गरीब बच्चो की ख़ुशी | Motivational Story In Hindi | Sad And Emotional Hindi Story | Hindi Story

Motivational Story In Hindi : मेरा नाम रोहिनी है मैं एक मिडिल क्लास फैमिली से बिलोंग करती थी मेरे दो भाई थे और मेरे माता-पिता थे मेरी पढ़ाई पूरी होते ही मेरे घर एक बहुत अच्छा रिश्ता आया था मेरे माता-पिता ने उस रिश्ते के लिए हां कर दी और इसी तरह से मेरी शादी कर दी गई मेरी शादी एक अमीर लड़के से हुई थी लड़का देखने में बहुत खूबसूरत था और उसका परिवार भी नहीं था वह लड़का अकेला रहता था उसका बहुत बड़ा घर था बिजनेस भी बहुत अच्छा था 

यही सब बातें देखते हुए मेरे पिताजी ने मेरी शादी उस लड़के से कर दी थी मेरे पति का नाम आयुष था आयुष मुझे बहुत प्यार करते थे और मैं भी आयुष से बहुत प्यार किया करती थी शादी के 5 महीने बाद ही आयुष को हार्ट अटैक आया और उसके बाद उनकी मौत हो गई आयुष की मौत के बाद मैं बहुत टूट गई थी मुझे नहीं पता था कि मेरे साथ ऐसा भी हो जाएगा मैं आयुष के साथ बहुत खुश रहती थी

 अभी तक मेरे पास कोई औलाद भी नहीं थी इससे पहले ही आयुष मुझे छोड़कर चले गए थे आयुष के मरने के बाद मेरे माता-पिता का कहना था कि वह मुझे अपने साथ अपने घर ले जाएंगे मेरे घर में मेरी दो भाभिया भी थी आजकल के जमाने के बारे में मुझे अच्छे तरीके से पता है मैं नहीं चाहती थी कि मैं विधवा बनकर उस घर में जाऊं और मेरे भाई और भाभिया मुझे बुरा समझे इसी तरह से मैं भरी जवानी में विधवा हो गई थी

 लोगों ने मुझसे कहा कि तुम्हें दूसरी शादी कर लेनी चाहिए लेकिन मैं दूसरी शादी करने पर भी तैयार नहीं थी मेरे पहले पति के घर में कोई नहीं था और घर भी बहुत बड़ा था मुझे उस घर में इज्जत मान सम्मान सब कुछ मिला था मैं डरती थी कि कहीं और जाकर मेरी जिंदगी सुधरने के बजाय खराब ना हो जाए इसलिए मैं दूसरी शादी भी नहीं करना चाहती थी और ना ही अपने मायके वापस जाना चाहती थी 

मेरा मानना था कि मुझे अपने पति के घर में ही रहना है घर बहुत बड़ा था इसलिए मुझे घर में बहुत डर लगता था रात को जब कुत्ते भोंकते थे तो मेरा दिल बैठ जाता था मुझे ऐसा लगता था जैसे मेरा दिल बैठ रहा है मैं पहले से ही डरपोक नहीं थी बल्कि जिस दिन से आयुष की मृत्यु हुई थी उस दिन से मुझे डर लगना शुरू हो गया था हर छोटी से छोटी चीज से मुझे डर लगता था रात मेरी ऐसे ही डर के साथ-साथ गुजर जाती थी ना जाने यह डर मेरी जिंदगी से कब निकलेगा यही सोचते-सोचते मुझे सारी रात हो जाती थी

 दिन भी ऐसे ही गुजर जाता था मेरे पति का कारोबार बहुत अच्छा था इसलिए मुझे भी कमाने की कोई जरूरत नहीं थी काफी सारा पैसा था जो मुझ अकेली के लिए काफी था मैं काफी समझदार और पढ़ी लिखी थी सोचती थी कि बच्चों को ही ट्यूशन पढ़ा लिया करूं लेकिन तभी मेरे दिमाग में आईडिया आया कि क्यों ना मैं अपने नीचे वाले पोर्शन को किराए पर दे दूं इसी तरह से घर में मेरे लिए कोई सहारा भी हो जाएगा 

और मेरा सारा दिन भी गुजर जाया करेगा और मुझे रात को डर भी नहीं लगा करेगा मैंने सोचा कि मुझे घर किराए पर दे देना चाहिए लेकिन मैं किसी शरीफ फैमिली को ही किराए पर घर देना चाहती थी अकेले इंसान को घर किराए पर नहीं देना चाहती थी क्योंकि मैं अकेली और जवान थी आस पड़ोस के लोगों से मैं कम ही बातचीत किया करती थी लेकिन जब कि मुझे किराएदार के बारे में बताना था

 इसलिए मैंने आस पड़ोस में जाकर सभी से यह बात कह दी थी कि मुझे किराएदार की जरूरत है लेकिन मेरी शर्त यही रहेगी कि मुझे एक शरीफ फैमिली की जरूरत है मैं अकेले इंसान को अपना घर किराए पर नहीं दे सकती थी इसी तरह से मुझे घर में रहने के लिए लोगों का सहारा भी मिल जाता और महीने में थोड़े बहुत पैसे भी घर में आ जाते मेरे इतना ही कहने की देर थी कि दो दिन के बाद ही मेरे दरवाजे पर दस्तक हुई सुबह का टाइम था और दरवाजे की बैल बज रही थी

 मैं दरवाजा खोलने गई तो यह देखकर हैरान रह गई कि बाहर एक बूढ़ी औरत और एक जवान लड़का खड़ा हुआ था मैंने उन दोनों को ड्राइंग रूम में बैठा दिया और उनसे पूछा कि मैं आप दोनों को नहीं जानती हूं आप कहां से आए हैं और कौन हैं तभी वह लड़का कहने लगा कि आप किराए पर मकान देना चाहती हैं हम इसी सिलसिले में आपके पास आए हैं हमने सुना था आप किराए के लिए फैमिली की तलाश कर रही हैं हम दोनों ही इस घर में रहना चाहते हैं 

हम दोनों के अलावा घर में कोई और नहीं रहेगा मैंने कह दिया आप बिल्कुल ठीक कह रहे हैं मैं एक शरीफ फैमिली की तलाश कर रही थी मैं अपना नीचे वाला पोर्शन किराए पर देना चाहती हूं मैंने कहा क्या आप दोनों मां बेटे इस घर में रहना चाहते हैं तभी वो बूढ़ी औरत बोल पड़ी और कहने लगी कि मैं इनकी मां नहीं बल्कि इनकी पत्नी हूं यह सुनकर तो मैं हैरान रह गई थी ना जाने इस लड़के ने इस औरत में क्या देखा था वह लड़का देखने में बहुत खूबसूरत था और उसका नाम सुरेश था 

और वह बूढ़ी औरत उसका नाम रजनी था रजनी की उम्र लगभग 60 साल होगी 60 साल की इतनी उम्रद औरत से शादी करना वह भी एक जवान लड़के के साथ यह तो मुझे बहुत ही हैरत की बात लग रही थी मैंने कहा सॉरी अगर मेरी वजह से आपको किसी बात का बुरा लगा हो तो मुझे नहीं पता था कि आप दोनों पति-पत्नी हैं उन्होंने कहा कोई बात नहीं सब लोग हमें देखकर हैरान रह जाते हैं तभी वह जवान लड़का कहने लगा मैडम आप हमें मकान किराए पर दे सकती हैं हमें भी रहने का ठिकाना चाहिए

 और आपको भी किराएदार की जरूरत है मैंने कहा जी बिल्कुल मैं आपको इस घर में रहने की इजाजत दे देती हूं यह रही कमरे की चाबी और आप अपना सामान लेकर आ जाइए तभी सुरेश रजनी जी की तरफ मुस्कुराते हुए देखने लगा और सुरेश कहने लगा कि किराया हम आपके मुंह मांगी रकम में दे देंगे यह सुनकर तो मैं और भी ज्यादा जदा खुश हो गई थी आखिरकार जैसे किराएदार मैं ढूंढना चाह रही थी

 मुझे वैसे ही किराएदार मिल गए थे मैंने उनको चाबी दे दी और उनसे कहा कि आप अपना सामान लेकर आ जाइए थोड़ी ही देर बाद वह लोग अपना सामान लेकर मेरे घर में आ गए और उन्होंने अपना सारा सामान सेट कर लिया ऐसे ही सारा दिन गुजर गया और शाम का वक्त आ गया शाम के समय मैं सोच रही थी कि ना जाने सुरेश ने रजनी जी के अंदर क्या देखा था जो उनसे शादी कर ली थी क्या पता उसकी क्या मजबूरी थी रजनी से शादी करने की या तो यह शादी लव मैरिज थी या फिर अरेंज मैरिज हो सकता है

 सुरेश के घर वालों ने रजनी के साथ शादी जबरदस्ती करवा दी हो या फिर सुरेश ने ही रजनी से शादी कर ली हो खैर मैंने इन बातों को इग्नोर किया और खाना बनाने के लिए किचन में चली गई खाना बनाते समय मुझे अपनी मां की कही हुई बात याद आ गई थी मेरी मां ने कहा था अगर आस पड़ोस में कोई नया र ने आ जाए तो उसे एक समय का खाना खिला दिया करो क्योंकि ऐसा करने से हमें खुशी मिलती है

 और ना जाने उन लोगों को खाना मिलता होगा भी या नहीं क्या पता वह किसी परेशानी में हो क्या पता उनके पास घर में खाना बनाने के लिए राशन भी हो या नहीं यही सब बातें सोचते हुए मैंने रजनी और सुरेश के लिए खाना बनाने की ठान ली थी वैसे तो मैं अकेली थी इसलिए मैं अपने लिए ही खाना बना लिया करती थी लेकिन आज मुझे तीन लोगों का खाना बनाते समय बहुत खुशी हो रही थी 

मैंने सोचा मैं भी आज अपने नए किराएदार के लिए खाना बनाकर लेकर जाती हूं रात हो गई है और मैंने खाना पैक कर लिया था जैसे ही मैं नीचे गई और मैंने जाते ही दरवाजे पर दस्तक दी तो अंदर से किसी ने दरवाजा नहीं खोला जब मुझे बहुत देर हो गई दरवाजा बजाते बजाते तब मैंने सोचा कि शायद यह लोग थकान की वजह से सो गए होंगे इसलिए मैं वापस जाने के लिए मुड़ गई थी तभी अचानक दरवाजा खुला और सुरेश दरवाजे पर खड़ा हुआ था सुरेश ने कहा अरे रोहिणी जी आप यहां क्या कर रही हैं

 उसने मेरे हाथ में खाना देखा तो कहने लगा रोहिनी जी आपको खाना लाने की क्या जरूरत थी रजनी किचन में खाना ही बना रही है मैंने कहा कोई बात नहीं यह तो मेरा फर्ज बनता है आप मेरे लिए आज मेहमान हैं इसलिए मैं आपके लिए खाना बनाकर लाई हूं कल से तो हमें एक ही साथ एक ही घर में परिवार की तरह कहना है मैंने सुरेश से कहा रजनी जी कहां है यह कहते हुए मैं किचन की तरफ जाने लगी तभी अचानक मेरे सामने सुरेश आकर खड़ा हो गया और कहने लगा

 अरे वो रजनी उसके सर में बहुत तेज दर्द हो रहा था वह तो अपने कमरे में लेटकर सो चुकी है मैंने कहा अभी तो वह किचन में खाना बना रही थी कहने लगा नहीं नहीं खाना बनाते समय उसके सिर में बहुत तेज दर्द होने लगा और वह जाकर लेट गई उसको नींद आ गई होगी अगर मैं उसको आधी नींद में उठा दूंगा तो उसके सिर में और भी ज्यादा दर्द हो जाएगा आपको तो पता है 

उसकी उम्र कितनी हो चुकी है इसलिए उसको बीमारियों ने घेर रखा है अगर मैंने उसे आधी नींद में उठा दिया तो वह और भी ज्यादा परेशान हो जाएगी यह सुनकर मैंने कुछ नहीं कहा और चुपचाप अपने पोशन में आ गई ऊपर आते ही मैंने खाना खाया और खाना खाने के बाद मैं भी लेट गई सोचने लगी कि सुरेश ने किस तरह से बात को पलट दिया था पहले तो वो मुझसे कह रहा था कि रजनी जी खाना बना रही है

 लेकिन उसके बाद जैसे ही मैंने किचन में जाने की कोशिश की तभी उसने बात को इतने अच्छे तरीके से पलट दिया कि वह सो रही है ना जाने वह क्या कर रहा था और क्या कहना चाह रहा था मैंने सोचा खैर छोड़ो मुझे क्या करना मैंने इस बात को इग्नोर कर दिया मैंने सोच लिया था कि रजनी जी को मैं अपनी बड़ी बहन बना लूंगी और हम दोनों इस घर में आराम से बैठकर बातें किया करेंगे वैसे भी वो भी अकेली है

 और मैं भी अकेली हूं दोनों सारा दिन अकेले ही तो रहेंगे इसलिए एक दूसरे का सहारा भी बन जाएंगे और एक दूसरे से अपना मन भी हल्का कर लेंगे और धीरे-धीरे मैं रजनी जी की जिंदगी के बारे में भी पता कर लूंगी आखिर उन्होंने सुरेश से शादी क्यों की मैं सोच रही थी कि रजनी मेरे पास थैंक यू बोलने के लिए जरूर आएगी क्योंकि मैं उनको खाना देकर आई थी इसलिए उनका फर्ज बनता था कि वह मुझे थैंक यू कहे कुछ लोग तो ऐसे हो होते हैं

 जो किसी से कुछ तोहफा लेने के बाद उनको थैंक यू के बिना उनको सुकून नहीं मिलता लेकिन मेरा यह अंदाजा बिल्कुल गलत निकला था रात का काफी समय हो चुका था और अभी तक रजनी जी मेरे पास थैंक्स कहने के लिए नहीं आई थी मैंने सोचा कि कोई बात नहीं सुबह जब मैं उनसे मिलूंगी तो शायद वह मुझे थैंक यू बोल दे मुझे थैंक यू की जरूरत नहीं थी लेकिन मैं रजनी से बातें करना चाहती थी आज रात मेरी बहुत सुकून से गुजरने वाली थी क्योंकि घर में किराया दार आ चुके थे

 और अब मुझे किसी चीज से डर भी नहीं लग रहा था घर में कोई सहारा था यह बात मुझे बहुत बेफिक्र कर रही थी कुत्तों की आवाज से भी मुझे डर नहीं लग रहा था जब मेरे पति जिंदा थे तब मुझे आवाजें नहीं आती थी शायद तब मुझे डर भी नहीं लगता था क्योंकि उस वक्त मेरे पति का साया मुझ पर था मेरे पति आयुष मुझे बहुत प्यार करते थे मैं हर रात उनको याद करके रोया करती थी यह सोचते-सोचते ही मुझे नींद आ गई 

और अचानक ही आधी रात में मेरी आंख खुल गई ना जाने मेरी आंख इतनी रात को क्यों खुली थी मुझे बहुत डर लग रहा था रात को ना जाने किसकी जोर-जोर से चिल्लाने की आवाज आ रही थी ऐसा लग रहा था जैसे कोई लेडी बहुत जोर-जोर से रो रही है और बहुत तकलीफ में है उसे किसी की मदद की जरूरत है मुझे बहुत डर लग रहा था और डर की वजह से मेरा पूरा शरीर कांप रहा था मैं अपने बिस्तर पर लेट गई और मैंने अपने दोनों कानों पर पर हाथ रख लिए 

ताकि वह आवाज मुझे ना आ पाए लेकिन आवाज आने बंद ही नहीं हो रही थी मैं बहुत परेशान हो गई थी कि आखिर मैं क्या करूं ऐसे ही करते-करते सुबह हो गई थी लेकिन आवाज बंद नहीं हुई थी सुबह के 6:00 बजे वह आवाज बंद हुई तब जाकर मुझे सुकून मिला कुछ देर बाद ही मुझे नींद इतनी गहरी आ गई थी कि मुझे पता ही नहीं चला कब सुबह के 10:00 बज गए सुबह जब मेरी आंख खुली 

तो मैंने टाइम देखा सुबह के 10:00 बज रहे थे तभी अचानक मैं घबरा कर उठी और उठने के बाद मैंने चाय बनाई और हाथ मुंह धोकर मैं चाय लेकर गैलरी में चली गई गैलरी में मैंने देखा कि सुरेश गली में खड़े होकर किसी से फोन पर बात कर रहा था ऐसा लग रहा था जैसे वह कहीं जा रहा हो फोन पर बात करते-करते ही उसकी निगाह ऊपर की तरफ आ गई उसने जब मुझे देखा तो वो मुझे देखकर मुस्कुराने लगा 

उसके बाद ही वो वहां से चला गया शायद वो ऑफिस गया होगा उसका लिय तो यही बता रहा था कि वह किसी काम पर जा रहा था मैंने सोचा कि रजनी से बात करने का मेरे पास यह अच्छा मौका है क्योंकि जब से वह घर में आई थी एक बार भी मेरी उनसे मुलाकात नहीं हुई थी मैं उनसे बैठकर बातें करना चाहती थी लेकिन वह तो मुझसे मिलना ही नहीं चाह रही थी मैंने सोचा कि जल्दी से फ्री हो जाती हूं 

और जाकर रजनी जी के पास बैठ जाती हूं जल्दी-जल्दी मैंने अपने सारे काम किए और नीचे वाले पोशन में चली गई जब मैं नीचे गई तो सुरेश वहां पर मौजूद नहीं था लग रहा था जैसे वह काम पर ही चला गया है मैंने दरवाजा बजाया तो दरवाजा अंदर से बंद था मैंने बार-बार दरवाजा बजाया लेकिन अंदर से दरवाजा किसी ने नहीं खोला मैं खड़े हुए यही सोच रही थी कितनी देर से दरवाजा बजा रही हूं फिर भी कोई दरवाजा क्यों नहीं खोल रहा तब थोड़ी देर के बाद अंदर से आवाज आई रोहिणी जी यह आप हो क्या वो आवाज रजनी जी की ही थी

 मैंने कहा रजनी जी दरवाजा खोलिए मैं हूं रोहिनी तभी रजनी जी ने दरवाजा खोला मैंने रजनी जी की तरफ देखा तो उनकी आंखों में आंसू थे यह देखकर मैं हैरान रह गई थी उन्होंने मुझे अंदर आने को कहा और सोफे पर बैठा दिया कहने लगी कि मेरे पति ने मुझे परमिशन नहीं दी है कि मैं किसी को भी अंदर आने दूं इसलिए मैं सोच समझकर घर का दरवाजा खोलती हूं मैंने कहा रजनी जी यह तो आपके लिए नया मोहल्ला है आखिर यहां पर कौन आएगा तो वह मुझसे कहने लगी कि आपको नहीं पता मेरी जिंदगी किस मोड़ पर चल रही है 

वह मुझे बहुत परेशान लग रही थी मैंने कहा रजनी जी आपकी आंखों में आंसू है इसका मतलब आप रो रही हैं कहने लगी जी मैं आपको अपनी कहानी क्या बताऊं मैं बहुत परेशान हूं मैंने कहा आप मुझे अपने बारे में सब कुछ बता सकती हैं तो वह कहने लगी कि मेरा पति मुझे पसंद नहीं करता क्योंकि वह कम उम्र का है इसलिए वह चाहता है कि उसी के टाइप की लड़की उसे मिलनी चाहिए थी 

लेकिन वह मुझे पसंद नहीं करता मैं बहुत ज्यादा एज की हूं और उसके हिसाब से अच्छी भी नहीं लगती मुझे उन पर बहुत तरस आ रहा था वह बेचारी बहुत परेशान लग रही थी उन्होंने मुझे बताया कि मुझे ऐसा लगता है कि मेरे पति का किसी के साथ अफेयर चल रहा है वह मुझे धोखा दे रहा है वह ना जाने किससे फोन पर बातें करता रहता है अगर मैं उसे इस बारे में पूछती हूं तो वह मुझे अपशब्द बोल देता है

 और कभी-कभी तो मुझ पर हाथ भी उठा देता है मैंने कहा रजनी जी आप ठीक तो हो ना रजनी कहने लगी हां कहने को तो मैं बिल्कुल ठीक हूं मेरे पास दुनिया की हर चीज मौजूद है रुपया पैसा कपड़े जूते दुनिया की हर चीज मेरे पास है लेकिन मेरे पास वह खुशी नहीं है जो एक औरत को चाहिए होती है रजनी की बातें सुनकर मुझे और भी ज्यादा दुख होने लगा था मैंने कहा रजनी जी आप यह बताइए मैं आपके लिए क्या कर सकती हूं मुझे बताइए मैं आपकी मदद करना चाहती हूं

 वह मुझसे कहने लगी मेरी मदद तो मेरे सों ने नहीं की तो आप मेरी मदद कैसे कर सकती हो मेरा पति कभी भी मुझे छोड़ने की धमकी दे देता है मेरा अपना इस दुनिया में कोई नहीं है अब यह बताओ मेरी इतनी उम्र हो गई है मैं अपने पति को छोड़कर कहां जाऊंगी कौन मुझे अपनाए बस मैं आपसे यह चाहती हूं कि आप मेरे लिए प्रार्थना कर दिया करो और मुझे कुछ नहीं चाहिए मैंने कहा रजनी जी मैं आपके की छोटी बहन की तरह हूं

 आप मुझे हर बात बता सकती हो और क्यों नहीं मैं हमेशा आपके लिए प्रार्थना करूंगी यह कहकर मैं मुड़कर जाने लगी थी तभी रजनी जी ने मुझे आवाज दी रोहिनी तुम किसी को यह मत बताना और मेरे पति को तो बिल्कुल भी मत बताना अगर उसको यह बात पता चल गई तो वह मुझ पर हाथ जरूर उठाएगा और यह भी पता नहीं चलना चाहिए कि आप यहां पर आई थी और मैंने आपको कुछ बताया है

 मैंने उनसे कहा कि हां बिल्कुल आप मत कीजिए जैसा आप कहती हो वही होगा मैं आपके पति को कुछ भी नहीं बताऊंगी इतना कहकर मैं ऊपर चली गई थी मुझे सुरेश पर बहुत गुस्सा आ रहा था आखिर उसने शादी ही क्यों की थी जब अपनी पत्नी को मारना पीटना ही था जब उसे अपनी पत्नी पसंद नहीं थी तो उसने रजनी से शादी ही क्यों की थी मैं सोच रही थी कि काश सुरेश अपनी पत्नी को कैद में नहीं रखता तो कितना अच्छा होता वह तो बेचारी वैसे भी इतनी उम्र की हो गई है उसे उन पर पाबंदी नहीं लगानी चाहिए 

जबकि वह खुद किसी और से चक्कर चला रहा है अगर रजनी जी पर उसका पति पाबंदी नहीं लगाता तो रजनी जी और मैं आपस में छोटी-बड़ी बहनें बन जाते हम दोनों एक दूसरे से अपने गम बांट लेते लेकिन मैंने अपने रोज के रूटीन पर ध्यान देना शुरू कर दिया और रात को सोने के लिए लेट गई थी आज फिर घबराकर आधी रात के समय मेरी आंख खुल गई थी और आज भी वही वजह थी जिसने मुझे कल सोने नहीं दिया था मुझे किसी औरत के चीखने की आवाज सुनाई दे रही थी मैंने कान लगाए तो मुझे ऐसा लग रहा था

 जैसे यह आवाज बहुत करीब से आ रही थी और मैं यही सोच रही थी कि आवाज कहां से आ सकती है मुझे इस बारे में हर तरह से पता करना था धीरे-धीरे मैं कमरे से बाहर निकली तो मुझे चीखने की आवाज और भी ज्यादा करीब से आने लगी थी और तब मुझे अंदाजा हुआ था कि चिल्लाने की आवाज कहीं और से नहीं बल्कि नीचे वाले पोर्शन से आ रही थी और चीखने वाली औरत कोई और नहीं बल्कि रजनी थी एक लम्हे के लिए तो मैं दंग रह गई थी

 फिर मैं जल्दी से सीढ़ियों से उतरी मुझे रजनी जी से पहली ही मुलाकात में दिली लगाव हो गया था अब मैं रजनी जी को परेशानी में नहीं देख सकती थी मैंने जोर-जोर से उनका दरवाजा पीटना शुरू कर दिया था मैं बहुत देर तक खड़ी हुई दरवाजा बजाती रही थी लेकिन किसी ने भी दरवाजा नहीं खोला था और ऐसा भी नहीं था कि दरवाजे की आवाज सुनकर शोर थम गया हो अब तो मुझे रजनी जी के चीखने की और भी ज्यादा तेज आवाजें आने लगी थी दरवाजा पीट-पीट कर मेरे हाथों में दर्द शुरू हो गया था

 थक हार कर मैं वापस अपने पोषण में चली गई थी रात के समय मैं किससे मदद मांगती क्योंकि हर कोई तो अपने घर में सो रहा होगा आज रात तो मुझे रजनी जी की फिक्र में नींद भी नहीं आ रही थी इसलिए मैं गैलरी में जाकर बैठ गई थी टाइम देखा तो सुबह के 5:00 बज रहे थे और मैंने सोच लिया था कि जैसे ही मैं सुरेश को जाते हुए देखूंगी तभी रोक लूंगी सुबह के 7:00 बज रहे थे और दूध वाला दरवाजे पर आया 

जब मैं दरवाजा खोलने गई तो मैंने देखा कि सुरेश घर से निकल रहा था और मुझे देखते ही वह हैरान हो गया था जब वह बाहर निकलने लगा तो मैंने तभी उसको आवाज दी मैंने कहा सुरेश मेरी बात सुनो मैंने उसके चेहरे पर एक डर सा देखा था वो मेरे सामने सीधा बनकर खड़ा हो गया था और वह भी मुझसे कहने लगा मैं जानता हूं आप मुझसे क्या कहना चाहती हो सुरेश के चेहरे पर बहुत ज्यादा उदासी फैल गई थी 

वह मुझसे कहने लगा आपको रजनी की फिक्र हो रही होगी कि वह रात को क्यों चिल्लाती रहती है मुझे भी उसकी बहुत फिक्र होती है मगर मेरे पास उसका कोई इलाज नहीं है अगर आपके पास कोई हल है तो मुझे भी बता दीजिए मैंने देखा था सुरेश की आंखों से आंसू निकल रहे थे और वह मुझसे नजरें बचाकर अपने आंसू साफ कर रहा था मैंने सुरेश से कहा कि तुम मुझे यह बताओ आखिर उन्हें क्या परेशानी है

 तभी तो मैं तुम्हें कोई हल बता पाऊंगी तब सुरेश ने अपना सिर उठाया और मेरी आंखों में आंखें डालकर कहने लगा सबसे बड़ी परेशानी तो उसकी यह है कि वह मुझ पर बहुत शक करती है मैंने हैरत से सुरेश की तरफ देखा तो वह हंसने लगा और कहने लगा मैंने रजनी से अपनी मर्जी से शादी की है आप मेरी शक्ल सूरत को गौर से देखिए मेरे और रजनी में कितना फर्क है मैं चाहता तो किसी जवान खूबसूरत लड़की से भी शादी कर सकता था 

लेकिन मैंने सबको छोड़कर रजनी से शादी की और रजनी को चुना वह बेसहारा है मैं उसको सहारा देना चाहता था और इसलिए मैंने उससे शादी की थी लेकिन फिर भी वह मुझ पर शक करती है उस दिन तो आपने भी रजनी को मेरी मां समझ लिया था मुझसे बस यही गलती हो गई थी कि मैंने रजनी को बेसहारा समझकर उससे शादी कर ली थी वह मेरे घर पर नौकरानी का काम करती थी यह सब देखकर मुझे अच्छा नहीं लगता था

 और इसलिए मैंने सोचा कि मैं उससे शादी कर लूंगा उसे अपना नाम दे दूंगा मेरे घर वालों को यह बात पसंद नहीं आई और उन्होंने मुझे अपने घर से निकाल दिया मैंने रजनी के खातिर अपने परिवार वालों को भी छोड़ दिया अब आप ही बताइए मैंने रजनी से शादी करके गलत किया या फिर सही मेरे माता-पिता ने मुझे अपनी जायदाद से भी बेदखल कर दिया रजनी के खातिर मैंने बहुत सारी परेशानियां झेली हैं

 मैं रजनी को हर हाल में खुश देखना चाहता हूं बस वह मेरे साथ यही कहकर लड़ती रहती है कि मेरा किसी और से अफेयर चल रहा है और मैं चोरी चुपके उससे फोन पर बात भी करता हूं 2 साल पहले ही मेरे माता-पिता ने मेरा रिश्ता एक बहुत ही अमीर परिवार में कर दिया था वह लड़की बहुत खूबसूरत थी उसके साथ मेरी सगाई भी हो चुकी थी वह मेरे माता-पिता के दोस्त की बेटी थी 

मैंने रजनी की खातिर उस रिश्ते से साफ इंकार कर दिया था जबकि मेरे माता-पिता का कहना था कि तुम इस औरत के प्यार में अंधे हो गए हो तुम्हें यह भी नजर नहीं आता कि यह औरत तुम्हारी मां की तरह है लेकिन तुम इस नौकरा रानी के खातिर अपने परिवार को छोड़ रहे हो और अपनी मंगनी भी तोड़ रहे हो मैं तुम्हें अपनी जायदाद से बेदखल कर दूंगा अगर तुमने इस नौकरानी से शादी कर ली तो मैंने अपने माता-पिता की भी कोई बात नहीं मानी और रजनी के खातिर अपनी मंगनी भी तोड़ दी 

और अपना घर छोड़कर अपना सामान पैक करके दरबदर की ठोकरें खा रहा था मैंने अपनी पत्नी के साथ वफा निभाई और इतनी कम उम्र में भी हमेशा रजनी का साथ दिया मगर अपनी पत्नी का ऐसा रवैया देखकर मुझे अकेलेपन का एहसास होता है मैं सोचता हूं कि मैंने रजनी को सहारा देने के लिए अपना सहारा खो दिया लेकिन उसे इस बात का बिल्कुल भी एहसास नहीं है शादी की पहली रात से ही रजनी मुझ पर शक करती है उसको ऐसा लगता है जैसे जिस लड़की से मेरी सगाई हुई थी 

मैं आज भी उससे बातें करता हूं और मुझसे कहने लगी कि तुम मेरे कभी भी नहीं हो सकते क्योंकि तुमने मजबूरी में मुझसे शादी की है तुम तो आज भी उस लड़की की खूबसूरती के पीछे पड़े हुए हो जिससे तुम्हारी सगाई हुई थी अब वह हर रात मुझ पर शक करती है और लड़ाई करती है और बेवजह चीखती रहती है उसकी वजह से पहले भी कई मकान मालिक हमें किराए के घर से बाहर निकाल चुके हैं 

क्योंकि लोग मुझ पर शक करते हैं कि शायद मैं अपनी पत्नी को मारता पीटता हूं इसलिए वह इतना चिल्लाती है और हर दो-तीन महीने में मुझे नया घर बदलना पड़ता है मगर मुझे कहीं भी सुकून नहीं मिलता रजनी की लड़ाइयां मुझे जीने नहीं देती अब यह मेरा पांच पाचवा घर है मैंने यहां आकर तो इसके आगे हाथ भी जोड़ दिए और कहा कि तुम्हें भगवान का वास्ता मुझे जीने दो मगर वह यहां आकर भी अपनी हरकतों से बाज नहीं आती मैं आपको एक बात बताना चाहता हूं 

रजनी दिमाग की तौर पर बीमार हो चुकी है उम्र के साथ-साथ इसका दिमाग भी खराब होने लगा है मैं इसका इलाज करवा रहा हूं रजनी लोगों पर कभी-कभी हमला भी कर देती है इसलिए मैं इसको घर से बाहर नहीं निकलने देता हूं और कह देता हूं कि किसी को भी घर में मत आने देना यह सारी बातें सुनकर तो मेरे होश उड़ गए थे सुरेश की बातें सुनकर तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे वह सच कह रहा है 

तभी मैं उसे कहने लगी कि मैं आपसे रिक्वेस्ट करती हूं वह मुझसे कहने लगा कि हां बताइए मैंने कहा आप रजनी को घर में बंद करके मत जाया करो मैं उससे बात करने की कोशिश करूंगी हो सकता है उसकी हालत में कुछ सुधार आ जाए यह बात सुनकर तो सुरेश परेशान हो गया था वह कहने लगा आप यह सब इसलिए कह रही हैं क्योंकि अभी तक आपने उसकी हालत नहीं देखी जब उसे गुस्सा आता है तो वह इस कदर खुखार हो जाती है कि मेरे लिए उसे संभालना बहुत मुश्किल हो जाता है

 मैं ऑफिस में होता हूं और अगर पीछे से उसने आप पर हमला कर दिया तो उसका कसूरवार कौन होगा हो सकता है वह आपको बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचा दे इसलिए मुझे आपसे इस काम के लिए माफी मांगनी पड़ रही है मैं ऐसा नहीं कर सकता मैंने कहा अगर रजनी जी ने मुझे नुकसान न पहुंचाया तो मैं आपको कसूरवार नहीं ठहरा हंगी मैं आपसे कहना चाहती हूं कि आप उनको कैद मत रखो सुरेश मेरी तरफ बहुत गौर से देखता रहा फिर उसने अपनी जेब से चाबी निकाली

 और मुझे थमा करर कहने लगा कि यह रही दरवाजे की चाबी आप होशियार रहना जैसे ही आपको महसूस हो कि रजनी को गुस्सा आ रहा है तो फौरन ही घर से बाहर निकल जाना मैंने अपना सिर हिला दिया तो सुरेश वहां से चला गया था मैं यही सोच सोचकर परेशान हो रही थी कि आखिर सच क्या हो सकता है दोनों ने ही मुझे अलग-अलग बातें बताई थी मैं अपने पोशन में आ गई थी और जल्दी-जल्दी अपना काम करने के बाद जैसे ही फ्री हुई तो मैं चाबी लेकर नीचे रजनी के पोर्शन में चली गई थी

 ताला खोलकर जैसे ही मैं नीचे वाले पोशन में दाखिल हुई देखा तो रजनी सोफे पर बैठी हुई नजर आ रही थी वह किसी गहरी सोच में गुम थी और रो रही थी अपने आंसू पोंच रही थी मैंने दरवाजा हाथ से बजाया तो उन्हें इसकी भी आवाज नहीं आई जब मैं उनके करीब गई और मैंने उन्हें आवाज लगाई तो वह घबराकर उछल गई और अचानक ही खड़ी हो गई उनको देखकर तो मेरी जान ही निकल गई थी

 उनको देखते ही मैं हंस पड़ी और वह हैरत से कहने लगी कि आप यहां कैसे आ गए मैं कहने लगी बस मैंने सोचा तुम भी अकेली हो और मैं भी अकेली हूं इसलिए मैं आपके पास बातें करने के लिए आ गई रजनी मुझे देखकर रोने लगे और उठकर मेरे गले लग गई और रोते हुए मुझसे कहने लगी मुझे रोने के लिए किसी के कंधे की तलाश थी जिस पर मैं सर रखकर रो सकती मैंने कहा रजनी आपको रोने की कोई जरूरत नहीं है

 आपकी छोटी बहन आपके पास है ना आज मैं आपसे बहुत ही जरूरी बात पूछने के लिए आई हूं मुझे यह बताओ कि रात के वक्त आप चीखने क्यों लग जाती हो मैंने सुरेश की बातों पर भरोसा कर लिया था और बस मैं एक बार रजनी जी के मुंह से ही सारी बातें सुनना चाहती थी मुझे तो ऐसा भी लग रहा था जैसे सुरेश ने मुझे कहीं पागल तो नहीं बना दिया वह घबरा गई और कहने लगी नहीं मैं तो नहीं चीखती मुझे क्या जरूरत है चीखने की मैं तो अपनी जिंदगी में बहुत खुश हूं 

मेरे पति मेरा बहुत ख्याल रखते हैं मैं रजनी जी की बातें सुनकर हैरान रह गई उन्होंने सारी बात पलट दी थी कल तो वह मुझसे कुछ और कह रही थी और आज कुछ और बोल रही है फिर वह मुझसे कहने लगी मुझे आपका घर देखना है मैं चाहती हूं कि आपने अपने पोशन की जिस तरह से सजावट की है इसी तरह से मैं भी अपने पोशन को सजाना चाहती हूं 

ताकि जब मेरा पति घर आए तो उसे भी अच्छा लगे कि मैंने घर की किस तरह से सजावट की है मैंने सर हिला दिया और कहने लगी दीदी आप मेरे साथ चलो मैं आपको अपना पोषण दिखाती हूं मैं रजनी जी को अपने साथ अपने वाले पोषण में ले गई थी मगर मैं अभी तक रजनी जी के बदले हुए व्यवहार के बारे में सोच रही थी हम दोनों ऊपर चले गए रजनी जी ने मेरे सामने अपना हाथ आगे कर दिया था उस पर जलने के निशान थे मैं उनका हाथ देखकर अचानक डर गई थी 

मैंने कहा यह क्या हुआ तो वह कहने लगी कल मैंने आपसे जो बातें की थी ना जाने वह सारी बातें कैसे मेरे पति ने सुन ली थी शायद उन्होंने कमरे में कोई चीज ऐसी लगवा रखी है जिससे सारी बातें रिकॉर्ड की जा सकती हैं वह मुझ पर बहुत कड़ी निगाह रखे हुए हैं इसलिए मैंने तुमसे कहा था कि मैं बहुत खुश हूं जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है मेरा जवान पति मुझे रोज बहुत मारता है

 इसलिए मैं रात को इतनी जोर से चीखती हूं मेरा चिल्लाना बेवजह नहीं है तुम अगर अपनी आंखों से देख लोगी कि मुझ पर क्या गुजरती है तो यह देखकर तुम्हारे होश उड़ जाएंगे अगर तुम्हें यकीन नहीं आता तो तुम मेरे कमरे में कैमरा लगवा कर देख सकती हो मैं तो ऐसा कुछ भी नहीं कर सकती अगर वह रिकॉर्डिंग तुम पुलिस स्टेशन जाकर दिखाओ गी तो मेरे मुजरिम को सजा मिल जाएगी और मैं आजाद हो जाऊंगी मैं कहने लगी ठीक है मैं कुछ ना कुछ करती हूं 

सच कहूं तो मैं दोनों पति-पत्नी की बातों में फंस कर रह गई थी पति अपनी पत्नी पर इल्जाम लगाता था तो पत्नी अपने पति पर इल्जाम लगाती थी इन दोनों की बातों ने मुझे बहुत परेशान कर दिया था मैं तो जिसकी भी बात सुनती थी मुझे उसी की बात पर यकीन आ जाता था इसलिए मुझे दोनों की बातें अपनी अपनी जगह ठीक लगती थी दोनों ही मासूम लगने लगते थे सच तक पहुंचने का एक ही हल था और वह था कि मैं नीचे वाले पोर्शन में कैमरे लगवा दूं मैंने कैमरे के लिए किसी से कह दिया था

 खैर अब भी रात को मु मुझे नीचे वाले पोर्शन से चीखने की आवाजें आ रही थी और सुबह जब सुरेश से मेरा सामना हुआ तो वह मुझसे कहने लगा मेरी पत्नी की हालत बहुत खराब होती जा रही है जबकि दिन के वक्त रजनी भी मेरे सामने रोती रहती थी और कहती थी कि मुझ पर जुल्म बढ़ते चले जा रहे हैं मैं रजनी का दिल लगाने के लिए हर मुमकिन कोशिश किया करती थी उनसे बातें भी करती थी

 और उनको हंसाती थी उनको घर की सजावट के बारे में इंफॉर्मेशन देती थी मैं उनका बहुत ख्याल रख ती थी उनको अपने हाथ से शाम को चाय बनाकर दिया करती थी आखिर वह बुजुर्ग थी उनसे अपने पोर्शन की सफाई नहीं होती थी तो मैं उनके पोशन में सफाई लगाकर आ जाया करती थी मैं ऐसा उनके साथ इसलिए करती थी ताकि उनका दिल बहल जाए और उनका ध्यान अपने पति की तरफ से हटने लगे मुझे दोनों पति-पत्नी की बहुत फिक्र लगी रहती थी मैं चाहती थी अगर सुरेश मुजरिम है

 तो उसे जल्द से जल्द सजा मिलनी चाहिए और अगर रजनी जी बीमार हैं तो उनका इलाज होना चाहिए कैमरा आने में थोड़ा सा ही समय बाकी रह गया था आज शाम जब मैंने खाना बनाया तो मैंने सोचा था कि आज भी मैं रजनी जी को खाना दे आती हूं वैसे तो मैं रात के समय ज्यादा नीचे वाले पोशन में नहीं जाती थी लेकिन आज मुझे खाना देना था इसलिए मैं रात के वक्त नीचे चली गई थी मैं सीढ़ियों से उतर रही थी

 इतनी देर में ही मेरे कानों में रजनी जी की आवाज पड़ी थी वो कह रही थी कि आज सारी तैयारी के साथ आ जाना तुम उसकी फिक्र मत करो वह कमजोर है उसे काबू करना आसान है मैं यह बातें सुनकर उल्टे पैर वापस चली गई थी अब मेरे सामने रजनी का एक नया रोल सामने आया था मेरे दिमाग में ना जाने कैसी-कैसी बातें घूम रही थी मुझे ऐसा लग रहा था जैसे रजनी गलत थी वह रात को अपने किसी जानने वाले को घर पर बुलाती थी और शायद उसके साथ कुछ गलत करती हो 

और जानबूझकर खुद जोर-जोर से चिल्लाती हो ताकि लोग सुरेश को बुरा समझे और वह अपनी मनमानी करती रहे कैमरा को भी कुछ समय बाद बाकी था इसलिए मैंने अपनी पुरानी दोस्त को फोन किया था वह पुलिस की नौकरी कर रही थी और लेडी कांस्टेबल थी मैंने उसको फोन किया तो अपने घर के बारे में उसको सारी बातें बता दी थी मैंने उसे कहा कि मुझे तुम्हारी और तुम्हारी टीम की बहुत जरूरत है

 मेरे घर आकर सारी सच्चाई का पता लगा लो मेरी दोस्त आने के लिए तैयार हो गई थी मैं खाना खाकर अपनी दोस्त का इंतजार कर रही थी फिर ना जाने क्या हुआ कि मेरी आंख लग गई और मैं गहरी नींद में सो गई जैसे ही मेरी आंख खुली तो मैंने देखा कि मैं हस्पताल के बेड पर हूं मैं घबरा गई और मैंने बड़ी हैरत से इधर-उधर देखा मेरी दोस्त मेरे सामने ही खड़ी हुई थी मेरी दोस्त का नाम रीना था

 मैंने रीना से कहा रीना मैं यहां हस्पताल में क्या कर रही हूं वह हंसकर कहने लगी रोहिणी तुम एक बहुत बड़े कारनामे को अंजाम देकर आई हो बहुत दिनों से हमें लगातार इस चीज की शिकायत हो रही थी कि एक गैं है जो लोगों के घर पर किराएदार बनकर र हह रहे हैं और उनके घरों में चोरी करने के इरादे से घुस जाते हैं जब लोगों को उन पर भरोसा हो जाता है तो वह चोरी करने के बाद उनके घर से फरार हो जाते हैं कल रात तुम्हारी वजह से हम उस गैंग को पकड़ने में कामयाब रहे हैं

 मैंने उसे कहा वो कैसे रीना ने बताया कि रोहिणी तुम्हारे घर पर जो किराएदार रह रहे थे वो इसी गैंग का हिस्सा थे वारदात करने का उनका यह तरीका है कि वह बेसहारा औरतों के घर पर किराएदार की तरह रहते हैं और फिर औरतों को चकमा देने के लिए एक्टिंग करते हैं पति अपनी पत्नी पर इल्जाम लगाता है और पत्नी अपने पति पर इल्जाम लगाती है ऐसे ही औरतें उनके झगड़ों में उलझ जाती है 

और अपने घर के बारे में सब कुछ भूल जाती थी तुम्हारे साथ भी कुछ इस तरह का ही हादसा हुआ था उन्होंने तुम्हारे साथ भी ऐसा ही किया था कि तुमने रजनी को अपने घर की चीजें दिखा दी थी तुमने उसे अपने जेवर से लेकर अपनी हर कीमती चीज दिखा दी थी कि तुम शुक्र करो कि तुम ने रजनी की सारी बातें सुन ली थी कल रात उन दोनों ने तुम्हारे खाने में नींद की गोलियां मिला दी थी

 जिसकी वजह से तुम गहरी नींद में सो गई थी और तुम्हारे घर को लूटने का इरादा वह दोनों पहले ही कर चुके थे यह उनकी बहुत सोची समझी प्लानिंग थी तुम्हारे घर की कीमती चीज लेकर फरार होना चाहते थे वाशिंग मशीन टीवी फ्रिज तुम्हारे जेवर और तुम्हारे कीमती कपड़े तक उन्होंने लेने का इरादा कर लिया था हम मौके पर पहुंच गए और ऐसे ही हमने उन लोगों को दबोच लिया 

और जब हमने तुम्हारे कमरे में तुम्हें बेहोश देखा तो तुम्हें हस्पताल में भर्ती करा दिया रीना की बातें सुनकर तो मेरा दिमाग खराब हो गया था लोग दूसरों को लूटने के लिए ना जाने किस हद तक एक्टिंग कर लेते हैं मुझे तो दोनों की एक्टिंग बिल्कुल रियल लग रही थी ऐसा लग ही नहीं रहा था कि उन दोनों ने मुझसे झूठ बोला था यह तो भगवान का शुक्र था कि उसने मुझे बचा लिया अब तो मुझे किराएदार रखने से भी डर लगने लगा था इसी तरह मैं फिर से अकेली रह गई थी वैसे भी बुरे लोगों से तन्हाई ही अच्छी थी 

आजकल हम किसी पर भरोसा नहीं कर सकते इसलिए हम अकेले ही ठीक हैं हमें दूसरों से ज्यादा खुद पर भरोसा होना चाहिए मेरे नसीब में अकेलापन ही लिखा है इसलिए मैं अपने अकेलेपन के साथ ही बहुत खुश हूं मैं अब घर में गरीब बच्चों को ट्यूशन पढ़ाती हूं 

मैं उनसे पैसे भी नहीं लेती सारा दिन वह बच्चे मेरे साथ मेरे घर में रहते हैं रात को अपने-अपने घर को वापस लौट जाते हैं और बच्चों के साथ मेरा बहुत अच्छा वक्त गुजर जाता है मुझे गरीब बच्चों को पढ़ाकर बहुत खुशी मिलती है तो इस कहानी के बारे में आपकी क्या राय है कमेंट करके जरूर बताइएगा दोस्तों आपको हमारी यह कहानी कैसी लगी आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं 

 

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