किए की सज़ा। Kahani Hindi | Sad Story In Hindi | Meri Kahaniyan

Kahani Hindi : आज मैं बहुत खुश थी कल मेरी मेहंदी थी और परसों में अपने पति के घर चले जाना था यह शादी मेरी पसंद से हो रही थी मैं अपने जीवन में इतना पहले कभी खुश नहीं हुई थी जितनी कि आज थी मैं रवि से बहुत प्रेम करती थी उनसे मेरी पहली मुलाकात जब हुई थी तब से ही मेरे मन में यह बात बैठ गई थी कि अगर मेरा पति ऐसा हो इतना हैंडसम और अमीर तो मेरा जीवन कितना सुंदर गुजरेगा

 

 मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरे मन से निकली यह प्रार्थना इतनी आसानी से पूरी हो जाएगी ऐसा तो मैंने सपने में भी नहीं सोचा था आज जब मैं आईने के सामने खड़ी खुद को देख रही थी तो मुझे ऐसे महसूस हो रहा था जैसे इस पूरी दुनिया में मैं सबसे ज्यादा खुशकिस्मत लड़की हूं जिसे उसका प्रेम हमेशा के लिए मिल जाना है तभी दरवाजे पर खड़कने की आवाज सुनाई दी

 

 अब जब मैंने पलट कर देखा तो वहां पर अजय खड़ा था उसे देखकर मेरे चेहरे पर मुस्कान आ गई मैंने उससे उसका हाल पूछा उसके कुछ दिनों के बाद पेपर्स स्टार्ट होने वाले थे तब मैंने उसे कहा कि अच्छे से पेपर्स की तैयारी करना अच्छे नंबरों से पास होना मुझे कोई शिकायत नहीं मिलनी चाहिए हो सकता है कि कुछ दिन तक यहां पर ना आ सकूं मैं अपने पति के साथ हनीमून पर चली जाऊंगी

 

 मगर तुमने अपनी पढ़ाई को बिल्कुल भी नहीं छोड़ना अजय ने सर झुकाकर मेरी बातों पर हां कह दी थी वह इस घर का नौकर था और वह दोनों बहन भाई हमारे घर में काम का का करते थे अजय ने बिल्कुल पढ़ाई अधूरी छोड़ दी थी उसे और पढ़ने में मैंने जोर दिया था और अब उसके मैट्रिक के पेपर होने वाले थे उम्र में वह मुझसे बड़ा था मगर जिम्मेदारियों में दबकर वह पढ़ाई पूरा नहीं कर सका था 

 

जब उसे मैं इस बात को समझाती थी कि इस दुनिया में बिना पढ़े कोई भी कामयाब नहीं हो सकता और इज्जत उसी की होती है जिसके पास अच्छी नॉलेज के साथ अच्छा धन और दौलत होता है और यह सारी बातें मैंने अजय को समझा तो उससे भी मेरी बातें समझ में आ गई थी उसके जाने के बाद फिर मैं अपनी सुंदरता को निखारने में बीजी हो गई थी शाम के वक्त में अपनी भाभी के कमरे में उनसे बात करने के लिए आई तो कमरे में वह और उनकी बहन दोनों ही मौजूद थे 

 

वह न जाने आहिस्ता आवाज में क्या बातें कर रहे थे मुझे उनकी बातें सुनकर अजीब सा एहसास हुआ था वह अपनी बातों में मेरा नाम ले रही थी मगर वह इतनी आहिस्ता आवाज में बात कर रही थी कि मुझे उनकी बात की समझ नहीं आ रही थी मैं उनके पास जाकर बैठ गई और कहने लगी कि क्या बातें हो रही हैं आप दोनों के बीच वह मुझे देखकर यूं परेशान हो गई जैसे मैंने उनकी चोरी पकड़ ली हो 

 

तब वह दोनों घबराकर कहने लगे हम तो वैसे ही एक दूसरे से बात कह रहे थे कि तुमने कल यहां से हमेशा के लिए चले जाना है तो घर कितना वीरान हो जाएगा उनकी बात सुनकर मैं भी जज्बाती हो गई और भाभी से कहने लगी कि आपने मेरे लिए बहुत ही ज्यादा कुर्बानियां दी है और आपने मुझे बहुत मोहब्बत दी मैं मैं आपको कभी भी नहीं बोल पाऊंगी मैं उनके गले से लगकर रोने लगी थी इस वक्त मुझे अपनी मम्मी की याद आ गई थी तब वह मुझे कहने लगी कि मैं भी तो तुम्हारी मम्मी जैसी ही हूं

 

 बड़ी भाभिया मां की जगह पर होती है उनसे बात करके मुझे बहुत शांति मिली थी और फिर जब मैं अपने कमरे में वापस आई तो मैं यही सोच रही थी कि अगर भाभी ना होती तो मैं बिल्कुल अकेले रह जाती उन्होंने मुझे कभी भी मन की कमी महसूस नहीं होने दी थी रोज की तरह सोने से पहले जब मैंने एक बार रवि से बात की उसकी आवाज सुनकर मेरे मन में जैसे सुकून उतर गया था और फिर मैं उससे बात करते-करते सो गई थी सपनों में मैं रवि के साथ प्रेम की दुनिया में खो गई थी 

 

आधी रात का वक्त जब एक अजीब से शोर से मेरी आंख खुली थी ऐसे लग रहा था कोई बाहर चल रहा था यह देखकर मैं परेशान हो गई और कमरे से निकलकर बाहर आई तो मैंने भाभी को चीखते चिल्लाते हुए देखा और इसी वक्त भाई भी वहां पर मौजूद थे वह मेरी तरफ बढ़े और उन्होंने मुझे बालों से पकड़ा और कितने ही थप्पड़ मेरे चेहरे पर मारे मैं हैरान थी कि क्या हो रहा था मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था

 

 तभी भाभी आगे बढ़ी और कहने लगे कि इसी किस चीज की सजा दे रहे हैं आप इसे छोड़े आप उसे शख्स को देखें जिसने हमारे मासूम बच्चे को फसाया है आप जानते हैं कि करिश्मा ऐसी नहीं है तब भैया कहने लगे कि मैं तो कभी सोच भी नहीं सकता था कि यह ऐसा भी कर सकती है अगर लड़ खुद गलत ना हो तो किसी मर्द की जरूरत नहीं होती है उसकी तरफ आंख उठाकर देखने की तभी मैं इसे इस सब से मना करता था इसे रोकता था मगर तुम ही इसकी साइड लेती थी आप देख लो इसकी तरफदारी करने का नतीजा मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था

 

 क्या हो रहा है मैंने भाई को बुलाने की कोशिश की तभी भाभी की बहन वहां पर आ गई और मुझे लेकर अपने कमरे में चली गई उसने अंदर से कमरे का दरवाजा बंद कर लिया मैंने उससे कहा कि मुझे बाहर जाने दो मुझे भाई से बात करने दो आखिर मैं उनसे पूछूं कि उन्हें हुआ क्या है वह क्यों इसी तरह गुस्सा कर रहे हैं मुझे लगता है कि उन्हें कोई गलतफहमी हुई है मुझे उनकी गलतफहमी को दूर करने दो मगर वह मुझे कहने लगे कि पागल मत बनो 

 

मुझे दीदी ने कहा है कि तुम्हें कमरे से बाहर निकलने दो इस वक्त जीजा जी बहुत गुस्से में हैं और तुम्हें देखकर वह और गुस्सा हो जाएंगे मगर मैंने किया क्या है उन्हें गुस्सा किस बात पर है मैं तो अपने कमरे में सो रही थी मैं तो कुछ भी नहीं जानती मुझे बाहर जाने दो मुझे भाई से बात करने दो मगर वह लगातार मुझे रोक रही थी जीजू ने खुद तुम्हारे कमरे से उसे लड़के को निकालते हुए देखा है अब चुपचाप बैठी रहो

 

 उनका गुस्सा उतरने दो यह सुनकर मेरा मुंह खुले का खुला रह गया था कौन सा लड़का और मेरे कमरे में क्या कर रहा था रूपा किसकी बात कर रही थी भैया ने किसे देखा था और फिर बाहर खामोशी छा गई शायद भाभी भाई को लेकर अपने कमरे में चले गई थी मैं कितनी देर तक यह सब सोच सते सोचते सो गई थी फिर जब सुबह आंख खुली तो भाभी मुझे कहने लगी कि जल्दी से तैयार हो जाओ तुम्हारा आज विवाह है

 

 मेरा विवाह तो कल था बारात तो मेरी कल आनी थी और एक दिन पहले ही बारात आने का सुनकर मैं धीरे-धीरे में परेशान तो होगी मगर फिर जब मैं कपड़े पहनकर तैयार हुई तो यह देखकर मैं परेशान रह गई रवि और उसके घर वाले कहीं भी नजर नहीं आ रहे थे और वहां पर जो मेरा दुल्हा था उसने अपने चेहरे को छुपा रखा था मैं परेशान रह गई तभी भाई कहने लगा कि यह वही है जिसके साथ तुमने एक बार मुंह काला किया था 

 

और अब मैं इसी के साथ तुम्हें घर से निकाल रहा हूं यह सुनकर मेरे पैरों के नीचे से जमीन निकल गई थी मैं नहीं जानती थी कि भाई मेरा विवाह किसके साथ करने वाले थे उन्हें लग रहा था मेरा उसके साथ चक्कर है जबकि मैं तो शख्स को जानती भी नहीं थी यह कौन था और मेरे इस सब में कसूर किया था जब मैंने इस शादी से इंकार किया तो अब की बार भाभी को मैंने बहुत ही ज्यादा गुस्से में देखा वह मुझे कहने लगी कि जैसा हम लोग कह रहे हैं 

 

वैसा करो तुमने हमें किसी को मुंह दिखाने के काबिल नहीं छोड़ा और यह जो तुमने कल किया है तुम्हारे पति और ससुराल वालों तक तुम्हारी बात पहुंच रही है अब वह कभी भी तुम्हें अपनी बहू बनाने के लिए तैयार नहीं होंगे इसलिए बेहतर यही है कि तुम इसके साथ विवाह करके यहां से चले जाओ हमारे घर में तुम्हारी कोई जगह नहीं है तुमने जो कुछ किया हमें तुमसे उम्मीद नहीं थी मैं यह सुनकर बुरी तरह से रोने लगी मेरे साथ यह क्या हो गया था और फिर वही हुआ जो भाई और भाभी ने कहा था 

 

वह शख्स मेरे साथ सात फेरे लेने के बाद अपने साथ लेकर चला गया था इस वक्त मैं एक टूटी-फूटी सी गाड़ी में मौजूद थी यह गाड़ी भी टूटे-फूटे इलाके में जा रही थी फिर एक टूटे हुए मकान के अंदर वह मुझे लेकर आया मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि अचानक से मेरी जिंदगी इस कदर बदल कैसे गई थी भाया को मेरे बारे में गलतफहमी हुई थी मुझे उन्हें बताना चाहिए था कि मेरा कोई कसूर नहीं है

 

 मैं तो नहीं जानती थी कि आपको अक्सर मुझ पर गुस्सा किस बात पर है और यह शख्स अगर मेरे कमरे में आया भी था तो इससे कहां साबित होता है कि इसे मैंने बुलाया था मेरा इसके साथ कोई गलत संबंध नहीं था मैं तो उसे जानती तक नहीं थी कि यह कौन था और यह क्यों कर रहा था यह घर देखकर मुझे रोना आ रहा था मैंने शादी के हवाले से क्या कुछ नहीं सोच रखा था और मेरे साथ क्या हुआ था अब जब मैंने कमरे पर नजर डाली तो यह टूटा फूटा सा कमरा था

 

 जिसमें फर्नीचर भी बहुत ही पुराना था ऐसे फर्नीचर तो हमारे घर में नौकर के पास भी नहीं था वह भी इससे ज्यादा बेहतर हालत में रहते थे काफी देर गुजर गई थी वह शख्स मुझे यहां छोड़कर ना जाने कहां चला गया था अब हर तरफ अंधेरा फैल गया था मेरे दिल में डर बैठ रहा था कि यह शख्स ना जाने मेरे साथ अब क्या सलूक करने वाला था मैं सोच रही थी जिस शख्स का मैंने चेहरा तक नहीं देखा उसके साथ में सारी जिंदगी कैसे गुजार सकती थी

 

 वह भी ऐसे घर में रहने के बारे में तो मैंने कभी ख्वाब में भी नहीं सोचा था रात को मेरा पति कमरे में आया उसके हाथ में खाने की ट्रे थी और फिर वह कुछ कहे बगैर भोजन मेरे पास रखकर वहां से चला गया था अब मैं दोनों हाथों में सर थाम कर रह गई थी मुझे भूख भी लग रही थी मगर मेरा कुछ खाने को दिल भी नहीं चाह रहा था काफी देर तक जब वह कमरे में फिर नहीं आया

 

 तो मैं अपनी जगह से उठी कपड़े बदलने के बाद मैं कमरे से बाहर निकल आ अब मैंने फैसला कर लिया था कि मैं इस शख्स से बात करूंगी उससे पूछूंगी कि तुम कौन हो और तुम रात को मेरे कमरे में क्या कर रहे थे किस नियत से वहां पहुंचे थे तुम्हारी जरूरत क्या थी यह सब करने की तुमने मेरे साथ शादी से इंकार क्यों नहीं किया क्यों मेरे भाई को यह नहीं बताया कि उसे मेरे बारे में गलतफहमी हो गई है

 

 हम दोनों एक दूसरे को जानते तक नहीं है हम में कोई गलत संबंध नहीं है इस घर में दो ही कमरे थे अब जब मैं दूसरे कमरे में आई तो वह एक चारपाई पर लेटा हुआ था मैं ने उसे बांज से पकड़कर जोर-जोर से उठाया वह सो रहा था अचानक नींद से डर कर जागकर वह उठ बैठा मुझे अपने सामने देखकर वह घबरा गया था तभी मैंने उसके चेहरे का मास्क खींचा और जब उसके चेहरे पर नजर पड़ी तो मेरी चीख निकल गई 

 

क्योंकि वह जब मैं छोटी सी थी मेरे मम्मी पापा का मौत हो गया था हम दो ही बहन भाई थे भया मुझसे बड़े थे उन्होंने मुझे मां और बाप दोनों बनकर पाला था उन्होंने मेरा बहुत ख्याल रखा था पापा का छोटा सा बिजनेस था जो कि अब भाया ही संभाल रहे थे एक तो भाया के इतना एक्सपीरियंस नहीं था और ना ही उनके इतनी उम्र थी मगर इतनी छोटी उम्र में भी उन्होंने घर के साथ कारोबार को अच्छे से संभाला कि हर कोई उनकी तारीफ किए बगैर नहीं रह पाता था

 

 और फिर कुछ ही वक्त गुजरा था जब उन्होंने फिर शादी कर ली थी उनकी पत्नी भी बहुत ही ज्यादा अच्छी थी वह मेरा बहुत ख्याल रखती थी बिल्कुल मुझे अपने बच्चों की तरह चाहती थी मेरी भाभी की भी एक ही बहन थी रूपा और उन दोनों का दुनिया में कोई भी नहीं था तभी भाभी जब शादी होकर इस घर में आई तो उन्होंने भाया से कहा कि मेरी बहन अकेली है और मैं उसे यूं दूसरों के घर पर नहीं छोड़ सकती

 

 अगर आप मुझे इजाजत दें तो मैं अपनी बहन को अपने पास रखना चाहती हूं भाया को अहराज नहीं था भाभी तो मुझसे भी बहुत प्यार करती थी बहुत ख्याल रखती थी भाया ने उन्हें खुशी से इजाजत दे दी मुझे बहुत ही ज्यादा अजीब महसूस होता था क्योंकि रूपा बहुत ही ज्यादा जिद्दी और नखरेली थी जो चीज मेरी होती थी वह उसी पर कब्जा करने की कोशिश करती थी मेरी हर चीज पर वह अपना हक जताती थी

 

 जब मैं इस बात पर गुस्सा करती तो भाभी को यह बात बुरी लगती थी मगर वह मुझ पर गुस्सा नहीं करती थी बल्कि अपनी बहन को ही समझाती थी मगर भैया जब मुझे कहते कि यह चीज तुम रूपा को दे दो तुम्हारे लिए मैं और ले आऊंगा तो यह बात सुनकर मुझे बहुत ही ज्यादा रूपा पर गुस्सा आता था उसने मेरे भाईया पर भी कब्जा कर लिया था और उनसे भी वैसे ही फरमाइश करती थी

 

 जैसे कि मैं उनसे करती थी और ना जाने क्यों भाभी उसे इस बात पर मना भी नहीं करती थी वह अब इस घर में इसी तरह रहने लगे थे जैसे कि वह इस घर की मालिक हो जब कभी मैं भैया के सामने इस बात का जिक्र करती तो गुस्से से मुझे डांट कर खामोश करवा देते थे मुझे कहते कि वह भी इस घर की ही मालिक है आइंदा तुम ऐसी बात ना कहना तुम्हारी भाभी को बुरा लगेगा वह क्या सोचेंगे भैया भाभी की शादी को कई साल बीत गए थे अभी तक उनकी कोई औलाद नहीं थी भाभी हर वक्त इस वजह से रोती रहती थी

 

 उन्हें औलाद की बहुत ख्वाहिश थी मगर भगवान ने उन्हें इस खुशी से दूर रखा था उन्होंने अपना बहुत इलाज करवाया मगर वह फिर भी यह खुशी नहीं पा सकी थी उन्हें इस बात से डर लगता था कि कहीं भैया दूसरी शादी ना कर ले कहीं उन्हें छोड़ ना दें मगर मैं जानती थी कि मेरे भैया ऐसा नहीं थे वह ऐसा करने के बारे में कभी सोच भी नहीं सकते थे अब हमारा बचपन खत्म हो गया था अब हम दोनों बड़ी हो गए थे

 

 रूपा मुझसे एक साल बड़ी थी और अब हम दोनों एक ही कॉलेज में आते जाते थे रूपा बिल्कुल भी नहीं बदली थी वह वैसे ही थी उसका रंग सांवला था और वह मोटी भी थी जबकि मेरा रंग गोरा चेहरा था और मैं स्मार्ट भी थी जो भी मुझे देखता था मेरी सुंदरता की तारीफ किए बगैर नहीं रह सकता था एक दिन मेरी अपनी दोस्त के घर पार्टी में रवि के साथ मुलाकात हुई थी वह एक बिजनेसमैन था 

 

और इस शहर में सबसे अमीर शख्स था उसे लड़कियों की कोई कमी नहीं थी बल्कि उसके आसपास सुंदर से सुंदर लड़कियां घूमती रहती थी मगर वह किसी की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखता था ना जाने उसे मुझ में क्या नजर आ गया था कि वह मुझसे प्यार करने लगा था उसका कहना था कि उसने आज तक इतनी सुंदर लड़की अपनी जिंदगी में नहीं देखी जब उसके मुंह से मैंने अपनी तारीफ सुनी तो मुझे अपनी किस्मत पर विश्वास ही नहीं हो रहा था 

 

मैंने अभी रवि के बारे में किसी को भी नहीं बताया था भैया चाहते थे कि मैं अपनी पढ़ाई पूरा करूं किसी काबिल बन जाऊं अभी वह मेरी शादी करने के बारे में सोचना नहीं चाहते थे पहले मैं भी ऐसा ही सोचती थी मगर अब जब से मेरी रवि से मुलाकात हुई थी तो मैं उसको पाने के लिए ख्वाब देखने लगी थी मगर भैया के सामने यह बात करते हुए डरती थी एक बार मैं भी रवि से बात कर रही थी

 

 जब मुझे रूपा ने उसके साथ बात करते हुए सुन लिया और भाभी को शिकायत लगा दी थी एक रात को मैं रवि के साथ बात कर रही थी जब अचानक से भैया और भाभी कमरे में आ गए और उन्होंने मुझे रवि से बात करते हुए देख लिया तब भैया ने मुझे थप्पड़ मारा वह बहुत ही ज्यादा गुस्से में थे वह मुझे कहने लगे कि मैं तुम्हें अभी तक बच्चा समझता था अगर रूपा ना बताती तो मुझे कैसे पता चलता कि तुम तो बड़ी हो गई हो

 

 मैं तुम्हारे बारे में क्या सोच रखा है मगर तुम्हें तो उस सब की परवाह ही नहीं है तुम करना क्या चाहती हो तब मैंने रोते-रोते रवि के बारे में बताया कि वह बिल्कुल भी वैसा नहीं है जैसा आप समझ रहे हैं और फिर जब उनका मैंने उन्हें रवि से मिलवाया तो तब उन्हें पता चला कि रवि तो बहुत ही बड़ा बिजनेसमैन है भैया उसे बहुत अच्छे से जानते थे वह तो उसकी पर्सनालिटी को पहली से जानते थे अब उससे मिलकर भैया को मेरे फैसले पर कोई ऐतराज नहीं रहा था वह खुश थे कि मैंने जिंदगी का इतना अच्छा फैसला किया 

 

अब जब थोड़े ही समय के बाद रवि ने मुझसे शादी की ख्वाहिश का इजहार किया तो भैया भाभी ने भी उन लोगों को शादी की शुभ मुहूर्त निकलवा कर तारीख दे दी थी अब मैं खुश थी कि मैं जल्द ही अपने प्रेम से मिलने जा रही थी इन्हीं दिनों हमारे घर में हमारे पुराने नौकर गोपी के भाभी ने वॉचमैन की जॉब पर रख लिया था जब मैंने उसे देखा तो वह देखने में बहुत सीधा सादा सा इंसान था मुझे ना जाने क्यों उसे लड़के से हमदर्दी होने लगी थी

 

 देखने में वह मुझसे उम्र में बड़ा था मगर वह बहुत मासूम था जब मैंने उससे उसके बारे में पूछा तो तब मुझे मालूम हुआ कि वह ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं था अब मैंने उसे फिर किताबें लेकर दिया उसे पढ़ाना लिखा शुरू कर दिया मैं चाहती थी कि वह पढ़ लिखकर किसी का काबिल बन जाए उसके जिंदगी संवर जाए और इस सब में भाभी मुझे कहने लगेंगे कि तुम्हारा यह फैसला बहुत ही ज्यादा बेहतरीन है अगर तुम आज किसी के साथ अच्छाई करोगी तो कल को तुम्हारे साथ भी बहुत अच्छा होगा

 

 और उनकी बात सुनकर मैं भी खुशी से फिर उसे पढ़ाने लिखाने लगी थी तुम्हें क्या जरूरत है तुम इसको पढ़ाओ इसे इसके हाल पर छोड़ दो यह लोग इसी तरह से जिंदगी गुजारने के आदी हैं मगर मुझे ना जाने क्यों उससे हमदर्दी थी शायद इसकी वजह यह थी कि वह शक्ल से मासूम और जमाने का सताया हुआ लगता था जिसकी वजह से मुझे उसे हमदर्दी हो गई थी और मैं सोच रही थी कि वह पढ़ लिखकर किसी अच्छी जगह पर नौकरी कर लेंगे 

 

अब जब मेरे विवाह के दिन करीब आ रहे थे भाभी बहुत ही ज्यादा परेशान रहने लगी थी मैं समझती थी कि वह मेरी वजह से उदास हो रही है उन्हें मुझसे बहुत प्यार थी और जब मैं चली जाती तो उनके लिए मेरी जुदाई को बर्दाश्त करना मुश्किल हो जाता और रूपा भी हर वक्त परेशान उदास नजर आती थी रूपा से तो मेरी कभी भी दोस्ती नहीं रही थी रूपा को तो खुश हो जाना चाहिए था कि मेरे जाते ही मेरा कमरा और मेरी सारी चीजें उसका कब्जा हो जाना था

 

 वह आखिर क्यों परेशान थी यह मैं बिल्कुल भी समझ नहीं पा रही थी मैं तो अपनी खुशियों में खुश थी रोजाना रवि से बात करती हूं उसके साथ घूमती फिरती उसके साथ जाकर शादी की शॉपिंग करती और उसके साथ मिलकर सपने बुनने लगती थी मुझे तो घरबार किसी चीज का कोई होश ही नहीं था हर तरफ मुझे रवि ही नजर आता था और हर वक्त उसकी बातें मेरे दिमाग में घूमती रहती थी 

 

मगर मैं क्या जानती थी कि जिस शख्स से मैं हमदर्दी करती थी वही शख्स मेरी जिंदगी बर्बाद कर देगा और वह जिसके साथ मैं सबसे ज्यादा मोहब्बत करती थी जिसे पाने के लिए मैं मारी जा रही थी वही शख्स मुझसे दूर हो जाएगा अब जब मैंने अपने सामने अपने पति के रूप में अजय को देखा तो मुझे बहुत गुस्सा आया मैं उससे कहने लगी कि तुमने मेरे साथ ऐसा क्यों किया मुझसे किस चीज का बदला लिया है

 

 मैंने उसे बहुत मारा तब वह चिल्लाते हुए मुझे कहने लगा कि मैं मजबूर हो गया था यह जो कुछ भी किया है मजबूरी की वजह से किया है मैं नहीं जानता था कि यह सब हो जाएगा आप मेरा विश्वास करें मेरा मकसद आपको परेशान करना नहीं था ना ही मैं आपको सभी की नजरों में गलत साबित करना चाहता था मगर इस वक्त मुझे इस कदर गुस्सा था कि मैं वहां से वापस पलट गई थी कमरे का दरवाजा बंद करके मैं बिस्तर पर गिर कर रोने लगी थी

 

 मुझे इस वक्त सारी दुनिया से नफरत महसूस हो रही थी और फिर मैंने अपना मोबाइल उठाया मैंने रवि का नंबर मिलाया मैं उससे बात करना चाहती थी उससे बताना चाहती थी कि मेरे साथ क्या हो गया है मेरे भाइयों ने गलतफहमी की बिना पर मेरा विवाह कर दिया है और अब मैं इस घर में नहीं रह सकती यह सब कुछ अचानक से हुआ था और मुझे रवि से बात करने का इससे पहले मौका ही नहीं मिला था अब मैंने उसका नंबर मिलाया कितनी देर तक कॉल जाती रही मगर उसने मेरी कॉल नहीं उठाई

 

 और जब उसने कॉल उठाई तो वह मुझसे इस कदर नफरत और गुस्से से बात की कि मैं परेशान होकर रह गई मैं कभी सोच भी नहीं सकती थी कि रवि मेरे साथ ऐसा भी कर सकता है अब गुस्से से मुझे कहने लगा कि अगर तुम्हें वह नौकर ही पसंद था तो तुम उसके साथ ही शादी कर लेते तुमने मुझे क्यों धोखे में रखा यह सब सुनकर मैं रोने लगी उसे कहने लगी कि भाइयों ने गलतफमी हो गई थी मैं तो इस बारे में कुछ जानती नहीं हूं

 

 तब वह कहने लगा कि मुझे तुम्हारी भाभी ने सब कुछ बता दिया है तुम जानती हो कल हमारा विवाह होने वाला था यह बात सब लोग जानते हैं और कल के दिन अगर मैंने अगर शादी नहीं की तो मेरी कितनी बेजती होनी है मगर तुमने अपनी ख्वाहिश के आगे किसी के बारे में सोचा तक नहीं मुझे शर्म आ रही है कि मैंने तुम्हारे जैसी घटिया लड़की से प्रेम किया जिसे ना अपनी इज्जत का ख्याल है और ना ही किसी और की इज्जत का तुमने एक बार तो अपने भाइयों और मेरे बारे में सोचा होता मैंने तुम्हें किस चीज में कमी रखी थी

 

 तो तुमने ऐसा किया वह भी मेरी बात का विश्वास नहीं कर रहा था और फिर उसने फोन बंद कर दिया उसके बाद मैंने जब भी उसका नंबर मिलाया उसका मोबाइल ऑन ऑफ था अब मैं रो पड़ी थी यह सब मेरे साथ क्या हो गया था घर के नौकर के साथ भाइयों ने मुझे शादी करके भेज दिया था इसका तो कोई भविष्य भी नहीं था और यह तो खुद हमारे घर में नौकर था इसके साथ में जीवन कैसे बिता सकती थी

 

 यह मेरी ख्वाहिश और मेरी जरूरियत को कैसे पूरी कर सकता था पूरी रात यही सोचते हुए गुजरी थी अगले दिन जब मैं उठी तो वह मुझसे नजरें चुरा रहा था उसकी आंखें बता रही थी कि वह भी पूरी रात का जगा हुआ था मगर यह सब कुछ जो हुआ था उसकी वजह से ही तो हुआ था उसने क्यों मेरी जिंदगी बर्बाद कर दी अब मैं सुबह होते ही वहां से निकल आई और जब भैया के घर में आई तो यह देखकर मैं हैरान रह गई थी

 

 घर में हर तरफ लोग ही लोग थे मैं इतने लोगों को घर में देखकर सोच रही थी कि मेरी तो शादी कैंसिल हो गई थी तो आज घर में लोग क्यों थे और फिर घर की नौकरानी से पता करने पर मुझे पता चला कि आज रूपा की शादी है और वह भी रवि के साथ मेरे पांव के नीचे से जमीन निकल गई थी ऐसा भला कैसे हो सकता था रवि तो मुझसे प्रेम करता था आज उसके मेरे साथ शादी होने वाली थी फिर मुझे छोड़कर रूपा से शादी क्यों कर सकता था 

 

यह सुनकर मैं भाभी के कमरे में आई उनसे बात करने लगी तो उन्होंने मुझे गुस्से देखा घर से बाहर निकाल दिया मुझे कहने लगे कि तुम्हारे भाई का हुक्म है कि तुम्हारे लिए इस घर के दरवाजे बंद हैं आज के बाद तुम कभी भी यहां पर नजर आओ अगर तुम यहां पर नजर आओगी तो वह तुम्हें जान से मार देंगे भाभी का यह रूप देखकर मुझे विश्वास नहीं हो रहा था कि यह भाभी जो कल तक मुझसे प्यार करती थी और आज यह मेरे साथ ऐसा क्यों कर रही थी उन्होंने मुझे घर से निकाल दिया 

 

अब मेरे पास और कोई रास्ता नहीं था कि मैं वापस अपने पति के घर चली जाऊं जब मैं वहां पर आई तो वह घर में सर झुकाए बैठा था मुझे देखकर कहने लगा कि मैं जानता था कि यही सब होगा वह आपको कभी भी अब घर में नहीं रहने देंगे सब कुछ मेरी वजह से नहीं बल्कि आपकी भाभी की वजह से हुआ है और आप इस सब का इल्जाम मुझे देना बंद करें

 

उसके बाद मैं उसकी तरफ गुस्से से देखने लगी थी थी तुम अपने पाप किसी दूसरे के सर पर कैसे डाल सकते हो जो तुमने किया है वह इल्जाम मेरी भाभी पर मत लगाओ उसने दोनों हाथों में सर थाम लिया मुझे कहने लगा कि मैं जानता हूं कि आप मेरी बात पर विश्वास नहीं करेंगे 

 

 

मगर सच यही है जो मैं आपको बताने वाला हूं उस दिन मैं अपनी ड्यूटी दे रहा था जब आपकी भाभी ने मुझे कहा कि मैं इस वक्त आपके कमरे में जाऊं आप मुझे अपने कमरे में बुला रही हैं आपको मुझसे जरूरी काम है यह बात सुन कर मैं भी परेशान हो गया कि आधी रात को आप मुझे अपने कमरे में क्यों बुला रही हैं मैंने आपकी भाभी से कहा कि रात के इस वक्त उनके कमरे में जाना सही नहीं है मैं सुबह उनसे बात कर लूंगा

 

 मगर वह मुझे गुस्से से कहने लगी कि अभी की अभी मैं आपके कमरे में जाऊं वरना वह अपने पति से मेरी शिकायत लगाकर मुझे जॉब से निकाल वा देंगे मैं उनकी बात सुनकर आपके कमरे में आया था मगर जैसे ही मैं कमरे में आया तो बाहर से दरवाजा बंद हो गया फिर वह बाहर खड़े होकर शोर मचाने लगी और जैसे ही दरवाजा खुला तो मैं फौरन कमरे से बाहर भागा था

 

 मगर आपके भैया ने मुझे देख लिया और वह समझे कि शायद मेरा आपके साथ गलत संबंध है जिसकी वजह से मैं आपके कमरे में मौजूद था मगर यह सब कुछ आपकी भाभी ने किया था जब आपके भैया को बताने की कोशिश की तो उन्होंने मेरी कोई बात नहीं सुनी बल्कि मुझे मारते रहे और अब मुझे समझ आया है कि उन्होंने यह सब क्यों किया क्योंकि मैंने कई बार रूपा मैडम को रोते हुए देखा था 

 

वह आपके होने वाले पति से शादी करना चाहती थी वह आपकी भाभी से कहती थी कि वह रवि से प्रेम करती है और वह किसी भी तरह आप दोनों की शादी नहीं होने देंगे तब भाभी ने उन्हें तसल्ली देती कि वह उन दोनों की शादी करवा के रहेंगे मैं यह सब कुछ आपको बताना चाहता था मगर डरता था कि आप मेरी बात पर विश्वास नहीं करेंगे और अब जो यह सोचता हूं कि काश कि मैं आपको पहले ही बता देता

 

 तो आज ऐसा कुछ ना होता मुझे अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि वह भाभी जिन्हें मैं अपनी मां की तरह समझती थी वह मेरे साथ ऐसा भी कर सकती थी मैं बुरी तरह से रोने लगी थी मगर मुझे भी यकीन आ गया था कि अजय जो भी कह रहा था सच था क्योंकि वह बहुत ही जिद्दी इंसान थी और वह इस कदर चालाकियां कर ही नहीं सकता था और रूपा तो हमेशा सा ही ऐसी थी जो चीज उसे मेरी पसंद आती थी

 

 वह मुझसे छीन लेती थी और अब उसे मेरा होने वाला पति पसंद आ गया तो उसने उसे भी मुझसे छीन लिया अब मैं पूरा दिन रोती रहती थी अजय ने मेरे घर से काम छोड़ दिया था और अब वह किसी और जगह पर काम करने लगा था वह मेरी अपनी हैसियत के मुताबिक ख्वाहिश पूरी करने की कोशिश भी करता था उसकी बहन भी अक्सर यहां पर आती थी मुझे देखकर रोती और फिर कहती आपकी भाभी और बहन को देखकर दिल दुखता है

 

 वह आपके घर में राज कर रही है और आप यहां पर गरीबी में जिंदगी गुजार रही हैं तब मैं उसे कहती कि मेरे नसीब में जो था मुझे वह मिला है मुझे किसी से कोई शिकायत नहीं है भगवान उन्हें उनके किए की सजा देगा मेरी बेगुनाही भी एक दिन साबित हो जाएगी और फिर मैंने इस जीवन को कबूल कर लिया था क्योंकि मैंने अब बाकी की जिंदगी अपने पति के साथ ही बिताने थे मुझे अपने भैया पर भी गुस्सा था कि उन्होंने भी मेरा एक बार विश्वास नहीं किया वह जानते थे कि मैं रवि से प्रेम करती हूं 

 

और मैं उसके बिना किसी और से ऐसा संबंध कैसे बना सकती थी मगर उन्होंने अपनी पत्नी की बातों में आकर मुझे भी घर से बाहर निकाल दिया अब वहां पर जाने के बारे में सोच भी नहीं सकती थी और फिर मैंने अपने पति पर जोर देना शुरू किया कि वह अपनी पढ़ाई भी पूरी करें और फिर किसी अच्छी सी जगह पर नौकरी तलाश करने की कोशिश करें मेरे पति भी हर वह काम करते थे

 

 जो मैंने करने को कहती थी वह मेरी खुशी के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार हो गए थे और फिर उन्होंने अपनी पढ़ाई का सिलसिला भी शुरू कर लिया था और पढ़ाई के साथ-साथ वह नौकरी भी कर रहे थे वह हर चीज को बहुत आसानी से और जल्दी समझ लिया करते थे अब तो मैंने भी साथ-साथ जोप करना शुरू कर दिया हम दोनों मिलकर काम कर रहे थे अब उन्होंने अपना छोटा सा बिजनेस भी शुरू कर लिया था अब हम वह जगह छोड़कर एक और जगह पर आकर शिफ्ट हो गए थे अब तो भगवान ने मुझे दो बेटे भी दे दिए थे

 

 मैं हर वक्त भगवान का शुक्र अदा करते हुए नहीं थकती थी मैंने उसके बाद कभी भैया भाभी से बात करने की कोशिश नहीं की थी और ना ही कभी रवि से बात की थी मैंने अपना नंबर बदल लिया था मैं अपने पास्ट से निकल आई थी मुझे ऐसे लोगों से कोई ताल्लुक रखना ही नहीं था उस दिन जब मैं सुबह उठी तो दरवाजे पर जोर-जोर से दस्तक हो रही थी दरवाजा खोला तो सामने भैया और भाभी खड़े थे

 

 और घर में आकर मुझसे लिपट कर रोने लगे भाभी कहने लगे मुझे माफ कर दो मैंने तुम्हारे साथ बहुत ज्यादती की है मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था मैं उन्हें लेकर कमरे में आ गई और खामोशी से उनके आगे चाय रखी मैं इस वक्त उनके घर से जाने का इंतजार कर रही थी मुझे उनसे बात कर में कोई दिलचस्पी नहीं थी मैंने उनसे एक बार भी नहीं पूछा कि आप यहां पर क्यों आए हैं और आपको क्यों अपने ज्यादती का एहसास हुआ 

 

मगर भाभी कहने लगे तुम नहीं जानते कि रूपा का बहुत ही ज्यादा बुरा एक्सीडेंट हुआ है और वह हमेशा के लिए अपरा हो गई है अब ना वह चल सकती है ना ही वह अपनी मर्जी से बैठ सकती है और यह सब कुछ यकीनन तुम्हारे साथ किया जुल्म की सजा है मैं उनकी बात को खामोशी से सुनती रही तब भैया मुझे कहने लगे कि मुझे माफ कर दो मैंने तुम पर उस दिन विश्वास नहीं किया था 

 

अपनी पत्नी की बातों में आकर मैंने एक बार भी नहीं सोचा कि मेरी बहन तो बहुत मासूम है वह ऐसा क्यों करेगी मैंने उनकी बातों को सुनकर सिर्फ इतना कहा कि आपने मेरे साथ जो भी किया मैंने आपको उसके लिए माफ किया है मगर आप लोगों ने मेरे साथ इतना बुरा किया है मैं अपना दिल आप लोगों की तरफ से कभी साफ नहीं कर सकती इसलिए आप लोग मुझसे दोबारा मिलने की कोशिश मत कीजिए

 

 तब भैया भाभी रोते हुए वहां से चले गए थे मगर मैंने दोबारा कभी भी उसे घर में नहीं गए थे जिस घर में मुझ में पर विश्वास नहीं किया क्या बगैर सफाई के मुझे सजा देकर निकाल दिया गया उन लोगों से मैं कैसे ताल्लुक रख सकती थी शाम को जब मेरे पति घर आए तो मैंने यह बात उन्हें बताई तब वह कहने लगे कि यह तो गलत बात है वह तुम्हारे घर में आए थे तो तुम्हें उनको सम्मान देना चाहिए था

 

 और तुमने उन्हें यूं ही घर से जाने दिया उनके समझाने पर ही मैं रूपा को देखने के लिए हॉस्पिटल गई थी और उसकी हालत देखकर मुझे अंदाजा हो गया था कि उसे अपने किए की सजा मिल चुकी है तब भाभी को रोते हुए देखकर मैंने भी उन्हें कह दिया कि मैंने आपको माफ कर दिया मगर मैं अब कभी-कभी ही वहां पर जाती हूं उनसे मिलती हूं मगर मेरे दिल में उनके लिए वैसे जज्बात नहीं रहे जैसे पहले थे |

 

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