बड़ा आदमी | Best Emotional Hindi Story | Long Story In Hindi | Sad Story In Hindi

Best Emotional Hindi Story : मेरी उम्र कोई इतनी ज्यादा तो नहीं थी लेकिन मैंने कभी खुद को इतना लाचार होते नहीं देखा था वह खूबसूरत लड़की मेरे सामने थी मैंने उससे ज्यादा खूबसूरत लड़की पहले भी देखी थी लेकिन ना जाने उसमें क्या बात थी कि मेरे मुंह से वह बात भी निकल गई जो शायद मैं कभी नहीं बोलता मैंने उसे इशारा कर दिया था और खुशी की खबर यह थी कि वह मेरा इरादा समझ गई थी 

अब वह मेरे सामने थी हम दोनों इस कमरे में अकेले थे आसपास कोई भी नहीं था ऐसा नहीं था कि यह सब कुछ बहुत आसानी से हो गया था इसके पीछे बहुत सारा वक्त था मैं कब से यही चाहता था आज वह मेरे सामने थी और हम लोग इस कमरे में अकेले थे लेकिन पता नहीं क्यों उसकी आंखों में मुझे आंसू दिखाई दे रहे थे जैसे वह कुछ कहना चाहती थी लेकिन बोल नहीं पा रही थी

 फिर मैंने उसके आंसुओं को नजरअंदाज कर दिया क्योंकि इस वक्त मुझे और कुछ भी नहीं सूझ रहा था मैंने उसे कहा कि ऐसे क्यों खड़ी हो तुम तो कहने लगी कि मुझे पता है मुझे क्या करना है और जैसे ही उसने अपनी साड़ी का पल्लू हटाया मेरे मुंह से चीखें निकलने लगी और मैं वहां से ऐसा भागा कि मैंने पलट कर नहीं देखा क्योंकि वह लड़की तो असल में एक मेरा नाम मनीष है 

मैं शुरू से ही बहुत खूबसूरत और जवान मर्द था लेकिन मेरी किस्मत बहुत बुरी थी हम लोग बहुत ज्यादा गरीब थे हमारे घर में दो वक्त की रोटी के पैसे नहीं होते थे मेरी चार जवान बहनें थी हम लोग गांव में रहते थे गांव में भी घर तो अपना था लेकिन खाने पीने को कुछ नहीं था बाबू जी दुनिया से चले गए सब कुछ मेरे कंधों पर आ गया और अब मेरे लिए सब कुछ बहुत मुश्किल हो गया मैं गांव में काम करता था लेकिन उससे कुछ नहीं हो रहा था एक दिन मेरे दोस्त ने मुझे कहा कि तुम शहर क्यों नहीं चले जाते

 तुम जैसे लोगों को वहां बहुत काम मिल जाता है तुम्हें तो मेहनत करने की आदत है तुम वहां पर भूखे नहीं मरोगे मैंने कहा कि अगर वहां भी मुझे मेहनत मजदूरी करनी है तो फिर यहां कर लूंगा जवान बहनों का घर है उनको अकेला छोड़कर कैसे जा सकता हूं तो मेरे दोस्त ने कहा कि गांव में तुम्हारी बहनों को कुछ नहीं होगा हमारे गांव वाले बुरे नहीं हैं लेकिन मैं तुम्हें इसलिए तो नहीं कह रहा कि तुम वहां जाकर मेहनत मजदूरी करो

 वहां पर मेरी जान पहचान का एक आदमी है वह तुम्हारी नौकरी किसी बड़े आदमी के साथ लगवा देगा यह जो बड़े बड़े बंगलों में लोग रहते हैं ना इनको अपने घरों के छोटे-छोटे कामों के लिए लोगों की जरूरत होती है और यह बहुत ज्यादा पैसे देते हैं इतने पैसे तो किसी ऑफिस में या किसी कंपनी में काम करके भी नहीं मिलते हैं वह खुद भी यहां से ऐसे ही गया था उसने कहा कि मैं तुम्हें उसका नंबर और पता बता दूंगा

 तुम जाते ही उससे मिल लेना और मेरा बता देना वह तुम्हें कहीं ना कहीं सेट कर देगा मेरे दोस्त ने तो मेरी मुश्किल ही आसान कर दी थी मैंने फौरन से शहर जाने का इरादा कर लिया मेरी मां ने कहा कि बेटा तेरे बिना हम कैसे रहेंगे तो मैंने कहा कि मेरे बिना तो आप लोग रह सकते हो लेकिन पैसों के बिना कोई नहीं रह सकता और मैं पैसे कमाने के लिए जा रहा हूं मेरी मां ने भी मुझे आशीर्वाद दे दिया 

और मैं चला गया फिर भी मेरे दिल में यह बात थी कि इतनी जल्दी मेरी किस्मत अच्छी नहीं हो सकती मुझे शहर में थोड़ा सा वक्त तो गुजारना पड़ेगा लेकिन उस आदमी ने जाते ही मेरी नौकरी लगवा दी उसने कहा कि गाड़ी चलानी आती है तुम्हें मैंने कहा कि हां आती है उसने मुझे एक बड़े से बंगले पर ड्राइवर रखवा दिया मेरे साइड पर एक छोटा सा कमरा भी था उन्होंने कहा कि तुम्हें यहीं पर रहना होगा 

और जब भी उनकी छोटी मालकिन को कहीं बाहर जाना हो तो तुम्हें उनके साथ ले जाना होगा तुम ड्राइविंग के साथ-साथ बॉडीगार्ड का काम भी करोगे तुम्हें उनका ख्याल रखना होगा अब मैं शहर आया मुझे चार दिन नहीं हुए थे और इतनी अच्छी नौकरी रहने की जगह खाना पना मिल रहा था तो फिर मुझे क्या दिक्कत हो सकती थी मैंने कह दिया कि हां बिल्कुल ठीक है मैं काम करूंगा और फिर उन्होंने पगार भी अच्छी बताई थी

 सही कहता था मेरा दोस्त इतने पैसे मुझे गांव में काम करके कभी भी नहीं मिलते और यहां पर कैसा काम बस ऐसी वाली गाड़ी ही तो चलानी थी रहने की जगह भी मिल रही थी अगले दिन ही सुबह में छोटी माल बाहर आई और आकर गाड़ी में बैठ गई मैंने उनको नमस्ते किया था मुझे कहा गया था कि उनसे ज्यादा बात नहीं करनी है पर जब मैंने उनको देखा तो मेरा तो मुंह खुला ही खुला रह गया इतनी सुंदर लड़की मैंने अब तक नहीं देखी थी सुना था कि गांव की लड़कियों से ज्यादा शहर की लड़कियां सुंदर होती हैं

 लेकिन इस बात पर कभी यकीन नहीं किया था क्योंकि मेरी अपनी बहनें भी गांव की थी लेकिन भगवान की कृपा से सारी वह दूध जैसी सफेद और सुंदर थी पर यह लड़की ना सिर्फ सुंदर थी बल्कि बहुत ही ज्यादा दीवाना कर देने वाली थी उसकी तरफ देखकर ऐसा लगता था कि इंसान नजर ही ना हटाए उसने मुझसे कह दिया कि क्या हो गया है कहां खो गए हो तो मैं जैसे होश में आया

 और मैंने कहा कि नहीं छोटी मालकिन ऐसे ही बस कहीं खो गया था उसने मार्केट जाना था मैं उसको मार्केट ले गया बार-बार शीशे में से मेरी नजर उस पर पड़ जाती लेकिन मैं अपने आप को काबू में रखना चाहता था कहीं ऐसा ना होता कि वह कह देती कि इस आदमी की तो नजर ही बड़ी बुरी है और मुझे नौकरी से निकाल देते इसलिए मैंने अपने आप पर काबू रखा इसका मतलब यह है कि इस परिवार की छोटी बेटी थी 

तभी सभी उसको छोटी मालकिन कहते थे और इसका बाप बहुत ज्यादा अमीर था मैं घर के अंदर तो नहीं जा सकता था लेकिन घर बहुत बड़ा था बिल्कुल किसी महल की तरह मैं भी अपनी बहनों और मां के लिए ऐसा ही घर बनाना चाहता था ऐसे साफ घर में कौन नहीं रहना चाहता गांव के घर बड़े होते हैं लेकिन साफ तो नहीं होते कहते हैं कि आप किसी आदमी के साथ कहीं जा रहे हो तो मुंह से कोई बात नहीं करी जाती है

 कार जल्दी चलाओ यार धीरे चलाओ या उसे जगह पर चलो एक दिन मुझे सुबह-सुबह आकर बताती थी कि कहां जाना है और उसके बाद पूरे रास्ते में मुझसे कोई बात ही नहीं करती थी मैं उससे कुछ बात करना चाहता था कि उसकी आवाज सुन सकूं उसकी तरफ देखने का बहाना मिल जाए लेकिन वह ऐसा नहीं करती थी वह हर दो-तीन दिन में बाजार जाती और पागलों की तरह शॉपिंग करती थी इतने पैसे खर्च करती थी 

इतनी चीजें लेती थी कि मैं हैरान रह जाता था इतनी सारी चीजों से तो एक आदमी को जरूरत भी नहीं होती आखिर एक औरत ने रोजाना एक ही जोड़ा पहनना होता है पर जिस तरह से वह सामान लेती थी ऐसा लगता था कि दो घंटे बाद जोड़ा बदलती है और फिर पुराने जोड़े को दोबारा नहीं पहनती और फेंक देती है लेकिन एक बात बहुत अच्छी थी कि रास्ते में अगर उसे कोई गरीब नजर आता था तो उसे कुछ पैसे जरूर देती 

और मुझे भी मेरी पगार के अलावा कुछ पैसे देती थी कहती थी कि अपने पास रखा करो वैसे तो यह लड़की थी लेकिन अक्सर साड़ी पहन के रखती थी आज कल की लड़कियां कहां साड़ी पहनती हैं जब तक शादी नहीं होती वह साड़ी पहनाना जंजाल लगता है लेकिन यह साड़ी पहनती थी और बहुत अच्छी लगती थी सर्दी का मौसम था ना इसलिए ऊपर एक शाल भी करके रखती थी यह तो बहुत अच्छी और संस्कारी लड़की थी

 कहते हैं कि मनुष्य उसी से प्रेम करता है जिसे अपने से ज्यादा अच्छा समझता है और यह लड़की तो मुझसे ज्यादा अच्छी थी खूबसूरत थी अमीर थी और दिल की भी बहुत अच्छी थी तो फिर मुझे इससे क्यों ना प्रेम हो जाता लेकिन मैं यह कैसे भूल सकता था कि मैं तो उसका नौकर था लेकिन फिर भी मुझे उससे प्रेम हो गया अजीब बात है कि दो हफ्ते तक मुझे उसके नाम के बारे में भी पता नहीं था बस छोटी मालकिन छोटी मा ही कहता था

 फिर मुझे उनके नाम के बारे में पता चल गया उनका नाम सीता था क्या नाम रखा था किसी ने बहुत सोच समझकर सीता जैसी ही तो लगती थी वह सुंदर भी थी और संस्कारी भी मुझे तो पता ही नहीं था कि शहर में भी ऐसी लड़कियां रहती हैं मैं तो समझता था कि शहर की लड़कियां ऐसी नहीं होती लेकिन जो अच्छा होता है वह हमेशा ही अच्छा होता है इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह गांव में रहता है 

यह शहर में और या फिर विदेश आया है जिसको अपने संस्कार और रीति रिवाजों की समझ होती है वह हर जगह पर ही एक अच्छा इंसान बनकर रहता है और सीता भी ऐसी ही थी मुझे उनसे प्रेम हो गया था और मेरे दिल में एक उम्मीद का दिया जल रहा था कि शायद वह भी मुझे पसंद करने लगे और किसी तरह हमारी बात चल पड़े बात बड़ी अजीब है लेकिन यह जो मोहब्बत होती है ना यह ऐसे ही होती है 

यह तो चांद को देखकर भी यह कहने लगती है कि चांद मेरा है और मेरी गोद में आकर रहेगा मेरे लिए भी सीता चांद जैसी ही थी मैं कहां वह कहां लेकिन फिर भी दिल कहता था कि अगर मेरा प्रेम सच्चा है तो वह मुझे मिल सकती है पर एक दिन मेरी यह उम्मीद भी टूट गई जब मुझे यह पता चला कि वह तो पहले से ही शादीशुदा है वह इस घर की बेटी नहीं बल्कि इस घर की बहू है यह सुनकर मैं हैरान रह गया 

मुझे ऐसा लगा था कि यह हो ही नहीं सकता लेकिन मुझे घर में काम करने वाले माली ने बताया उन्होंने कहा कि बेटी की शादी को दो साल हो गए हैं बहुत कम उम्र में हुई है उनकी शादी वह मंग में सिंदूर नहीं लगाती थी लेकिन उनके गले में मंगल सूत्र होता था मेरी नियत बुरी नहीं थी जो मैं उनके गले की तरफ देखता इसलिए मैंने कभी गौर नहीं किया तभी तो वह चुप रहती थी 

वरना उनकी यह उम्र ऐसी नहीं थी कि कोई शादीशुदा औरत ही इस तरह से खामोश और चुप-चुप रह सकती है वरना जवानी में तो बड़ी आग होती है बहुत शोर होता है जवानी तो संभाल नहीं संभालती कहने को तो वह भी जवान ही थी लेकिन जब शादी हो जाती है तो औरत की सोच बदल जाती है मेरा दिल तो टूट गया ना उनकी तो पहले ही शादी हो चुकी थी इसका मतलब कि मेरा कोई चांस नहीं था

 मुझे लगा था कि बस मेरी आंखों को अच्छी लगती है क्योंकि खूबसूरत है लेकिन जब मुझे यह बात पता चली तो मेरी आंखों में आंसू आ गए थे इसका मतलब के बाद सिर्फ खूबसूरती और आंखों को अच्छा लगने के सिर्फ नहीं थी मैं उनसे प्रेम कर बैठा था तभी तो उनका प्रेम मेरी आंखों से आंसू बनकर टपक रहा था क्योंकि मेरे लिए यह बात बुरी थी कि वह पहले से ही शादीशुदा थी मैं सोचने लगा कि कौन सा भाग्यशाली व्यक्ति होगा

 वह जिसके साथ उनकी शादी हुई है वह तो इस दुनिया का सबसे ज्यादा भाग्यशाली इंसान है और मैं उसे देखना चाहता था पर अजीब बात है कि इस घर में मैंने सिर्फ महिलाओं को ही देखा था एक बूढ़ी औरत थी वह भी कभी-कभी बाहर निकला करती थी और एक यह सीता मालकिन थी इसके अलावा एक आदमी तो था लेकिन वह घर का आदमी नहीं था वह बटलर था वह सबसे काम करवाता था 

मुझसे भी माली से भी और बाकी घर के नौकरों से भी वह कहता था कि इस घर में नौकर ज्यादा है और लोग कम हैं मैंने माली से पूछा कि इनका पति कौन है उसका नाम क्या है तो उसने कहा था कि उसका नाम विक्रम है मैंने सोचा कि नाम तो फिल्मी है बंदा भी ऐसा धांसू होगा और फिर जितनी खूबसूरत सीता है उसके साथ आदमी भी ऐसा ही सुंदर होगा लंबे चौड़े कद का लेकिन मुझे क्या पता था कि अभी तो एक और राज खुलने वाला था 

जो इस राज से भी ज्यादा अजीब था जिसके बारे में जानकर मैं हैरान रह गया कि जो सीता का पति था वह कोई आम आदमी नहीं था वह कोई जवान सुंदर आदमी नहीं बल्कि एक 60 साल की उम्र का बूढ़ा था यह जानकर मैं तो हिल गया मैंने कहा कि नहीं नहीं ऐसा नहीं हो सकता तुम लोग मजाक कर रहे हो तो उन्होंने कहा कि मजाक तो सीता के साथ हुआ है लेकिन क्यों हुआ है यह नहीं पता पर उसका पति 60 साल का है 

और खुद वह 19 या 20 साल की भी नहीं है 40 साल का फर्क है उसके बाप की उम्र का भी नहीं है वह तो उसके दादा की उम्र का है मैंने कहा कि फिर इतना जुल्म हुआ इस लड़की पर और किसी ने रोका नहीं तो नौकरों ने बताया कि हमें इतना पता है कि यह शादी इसके बाप की मर्जी से हुई है और सीता इस शादी से बिल्कुल भी खुश नहीं थी शादी के शुरू होने पर वह अपने आप को घर में बंद करके रखती थी

 ना कहीं आती थी ना कहीं जा थी बार-बार उसकी तबीयत खराब रहती थी और रोजाना ही कोई ना कोई डॉक्टर आया हुआ होता था पर जब से तुम्हें नौकरी पर रखा है तब से उसने बाहर जाना शुरू किया है क्योंकि डॉक्टर ने उसको कहा है कि अगर यह घर में बैठकर रोती रही तो इसको कोई बड़ी बीमारी हो जाएगी इसीलिए शायद वह बाहर आते जाते भी हैं और बहुत सारी शॉपिंग करती है क्योंकि अपना सारा ध्यान उसने शॉपिंग में लगा लिया है 

बुड्ढे के पास पैसा तो बहुत है लेकिन और कुछ नहीं है वह इस लड़की के साथ कैसे एक अच्छी जिंदगी गुजार सकता है खुद सोचो एक सा साल का बूढ़ा आदमी और 19 साल की जवान लड़की का आपस में क्या जोड़ है इसके बाप ने जरूर पैसे खाए हैं अपनी बेटी को बेचा है यह तो हमें नहीं पता कि यह सब क्यों हुआ है लेकिन हुआ है अब मेरा ध्यान दूसरी तरफ चलने लगा था मैंने सोच लिया था कि मुझे क्या करना है

 इसका मतलब कि सीता इस शादी से खुश नहीं थी और वह बुड्ढा कब तक इस दुनिया में रहता भगवान ने मेरे सा साथ बुरा नहीं किया था उसने मेरे लिए एक चोर रास्ता बना दिया था जो सीधा सीता तक जाता था लेकिन उससे पहले मुझे उसके दिल में क्या है यह भी पता करना था ताकि मैं उसे अपनी तरफ ला सकूं क्योंकि वह भी दुख और तकलीफ में थी और ऐसे में मैं उसके दुख और तकलीफ का फायदा उठा सकता था

 मेरी नियत बुरी नहीं थी शायद मेरा तरीका बुरा हो सकता था लेकिन और मैं क्या करता मैं भी तो मर्द था अपनी बहनों में सबसे बड़ा था लेकिन अब तक मेरी शादी नहीं हुई थी क्योंकि मेरी मां कहती थी कि पहले बहनों की शादी हो जाए उसके बाद तेरी शादी करूंगी और बहनों की शादी के लिए दहेज चाहिए था जो मेरे पास नहीं था तो बार-बार काम करता था बाबूजी सारी जिंदगी बस ऐसे ही दाल रोटी चलाते रहे 

उन्होंने भी कोई पैसा जमा नहीं किया और अब उनकी सुस्ती भी मुझ पर पड़ गई कि मैं ही था जिसे सब कुछ करना था अगर वह हाथ पैर मार लेते तो आज हम लोग इतने गरीब नहीं होते इसका मतलब यह है कि मेरा चांस तो था लेकिन ताली एक हाथ से नहीं बचती मुझे सीता के दिल को जीतना था और यह मैं कैसे करता मुझे समझ नहीं आ रहा था वह बहुत चुप रहती थी किसी से कोई बात नहीं करती थी

 मुझसे भी उसने कभी फालतू बात नहीं की थी लेकिन कहते हैं कि क्या अगर आप किसी की जान बचाओ तो फिर वह जान आपकी हो जाती है मुझे उसे पर कोई आसान करने की जरूरत थी मुझे उसे यह बताना था कि मैंने उसके लिए अपनी जान को खतरे में डाला है लेकिन मैं कोई हीरो नहीं था एक दिन मैंने एक नौकर से कहा कि तुम्हें मेरी मदद करनी होगी जाहिर है इतना बड़ा काम करने के लिए किसी को तो अपना राजदार बनाना ही था पर यह नौकर बहुत ही लालची था थोड़े से पैसे के लिए मेरी बात मान सकता था

 मैंने उसे कहा कि जब सीता बाहर उड़ान में बैठी चाय पी रही हो तो मैं वहां किसी बहाने से आऊंगा और जैसे ही मैं वहां पहुंच तुम चाय लेकर आना और चाय मैडम के ऊपर गिराने की कोशिश करना मैं उनको बचा लूंगा बस तुम्हें यह करना है उसने कहा कि ठीक है अगर मुझे मेरे मुह मांगे पैसे दोगे तो मैं यह करने को तैयार हूं उधर गांव में मेरी मां बहनें खुश थी क्योंकि मैं पहले से ज्यादा पैसे भेज रहा था लेकिन उनको नहीं पता था कि यहां मेरे दिमाग में क्या चल रहा था पर मेरी मां सीता जैसी बहू पाकर बहुत खुश होती

 मैंने अभी अपनी एक भी बहन की शादी नहीं की थी पर एक दफा मेरी शादी सीता से हो जाती तो फिर मेरे सारे दुख दर्द उसके भी बन जाते और वह उनको दूर करने के लिए कुछ भी करती क्योंकि एक पत्नी अपने पति को कभी भी दुख में नहीं देख सकती और अगर उसे पता होता कि सिर्फ थोड़े से पैसों से ही मेरा मसला हल हो सकता है तो वह मुझे पैसे क्यों नहीं देती यह बुड्ढा कब तक जिंदा रहता इस बुड्ढे के बारे में मैंने यह भी सुना था कि यह सीता पर हाथ भी उठाता है

 और इसने उसे बहुत बुरे माहौल में रखा हुआ है उस पर शक भी करता है और उसकी कोई बात भी नहीं मानता है अपनी पहली पत्नी से छुप-छुप के बातें करता है और सीता को बदचलन भी कहता है कितना निर्दय आदमी था एक तो तुझे बुड्ढे के साथ यह जवान लड़की रह रही थी और ऊपर से उसको इस तरह की बातें भी करता था मैंने अभी तक उसे दूर से ही देखा था 

भला इतना अमीर आदमी अपने घर में काम करने वाले एक मामूली ड्राइवर से क्या बात करेगा दूर से ही मैंने उसे सलाम किया और उसने हाथ हिला दिया उससे ज्यादा कुछ नहीं था देखने में बिल्कुल ऐसा लगता था कि पता नहीं किस तरह खड़ा हुआ है कभी भी नीचे गिर के मर सकता है किसी ऐसे मर्द के साथ सीता या कोई और भी खुश नहीं रह सकती कोई दुनिया की आखिरी मजबूर औरत होगी तो वह भी ऐसे आदमी के साथ शादी नहीं करेगी फिर सीता ने यह सब क्यों किया था आखिरकार उसमें कमी ही क्या थी

 शाम हुई तो वह रोज की तरह बाहर लाउन में बैठी थी और उसने चाय मंगवाई थी साथ ही वह कोई किताब भी पढ़ रही थी मैंने नौकर को इशारा किया और मैं बहाने से उसके पास आ गया मैंने कहा कि वह अपने कल जाने की बात की थी आपने कितने बजे जाना है मैं बात शुरू कर चुका था नौकर आया और उसने चाय गिराने की कोशिश की कि मैंने आगे हाथ करके उसे बचा लिया गर्म गरम चाय मेरे बाजू पर गिर गई

 मुझे इतना नहीं पता था कि मुझे इतना दर्द होगा जरूरत से ज्यादा दर्द हुआ लेकिन इतना तो मैं बर्दाश्त कर सकता था इसलिए मैंने मुंह से कोई आवाज नहीं निकाली वह भी हैरान रह गई थोड़ी सी चाय उसके ऊपर भी गिरी पर उसे कुछ नहीं हुआ आज मैंने उसे गौर से से देखा वह बहुत ही अच्छे कपड़े पहनती थी वह साड़ी का ब्लाउज ऐसा पहनती थी कि उसके शरीर का कोई भी हिस्सा नजर नहीं आता था 

इसका मतलब यह था कि वह सुंदर भी थी और सुशील भी वह किसी को यह नहीं दिखाना चाहती थी कि मैं कितनी सुंदर हूं वैसे भी उसे क्या जरूरत थी जो अच्छी लड़कियां होती हैं वह ऐसे ही कपड़े पहनती हैं और इन्हें कपड़ों की वजह से ही कुछ नहीं हुआ उसने कहा कि तुम्हें क्या जरूरत थी हाथ आगे करने की चाय मुझ पर गिर रही थी तो गिर जाती अब जल गया नाना तुम्हारा हाथ तो तुम गाड़ी कैसे चलाओगे

 मैंने कहा कि नहीं छोटी मालकिन कुछ नहीं हुआ मैं बिल्कुल ठीक हूं हम मर्द हैं ना हमारे हाथ पहुंच सकते हैं इसलिए मुझे कुछ नहीं हुआ लेकिन अगर आप पर चाय गिर जाती तो आपका नाजुक हाथ जल जाता उसने कहा कि मुझे भी कुछ नहीं होना था मैं उसकी यह बात समझ नहीं पाया क्यों नहीं होता उसे कुछ गर्म चाय थी जब मुझे इतना दर्द हुआ तो उसे भी होता लेकिन उसने मेरी बात को बिल्कुल भी नहीं समझा

 और ना ही मेरे एहसास को शायद बाद में सोचती होगी कि इस आदमी ने मेरी जान बचाई मुझ पर चाय नहीं गिरने दी लेकिन मुझे नहीं लगता यह कोई अच्छा आईडिया था उसका दिल जीतने के लिए मुझे कुछ बड़ा करने की जरूरत थी पर मैं क्या करता मैं पूरा दिन सोचता रहता था रात को भी सोचता रहता था लेकिन मुझे कुछ समझ नहीं आता था फिर सोचा कि सीधी बात शुरू तरीके से कर देना चाहिए 

एक दिन मुझे रात के वक्त उसकी आवाज आई लगता है बड़े साहब से लड़ाई झगड़ा कर रही थी हां ऐसी शादी हो तो लड़ाई झगड़ा ही होता है प्रेम विवाह तो नहीं था कि एक दूसरे को बर्दाश्त कर लेते ऐसी शादी में तो फिर लोग मजबूरी में ही साथ रह रहे होते हैं वह लोग क्या बोल रहे थे समझ नहीं आ रही थी उनका कमरा शायद अंदर था और बहुत पीछे की तरफ था लेकिन आवाज से लग रहा था कि किसी बड़े बात पर झगड़ा हो रहा है

 और ज्यादा आवाज सीता की ही आ रही थी उस बुड्ढे के अंदर तो इतनी भी जान नहीं थी कि वह जोर से चिल्ला सकता मैंने अपने एक दोस्त को भी यह बात बता दी जो गांव में ही था उसने मुझे कहा कि तू भी पागल है क्या क्यों उसके पीछे घूम फिर रहा है तुझे पता तो है औरत की कमजोरी क्या होती है और वह एक जवान और खूबसूरत लड़की है तू सीधा वहीं पर दाना फेंक जहां पर जरूरत है

 और फिर देख कैसे वह पंछी की तरह तेरी बांहों में आ जाएगी और कभी तुझसे दूर नहीं होगी तू गरीब है लेकिन शक्ल तो तेरी हम सबसे अच्छी है तू तो बिल्कुल हीरो लगता था हमारे गांव का सबसे खूबसूरत लड़का तू ही तो था तो फिर तू अपनी खूबसूरती को इस्तेमाल कर बात तो उसकी ठीक थी कहते हैं कि हकीकत कभी-कभी अजीब सी भी होती है लेकिन अजीब हो या ना हो हकीकत तो हकीकत ही होती है

 मैंने सोच लिया था कि मुझे उससे बात करनी चाहिए एक दिन हम कहीं जा रहे थे आज मौसम भी बहुत सुहाना था मैंने एक अच्छा सा गाना भी लगा दिया पहले मैं कभी भी कोई गाना लगाता था तो वह कहती थी कि इसको बंद कर दो लेकिन आज उसने ऐसा नहीं किया मैंने शीशे में देखा तो उसके चेहरे पर मुस्कान थी इसका मतलब किसका मूड अच्छा था मैंने कहा कि छोटी मालकिन एक जरूरी बात करनी है 

कल रात आप अपने पति से झगड़ा कर रही थी मुझे पता है कि आप लोगों के बीच क्या चल रहा है मुझे घर के नौकरों ने सब कुछ बता दिया आपके बाप ने अपनी मर्जी से आपकी शादी करवा दी आपकी परवाह नहीं की मुझे सब कुछ पता चल गया है मैं हैरान था कि वह भी तो मेरी बात सुन रही थी कोई जवाब नहीं दे रही थी वरना मुझे लगा था कि पहले ही गुस्सा करने लगी होगी ऐसा नहीं किया 

इसका मतलब कि उसे मेरी बात बुरी नहीं लग रही थी मैंने कहा कि मुझे पता है कि एक औरत की क्या जरूरत होती है जो खुशी आपको आपका पति नहीं दे सकता वह मैं दे सकता हूं बस आपको मेरी तरफ एक कदम बढ़ाना होगा मुझे यकीन नहीं आ रहा था कि मैंने यह सब कुछ इतनी आसानी से बोल दिया फिर यह कोई छोटी बात तो नहीं थी अब वह बिल्कुल चुप सी और मुझे उसकी खामोशी बहुत ज्यादा लंबी लग रही थी

 उसे कुछ तो बोलना चाहिए था हम रास्ते पर जा रहे थे और रास्ता खत्म भी होने वाला था अगर उठ के चली जाती तो इसका मतलब कि बात यहीं पर खत्म हो जाती मैंने कहा कि कुछ तो बोले अजीब बात है कि उसने अभी भी कोई जवाब नहीं दिया जहां उसे जाना था वहां चली गई मैं बाहर उसका इंतजार करता रहा उसके बाद वापसी पर भी वह खामोश थी मैंने एक दफा उससे फिर पूछा कि मैंने इतनी बड़ी बात कर दी

 मैं आपकी खामोशी को क्या समझूं क्या आप मुझे नौकरी से निकाल देंगी अगर ऐसी बात है तो मैं यह बात अपने दिल से निकाल देता हूं मुझे नौकरी से मत निकालिए मेरी जवान बहाने मुझे उनकी शादी करनी है मैं बहुत गरीब आदमी हूं आपसे प्रेम कर बैठा जो बात दिल में थी वह जबान पर आ गई मोहब्बत तो ऐसी होती है क्या मोहब्बत करना कोई पाप होता है आप इतनी सुंदर हैं आपके पति आपके लायक नहीं है

 यह तो कोई छोटा बच्चा भी बता सकता है और मैंने आप लोगों का अक्सर झगड़ा करते हुए भी सुना है अगर ऐसी कोई बात है तो मैं आपका हाथ पकड़ने को तैयार हूं मैं बुरा आदमी नहीं हूं अब उसने अपनी जबान खोली और कहा कि मुझे पता है तुम बुरे आदमी नहीं हो अगर तुम बुरे आदमी होते तो यही बात किसी और तरह से करते और या फिर यह बात ही ना करते वह ऐसे बात कर रही थी जैसे बहुत ज्यादा समझदार थी 

समझदार तो वह थी लेकिन उसकी उम्र इतनी ज्यादा नहीं थी वह अपनी उम्र से बड़ी-बड़ी बातें कर रही थी मेरे दोस्त ने मुझे कहा था कि वह तेरी बाहों में पिघल के तेरी बांहों में आग्रह की लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हुआ था मैंने सोच लिया कि शायद ऐसा होगा भी नहीं फिर उसने खुद ही अजीब बात कर दी और गाड़ी से निकल के चली गई उसने कहा कि कल रात को मेरे कमरे में आ जाना कोई बात दिल में ना लाना

 मेरा पति घर पर नहीं होगा मैं अपने कमरे में बिल्कुल अकेली रहूंगी रात के 10:00 बजे तु मेरे कमरे में आना और तुम्हें तुम्हारे सवाल का जवाब मिल जाएगा मैं किसी को कुछ नहीं बताऊंगी और तुम्हें कोई नुकसान भी नहीं पहुंचेगा इतना कहकर वह चली गई और मैं तो जैसे खुशी से पागल ही हो गया क्योंकि मुझे पता था कि औरत की तरफ से इतना कहना ही ग्रीन सिग्नल होता है और मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया था

 मेरे दोस्त की बात ठीक थी मैं ऐसे हरकतें करने में वक्त बर्बाद करता रहा मुझे उससे सीधे तरीके से बात करनी चाहिए थी आजकल कौन सा जमाना रह गया है ऐसी बातों का अब तो लोग जो बात होती सीधे तरीके से बोल देते हैं और बात मान ली जाती है अब मुझे रात के 10:00 बजने का इंतजार था मैंने सबसे अच्छा कपड़े पहने उसे ठीक कहा था उसका पति शाम को ही कहीं चला गया 

और अब यह भी कह कर गया कि मैं अगले दिन वापस आऊंगा या नहीं वह घर में अकेली थी थोड़ी देर के बाद उनकी दोनों नौकरा नियां भी छुट्टी पर चली गई जब वह जाने लगी तो मैंने उनसे पूछ लिया कि कहां जा रही हो तो उन्होंने कहा कि दो दिन की छुट्टी लेकर जा रहे हैं छोटी बेगम ने छुट्टी दी है मैं खुश हो गया कि वह सब कुछ छुट्टी दे रही है इसका मतलब कि बात वही है जो मैं सोच रहा था

 इसका मतलब कि वह भी मुझे पसंद करती है और क्यों ना करें मुझे पसंद आखिर मुझ में कोई कमी थी ही नहीं मैं तो बहुत खुश था कभी कोई गाना गाता तो कभी इधर-उधर फिरता और 10 बजने का इंतजार करता मैंने तो आज खाना भी नहीं खाया खुशी से ही मेरा पेट भर गया था मेरी मां का भी फोन आ गया और उनको भी मैंने बातों-बातों में कह दिया कि मैं जल्द ही ते तेरे लिए एक प्यारी सी बहू लेकर आने वाला हूं

 तो मेरी मां तो थोड़ा परेशान हो गई कि उसे तो अपनी बेटियों की शादी की फिक्र थी और उसने साथ यह भी कह दिया कि फिर तेरी बहनों का क्या होगा मैंने कहा कि बस तू यूं समझ कि तेरी यह बहू हमारे लिए सोने की चिड़िया साबित होगी और इसके आते ही बहनों की शादी भी हो जाएगी मेरी मां भी खुश हो गई और जैसे ही वक्त हुआ मैं घर के अंदर चला गया घर में कोई भी नहीं था रास्ता साफ था मैं सीधा चलते हुए उसके कमरे तक चला गया उसके कमरे का दरवाजा खुला था अंदर से रोशनी की झलक नजर आ रही थी

 इसका मतलब कि वह अंदर थी मैं अंदर गया और वह सामने खड़ी थी मैंने कहा कि मैं आ गया हूं तुम्हारी जिंदगी को ठीक करने के लिए तुम्हारे साथ बहुत बुरा हुआ है ना एक बुरे आदमी के साथ तुम्हारी शादी हुई लेकिन आज के बाद सब कुछ ठीक हो जाएगा हम दोनों एक दूसरे के हो जाएंगे मैं आगे बढ़ने लगा तो उसने मुझे इशारे से रोक दिया लेकिन उसके चेहरे पर कोई ऐसी बात नहीं थी कि जैसे वह गुस्सा हुई है 

उसने कहा कि पहले मुझे देख तो लो कि मैं कैसी हूं मैंने कहा कि तुम्हें देखकर ही तो यहां तक आया हूं तुमसे ज्यादा खूबसूरत लड़की तो मैंने अपनी जिंदगी में नहीं देखी मैं आगे पढ़ने लगा कि अचानक उसने अपनी साड़ी का पल्लू गिरा दिया और मुझे ऐसा लगा कि जैसे मेरे कदमों तले से धरती ही खिसक गई है मैं वहां से भाग जाना चाहता था और इससे पहले कि मैं भाग जाता उसने पल्लू वापस कर लिया 

और मुझे रोक लिया उसकी आंखों में आंसू थे और मेरी आवाज हकलाने लगी थी मैंने कहा कि यह तुम्हारे साथ क्या हुआ है उस आदमी ने इतना बुरा किया उसने तुम्हारे साथ ऐसा क्यों किया मेरी जुबान हकलाने लगी थी मैंने कहा कि यह तुम्हारे साथ उसने क्या किया है उस आदमी ने इतना बुरा किया तुम्हारे साथ उसका सारा जिस्म जला हुआ था तभी तो ऐसे कपड़े पहन करर रखती थी और उस दिन कह रही थी कि अगर गर्म चाय मुझ पर गिर भी जाती तो मुझे कुछ नहीं होता क्योंकि वह उससे बहुत ज्यादा तकलीफ बर्दाश्त कर चुकी थी

 यह साफ नजर आ रहा था उसने कहा कि नहीं उसे बूढ़े ने मेरे साथ कुछ नहीं किया मेरा पति है उसने मुझसे शादी की और आज तक किसी को यह बात नहीं बताई लेकिन उसने मुझे आज तक हाथ भी नहीं लगाया मैं उसकी पत्नी बनकर जिंदगी गुजार रही हूं इसके बाद किसी ने भी मुझसे शादी नहीं करनी थी और मैंने आत्महत्या करने की कोशिश की थी उसने मेरी जान बचाई और मुझे अपनी पत्नी और इस घर की मालकिन बनाकर रखा 

लेकिन यह समाज बहुत बुरा है जब देखता है कि किसी बूढ़े ने किसी जवान लड़की से शादी की है तो यही सोचता है कि शायद यह आदमी ही बुरा है लेकिन उसने तो मेरी बहुत मदद की है और वह जो हम लड़ाई कर रहे थे वह भी इसलिए क्योंकि मैं फिर से आत्महत्या करने की कोशिश कर रही थी तुम बताओ क्या तुम मुझे कबूल में को तैयार हो मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या बोलूं मेरी जुबान बंद हो गई थी वह इस बात पर हंसने लगी

 और उसने कहा कि सब मेरे पति जैसे नहीं होते इसलिए मैं कभी भी उन्हें धोखा नहीं दे सकती जब तक वह जिंदा रहेंगे मैं उनकी पत्नी बनकर रहूंगी और जब वह इस दुनिया से चले जाएंगे तो उनकी विधवा बनकर जिंदगी गुजारंगे तुमने मेरी शक्ल देखी थी ना तो फिर क्या मेरी शक्ल देखकर सारी जिंदगी गुजार सकते हैं मैंने उसके सामने हाथ जोड़ दिए और कहा कि मुझे माफ कर दो मेरे अंदर इतनी हिम्मत नहीं है

 मैं इतना बड़ा आदमी नहीं हूं उसने कहा कि मुझे पता है मैं भी तुम्हारी जिंदगी बर्बाद नहीं करना चा ती लेकिन तुमने जो बात की हद से निकाल कर की तो मुझे बहुत बुरा लगा इसलिए मैंने तुम्हें समझाने के लिए यह सब कुछ किया इसके बाद भी मैं वहां पर चार महीने नौकरी करता रहा लेकिन फिर मेरा दिल नहीं माना और मैंने वह नौकरी छोड़ दी क्योंकि मैं छोटी मालकिन से नजर भी नहीं मिला पाता था 

इसलिए मैंने यह नौकरी छोड़ दी मैं वापस गांव आ गया थोड़े बहुत पैसे जमा करके लाया था और उस पैसे से एक ट्रैक्टर खरीद लिया और अपनी जमीन पर ही काम करने लगा अभी भी मुझे सीता की याद आती है सोचता हूं किस हाल में होगी क्या कर रही होगी लेकिन सही कहा था उसने मैं इतना बड़ा आदमी नहीं था आप लोग बताओ कि अगर आप लोगों में से कोई मेरी जगह होता क्या सीता जैसी लड़की को कबूल कर लेता अगर हां तो कमेंट करके जरूर बताएं

 

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