पर बात करने के आदि नहीं है परेशान मत हो वह घर आ जाएगा 

 

मगर जब उन्हें एक हफ्ता गुजर गया ना वह घर आए ना उन्होंने कॉल की अब तो हम सभी यह सोचकर परेशान होने लगे थे कि आखिर भाई अभी तक वापस क्यों नहीं आए अगर उन्हें ज्यादा दिन लग गए थे तो घर में फोन करके बता देते लेकिन उनका नंबर लगातार बंद जा रहा था फिर मैं ऑफिस गया जहां पर भाई गए थे वहां का एड्रेस ले लिया और जब मैं वहां पहुंचा तो मुझे मालूम हुआ कि भाई तो वहां तक पहु ही नहीं थे यह सुनकर मेरे पांव के नीचे जमीन निकल गई थी 

 

अगर भैया वहां पर नहीं थे तो इतने टाइम से वह कहां पर थे घर में सब उनके लिए इतना परेशान थे और ना जाने वह खुद कहां थे अब मुझे परेशानी हो रही थी कि वह कहां है किसी मुसीबत में तो नहीं है क्योंकि वह ऐसा मिजाज बिल्कुल नहीं रखते थे और लापरवाही तो उनमें बिल्कुल भी नहीं थी और इस वजह से मैं भी उलझ कर रह गया था और तब भी जब घर से मुझे बार-बार कोल आने लगी कभी भाभी की कभी मां की तो मैं उन्हें तसल्ली देता कि भैया जल्दी मिल जाएंगे मगर पुलिस भी इस सिलसिले में कुछ नहीं कर सकती थी

 

 फिर मैं अपने शहर वापस आ गया तो हमने अपने शहर के हर अखबार में भाई की तस्वीर के साथ गुमशुदगी की खबर छपवा थी मगर कहीं से भी कोई खबर नहीं मिल रही थी भाभी और मां का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था भाभी का तो बस नहीं चल रहा था कि वह क्या कर गुजरे और मां का परेशानी से बुरा हाल था और मैं दोनों को तसल्ली दे रहा था पापा भी अलग हालत में थे देखते ही देखते तीन साल का वक्त गुजर गया था भाई की कोई खबर नहीं मिली थी

 

 मैं इस बात पर पछता रहा था कि कहीं भाई की खुशियों को मेरी नजर तो नहीं लगी अब मैं खुद को कोसने लगा कि मुझे उनकी खुशियों के लिए दुआ करनी चाहिए थी ना कि नाराजगी करनी चाहिए थी अब शायद उनकी खुशियों को मेरी नजर लग गई थी मैंने उन्हें ढूंढने की हर मुमकिन कोशिश की मैं गोवा कितनी ही बार जा चुका था पुलिस स्टेशन के कितने ही चक्कर कट चुका था पुलिस वाले हमेशा मुझे तसल्ली देते कि वह जल्द ही मेरे भैया को ढूंढ लेंगे 

 

और मैं हमेशा उनकी बातों में आ जाता था थक हार कर वापस आ जाता था मगर 3 साल के अरसा गुजरने के बावजूद भी कोई उन्हें ढूंढ नहीं पाया था और तब मम्मी पापा ने जब मुझे यह कहा कि हम अपनी बहू को वापस नहीं भेजेंगे हम इसे बेटी बनाकर लेकर आए थे और हमेशा यह इसी घर में रहेगी

 

 

हमेशा यह हमारे परिवार का हिस्सा बनकर रहेगी तुम्हें इससे शादी करनी होगी मां समझ रही थी कि मैं कभी भी इस बात के लिए नहीं मानूंगा और शायद मैं अपने भाई की पत्नी के साथ कभी शादी करने के लिए तैयार नहीं होंगा मगर वह क्या जानती थी कि यह तो मेरी दिल की सबसे बड़ी ख्वाहिश थी

 

 मैंने अपने चेहरे को नॉर्मल कर लिया और अपनी मां को कहने लगा कि जैसा आप चाहेंगे वैसा ही होगा और वह मेरी बात सुनकर बहुत खुश हुई थी और मुझे दुआएं देते हुए वहां से उठ गई थी फिर जल्दी ही उन्होंने हम दोनों की तैयारी भी शुरू कर दी थी और जब मैंने रूपा से शादी कर ली तो मुझे अंदाजा हुआ कि जिंदगी किस कदर खूबसूरत है अब मैं बहुत खुश रहने लगा था अक्सर कभी मेरे दिल में यह ख्याल आता कि अगर भाई वापस आ गए तो यह सोचकर ही मेरा सांस रुकने लगता था

 

 मैं इससे पहले तो अपने भाई के वापस लाने के लिए उन्हें ढूंढ रहा था पागल हो रहा था और अब जब मैंने रूपा से शादी कर ली थी तो मुझे इस बात का डर था कि वह वापस ना आ जाए और जब मैं और रूपा रात को घर वापस आए तो भाई को सामने देखकर मेरे पांव के नीचे से जमीन निकल गई थी पहला ख्याल मुझे यही आया था कि शायद वह रूपा को मुझसे लेंगे और यह खयाल आते ही मेरा दिल जैसे किसी ने अपनी मुट्ठी में ले लिया था और मैंने मजबूती से रूपा का हाथ पकड़ लिया था

 

 भाई ने मुझे बिल्कुल नजरअंदाज कर दिया था उन्होंने रूपा को दोनों पैरों से पकड़ा हुआ था और उसे झिंझर हुए कहने लगे कि आखिर क्यों किया तुमने यह सब क्यों किया तुमने ऐसा मुझे मेरे घर वालों से दूर कर दिया मुझे वजह बताओगी भाई की बातें सुनकर हम सभी हैरान परेशा श थे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है तभी मां कहने लगी कबीर तुम बिना वजह उस पर गुस्सा कर रहे हो उसकी मैंने खुद तुम्हारे भाई के साथ शादी करवाई है तुम इस चीज के लिए उसे इल्जाम दे रहे हो 

 

यह बात सुनकर भैया का मुंह खुले का खुला रह गया वह भी यकीनी से मुझे देखने लगे बोले कि आपने इस दयान की शादी मेरे छोटे भाई के साथ कर दी क्या दुनिया में और लड़कियां मर गई थी इस ने पहले मेरी जिंदगी बर्बाद की और अब आपने दूसरे बेटे को कुर्बान करने के लिए छोटे को इस डायन के हवाले कर दिया भैया की बातें हम सभी के सर से ऊपर से गुजर रहे थे और रूपा का रंग सफेद पड़ गया था और वह चक्र कर जमीन पर गिर पड़ी वह बेहोश हो गई 

 

यह देखकर मैं परेशान हो गया जब उसे किसी तरह से भी होश नहीं आ रहा था तो मैं उसे लेकर अस्पताल में आ गया था पूरी रात में अस्पताल में उसके साम में बैठा रहा डॉक्टर्स ने बताया कि उसे सद सदमा पहुंचा है जिसकी वजह से वह बेहोश हो गई है यह जल्द ही होश में आ जाएगी यह सुनकर मैं अपना सर पकड़कर रह गया अब मुझे समझ नहीं आ रहा था कि आने वाला समय मुझे क्या रंग दिखाने वाला था भाई वापस आ गए थे और अब वह मुझसे मेरी पत्नी को वापस हासिल करने का तक जाह कर सकता था

 

 और अगर ऐसा हो जाता तो मेरे लिए तो इसके बगैर एक पल रहना भी ना मुमकिन था मैं तो इससे बेतहाशा मोहब्बत करने लगा था और ऐसे में इसको मैं भैया के हवाले कैसे कर देता एक ही घर में रहते हुए जब इसे भाई के साथ उनकी पनाहों में देखकर मेरे दिल पर क्या गुजरती यह सोचकर ही मेरा दिल जैसे फटने लगा जब मेरी पत्नी को होश आया तो वह एकदम अपनी जगह पर उठकर बैठ गई उसके चेहरे पर बेपनाह डर नजर आ रहा था वह बहुत डरी हुई थी और बुरी तरह से रो रही थी

 

 जब मैं उसे लेकर घर आने लगा तो उसने घर जाने से इंकार कर दिया और कहने लगी कि मुझे अपने मम्मी पापा के पास जाना है तब मैं उसको लेकर उसके माता-पिता के घर आ गया वह भी अपने बेटी की हालत देखकर परेशान हो गए और जब मुझसे इसकी हालत का पूछा तो मैंने उन्हें सारी बात बता दी यह खबर उनके लिए भी हैरान कर देने वाली थी और जब मैं घर वापस आया तो घर का माहौल ही बदला हुआ था मेरी मां की भी तबीयत बहुत ही ज्यादा खराब थी 

 

वह सर पकड़कर लेटी हुई थी तो पापा अलग परेशान थे और भैया उनका हाल भी खराब था मुझे उन्होंने गहरी नजरों से देखा मैं तो उनकी नजरों से नजरें नहीं मिला सकता था मैं समझ चुका था कि वह मुझे क्या कहने वाली थी और अब मैं उनका सामना करने के लिए खुद को तैयार कर चुका था मैं यह सोच चुका था कि अगर उन्होंने मुझे मेरी पत्नी को तलाक देने को कहा तो मैं इस बात से साफ इंकार कर दूंगा उन्हें बता दूंगा कि मैं उससे बहुत मोहब्बत करता हूं मैं उसे नहीं छोड़ सकता 

 

और तभी भाई ने मुझे कहा कि छोड़ आई अपनी पत्नी को कहां है वह मुझे देखकर वह भाग क्यों गई यहां पर आती मेरा सामना करती वह क्या समझ रही है वह मुझसे भाग रही है तो मैं उसको छोड़ दूंगा भाई की बातें सुनकर मुझे गुस्सा आने लगा मैंने उन्हें कहा कि आप मेरी पत्नी के बारे में ऐसी ऐसी बात नहीं कर सकते और अगर आप यह सोच रहे हैं कि मैं उसे तलाक दे दूंगा या मैं उसे छोड़ दूंगा तो आप गलत सोच रहे हैं मैं ऐसा कुछ भी नहीं करूंगा तभी मेरी मां उठकर बैठ गई

 

 और कहने लगी कि यह लड़की तो सच में डायन है जिसने पहले मेरा बड़ा बेटा मुझसे छीना और अब मेरे दूसरे बेटे को भी मुझसे छीनने के चक्कर में है और इन दोनों को आपस में रही है मां ने जब ऐसी बात कही तो मैं उन्हें बे यकीन नजरों से देखने लगा तभी भाई मुझे कहने लगे कि तुम ऐसी बातें मत करो तुम जानते नहीं हो कि सच क्या है उनकी बात सुनकर मैं चौक गया और कहने लगा क्या कहना चाहते हैं आप खुलकर कह तब उन्होंने कहा कि उस दिन जब मैं गोवा में गया था 

 

तो जानते हो वहां पर क्या हुआ था वहां पर कुछ लोगों ने मुझे अगवा कर लिया था वह लोग बेहोश करके मुझे एक गाड़ी में लेकर गए थे गाड़ी में मुझे जब होश आ गया तो मैंने ने उन लोगों की बातें होश आ गया तो मैंने ने उन लोगों की बातें सुनी थी उस वक्त रूपा की कॉल आई थी और स्पीकर ऑन होने की वजह से मैंने उसकी आवाज को पहचान लिया था वह उससे कह रही थी कि इसको कुछ वक्त के लिए अपने पास कैद रखना है और जब मामला ठंडा हो जाएगा

 

 तो मैं तुम्हें बताऊंगी तब उसके बाद तुम लोग इसे छोड़ देना तब मैं यह सब सुनकर मुझे बहुत दुख हुआ था कि वह मेरे साथ ऐसा कैसे कर सकती थी वह मेरी पत्नी थी मैं उसे बहुत प्यार करता था और वह मेरे ही खिलाफ साजिश कर रही थी और फिर उन लोगों ने मुझे एक जगह पर कैद रखा और अब मैं वहां से बाहर आ गया हूं मुझे यह जानना था कि उसने मेरे साथ ऐसा क्यों किया उसकी वजह से मैं अपनों से दूर रहा और सब लोगों में मिलने को तरसता रहा और उसकी वजह से मैं सबसे दूर रहा

 

 मुझे सब सुन कर यकीन ही नहीं आ रहा था ऐसा कैसे हो सकता था इस बात का जवाब तो रूपा ही दे सकती थी तभी रूपा की मां की कॉल आई कि रूपा ने खुदकुशी कर ली थी और वह इस वक्त अस्पताल में थी यह सुनकर मैं अपनी जगह से उठ खड़ा हुआ अभी जो मैंने सुना था वह मेरी जान लेने के लिए काफी था मैं जैसे पागल होने को था तभी जब मैं अस्पताल में गया तो रूपा आखिरी सांसें ले रही थी उसके माता-पिता पास ही खड़े थे थे मुझे देखकर वह आंसू बहाने लगी 

 

और उसने मेरे सामने हाथ जोड़ दिए कि मुझे माफ कर दो मैंने तुम लोगों के साथ बहुत गलत किया अब रूपा के मुंह से यह सब सुनकर मैं हैरान परेशान रह गया था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि सच क्या है और रूपा ने यह सब क्यों किया था वह तो भैया से प्यार करती थी मगर जो कुछ उसने मुझे बताया वह सुनकर मैं अपने आंसुओं पर कबू नहीं पा सका था वह कहने लगी कि उस दिन मैंने तुम्हें पहली दफा एक शॉपिंग मॉल में देखा था और तुम्हें देखते ही तुम पर आशिक हो गई थी

 

 तुम पहले इंसान हो जैसी मैंने इस कदर मोहब्बत की और मैंने तुम्हें ढूंढने की बहुत कोशिश की मगर तुम मुझे कहीं नहीं मिले और अब जब मैं शादी के बाद तुम्हें अपने पति के छोटे भाई के रूप में देखी तो यह मेरे लिए किसी तरह से बर्दाश्त नहीं था और मैं तुमसे दूर नहीं रह सकती थी तभी मैंने फिर यह साजिश तैयार की ताकि इस तरह से तुम मुझे हासिल हो जाओ और फिर तुमने मेरे साथ शादी कर ली अभी मैं चाहती थी कि तुम्हारे भैया की वजह से हमारे लिए कोई मसला ना बन सके

 

 इसलिए मैंने उन लोगों को हुक्म दे दिया था कि वह तुम्हारे भैया को खत्म कर दे और तभी उन्होंने मुझे बताया था कि वह वहां से भाग गए हैं मैं नहीं जानती थी कि उन्हें यह सब कुछ मालूम हो गया है कि यह सब कुछ मैंने करवाया है और अब मैं किसी के सामने भी सर उठाने के काबिल नहीं रही हूं तभी मेरे पास एक ही रास्ता था डॉक्टर ने रूपा को बचाने की बहुत कोशिश की मगर उन्हें कामयाबी नहीं हुई थी मैं थके हारे कदमों से जब घर आया तो मेरी मां ने मुझसे पूछा कि आखिर रूपा ने ऐसा क्यों किया

 

 उनकी बात सुनकर मैं खामोशी से सर झुका के रह गया था अब तो मैं यह बात अपने आप से भी छुपा रहा था मैं अपनी मां को क्या बताता कि आखिर रूपा ने ऐसा क्यों किया उनकी बात सुनकर मैं खामोशी से सर झुका के रह गया था और फुट फूट कर रो पड़ा था मेरी मां मुझसे पूछती रही कि बताओ कि उसने क्या बताया मैं कैसे बताता मैं क्या बताता कि उसने मेरे खातिर मेरे भाई को अगवा कराया

 

 मैं परेशान था अगर मैं यह बात बताता तो शायद मेरे भाई को और तकलीफ होती इसलिए मैं चुपचाप रहा और अपने कमरे में चला गया अगली सुबह मैंने अपने मां-बाप और भाई को कहा कि मैं कुछ टाइम के लिए अलग रहना चाहता हूं और मैं दूर शहर में आ गया और वहां पर फ्लैट किराए पर लेकर रहने लगा मैं रोज यही सब याद कर कर के रोता रहता हूं

 

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