प्यार से पहले अपना कॅरिअर बनाए। Manohar Hindi Kahani | Sad And Emotional Hindi Story

Manohar Hindi Kahani : मेरा नाम नैना है मेरी उम्र 40 साल है मैं बहुत ज्यादा खूबसूरत तो नहीं मगर एक मामूली सी शक्ल वाली थी मैं अपने डैड की इकलौती बेटी थी मेरी मम्मी तो मुझे बचपन में ही इस दुनिया से छोड़कर चली गई थी सारी जिंदगी मैंने नौकरों के साथ रह-रह कर गुजारी थी डैड तो हमेशा से ही अपने बिजनेस में लगे रहते थे और उन्होंने अपनी बेटी की परवरिश करने के लिए उसे नौकरों के हवाले कर दिया था मेरे सारे कामकाज हमारे घर के नौकर चाकर ही किया करते थे

मुझे स्कूल भेजने से लेकर मुझे सुबह को नाश्ता देना मुझे तैयार करना नहलाना मेरा लंच पैक करना यहां तक कि मेरे हर छोटे-बड़े काम मेरे नौकर ही किया करते थे ऐसा नहीं था कि मेरी डैड मुझसे प्यार नहीं करते थे वो मुझसे बहुत प्यार करते थे लेकिन वह एक बिजनेसमैन थे इसलिए ज्यादातर बिजी रहते थे वह रात के टाइम पर जब भी फ्री होते थे तो मेरे साथ थोड़ी बहुत बातचीत कर लिया करते थे सारी जिंदगी मैं अकेली ही रही थी कोई ऐसा नहीं नहीं था

जो मेरी फीलिंग्लेस जैसे बड़ी होती गई तो मुझे अकेलापन खाने लगता था क्योंकि नौकर सिर्फ मेरे काम किया करते थे मेरा सुख दुख नहीं बांट सकते थे मेरे अकेलेपन को दूर नहीं कर सकते थे हर माता-पिता अपनी औलाद की तकलीफ को अपनी तकलीफ समझते हैं अच्छा बुरा जानते हैं मगर मेरा अच्छा बुरा जानने वाला कोई भी नहीं था फिर जब मैं जवान हुई तो मेरे डैड ने मुझे लंदन में पढ़ने के लिए भेज दिया था वहां पर मेरे कुछ दोस्त बन गए थे

उनके साथ जान पहचान हो गई थी दोस्तों के साथ थोड़ा टाइम अच्छा गुजर गया था मेरा मानना था कि हर इंसान को अपनी जिंदगी में दोस्त जरूर बनाने चाहिए क्योंकि जिसका कोई नहीं होता उसके साथ उसके दोस्त खड़े हो जाते हैं मैं ऐसा नहीं कहती कि हर दोस्त अच्छा होता है कुछ दोस्त बुरे भी होते हैं मगर दोस्त और दोस्ती का मतलब यह होता है कि हम अपने दोस्त से सब कुछ शेयर कर लेते हैं अपने दोस्त से कुछ नहीं छुपाते मेरे भी लंदन में कुछ ऐसे ही दोस्त बन गए थे

लेकिन जब मेरी पढ़ाई पूरी हुई और मैं अपने देश आ गई तो मैं उन लोगों से जुदा हो गई थी हां मैं उन लोगों से कांटेक्ट में आज भी रहती हूं मगर उनसे मिल नहीं पाती क्योंकि सब अलग-अलग कंट्रीज में रहने वाले हैं मेरी जिंदगी इसी तरह से गुजर रही थी जवान हुई तो मुझे और ज्यादा अकेलापन महसूस होने लगा था क्योंकि मैं ज्यादातर घर में ही रहती थी मुझे बाहर घूमना फिरना भी ज्यादा पसंद नहीं था मैं जब दूसरों की फैमिली को को देखती थी

तो मुझे अफसोस होता था कि काश मेरी भी फैमिली होती तो शायद मैं इतनी अकेली ना होती और मैं भी अपने परिवार के साथ मुस्कुरा रही होती मैं कुछ समय तक जब लंदन में रही तो इस दौरान मेरे डैड को मेरी कमी का एहसास हुआ था इसलिए जब मैं अपने घर आई थी तो डैड ने मेरा बहुत अच्छे से वेलकम किया था बल्कि मेरे वेलकम में एक पार्टी भी ऑर्गेनाइज की थी और फिर डैड मुझे टाइम देने लगे थे मुझे अच्छा लगता था

अपने डैड से बातचीत करना उनके साथ रहना अपनी बेटी से दूरी पर मेरे डैड के अंदर बदलाव आ गया था डैड ऐसे शुरू से नहीं थे लेकिन जब मैं लंदन चली गई तो उन्हें एहसास हुआ था कि वोह कितने अकेले हैं जैसे मुझे हुआ करता था फिर उन्हें मेरी फीलिंग्लेस महसूस होता है तो उनकी बेटी को कितना अकेलापन महसूस होता होगा भले ही वह मुझसे घर में ज्यादा बातचीत नहीं करते थे मुझे ज्यादा टाइम नहीं दे पाते थे लेकिन जब वह घर में आया करते थे

तो उन्हें यह तसल्ली होती थी कि उनकी बेटी घर में मौजूद है लेकिन जब मैं लंदन चली गई तो उन्हें लगता था कि यह घर खाली हो चुका है इस घर में कोई भी नहीं है मेरी आदत थी कि जब भी डैड ऑफिस से घर आते थे तो मैं उनके फ्री होने का इंतजार करती थी कि कब वो फ्री हो और फिर मैं उनके साथ बैठकर थोड़ा सा टाइम स्पेंड करूं मेरे डैड को ये सारी बातें बहुत याद आती थी इसलिए उनको मेरी कदर होने लगी थी वो मुझसे प्यार करते थे

लेकिन हमेशा अपने काम की वजह से उन्होंने अपनी बेटी को इग्नोर करके रखा हुआ था कई साल इसी तरह से गुजर गए थे फिर धीरे-धीरे मेरे डैड की तबीयत बिगड़ने लगी थी अपने डैड के साथ मेरा बहुत अच्छा समय गुजर रहा था लेकिन एक दिन मेरे डैड की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई मैं उनको हॉस्पिटल लेकर गई तो डॉक्टर ने बताया कि उनको हार्ट अटैक आया है भगवान की कृपा से मेरे डैड बच तो गए थे कुछ दिनों बाद वह हॉस्पिटल से डिस्चार्ज हो गए थे

मैं उनको लेकर घर आ गई थी मगर डॉक्टर ने कहा था कि इन्हें किसी भी तरह की कोई टेंशन नहीं देनी है लेकिन मेरे डैड हमेशा अपने काम में बिजी रहते थे उन्हें अपने बिजनेस का बहुत स्ट्रेस रहता था इसलिए मैंने उनसे कहा था कि आप घर में रहकर आराम करें और ऑफिस का सारा कामकाज मैं खुद देख लूंगी मैं काफी पढ़ी लिखी थी इंटेलिजेंट थी मेरे डैड का बेटा नहीं था तो क्या हुआ बेटी तो थी वही उनका बेटा बनकर दिखा सकती थी उनका सहारा बन सकती थी

इसलिए मैंने अपने डैड के सारे बिजनेस का बोझ अपने कंधों पर ले लिया था डैड घर में रहकर आराम करते थे और मैं ऑफिस में जाकर उनका काम संभाला करती थी जिंदगी इसी तरह से गुजर रही थी मेरे डैड मेरी शादी करना चाहते थे मगर मैं शादी करने की सख्त खिलाफ थी क्योंकि मुझे इस दुनिया में कोई भी अपना नहीं लगता था यह दुनिया मुझे बड़ी बेगानी लगती थी ऐसा लगता था जैसे कोई भी मेरे मेल का नहीं है

मुझे कभी किसी से प्यार भी नहीं हुआ था और ना ही मैं कभी किसी से प्यार करना चाहती थी मेरे डैड चाहते थे कि वह मेरी शादी कर दें और अपने हाथों से मेरा कन्यादान करें क्योंकि उन्हें लगता था कि वह बीमार हैं और ज्यादा टाइम तक जिंदा नहीं रह सकते कहते हैं ना कि मरने वाले इंसान को एहसास होने लगता है कि वह कब इस दुनिया को छोड़कर जाने वाला है इसीलिए मेरे डैड को मेरी शादी की बड़ी जल्दी थी

मगर मैंने उनसे कहा हुआ था कि मैं आपको छोड़कर कभी भी नहीं जाऊंगी मेरे डैड फिर भी मेरे लिए रिश्ता तलाश कर रहे थे लेकिन जब भी कोई फैमिली मुझे देखने के लिए आती थी तो मैं उन लोगों के मुंह पर ही उनसे इंकार कर दिया करती थी कि प्लीज आप लोग यहां से चले चले जाइए मुझे अभी शादी नहीं करनी मेरे डैड इस बात पर बहुत नाराज भी होते थे कि मैं घर आए मेहमानों की इंसल्ट कर देती हूं

मगर मैं क्या करती मेरे डैड तो जिद पर अड़े हुए थे कि वह मेरी शादी करना चाहते हैं और मैं शादी नहीं करना चाहती थी डैड का बिजनेस संभालने में मुझे बहुत इंटरेस्ट आ रहा था और यह बिजनेस मैंने काफी अच्छे तरीके से संभाला हुआ था मेरे डैड मुझ पर बहुत प्राउड फील करते थे क्योंकि मैंने उनका बेटा बनकर दिखा दिया था मेरे डैड को उम्मीद नहीं थी कि मैं उनके बिजनेस को ऊंचाइयों पर लेकर जा सकती हूं क्योंकि जब से मैंने ऑफिस जवाइन किया था

हमारे बिजनेस को कामयाबी मिल रही थी मेरे डैड मेरी तरफ से बहुत खुश थे मगर उनकी यह खुशी सिर्फ कुछ दिन तक की ही थी मेरे डैड की तबीयत इतनी ज्यादा बिगड़ गई कि वह इस दुनिया को छोड़कर चले गए थे और मैं इस दुनिया में अब पूरी तरह से अकेली रह गई थी मेरी मां तो काफी सालों पहले ही जा चुकी थी और अब पिता ने भी मेरा साथ छोड़ दिया था मैं अपनी जिंदगी को कोसने लगी थी मगर फिर क्या कर सकते हैं

किसी का भी गम दिल से लगाकर जिंदगी गुजारना बड़ा मुश्किल हो जाता है जैसे भी हो सके जिंदगी तो गुजारनी है अब मैं सारा ध्यान अपने बिजनेस पर लगा रही थी मगर अपने डैड को बहुत याद करती थी एक दिन मैं अपने केबिन में बैठी हुई थी कुछ लोगों को मैंने जॉब इंटरव्यू के लिए बुलाया था मुझे एक-एक करके सबका इंटरव्यू लेना था लगभग 20 लोग हमारे पास इंटरव्यू देने के लिए आए थे जिनमें से दो लड़कियां सिलेक्ट हुई थी

और एक लड़का यह लड़का जब जब मेरे केबिन में आया तो मैं इसे देखकर दंग रह गई थी क्योंकि इतना हैंडसम लड़का मैंने पहली बार देखा था मेरी उम्र 35 साल हो गई थी और अब मेरे दिल से शादी का ख्याल पूरी तरह से निकल चुका था मैंने सोच लिया था कि मेरी जिंदगी जैसी भी है बस यही है मैं अपने बिजनेस पर कंसंट्रेट करती रहूंगी और खूब पैसा कमाती रहूंगी शादी की चक्कर में मुझे नहीं पड़ना है क्योंकि अब मेरी शादी की उम्र तो वैसे भी निकल गई थी

लेकिन मेरे पास बहुत पैसा था मेरे डैड मरने से पहले अपना सब कुछ मेरे नाम कर गए थे व लड़का जब मेरे पास इंटरव्यू देने के लिए आया और मैंने उसकी सीवी चेक की थी तो उससे मैं बहुत इंप्रेस हुई थी वो लड़का देखने में जितना अच्छा था उसकी क्वालिफिकेशन भी उतनी ही अच्छी थी मैं उससे बहुत इंप्रेस हो गई थी इसलिए मैंने उसे फौरन ही जॉब पर रख लिया था और उससे कह दिया था कि आपको बाकी के इंफॉर्मेशन मैसेज के थ्रू दे दी जाएगी

वो वहां से उठकर चला गया था मगर ना जाने क्यों जब मैं अपने घर आई और सुकून से अपने बिस्तर पर लेट गई तो मेरी आंखों के सामने बार-बार उस लड़के का चेहरा घूम रहा था मेरी समझ नहीं आ रहा था कि आखिर इस लड़के से मेरा क्या कनेक्शन है अगले दिन जब मैं फिर से ऑफिस गई तो वह लड़का बहाने बहाने से किसी ना किसी काम के लिए मेरे केबिन में आ रहा था दिन इसी तरह से गुजरते जा रहे थे मेरी उस लड़की के साथ बातचीत अच्छी हो गई थी

उसका नाम आकाश था आकाश की उम्र 25 साल थी एक दिन मैंने बातों ही बातों में उससे उसकी फैमिली के बारे में पूछ ही लिया था तो उसने मुझे बताया था कि उसका इस दुनिया में कोई भी नहीं है और वह इस शहर में नया आया है और नौकरी की तलाश में वह जगह-जगह भटक रहा था लेकिन मैंने उसे नौकरी दी तो वह मेरा बहुत एहसानमंद होने लगा उसकी कहानी बड़ी ही अजीब थी उसके माता-पिता एक एक्सीडेंट में मारे गए थे

उस समय वह बहुत छोटा था उसकी उम्र लगभग 7 साल होगी उसके किसी भी रिश्तेदार ने उसे एक्सेप्ट नहीं किया फिर वह अपने मामा के घर जाकर रहा और वहां पर उसने अपनी पढ़ाई पूरी की कम ही उम्र में उसके मामा ने उसे मेहनत मजदूरी के काम पर भी डाल दिया था वह सुबह में स्कूल जाता था और स्कूल से आने के बाद मेहनत मजदूरी किया करता था जिसके पैसे अपने मामा को ले जाकर देता था मामा ने भले ही सरकारी स्कूल में उसका एडमिशन कराया था

लेकिन वह इतना इंटेलिजेंट था कि हर क्लास में फर्स्ट आता था हर बार उसके मार्क्स बहुत अच्छे आते थे यही वजह है कि मैं भी उसकी सीवी देखकर बहुत इंप्रेस हुई थी उसकी इंग्लिश भी बहुत अच्छी थी उससे बातचीत करना मुझे बहुत अच्छा लगता था उसकी कहानी सुनकर मुझे ऐसा लगा था जैसे हम दोनों की सिचुएशन सेम है हम दोनों ही सारी जिंदगी अकेले रहे हैं मुझे लगता था कि इस दुनिया में सिर्फ मैं ही अकेली हूं

मगर जब मैंने आकाश का दुख सुना तो मुझे पता चला कि इस दुनिया में मेरे जैसे भी बहुत सारे लोग हैं आकाश और मेरी एक अच्छी फ्रेंडशिप हो गई थी भले ही मैं उसकी बॉस थी मगर उसके साथ बिल्कुल ऐसे रिएक्ट करती थी जैसे मैं उसकी कोई फ्रेंड हूं मैं आकाश से उम्र में पूरे 10 साल बड़ी थी धीरे-धीरे मुझे उससे प्यार हो होने लगा था वह भी मुझसे प्यार करने लगा था उसका कहना था कि मेरे आगे पीछे कोई नहीं है मैं आपको एक्सेप्ट करना चाहता हूं

आप मुझे अच्छी लगती हो मगर मैंने उससे कहा था कि तुम्हारी और मेरी एज में बहुत डिफरेंस है प्यार तो मैं भी तुमसे करती हूं लेकिन हम दोनों का कोई जोड़ नहीं है आकाश कहने लगा कि मैं आपसे प्यार करता हूं और आपसे शादी करना चाहता हूं उम्र में फर्क है तो क्या हुआ हम दोनों के दिल में मोहब्बत तो एक दूसरे के लिए काफी है इस तरह ना मेरे आगे पीछे कोई था और और ना ही आकाश के आगे पीछे कोई था आकाश मेरे ऑफिस में अकाउंटेंट था

मैंने उसके साथ शादी कर ली थी ऑफिस में लोग तरह-तरह की बातें बना रहे थे कहते थे कि आकाश ने इतनी बड़ी उम्र की लड़की से शादी की है जबकि वह हमारे ऑफिस की बॉस भी है लोगों की बातों से हमें कोई फर्क नहीं पड़ता था आकाश इस शहर में किराए के फ्लैट में रहता था शादी होने के बाद वह मेरे घर में ही रहने लगा था आकाश ने मुझे बहुत प्यार दिया था वह मेरी बहुत कदर करता था उसका साथ पाने के बाद मुझे ऐसा लगने लगा था

जैसे मैं दुनिया की सबसे खुशकिस्मत लड़की हूं मेरी जिंदगी में जितनी भी फ्रस्ट्रेशन रह चुकी थी वह सब कुछ आकाश के आने के बाद खत्म हो गई थी जिस दिन से आकाश मेरी जिंदगी में शामिल हुआ था मुझे अपनी जिंदगी बहुत अच्छी लगने लगी थी आकाश मेरा बहुत ख्याल रखता था मुझे ऐसा लगता था जैसे मुझे आकाश के मिल जाने से दुनिया की सारी खुशियां मिल गई हैं आकाश था भी बहुत अच्छा शादी हो जाने के बाद उसने मुझसे कहा था कि तुम्हें अब अपने बिजनेस की फिक्र करने की कोई जरूरत नहीं है

तुम घर में रहकर मेरा इंतजार किया करो मेरे लिए अच्छा-अच्छा खाना बनाया करो मैं एक हस्बैंड की तरह ऑफिस से घर आकर तुम्हें प्यार किया करूंगा मेरी जगह अब ऑफिस में आकाश ने ले ली थी और उसने भी हमारे बिजनेस को बहुत अच्छे तरीके से संभाला हुआ था आकाश ने जब से ऑफिस जॉइन किया था और मैंने घर में रहना शुरू किया था तो मुझे ऐसा लगता था जैसे सारी मेहनत मेरा पति ही करता है और फिर अपनी मेहनत की कमाई से मेरे खुशियों को पूरा करता है

यह जिंदगी और यह छोटी-छोटी खुशियां मुझे बहुत अच्छी लगती थी मैं अपने पति पर बहुत विश्वास करती थी कोई भी अगर उससे मेरी उम्र को लेकर कोई बात करता था तो वह उसे मुंह तोड़ जवाब देता था फिर दोबारा सामने वाले इंसान के अंदर मेरी उम्र को लेकर कोई भी बात कहने की इच्छा होती ही नहीं थी आकाश ने मुझे एक्सेप्ट करके मुझ पर बहुत बड़ा एहसान किया था क्योंकि मैं जितना बिजनेस में घिर चुकी थी और मेरी जितनी उम्र हो चुकी थी

उसके हिसाब से मुझे कोई उम्रद लड़ का ही मिलना था या फिर मैं सारी जिंदगी कुंवारी ही रहती आकाश जितना अच्छा था उतना ही समझदार भी था हर महीने हम लोग कहीं ना कहीं घूमने फिरने के लिए जाया करते थे तब मुझे एहसास होता था कि यह दुनिया कितनी हसीन है क्योंकि मैं बाहर की दुनिया को ज्यादा अच्छा नहीं समझती थी हमेशा अपने बिजनेस पर या पढ़ाई पर ही ध्यान दिया था सारा दिन आकाश ऑफिस में रहता था मेरा जो कुछ भी था

वह सब कुछ मैं आकाश को दे चुकी थी मेरी पोस्ट मेरी गाड़ियां मेरा घर मेरा बिजनेस हर उस चीज पर मैंने आकाश को हक दे दिया था मेरी और आकाश की शादी को 2 साल हो चुके थे मगर हम दोनों के पास अभी तक कोई औलाद नहीं थी मैं एक टिपिकल वाइफ के जैसी जिंदगी गुजार रही थी और मुझे अपनी जिंदगी अब बेहद पसंद आने लगी थी मेरी जिंदगी इसी तरह आकाश के साथ खुशी-खुशी गुजर रही थी जब अचानक एक दिन मेरी जिंदगी में एक तूफान आ गया

मुझे पता चला कि आकाश के कार एक्सीडेंट हो गया है और उसे अस्पताल में एडमिट करवा दिया गया है तो मेरे होश उड़ गए थे छह घंटे के ऑपरेशन के बाद डॉक्टर ने बताया था कि मेरा पति दोनों टांगों से लाचार हो चुका है अब वह चल फिर नहीं सकता यह खबर सुनकर मेरी तो जैसे दुनिया ही उजड़ गई थी मेरा इतना अच्छा पति अपनी दोनों टांगों से लाचार हो चुका था मैं बहुत ज्यादा सदमे में आ गई थी मेरा पति भी इस खबर पर बहुत रो रहा था

मैंने उसको बड़ी मुश्किल से संभाला था और कहा था कि तुम्हें फिक्र करने की जरूरत नहीं है मैं तुम्हारे साथ हूं कई दिनों बाद मेरे पति को अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया था मेरा पति अपने पैरों पर खड़ा भी नहीं हो सकता था इसलिए मैं उसके सारे काम खुद से ही किया करती थी दो महीने तक मैंने अपने पति के सारे काम किए थे मेरा पति काफी हद तक बेहतर महसूस करने लगा था लेकिन इस दौरान हमारे बिजनेस को बहुत लॉस हो रहा था क्योंकि मेरा पति बीमार था

वह ऑफिस नहीं जा सकता था और ऑफिस में ध्यान देने वाला भी कोई नहीं था कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या किया जाए मैं बहुत परेशान रहने लगी थी जब एक दिन मेरे पति ने मुझसे कहा कि तुम ऑफिस जवाइन कर लो मैं तो अब ऑफिस नहीं जा सकता अगर ऐसे ही चलता रहा तो हमारा बिजनेस चौपट हो जाएगा लेकिन मैंने अपने पति से कहा था कि मैं आपको इस हालत में छोड़कर ऑफिस कैसे जा सकती हूं

मेरा पति कहने लगा कि तुम मेरी फिक्र मत करो घर में मेरा ख्याल रखने के लिए बहुत सारे नौकर हैं तुम ऑफिस जाकर काम संभालो अपने पति के कहने पर मैंने ऑफिस जवाइन करने के बारे में सोच तो लिया था लेकिन मैं यही सोचती थी कि जिस तरह से मैं अपने पति का ख्याल रख सकती हूं उस तरह से नौकर नहीं रख सकते मैं बहुत टेंशन में आ गई थी फिर अचानक मुझे ख्याल आया कि क्यों ना मैं अपने पति का ख्याल रखने के लिए अपने घर में किसी नर्स को रख लेती हूं

जो सारा दिन मेरे पति का ख्याल रखे और जब मैं ऑफिस से घर जाऊं तो फिर मैं उसका ख्याल रख लिया करूंगी मैंने अपने पति को नर्स रखने के लिए कहा था तो इस बात से मेरे पति को भी कोई ऑब्जेक्शन नहीं था इसलिए मैंने अस्पताल की ही एक नर्स से बात की थी तो वह मेरे घर अपनी ड्यूटी देने के लिए तैयार हो गई थी मैंने उससे कहा था कि मेरे पति को किसी तरह की भी कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए मैं तुम्हें तुम्हारी सैलरी से ज्यादा पैसे दिया करूंगी

इस तरह नर्स का अरेंजमेंट हो गया था और मैंने अगले दिन से ऑफिस ज्वाइन कर लिया था नर्स भी हमारे घर आकर मेरे पति का ख्याल रखने लगी थी यह नर्स बहुत खूबसूरत थी इसका नाम नताशा था बेचारी गरीब थी और अस्पताल में नर्स की नौकरी करके अपने और अपने परिवार का गुजारा कर रही थी कई महीनों तक ऑफिस के काम पर ध्यान ना देने की वजह से हमारे बिजनेस में काफी हद तक लॉस हो चुका था

जिसके लिए मुझे ऑफिस में ज्यादा से ज्यादा टाइम देना पड़ रहा था हालांकि मैं बार-बार अपने पति से कॉल करके उसकी तबीयत को पूछती रहती थी मेरा पति काफी हद तक ठीक तो हो गया था मगर वह चलने फिरने के काबिल नहीं रहा था और उसके सारे काम नर्स कर दिया करती थी और कुछ काम घर के नौकर इस तरह मैं बेफिक्री से ऑफिस में अपना काम करती रहती थी इन दिनों में बहुत ज्यादा बिजी चल रही थी रात को देर से घर आ रही थी

और जब घर आती तो मेरा पति सो जाया करता था फिर मैं भी सो जाती थी छुट्टी वाले दिन ही मुझे अपने पति के साथ टाइम स्पेंड करने का मौका मिलता था धीरे-धीरे काम का हिसाब थोड़ा ठीक होने लगा तो मैं भी जल्दी घर आने लगी थी और घर आने के बाद मैं अपने लैपटॉप पर ही घर से ही काम करती रहती थी नर्स हमारे घर से रात के 9:00 बजे जाया करती थी एक दिन मैं अपने लैपटॉप पर काम कर रही थी मेरा पति अपने कमरे में सो रहा था

जब नर्स मेरे पास आकर बैठ गई और कहने लगी कि मैडम जी मुझे आपसे कुछ बात करनी है मैंने कहा कि हां बताओ क्या बात करनी है मैं नर्स से बात कर रही थी लेकिन मेरा सारा ध्यान लैपटॉप पर ही था तो वो कहने लगी कि मैडम आपके पति बड़े ही अजीब हैं उसकी यह बात सुनकर मैंने फौरन ही लैपटॉप से अपनी नजर हटाकर अपने चेहरे का रुख नर्स की तरफ कर लिया था तो मैंने कहा कि तुम्हें मेरे पति के अंदर क्या अजीब लगा

तो वह कहने लगी कि बस आपके पति मेरे साथ साथ कुछ अजीब अजीब सी हरकतें करते हैं मैं उनको दवाई देती हूं तो कभी मुझे छूने की कोशिश करते हैं तो कभी कहते हैं कि तुम्हारे जाने का टाइम हो गया है लेकिन अभी घर से मत जाओ मैं तुम्हारे साथ अभी कुछ और समय गुजारना चाहता हूं नर्स की बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया था और मैंने उससे कहा था कि तुम यह किस तरह की बातें कर रही हो मेरे पति के बारे में मेरी तेज आवाज में इस तरह से चिल्लाने पर वो नर्स अचानक घबरा गई थी

और कहने लगी कि सॉरी मैडम यह कहकर वोह के पास से उठकर चली गई थी और मैं सोचती रह गई थी कि अजब ही पागल लड़की है जो मेरे पति के बारे में ऐसी बातें कर रही है फिर मुझे ख्याल आया कि छोटी-मोटी नौकरी करने वाली लड़कियां ऐसी ही होती हैं हम जैसे बड़े लोगों पर इल्जाम लगाकर हमारे सर पर बैठना चाहती हैं मगर मैं अपने पति को अच्छी तरह से जानती हूं यह झूठ बोल रही है यह लड़की मुझे पहले दिन से ही बहुत चालाक लगती थी

अगले दिन जब मैं फिर से घर आई तो मैंने देखा कि नर्स बहुत घबराई हुई थी और डरी हुई थी और मेरे पति के कमरे के बाहर खड़ी थी मैंने नर्स से कहा कि तुम कमरे से बाहर क्यों खड़ी हुई हो तो वह मेरे गले से लगकर फूट-फूट कर रोने लगी और कहने लगी कि मैडम जी आपके पति मेरे साथ बहुत गलत गलत हरकतें करते हैं मैं गरीब लड़की हूं थोड़े पैसे ज्यादा मिल जाते हैं इसलिए आपके यहां नौकरी कर रही हूं लेकिन मेरे लिए पैसे से ज्यादा इज्जत है

आप अपने पति को समझाओ आपका पति मुझे गंदी नजर से देखता है मुझे फिर से इस लड़की पर गुस्सा आने लगा था मैंने इससे कहा कि तुम उस दिन भी मेरे पति पर इल्जाम लगा रही थी मैंने तुमसे उस दिन भी कुछ नहीं कहा था और आज भी तुम यह सब कर रही हो तुम्हें शर्म नहीं आती वो लड़की जिस कंडीशन से रो रही थी मुझे लग रहा था कि सच में उसके साथ कुछ गलत हुआ है लेकिन मैं अपने पति के बारे में ऐसे कैसे सोच सकती थी

इसीलिए मैं उस लड़की को लेकर कमरे के अंदर चली गई जहां पर मेरा पति बिस्तर पर बैठा हुआ मोबाइल देख रहा था मेरे पति ने जब नर्स को रोता हुआ देखा तो वह कहने लगा कि क्या हुआ है नताशा तुम क्यों रो रही हो और नैना तुम घर कब आई मैंने अपने पति से कहा कि आकाश इसका कहना है कि तुम इस पर गंदी नजर रखते हो तो मेरा पति अचानक य बात सुनकर चौक गया था और कहने लगा नैना क्या तुम मुझे नहीं जानती कि मैं सिर्फ और सिर्फ तुमसे प्यार करता हूं

यह लड़की मुझ पर इल्जाम लगा रही है मेरा पति अपनी सफाई पेश कर रहा था जब अचानक कमरे के अंदर नौकर आ गया वह मेरे पति के लिए जूस लेकर आया था तब अचानक मेरे पति ने नौकर से कहा अरे रमेश तुम बताओ तुम तो सारे दिन घर में ही रहते हो ना यह बताओ कि क्या मैं नताशा के ऊपर गलत नजर रखता हूं

तो नौकर भी कहने लगा कि नहीं नहीं मालिक बल्कि यह लड़की ही गलत है ये इस घर में आपकी नर्स बनकर भले ही आई है मगर घर के नौकरों के साथ भी इशारे बाजी करती रहती है नताशा यह बात सुनकर बड़ी हैरान हुई थी जबकि मुझे तो बहुत गुस्सा आ रहा था क्योंकि घर का नौकर भी नताशा को ही गलत बता रहा था मैंने नताशा से कहा नताशा तुम मेरे घर से अभी और इसी वक्त निकल जाओ मैं तुम्हें इसी समय नौकरी से निकालती हूं उस समय नताशा मेरे घर से चली गई थी

और बहुत रो रही थी मैंने गहरी सांस भरी थी मुझे तसल्ली हुई थी कि अच्छा हुआ मैं इस झूठी लड़की की बातों में नहीं आई और इसकी वजह से मैंने अपने पति से कुछ उल्टा सीधा नहीं कहा क्योंकि मेरा पति तो बहुत अच्छा इंसान है उसकी अच्छाई का सबूत यह है कि उसने अपने से 10 साल की बड़ी उम्र की लड़की से शादी की थी और मेरे साथ खुशी-खुशी जिंदगी गुजार रहा था मैं तो अपने पति पर बहुत विश्वास करती थी जबकि यह लड़की तो अभी कुछ दिनों से ही हमारे घर में नौकरी करने के लिए आई थी

तो मैं इसकी बात पर यकीन कैसे कर सकती थी मुझे उसे अपने घर से निकालकर बहुत सुकून मिला था मेरा पति भी कहने लगा कि यह लड़की कैरेक्टर की ठीक नहीं थी अच्छा हुआ कि तुमने इसे निकाल दिया नताशा को हमारे घर से गए हुए कई दिन हो गए थे जब से नताशा हमारे घर से गई थी मैं अपने पति का ख्याल रखने के लिए घर में ही रुक रही थी मेरा पति मुझे बार-बार कहता था कि तुम चाहो तो ऑफिस जा सकती हो मैं बिल्कुल ठीक हूं

हां मुझे तुम्हारे जाने के बाद दवाई वगैरह की थोड़ी परेशानी हो सकती है लेकिन तुम फिक्र मत करो मैं एडजस्ट कर लूंगा मेरी समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं मेरा पति तो सो रहा था जब मैं अपने पति का मोबाइल इस्तेमाल करने लगी मुझे अपने पति को देखकर उस परे बहुत ख्याल आता था मैं अपने पति के मोबाइल में उसके वोह फोटोज देख रही थी जब वह बिल्कुल ठीक हुआ करता था तभी अचानक मुझे क्लाइंट को कॉल करने की याद आई

उसका नंबर मेरे पति के मोबाइल में भी सेव था इसलिए मैंने सोचा कि अपने पति के नंबर से ही उसे कॉल कर लेती हूं मैंने जैसे ही कॉल हिस्ट्री निकाली तो उसमें नताशा का नंबर भी शो हो रहा था जो नताशा के नाम से ही सेव था मैं अपने पति के फोन में नताशा का नंबर देखकर चौक गई थी कि उसके मोबाइल में नताशा का नंबर क्या कर रहा था हालांकि जितनी बार भी मेरी नताशा से बात हुई थी वह मैंने अपने ही नंबर से की थी और मेरे पति के नंबर से नताशा को कई बार कॉल भी की जा चुकी थी

मैं तो कंफ्यूजन में पड़ गई थी फिर मुझे याद आया कि ऐसा भी तो हो सकता है कि आकाश ने नताशा का नंबर उससे ले लिया हो और उसे कोई काम होता हो तो वह नताशा को कॉल कर लिया करता हो जो कि इतनी बड़ी बात नहीं थी इसीलिए मैंने इस बात को इग्नोर कर दिया था अगले दिन संडे था और मैं अपने घर पर ही थी जब मेरे पास नताशा आई और कहने लगी कि मुझे माफ कर दीजिए मैडम और मुझे दोबारा से नौकरी पर रख लीजिए

क्योंकि आपके घर पर नौकरी करने से मुझे ढेर सारे पैसे मिल रहे थे इतने पैसे मुझे अस्पताल में भी नहीं मिल रहे मैंने नताशा को अपने घर में ड्यूटी करने से साफ इंकार कर दिया था क्योंकि नताशा एक बिगड़ी हुई लड़की थी और वह मेरे पति पर इल्जाम लगा रही थी मैं यह बात कभी बर्दाश्त नहीं कर सकती थी नताशा ने मुझसे माफी मांगी थी

और कहने लगी कि मुझसे गलती हो गई थी और मैं उसकी माफी मांगती हूं मैंने उससे कहा कि आखिर तुमसे इतनी बड़ी गलती कैसे हो गई तुम क्या मेरे और मेरे पति के बीच लड़ाई झगड़ा करवाना चाहती थी तो वह कहने लगी कि नहीं मैडम जी ऐसी कोई बात नहीं है बस मुझे मालिक के खिलाफ कुछ गलतफहमी हुई थी मगर अब मैं आपसे माफी मांग रही हूं नाना प्लीज मुझे माफ कर दीजिए वह मेरे सामने बहुत गिड़गिड़ा रही थी और फिर मैं उसे अपने घर पर नौकरी पर रखने के लिए मजबूर हो गई

मेरे पति ने भी नताशा को देखकर कहा था कि तुम अब यहां क्या करने आई हो क्या तुम दोबारा से मुझ पर इल्जाम लगाना चाहती हो नताशा ने मेरे पति से भी माफी मांग ली थी इसीलिए सब कुछ क्लियर हो गया था और अब नताशा मेरे पति के खिलाफ कोई बात नहीं कर रही थी दिन इसी तरह से गुजर रहे थे मैंने ऑफिस फिर से जाना शुरू कर दिया था और मैं पहले की तरह बेफिक्र रहने लगी थी मेरे अपने ही शहर में मेरी एक दोस्त थी जिससे मेरी कभी-कभी मुलाकात होती थी

अब उसके डैड मेरे साथ बिजनेस में इवॉल्व थे इसलिए इन दिनों मेरी बातचीत मेरी फ्रेंड से ज्यादा होने लगी थी वह मुझसे मिलना चाहती थी उसने मुझसे कहा था कि मैं तुम्हारे घर आ रही हूं लेकिन उस टाइम मैं ऑफिस में थी इसलिए मैंने उससे कहा कि तुम मेरे घर पहुंचो मैं अभी थोड़ी देर में अपने घर आ रही हूं मेरी फ्रेंड मेरे घर पहुंच चुकी थी मुझे भी घर पहुंचने में 10 मिनट लग गए थे जैसे ही मैं घर पहुंची तो मेरी फ्रेंड मुझे देखकर बहुत खुश हुई थी

और फिर हम दोनों अलग कमरे में एक साथ बातचीत करने लग गए थे मेरी फ्रेंड ने मुझे एक अजीब सी बात बताई थी उसने मुझसे कहा मैं काफी देर पहले तुम्हारे घर आ गई हूं मैंने सोचा इतनी देर तक मैं तुम्हारा वेट करूंगी तुम्हारे पति की भी तो तबीयत ठीक नहीं है इसलिए मैं तुम्हारे पति से मिलने के लिए उसके कमरे में गई थी जैसे ही मैंने कमरे का दरवाजा खोला तो उसके साथ बेड पर नर्स बैठी हुई थी

और वो उसके इतने करीब बैठी थी कि मुझे देखकर शर्म महसूस हुई मुझे अचानक कमरे के अंदर आता हुआ देखकर नर्स और तुम्हारा पति घबरा गए थे इसलिए वह दोनों अलग हो गए और फिर नर्स कमरे से बाहर निकल गई और मैं तुम्हारे पति के साथ बातचीत में लग गई उसने मुझे बताया था कि यह नर्स है और तुमने उसे आकाश का ख्याल रखने के लिए रखा है

अपनी दोस्त की बात सुनकर मैंने उससे कहा कि नहीं नहीं तुम्हें कोई गलतफहमी हुई होगी हो सकता है कि वह मेरे पति का कोई काम कर रही हो तो मेरी फ्रेंड कहने लगी नैना जरूरी नहीं है कि काम करीब बैठकर ही हो सके काम तो दूर से भी हो सकता है मैंने कहा हां तुम ठीक कह रही हो लेकिन काम ही कोई ऐसा हो कि नर्स को बेड पर बैठना पड़ गया हो मेरी बात सुनकर मेरी फ्रेंड कहने लगी जो कुछ भी है

नैना लेकिन तुम अपने पति का ध्यान रखो ऐसा ना हो कि तुम्हारा पति तुम्हारे हाथ से निकल जाए इस पर जरा नजर रखा करो मैंने अपनी फ्रेंड से यही कहा था कि तुम्हें गलतफहमी हुई है और मैं आगे से अपने पति पर ध्यान रखूंगी मगर मेरी फ्रेंड की बात नहीं मुझे उलझा करर रख दिया था अगले दिन जब मैं रात के टाइम पर अपने पति के बराबर में सोने के लिए लेटी तो यह देखकर दंग रह गई थी कि बिस्तर पर छोटा सा ईयररिंग पड़ा हुआ था

मेरा पति तो गहरी नींद में सो रहा था इसलिए मैं अपने पति से पूछ भी नहीं सकती थी कि यह इयररिंग किसका है यह इयररिंग मेरा तो नहीं था क्योंकि मैं अपने सामान को अच्छी तरह से पहचानती थी अगले दिन मुझे ऑफिस जाने में लेट हो गया था इसलिए नर्स मुझसे पहले घर पहुंच गई थी और मुझसे कह रही थी कि मैडम सर की कुछ कुछ दवाइयां आनी है इसलिए सारी दवाइयां आप मुझे मंगवा कर दे दें वह मुझे हाथ में दवाई का पर्चा थमा रही थी

जब अचानक मेरी नजर उसके कान पर गई नर्स ने वैसा ही ईयररिंग पहना हुआ था जैसा रात मुझे बिस्तर पर मिला था और उसके दूसरे कान का इयररिंग गायब था इसका मतलब यह था कि नर्स से तो उस समय मैंने कुछ नहीं कहा था लेकिन मैं बहुत ज्यादा डर गई थी मेरी कुछ समझ भी नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं और यह सब कुछ मेरे साथ क्या हो रहा है अब नर्स मुझसे किसी तरह की कोई शिकायत भी नहीं करती थी

मुझे लग रहा था कि मेरी फ्रेंड बिल्कुल ठीक कह रही थी कि नर्स मेरे पति के साथ बैट पर बैठती है मेरे दिल में इन दोनों के लिए शक आ रहा था लेकिन फिर मैंने सोच लिया था कि अगर कुछ गलत है तो जरूर यह सब कुछ ये लड़की ही कर रही होगी मेरा पति तो ऐसा कुछ कर ही नहीं सकता मेरा पति बहुत अच्छा है मैंने सोचा था कि मैं अब नर्स को रंगे हाथों पकडू गी और इसे किसी भी तरह अपने घर से निकाल दूंगी

यह सब कुछ इत्तेफाक भी तो हो सकता है या कोई गलतफहमी अपने दिल में गलत शक डालकर मैं गरीब लड़की के साथ कुछ गलत भी नहीं करना चाहती मैं ऑफिस तो चली गई थी लेकिन आज मैंने घर के सारे नौकरों से कह दिया था कि वह सब लोग काम से फ्री हो जाने के बाद 400 बजे तक अपने घर चले जाएं और जो नौकर मेरे घर में ही रहते थे उनसे कहा था कि वह लोग भी अपने क्वार्टर में चले जाएं और इस बारे में मेरे पति को कुछ पता नहीं चलना चाहिए

नौकरों ने मेरी बात को मान लिया था मैं ऑफिस चली गई थी और शाम के 5:00 बजे मैं ऑफिस से अपने घर आ गई थी मैं बहुत खामोशी के साथ घर के अंदर आई थी पूरे घर में कोई भी नहीं था नर्स की स्कूटी तो पार्किंग एरिया में खड़ी हुई थी इसका मतलब यह था कि नर्स घर में ही मौजूद थी नर्स मुझे पूरे घर में कहीं भी नजर नहीं आई वह मेरे पति के साथ ही कमरे में थी इसलिए मैंने एक ही झटके से कमरे का दरवाजा खोल दिया था लेकिन कमरे का दरवाजा खोलते ही मेरे होश उड़ गए थे

जब मेरी नजर अपने पति और उस नर्स पर गई वह दोनों इतनी अजीब कंडीशन में थे कि मुझे उन दोनों को देखकर शर्म आ गई थी और मैं शर्मिंदगी से दरवाजा बंद करती हुई कमरे से बाहर निकल गई थी मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरा पति ऐसा भी कर सकता है मुझे देखते ही वह दोनों चौक गए थे और उन्होंने अपने आप को ठीक करने की कोशिश की वो दोनों एक दूसरे के इतने करीब थे कि मुझे उन दोनों को देखकर गुस्सा आ गया था

मैं बाहर खड़ी हुई फूट-फूट कर रो रही थी जब नर्स दरवाजा खोलकर बाहर आने की कोशिश कर रही थी मैंने उसका हाथ पकड़ लिया और उसके मुंह पर एक जोरदार थप्पड़ मार दी या था और उसे खींचती हुई कमरे के अंदर ले आई थी जहां पर मेरा पति भी मौजूद था मैंने अपने पति को भी घूरती हुई नजरों से देखा था और कहा कि यह सब कुछ क्या हो रहा है वह नर्स बुरी तरह से रो रही थी और कहने लगी मैडम इसमें मेरी कोई गलती नहीं है

मैंने तो आपको सब कुछ बताने की कोशिश की थी मगर आपको अपने पति पर इतना भरोसा था कि आपने कभी मेरी बात पर यकीन ही नहीं किया और मेरा पति कह रहा था कि यह लड़की झूठ बोल रही है यह खुद ही मेरे बिस्तर पर आई थी मैंने अपने पति से कहा अगर वह बिस्तर पर आई थी तो तुमने इस बात का फायदा उठा लिया मैंने अपने पति से कहा कि तुम तो खामोश ही रहो क्योंकि आज तुम्हारी सच्चाई मुझे दिखाई दे गई है मैं नताशा से कहने लगी कि तुम बोलो आखिर यह सब कब से चल रहा है

नताशा ने कहा कि आपके पति और मेरे बीच कुछ नहीं चल रहा था मैं जब आपके घर में आपके पति की नर्स बनकर आई थी तब आपका पति आपके पीछे मेरे करीब आने की कोशिश करता था और मुझसे कहता था कि मेरी पत्नी की उम्र बहुत ज्यादा है उसके साथ मुझे वह सुख नहीं मिलता जो मुझे तुम दे सकती हो क्योंकि तुम बहुत कम उम्र की खूबसूरत लड़की हो मैंने उसे कई बार मना किया था कि तुम मुझसे इस तरह की बातें मत करो मैं तुम्हारी शिकायत मैडम से कर दूंगी

लेकिन आपका पति मुझे पैसों का लालच दिया करता था कहता था कि अगर तुम मेरे बिस्तर पर आ जाओ तो मैं तुम्हें ढेर सारे पैसे दूंगा मैं जब भी आपके पति को दवाई देने के लिए या उसका कोई काम करने के लिए उसके करीब जाती तो वह मुझे अपने और ज्यादा करीब कर लेता था और मेरे साथ गलत हरकतें करने की कोशिश करता था मैं डर जाती थी इसलिए आपसे शिकायत करती थी लेकिन आपने कभी मेरी किसी बात का यकीन ही नहीं किया और आपने मेरी कोई बात नहीं सुनी

अपने पति पर विश्वास करती रही उस दिन भी जब मैंने आपसे शिकायत करने की कोशिश की थी तो आपने मुझे बहुत जलील किया था और वह नौकर भी झूठ बोल रहा था क्योंकि झूठ बोलने के लिए आपके पति ने नौकर को भी पैसे दिए थे और इस तरह मैं आपकी नजरों में गलत साबित हो गई थी आपका पति मुझे कॉल्स करता था और कहता था कि तुम आ जाओ उस उस दिन अपनी पत्नी से झूठ मैंने इसीलिए बोला था ताकि मेरी पत्नी मुझे गलत ना समझे तुम मेरे घर आ जाओगी

तो मेरी पत्नी से माफी मांग लेना मैं तुम्हें मालामाल कर दूंगा तुम नहीं जानती कि मेरी पत्नी का बिजनेस कितना बड़ा है जितने पैसे तुम्हें मेरी पत्नी मेरा ख्याल रखने के लिए देती है मैं उससे कई गुना ज्यादा तुम्हें पैसे दिया करूंगा वैसे भी आपने तो मुझे गलत समझ ही लिया था और फिर मेरे घरेलू हालात भी बहुत कमजोर हैं इसीलिए मैं आपके पति की बातों में आ गई मैंने सोचा कि जिस लिए आपने मुझे गलत समझकर घर से निकाल दिया था क्यों ना मैं वही काम करके पैसे कमाऊं

इसलिए मैं दोबारा से नौकरी पर आ गई और फिर अब आपका पति जैसा कहता है मैं वैसा ही करती हूं उसके बदले आपका पति मुझे ढेर सारे पैसे देता है आपके पति ने तो मुझसे यहां तक कहा था कि अगर तुम मेरा साथ इसी तरह से देती रही तो मैं तुम्हें अपनी पत्नी बना लूंगा आपके पति ने आपको मारने का भी प्लान बनाया था इसने मुझसे कहा था कि हम दोनों मिलकर मेरी पत्नी को मार देते हैं और उसके हिस्से की जितनी भी प्रॉपर्टी होगी वो सब मैं अपने नाम करवा लूंगा

और फिर तुम एक नर से इस घर की मालकिन बन जाओगी और फिर तुम मेरे साथ यहां पर रहना और यहां पर रहकर राज करना आपका पति कहता है कि आपको पसंद नहीं करता वो उसने आपके साथ शादी भी इसलिए की थी ताकि आपकी सारी जायदाद पर ऐश कर सके और यही वजह है कि जब मैं इस घर में आई तो उसका दिल मुझ पर आ गया और यह मेरे साथ यह सब कुछ करने लगा नर्स की बातें सुनकर मेरे होश उड़ गए थे

लेकिन मेरा पति तो लगातार यही कह रहा था कि यह लड़की झूठ बोल रही है नर्स ने मुझे जो कुछ भी बताया था वह सच था या फिर झूठ यह तो मैं नहीं जानती थी लेकिन जो मैंने अपनी आंखों से देखा था वह सब कुछ सच था और फिर मुझे अपनी दोस्त की वह बात भी याद आ गई थी जब उसने बताया था कि तुम्हारा पति और नर्स एक दूसरे के साथ बहुत करीब बैठे हुए थे अगर नर्स गलत होती तो मेरा पति कभी नर्स की शिकायत भी तो मुझसे कर सकता था

नताशा कहने लगी मैडम अगर आपको मेरी बात पर यकीन नहीं आता तो आप घर में मौजूद उन नौकरों से यह बात पूछ सकती है कि मैं सच बोल रही हूं या झूठ क्योंकि कुछ नौकर ऐसे हैं जो आपके पति का पैसा खाकर आपकी आंखों में धूल झोक रहे हैं आपके घर आने से पहले ही नौकर इसे बता देते हैं कि आप किस समय घर से आती हो और किस समय घर से निकलती हो ताकि आप कभी अपने पति को रंगे हाथों ना पकड़ सको मेरा पति लगातार झूठ बोले जा रहा था

वह लाचार था इसलिए यहां से भाग नहीं सकता था नताशा के कहने पर मैंने रमेश को इस समय घर पर बुला लिया था जो तो मेरे पति के सारे राज छुपाता था क्योंकि मैं आज इस सब को फाइनल करना चाहती थी थोड़ी देर हुई तो रमेश घर पर आ गया था उसने जब हम तीनों को एक साथ देखा तो वह घबराने लगा था बाहर से मैंने दो गार्ड्स को बुला लिया था और रमेश को पूरी बात बताई थी और उससे कहा था कि अब यह बताओ यह सच है या झूठ रमेश घबरा रहा था

जबकि मेरा पति बार-बार उसे झूठ बोलने पर उकसा रहा था फिर मैंने रमेश को गार्ड्स के हवाले कर दिया और गार्ड से कहा कि इसकी इतनी धुलाई करो कि यह सब कुछ सच सच उगल दे गार्ड्स ने रमेश के दो थप्पड़ ही मारे थे कि रमेश ने सारी सच्चाई उगल दी उसने बताया था कि मालिक मुझे पैसे दिया करते थे कि मेरी पत्नी पर नजर रखो मैं नर्स के साथ मजे उड़ा रहा हूं इसलिए यह बात कभी भी मेरी पत्नी को पता नहीं चलनी चाहिए सारी सच्चाई खुलकर मेरे सामने आ गई थी

मुझे आज अफसोस हो रहा था कि मैं आकाश पर अंध विश्वास करती थी और उसने मेरे विश्वास का इतना गलत फायदा उठाया था मैं तो समझती थी कि वह दुनिया का सबसे अच्छा इंसान है मगर वो एक ऐसा इंसान था जो दुनिया का सबसे घटिया इंसान निकला उसने मेरी फीलिंग्लेस कर रोई थी अपनी सारी सच्चाई खुलने के बाद आकाश मुझसे माफी मांग रहा था सबसे ज्यादा अफसोस मुझे इस बात का था कि आकाश मुझे मारना चाहता था मैंने तो वैसे भी अपना सब कुछ उसके हवाले कर दिया था

अब उसकी जिंदगी में किस बात की कमी थी और मैं खुद भी उसके मुताबिक उसके रंग में रंग गई थी नताशा तो मेरे घर से जा चुकी थी क्योंकि गलती उसकी नहीं थी गलती मेरी थी अगर मैं उसकी बात पर यकीन कर लेती तो शायद वह सब कुछ करने पर मजबूर ना होती लेकिन मैंने अपने पति को घर से बाहर निकलवा दिया था गार्ड्स मेरे पति को गाड़ी में बिठाकर उसे फुटपाथ पर छोड़ आए थे

मेरा पति बार-बार कह रहा था कि मेरे साथ ऐसा मत करो मैं तुम्हारी जिंदगी से अलग नहीं होना चाहता मगर उसकी सजा यही थी व झूठ बोल रहा था वो बहुत गिरा हुआ इंसान था इसलिए मैंने उसके साथ ये सब किया अब मेरी उम्र 40 साल हो गई है मैंने लोगों पर विश्वास करना छोड़ दिया है और सोच लिया है कि मुझे अकेले जिंदगी में ही खुश रहना होगा क्योंकि आकाश जैसे इंसान को मैंने अपनी जिंदगी में शामिल करके यह देख लिया है कि कोई भी भरोसा करने के लायक नहीं होता

अब मैं अपनी जिंदगी में बिजी हूं अपने बिजनेस पर ध्यान दे रही हूं आकाश को मैंने दोबारा कभी पलट कर नहीं देखा मैं उसको पूरी तरह से भूल चुकी हूं लेकिन आप लोगों के साथ अपनी कहानी इसलिए शेयर कर रही हूं ताकि आप लोग भी जान सकें कि हमें किसी पर भी इतना भरोसा नहीं करना चाहिए कि आगे चलकर वो हमारे लिए नुकसान का जरिया बन सके दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको हमारी कहानी पसंद आई होगी

 

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