किए पर शर्मिंदा हूँ। Motivation Story | Best Hindi Story | Meri Kahaniya

Motivation Story : मैं एक गरीब घराने से ताल्लुक रखता था और मेरे वालिद एक मोची थे वह सारा दिन लोगों की जूतियां की मरम्मत करते थे, और हम लोग का गुज़ारा बहुत मुश्किल होता था ये सब देख कर मेरी मां ने लोगों के घरों में काम करना शुरू कर दिया और मेरी मां सारा दिन लोगों के घरों में बर्तन धोती और कपड़े भी धोती थी पहले तो मेरे मां-बाप ने मुझे स्कूल में दाखिल करवाया था

 फिर मेरे मां-बाप ने जब घर के हालात देखे तो उन्होंने मुझे प्राइवेट स्कूल से उठाकर गवर्नमेंट स्कूल में दाखिल करवा दिया था लेकिन शुरू ही से मेरी पढ़ाई में कोई खास दिलचस्पी नहीं थी इसलिए मेरे मां-बाप ने भी मेरी तालीम पर कोई खास तवज्जो ना दी तो मैंने हाई स्कूल के बाद तालीम को खैर बाद कह दिया मेरे बाप ने तो कई दफा मुझे कहा कि मैं अपनी तालीम की तरफ तवज्जो दूं

 क्योंकि मेरा बाप तो अनपढ था इस वजह से उनका ख्याल था कि अगर मैं कुछ पढ़ लिख जाऊंगा तो कोई पढ़ी लिखी नौकरी कर लूंगा वरना मैं उनकी तरह जूतियां ही मरम्मत करूंगा लेकिन उनकी कोशिश के बावजूद भी मैं अपनी तालीम को जारी ना रख सका क्योंकि मुझे पढ़ाई बहुत ही मुश्किल लगती थी इसलिए मैंने अपने वालिद से कहा कि मैं कोई काम सीखू मैं पढ़ाई नहीं कर सकता 

इस तरह मेरे बाप ने मुझे एक बिजली की दुकान पर डाल दिया था ताकि मैं वह काम सीख सकूं इसी तरह वक्त गुजरता रहा और मेरा बाप बीमार रहने लगा अब मेरे बाप से काम करना बहुत ही मुश्किल हो गया था लेकिन वह फिर भी हिम्मत ना हारता था जब भी उसकी तबीयत बेहतर होती तो वह काम पर चला जाता अगर बीमार हो जाता तो कई-कई दिन घर पर पड़ा रहता इस तरह मैंने कुछ थोड़ा बहुत बिजली का काम सीख लिया था 

और अब मैं कमाना भी शुरू कर चुका था मैंने अपने बाप से कहा कि आप काम छोड़ दें और घर पर आराम करें लेकिन उन्हें आराम करने की नौबत ही ना आई चंद दिनों में ही उनकी तबीयत मजीद बिगड़ गई और वह हम सबको छोड़ कर चले गये अब घर पर मैं और मेरी मां ही होते थे मैं दिन में काम पर चला जाता और सारा दिन मेरी मां घर पर अकेली ही होती थी इसी तरह वक्त गुजरता रहा

 एक दिन मेरी मां ने मुझे कहा कि जब तुम काम पर चले जाते हो तो पीछे से मैं अकेली रह जाती हूं इसलिए मैं तुम्हारी शादी करना चाहती हूं ताकि मेरे साथ घर पर कोई मौजूद हो और मैं तन्हाई का शिकार ना हूं इस तरह मैंने अपनी मां से कहा कि आपको जैसे बेहतर लगे आप वैसा ही कर लें मेरी मां ने अपनी ही किसी जानने वाली से मेरे रिश्ते की बात की हमारे मोहल्ले में कोई फैमिली किराए के मकान में आई थी

 उन्होंने भी अपनी बेटी की शादी करनी थी तो मेरी मां ने उन्हें अपने घर पर बुला लिया वह भी हमारी ही तरह के लोग थे उन्हें मैं पसंद आ चुका था और मेरी मां को भी लड़की पसंद आ चुकी थी इस तरह मेरी मां ने कुछ दिनों में मेरा निकाह कर दिया था मेरी पत्नी एक खूबसूरत लड़की थी और खूबसूरत होने के साथ-साथ वह घर के कामकाज में काफी सलीका मंद थी 

शादी को तीन माह हो गए तो मेरी पत्नी ने मुझसे कुछ पैसों का मुतालबा किया कि उसने बाजार से कुछ कपड़ों की शॉपिंग करनी है लेकिन मैंने कहा कि मेरे पास तो पैसे मौजूद नहीं हैं क्योंकि जो भी मैं कमा कर लाता था उसमें से कुछ मैं अपनी मां को घर के खर्चे के लिए दे देता था और कुछ मैं अपनी जरूरत के लिए रख लेता था जब मेरी पत्नी ने यह बात सुनी तो उसका मूड एकदम से खराब हो गया 

उसने कहा कि मैं इतने महीनों से इंतजार कर रही थी कि तुम मुझे मेरी जरूरत के लिए पैसे दोगे लेकिन तुमने तो मुझसे मेरी जरूरियत के बारे में नहीं पूछा तुम्हारा फर्ज बनता है के पति होने के नाते तुम मेरी जरूरत को पूरा करो जब मैंने उसकी बात सुनी तो मुझे उस पर गुस्सा आ गया क्योंकि मैं पहले ही घर का इंतजाम बहुत मुश्किल से चला रहा था अब एक फर्द का इजाफा हो चुका था

 और उसकी भी जरूरियत बढ़ चुकी थी इस तरह हम पति पत्नी के दरमियान आए दिन लड़ाई झगड़ा होने लगा और मेरी मां भी लड़ाई झगड़ों को देखकर परेशान होती रहती एक दिन गुस्से में आकर मैंने अपनी पत्नी को तलाक दे दी क्योंकि अब मैं उस की फरमाइश को पूरा नहीं कर सकता था और ना ही मेरे पास इतने पैसे थे इसलिए मैंने इस मसले से ही छुटकारा हासिल कर लिया

 इस तरह अब मैं अकेला ही जिंदगी गुजारने लगा था एक दिन मैंने अपनी पत्नी को देखा कि वह एक बड़ी सी कार में बैठी हुई है और ड्राइवर कार को चला रहा है मैंने उसका पीछा किया तो देखा कि वह एक बड़े बंगले में दाखिल हो गई मैं भी उस बंगले में दाखिल हो गया उसने जब मुझे देखा तो वह हैरान रह गई और मैं भी उस घर को देखकर हैरान रह गया मैंने उससे पूछा कि यह किसका घर है

 तो उसने मुझे बताया कि यह मेरा घर है उसने कहा कि जब तुमने मुझे तलाक दी थी तो तब मैं इस घर में काम करने लगी थी इस घर की मालकिन जब मर गई तो उसने अपनी जायदाद मेरे नाम कर दी थी मेरी पत्नी अब करोड़पति बन चुकी थी मुझे उसकी दौलत को देखकर लालच आ गया और मैंने उसे कहा कि मैं तुम्हें तलाक देकर बेहद शर्मिंदा हूं मैं तुमसे दोबारा  निकाह करना चाहता हूं

 मेरी पत्नी मेरी बातों में आ गई और उसने कहा कि अगर तुमने मुझसे निकाह करना है तो इससे पहले तुम्हें हलाला करवना होगा इस तरह मैंने उससे बड़ी रकम ली और अपने दोस्त को अपनी साबका पत्नी से हलाला करने के लिए राजी कर लिया और उससे कहा कि अगले दिन ही तुम उसे तलाक दे दोगे इस तरह मेरी साबका पत्नी का निकाह हो गया मैं अगले दिन उसका इंतजार करता रहा 

लेकिन वह ना आई तो मैं उसके घर चला गया और जब मैंने वहां जाकर देखा तो हैरान रह गया मेरी साबका पत्नी और मेरा दोस्त आपस में बैठे बातें कर रहे थे जब मैंने अपने दोस्त से पूछा कि तुमने इसे तलाक नहीं दी तो मेरी साबका पत्नी ने कहा कि मैं अपने शौहर से तलाक लेकर तुमसे निकाह नहीं करूंगी क्योंकि तुम तो एक लालची इंसान हो जो मेरी दौलत को देखकर लालच में आ गया

 इस तरह मैं मायूस होकर अपने घर वापस आ गया था और अपने किए पर भी बेहद शर्मिंदा था क्यू की मुझे अपने किये की सजा मिल गयी थी, मैंने तो खुद अपनी पत्नी को अपने से दूर किया था, और ज़ब ज़ब मैंने उसकी दौलत देखी तो फिसल गया, लेकिन मेरी पत्नी वो मेरी नियत को समझ चुकी थी, इसीलिए लिए उसने मुझे ठुकरा कर मेरे दोस्त को अपना लिया……

 

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बॉस से शादी कर ली (Motivation Story)

 

मुझे पढ़ने लिखने का कोई खास शौक नहीं था इसलिए 8वी के बाद पढ़ाई को छोड़ दिया मेरा ताल्लुक एक खाते पीते खानदान से था मेरे पिताजी दो भाई और उनकी एक बहन थी शुरू से ही मेरे खानदान में जायदा के खातिर झगड़े चल रहे थे पापा सारा सारा दिन अदालतों के धक्के खाते थे क्योंकि मेरे चाचा और बड़े पापा दोनों हमारे हिस्से की प्रॉपर्टी हड़पना चाहते थे 

 

मेरे वक्त कुछ इसी तरह गुजर रहे थे कि मुझे खबर मिली कि मेरी सबसे अच्छी दोस्त कामनी की शादी है कामनी के घर वाले बहुत अमीर थे कामनी ने स्पेशली मुझे अपने हर फंक्शन में बुलाया था मैं उसके मेहंदी के फंक्शन में गई तो घर आते वक्त काफी रात हो गई थी कि रास्ते में एक तेज रफ्तार से गुजरती हुई गाड़ी मेरे पास रुकी और किसी ने मेरे मुंह पर कपड़ा रखा और मैं बेहोश हो गई 

 

मेरी आंख खुली तो अपने आप को एक तहखाना में पाया जहां पहले ही कुछ लड़कियां मौजूद थी यह एक बड़ा सा कमरा था जिसे मुझे समझने में ज्यादा देर नहीं लगी कि यह एक कैद खाना है यहां पर छोटे-छोटे बच्चे भी कैद थे और कुछ जवान लड़कियां भी थी जिनसे क्लब में डांस करवाया जाता और कुछ को तो कोठों पर बेच दिया जाता पुलिस भी इस गैंग के साथ मिली हुई थी इनमें से एक लड़का मुझे देखकर मुस्कुराया उसे देखकर मुझे बहुत गुस्सा आया वह मुझे घूरता ही जा रहा था

 

 मैंने डर के लड़की का हाथ पकड़ा और उससे कहा कि किसी ना किसी तरह हमें यहां से निकलना होगा मैं डर के मारे कांप रही थी मुझे अपने साथ-साथ अपने मां-बाप की भी फिक्र हो रही थी मेरे बिना उनका तो रो-रोकर बुरा हाल हुआ होगा सभी लड़कियां रो रही थी और बच्चे भी बेतहाशा रोए जा रहे थे मैं एक बच्चे के पास बैठी वह बच्चा मुझे बहुत ही प्यारा लगा मुझे उस बच्चे पर बहुत तरस आया 

 

उसे देखकर लग रहा था कि वह गुस्से से जमीन को घूर रहा है और सोच रहा है कि जैसे तैसे मुझे यहां से निकलने का रास्ता मिल जाए मैंने प्यार से उसे बच्चों के सर पर हाथ फेरा और कहा तुम इन जालिमों के हाथ में कहां से आ गए मेरे सवाल करते ही वह बच्चा रोने लगा तभी कुछ लोग वहां पर आए और सभी को भेड़ बकरियों की तरह मारने पीटने लगे और मारते हुए कह रहे थे कि चलो तुम लोगों को कहीं और जाना है 

 

यहां पर तकरीबन 50 लोग कैद थे और इन 50 लोगों को कहीं और शिफ्ट होना था इस अंधेरे कैद खाने में सूरज को देखे बहुत दिन हो गए थे कुछ पता नहीं था कि कब सुबह होती और कब शाम यहां पर मौजूद कुछ लोगों से ड्रग सप्लाई का काम भी लिया जाने लगा अब मुझे इस दिन का डर था जिस दिन यह लोग मुझे भी इस घिनौने काम में लगवा देते अक्सर हम जिन चीजों से डरते हैं हमारे साथ वही होता है 

 

अब यह लोग यहां पर मौजूद सभी लोगों को नशे का आदि कर रहे थे एक दिन मुझे भी एक दूसरे कमरे में ले जाया गया यहां पर मौजूद एक लड़के ने मुझे एक इंजेक्शन दिया अब रोज यही होता और कब मैं इस नशे की आदी हो गई मुझे पता नहीं चला और जो लड़का इंजेक्शन देता मैं उसके पास जाने लगी और उससे अपने मन की सारी बातें शेयर करती और खूब रोती कि यह हादसा होने के बाद मेरे मां-बाप जीते जी मर गए होंगे

 

 पता नहीं लोगों ने मेरे मां-बाप को क्या-क्या सुनाया होगा इस लड़के का जिसका नाम रवि था मुझसे वादा किया कि एक ना एक दिन तुम्हें मैं यहां से निकलवा दूंगा लेकिन इससे पह पहले किसी ने उस लड़के को पुलिस के हवाले कर दिया कहते हैं खराब वक्त गुजर ही जाता है लेकिन जिस पर गुजर रही हो उसे ही पता चलता है वक्त कैसे गुजरा एक रोज हम लोगों की निगरानी पर जो शख्स रखा गया था

 

 अचानक उसे चक्कर आया और वह गिरकर बेहोश हो गया हम सबने इस मौके का फायदा उठाया और वहां से निकलकर भाग गए यकीन करिए कि उस दिन पता चला कि आजादी क्या होती है अपनी जान सबको प्यारी होती है हम सब अंधाधुन भाग रहे थे कुछ लोगों को गोलियां लग गई और कुछ इस भगदड़ में जख्मी हो गए 

 

मैं इतनी जोर से जमीन पर गिरी थी कि मेरा बाजू टूट गया था लेकिन इस वक्त इस तकलीफ से ज्यादा यही सोचती कि कुछ भी करके यहां से भागना है नहीं तो सारी जिंदगी इनकी कैद में रह जाऊंगी यह एक सुनसान रास्ता था सड़क के साथ लगा हुआ एक घना जंगल था मैं इस जंगल में घुस गई और बड़ी मुश्किल से जान बचाकर वहां से निकली रात काफी हो चुकी थी सड़क पर आती जाती गाड़ियों को रोकने की कोशिश की

 

  लेकिन रात के इस वक्त कोई भी लिफ्ट देने को तैयार नहीं था मैंने पैदल ही वहां से चलना शुरू किया लेकिन दो दिन से भूख और कुछ नशे की आदत की वजह से मेरा चलना मुश्किल हो गया था कुछ दूर भागने के बाद मैं वही गिरकर बेहोश हो गई जब आंख खुली तो हॉस्पिटल का वार्ड था मैंने देखा मेरे पास एक डॉक्टर और दो पुलिस वाले खड़े थे मुझे होश में आते ही पुलिस वाले मुझे पूछताछ करने लगे 

 

मैं डर गई थी कि कहीं जिस मुसीबत से निकली हूं दोबारा उसी में फस ना जाऊं इसलिए मुकर जाना बेहतर समझा लोगों ने मेरे घर का एड्रेस लिया और मैंने देखा मेरी मां मेरे सामने खड़ी थी मुझे देखते ही वह चीखना चिल्लाना शुरू की लोगों ने बताया कि मेरी मां आज छ माह बाद बोली थी जब मैं अगवा हो गई तो लोगों ने मेरे मां-बाप को ताने मारना शुरू कर दिया कि तुम्हारी बेटी तो बदचलन थी

 

 इसीलिए घर से भाग गई मेरे पिता यह सब बर्दाश्त नहीं कर पाए और फिर एक दिन वह यह दुनिया छोड़कर चल बस मेरी मां बेटी और पति के गम में दिमागी तौर से बीमार हो गई थी और आज जब वह मुझे देखी तो चीख चीख कर रोने लगी दो दिन अस्पताल में रहने के बाद जब मैं घर आई तो पता चला यह समाज लड़कियों का घर से भागना तो याद रखता है या किसी ने अगवा कर लिया यह नहीं दिखता

 

 हर शख्स अपनी ऐनक लगाकर बैठा रहता और सब अपनी नजर अपने सोच के मुताबिक दूसरों पर बातें करना शुरू कर देते हैं मेरे घर आते ही आस पड़ोस के लोग मेरे घर पर इकट्ठा हो गए और मुझसे सवालों की बारिश होने लगी कि वह लड़का कौन है जिसके साथ तुम भागी थी तुमने एक बार भी अपने मां-बाप के बारे में नहीं सोचा तुम्हारी वजह से तुम्हारा बाप यह दुनिया छोड़कर चल बसा मैंने अपनी सफाई देनी चाहिए

 

 पर किसी ने मेरी एक ना सुनी इसलिए मैं चुप हो गई लोगों ने मेरी मां से कहा कि अगर तुम अपनी इस बदचलन बेटी को घर पर रखी तो तुम्हें समाज से बाहर निकाल दिया जाएगा मेरी मां ने इन सब लोगों की बातें सुनी तो उन्होंने भी किसी से कुछ कहना उचित नहीं समझा क्योंकि उन्हें पता था कि हमारी कोई सुनने वाला नहीं इसलिए उन्होंने उसी वक्त मेरा हाथ पकड़ा और गांव छोड़कर शहर चली आई 

 

शहर में मेरी मां की एक पुरानी सहेली रहती थी रात के 11 बजे हम उनके घर पहुंचे अचानक हमें अपने घर देखकर मेरी मां की सहेली रेखा आंटी घबरा गई उन्होंने हमें घर के अंदर आने को कहा और एक कमरे में बिठाया अभी हम सब बातें ही कर रहे थे तभी मैंने देखा रेखा आंटी का एक बेटा था जो पागल था वह हमारे पास आया और मुझसे कहने लगा कि तुम मेरे साथ चलो और खेलो रेखा आंटी के बेटे अमन की उम्र लगभग 2 2साल थी

 

 लेकिन वह बच्चों की तरह बिहेव करता उसकी जिद की वजह से मां ने मुझसे कहा कि जाओ उसकी बात मान लो नहीं तो यह हमें परेशान कर देगा मेरी मां की सहेली रेखा आंटी ने बताया कि उनका बेटा एक बहुत ही काबिल पढ़ा लिखा इंसान था अपने कॉलेज का बेस्ट प्लेयर था एक बार मैच खेलते समय किसी खिलाड़ी ने उसके सर पर भारी चीज मार दी और वह बेहोश होकर गिर गया और पूरे एक महीने अस्पताल में रहा 

 

उसकी हालत में सुधार तो हुआ लेकिन इसके दिमाग का एक हिस्सा खराब हो गया जिसकी वजह से यह बच्चों की तरह बिहेव करता है हम मां बेटी रेखा आंटी के घर रहने लगे अमन सारा दिन अपने कमरे में पड़ा रहता या अपनी मां से जिद करके अपनी बात मनवाता अमन मुझसे घुल मिल गया था मेरे आने से उसे एक अच्छा दोस्त मिल गया था वह मुझसे ढेर सारी बातें करता धीरे-धीरे करके हमारा अच्छा वक्त गुजरने लगा

 

 रेखा आंटी का हम पर बहुत एहसान था क्योंकि इस मुश्किल वक्त में उन्होंने हमें अपने घर पर पनाह दी हमारे लिए यही बहुत काफी था मेरी मां अपनी सहेली के साथ लोगों के कपड़े सिलती और मैं सारा दिन घर के काम करती अमन के पिता अब इस दुनिया में नहीं थे उनके घर में रेखा आंटी और अमन ही रहते थे कुछ दिन बाद मेरी मां की सहेली ने मेरी मां से एक अजीब सी फरमाइश कर दी कि वह अमन की शादी मुझसे करवाना चाहती है

 

 मां ने रेखा आंटी से कहा कि अपने घर में पनाह देने की इतनी बड़ी कीमत मत मांगो लेकिन मेरी मां की सहेली रेखा आंटी ने एक शर्त रख दी या तो मैं उनके बेटे से शादी करूं या हम अपना बंदोबस्त कहीं और कर ले रेखा आंटी की यह शर्त सुनकर अब तो हमें अपने रूह पर से भी भरोसा उठ गया था मेरी मां ने मुझसे कहा कि चाहे कुछ भी हो जाएगा मैं तुम्हारी शादी अमन से नहीं होने दूंगी क्योंकि वह पागल है

 

 हम यहां से कहीं दूर चले जाएंगे लेकिन पता नहीं क्यों अमन के साथ रहते-रहते मुझे उससे लगाव हो गया था वह चाहे जैसा भी था मुझे वह अच्छा लगने लगा था मैंने मां को समझाते हुए कहा मां अब हम यहां से निकले तो हम मारे मारे फिरेंगे हमारा कोई ठिकाना नहीं होगा इसलिए यही बेहतर होगा कि हम सब रेखा आंटी की बात मान ले मेरे फैसले पर मां रोती रही कि मेरी एक ही बेटी थी और कैसा नसीब लेकर आई हम दोनों मां बेटी एक दूसरे से लिपटकर देर तक रोते रहे

 

 और कुछ दिन बाद मेरी शादी अमन से करवा दी गई मेरी शादी पर मेरी मां बहुत रोई थी पर मैं क्या करती हमारी मजबूरी ने मुझे यह सब करने को मजबूर किया मेरे दिन कुछ इसी तरह गुजरने लगे अमन मुझे अपना दोस्त मानता था पर पत्नी का क्या मतलब होता है उसे बिल्कुल भी नहीं पता था एक दिन एक भिखार मेरे दरवाजे पर आई और कहने लगी मुझे पेट भर खाना खिला तेरी हर मनोकामना पूरी होगी

 

 उसकी बात पर मैं हंसी थी कि मेरे नसीब में तो मेरा पागल पति है तो इससे बड़ा दुख मेरी जिंदगी में और क्या हो सकता है मैंने उस भिखार को खाना खिलाया तो उसने कहा कि जा बेटी तेरा पति तुझसे बेइंतहा प्यार करेगा उसकी बातें सुनकर मैं हैरान थी कि भला मेरा पागल पति मुझसे क्या प्यार कर सकता है लेकिन कहते हैं कि दुआएं तकदीर बदल देती है मेरी जिंदगी में भी कुछ ऐसा ही होने लगा कुछ दिन बाद मैंने महसूस किया कि अमन के हालात में दिन प्रतिदिन सुधार होने लगा है अमन की सुधरता हालत देखकर हमने उसका इलाज दोबारा से शुरू करवाया 

 

इस बार डॉक्टर को भी पूरी उम्मीद थी कि अमन जल्दी ठीक हो जाएगा मेरा पूरा पूरा दिन अमन की देखभाल में निकल जाता लेकिन मेरी मेहनत रंग ला आई और अमन की हालत में सुधार होने लगा अब वह पहले से बेहतर हो गया लेकिन अमन के ठीक होते ही पता नहीं मेरी सांस को क्या हो गया कि वह मुझसे नफरत करने लगी मेरे प्रति अमन को भड़काने लगी इन बुरे हालातों में भी किस्मत ने मेरा साथ नहीं दिया और मेरी मां की तबीयत बहुत ज्यादा खराब हो गई मेरी मां के इलाज में मेरे ससुराल वालों ने साथ नहीं दिया

 

 और अचानक मेरी मां यह दुनिया छोड़कर चल बसी अब मैं बिल्कुल अकेली हो गई थी ससुराल में रहने का ठिकाना तो था लेकिन लेकिन मेरा अपना कोई नहीं था मेरी मां के गुजरते ही मेरी सास का अत्याचार मेरे ऊपर और बढ़ गया वह मेरे पति अमन से कहकर मुझे बहुत सारी बातें सुनवाती अमन पहले से बहुत बेहतर हो गया था लेकिन वह अपनी मां के हाथों का खिलौना बन गया था उसकी मां जैसा कहती वह उन्हीं के इशारों पर चलता हम पति-पत्नी अजीब रिश्तों में जुड़े थे साथ होते हुए भी हम एक दूसरे के साथ नहीं थे 

 

हमारा रिश्ता बस यूं ही चल रहा था कि एक दिन मेरी किस्मत ने एक नया मोड़ लिया अचानक मुझे पता चला कि मैं मां बनने वाली लेकिन अपने मां बनने की खबर सुनकर मुझे थोड़ी भी खुशी नहीं हुई क्योंकि मेरे और अमन के रिश्ते में जो दरार थी वह हमारे आने वाले बच्चों के लिए ठीक नहीं थी मेरे मन में यह डर था कि पता नहीं अमन अच्छा बाप बन पाएगा कि नहीं जो इंसान अच्छा पति नहीं बन पाया वह अच्छा बाप कैसे बन सकता है

 

इसी डर की वजह से मैं अपने बच्चों को इस दुनिया में लाने से डर रही थी मैंने अपने मोहल्ले के एक औरत से बात की जो सरकारी अस्पताल में नर्स थी वह मेरी मदद करने को तैयार हो गई 

 

लेकिन अस्पताल जाने के बाद पता चला कि मेरा अबॉर्शन नहीं हो सकता अगर हमने इस बच्चे को गिराने की कोशिश की तो मेरी जान को खतरा हो सकता है मैं अपना मायूस चेहरा लेकर घर लौट आई वह 9 महीने मेरे लिए 9 साल के बराबर थे किसी तरह यह नौ महीने गुजरे और मैंने दो जुड़वा बच्चों को जन्म दिया एक बेटा और दूसरी बेटी थी बच्चों को देखकर मेरे मन में अजीब सी खुशी थी अपने बच्चों को देखकर मेरी ममता तड़प उठी

 

 और मैंने उन्हें अपने सीने से लगा लिया बच्चों की पैदाइश के बाद अमन और मेरी सास का रवैया अब पहले से कुछ बेहतर हो गया था वह दोनों मुझे भले ही ना पूछते लेकिन उन्हें बच्चों से बहुत लगाव था और मेरे जैसी बदकिस्मत के लिए यही काफी था धीरे-धीरे मेरे दिन कुछ इसी तरह गुजरने लगे और और वह दिन मेरी जिंदगी का सबसे खूबसूरत दिन था जब मेरे बच्चों ने मुझे मां कहकर पुकारा था

 

 यह बात वही लोग समझेंगे जिनका अपना कोई नहीं होता एक दिन मेरी सास और मेरे पति अमन किसी काम से बाहर गए थे पर वापसी पर आते वक्त उन दोनों का एक्सीडेंट हो गया और मौके पर ही उन दोनों की मौत हो गई उनके मौत की खबर सुनकर मैं फिर से एक बार में टूटकर चकनाचूर हो गई वह दोनों मेरे लिए कैसे भी थे पर वही लोग तो मेरे बच्चों का सहारा थे यह सब सोच सोच कर सारी सारी रात मुझे नींद नहीं आती कि अब हमारा गुजर बसर कैसे होगा जो थोड़ी बहुत जमा पूंजी थी 

 

वह कुछ दिन चली फिर धीरे-धीरे हमारे घर में खाने खाने के लाले पड़ने लगे एक मां खुद भूखी रह सकती है लेकिन अपने बच्चों को भूखा नहीं रख सकती मैं अगल-बगल के मोहल्लों में काम कर अपने बच्चों का पेट पालने लगी लेकिन एक अकेली औरत का कोई सहारा नहीं होता और नहीं तो लोग उसे बेइज्जत करने पर तुल्ले रहते हैं लोगों के घर काम करने जाती तो वहां पर उनके घर के मर्द मुझे गंदी निगाहों से घूरते 

 

एक दिन मैं यूं ही ऐसे ही भटकते भटकते जा रही थी कि मुझे पता चला कि एक आदमी को ड्राइवर की जरूरत है मैं गाड़ी चलाना उन्हीं दिनों सीखी थी जब मैं किडनैप हुई थी वह किडनैपर हमें ट्रेनिंग देते ताकि वक्त आने पर हम गाड़ी चलाकर भाग सके लेकिन फिर से परेशानी वही थी कि मुझे एक मर्द की गाड़ी चलानी थी इसलिए मैंने अपना हुलिया चेंज कर लिया और अपने आप मर्द के पोशाक में ढाल लिया 

 

कोई भी मुझे देखता तो यही समझता कि मैं एक मर्द हूं और मैं उस आदमी की गाड़ी चलाने लगी वह साहब बहुत अच्छे थे वह मुझसे अपने मन की सारी बातें शेयर करते धीरे-धीरे साहब और मेरे बीच एक गहरी दोस्ती हो गई थी गाड़ी चलाते चलाते मेरा सफर भी अच्छा गुजर जाता एक दिन बातों ही बातों में मैंने उनसे पूछा कि आपने अभी तक शादी क्यों नहीं की उन्होंने मुझे बताया कि एक लड़की देखी थी

 

 और उसी से मैं प्यार करने लगा था पर जिंदगी ने ऐसा वक्त दिखाया कि मैं उसे ढूंढ ना सका अपने झमेला में वह लड़की कहीं खो गई वह किस्मत की मारी थी पता नहीं वह किस हाल में होगी साहब ने कहा कि अगले दिन उसे लड़की की तस्वीर वह मुझे दिखाएंगे अब मुझे अगले दिन का इंतजार था और उस लड़की के किस्मत के भी बारे में सोच रही थी कि उसकी किस्मत तो बहुत अच्छी है 

 

क्योंकि कोई शख्स उससे सात साल से मोहब्बत करता था और उसी की यादों में अभी तक उस ने शादी नहीं की थी अगले दिन बच्चों को स्कूल छोड़कर जब मैं उस साहब को लेने गई जब वह गाड़ी में बैठे कुछ दूर जाकर मैंने उनसे कहा कि मुझे उसे लड़की तस्वीर को दिखाइए आखिर कौन है वह खुशनसीब कौन है जिससे आप प्यार करते हैं उन्होंने जब उसे लड़की की तस्वीर निकालकर मुझे दिखाई

 

 तो तस्वीर देखकर मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई क्योंकि वह शख्स तो मेरी ही तस्वीर मुझे दिखा रहा था यह तस्वीर तब की थी जब मैं अगवा हुई थी पता नहीं कैसे इस तस्वीर को निकाला गया था गाड़ी अचानक ब्रेक लगने से रुकी थी उस साहब ने कहा गाड़ी ध्यान से चलाओ उसे क्या पता था कि मैं किस ध्यान में थी उसने मुझे बताया कि 7 साल पहले वह एक गैंग का हिस्सा था उसका पिछला रिकॉर्ड एक क्रिमिनल का था

 

 लेकिन फिर एक दिन उसने एक चेहरा देखा जिसे देखकर उसने खुद से एक वादा किया कि वह इस दलदल से निकलेगा और उसे मासूम लड़की को भी निकालेगा उसने बताया कि मैं वहां पर मौजूद लोगों को नशे का आदि बनाता था पर जब से मैंने उस लड़की को देखा था उसके प्यार में गुम हो गया था और मैं इस गलत काम से छुटकारा पाना चाहता था इसलिए मैंने खुद अपने आप को पुलिस के हवाले कर दिया 

 

फिर मैं पुलिस का सरकारी गवाह बन गया पुलिस ने जब वहां पर छापा मारा तो वहां पर सभी लोग फरार हो चुके थे तब मुझे एहसास हुआ कि मैं उस लड़की को खो चुका था फिर मुझे याद आया कि उसने एक बार अपने घर का एड्रेस दिया था मैं पूछता पूछता वहां पहुंचा तो लोगों से पता चला कि उसके पिता उसकी जुदाई में मर गए उसके बाद उस लड़की और उसकी मां को समाज से निकलने की धमकी दी गई जिसे वह लड़की और उसकी मां यह गांव छोड़कर कहीं चले गए मैंने पढ़ाई अच्छी की थी

 

 लेकिन गलत संगत की वजह से क्रिमिनल बन गया था उस वक्त अपने साहब की बातें सुनकर मैंने उन्हें सच्चाई बता दी कि मैं ही वह लड़की हूं जिसे आप बेपानाह प्यार करते हैं लेकिन लोगों की नजरों से बचने के लिए मैंने अपना हुलिया बदल लिया है और मैं एक मर्द के भेष में रहने लगी हूं साहब को जब पता चला कि मैं नव्या हूं तो वह मुझे अपने सामने देखकर बहुत खुश हो गए और मुझे अपने गले से लगा लिए

 

 मैंने अपने ऊपर बीती हर बात उन्हें बताई साहब ने मुझे दिलासा देते हुए कहा कि तुम फिक्र मत करो मैं तुम्हारी जिंदगी के सारे दुखों को दूर कर दूंगा तुम्हारे बच्चों को अपना लूंगा साहब ने बताया कि जब तुम मेरी जिंदगी में आई तो तुम्हें देखकर मैं इस बुरी संगत से से दूर जाकर अपनी जिंदगी को बेहतर बनाना चाहता था लेकिन तुम भी मुझसे बिछड़ गई फिर मैं दोबारा अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने में लग गया 

 

मेरी पढ़ाई की वजह से मुझे एक अच्छी नौकरी मिल गई और मैं लगन से वह नौकरी करने लगा क्योंकि मेरे मन में यह विश्वास था कि एक ना एक दिन तुम मुझे जरूर मिलोगी कहते हैं अगर प्यार सच्चा हो तो एक ना एक दिन जरूर मिलता है और आज तुम मेरे सामने बैठी हो साहब की बात सुनकर मैं भी बहुत खुश हुई क्योंकि मुझे एक सच्चा जीवन साथी मिला था

 

 मैंने उसे अपने बच्चों से मिलवाया कुछ दिन बाद साहब ने मुझसे शादी कर ली मैंने अपनी जिंदगी में जितने दुख झेले थे साहब ने आकर मेरे दामन में खुशियां भर दी,आज मै बहुत खुश हूं, मेरी ज़िन्दगी मे अब कोई गम नहीं,

 

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