भरोसा तोड़ने की सज़ा | Mastram Hindi Kahani | Emotional Hindi Story | Meri Kahaniyan Ft-23

Mastram Hindi Kahani : मेरा नाम माधवी है मैं जयपुर जैसे खूबसूरत शहर में रहती हूं मेरी अपने पति के साथ जिंदगी बहुत अच्छी गुजर रही थी लेकिन एक दिन फिर कुछ ऐसा हुआ जिसने मेरी पूरी जिंदगी को बदल कर रख दिया था क्योंकि इस गलती को अंजाम किसी और ने नहीं बल्कि मैंने ही दिया था इसलिए मैं अपनी गलती का कसूरवार सिर्फ अपने आप को ही ठहरा हूं अपनी अच्छी जिंदगी को मैंने ही तबाह किया था

 मुझे आज भी अफसोस होता है कि मैंने कितनी बड़ी गलती कर दी थी मेरी उस गलती के बारे में अगर आपको भी पता चलेगा तो आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे क्योंकि अपना फायदा देखने के लिए मैंने अपने पति के भरोसे को चकनाचूर कर दिया था पर मुझे क्या पता था कि मैं जिस पर भरोसा करती हूं वह इंसान इंसान नहीं है बल्कि एक हैवान है जिसने मेरा भरोसा तोड़ दिया था और मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मैंने अपनी ही कुल्हाड़ी को अपने पैर पर ही मार लिया हो क्योंकि एक दिन में कड़कती हुई

 धूप में बाजार की भीड़ के बीच में मौजूद थी मैं भीड़ में से निकलती हुई सब्जी के ठेले की तरफ बढ़ रही थी मैंने अपना चेहरा साड़ी के पल्लू से साफ किया था क्योंकि गर्मी ज्यादा होने की वजह से मेरे चेहरे पर पसीना आ रहा था मैं जवान और खूबसूरत थी मेरी शादी कम उम्र में ही हो गई थी लेकिन अपनी मजबूरी की वजह से मुझे घर से बाहर निकलना पड़ता था लोगों के बीच अकेले चलते हुए मुझे हर टाइम डर सताता था कि कोई मेरी खूबसूरती की तरफ ध्यान ना देने लग जाए

 और मेरा अकेले बाजार में आना जाना किसी की नजर में ना आ जाए इसलिए मैं अपने साथ अपनी पड़ोसन के 12 साल के बेटे को लेकर निकलती थी कोई बड़ा तो मेरी सेफ्टी के लिए नहीं था पर मैं करती भी क्या मुझे अपने साथ के लिए एक बच्चे के सहारे की जरूरत ही काफी थी कहते है ना कि डूबते को तिनके के सहारे की जरूरत होती है यही सारी उम्मीद मैं इस बच्चे के साथ किए जाती थी

 लेकिन आज वह मेरे साथ बाजार नहीं आया था क्योंकि इसके एग्जाम चल रहे थे और वह ट्यूशन गया हुआ था अगर मैं किसी की नजर में आ जाती तो मेरे लिए बड़ी मुश्किल हो जाती मुझे इस बात का अच्छे से आईडिया था ना जाने मुझे पुलिस पर भरोसा क्यों नहीं था और ना ही मैं अब उन लोगों के हमदर्द बिहेवियर से धोखा खाती थी क्योंकि कुछ सालों पहले मेरी शादी से पहले मेरी फैमिली बहुत बड़ा धोखा खा चुकी थी तभी से मुझे बाजार में नजर आता हर चेहरा बनावटी लगता था

 और हर मुस्कुराहट झूठी लगती थी मुझे सब्जी लेने के बाद अपने बीमार पति के लिए दवाई भी लेनी थी उसके लिए मुझे मेडिकल स्टोर पर भी जाना था मैं भीड़ के बीच से निकल रही थी जब मेरी नजर फुटपाथ पर बैठे हुए एक 18 साल के लड़के पर पड़ी वह लड़का शक्ल और सूरज से काफी अच्छा था लेकिन उसने कपड़े बस मामूली से ही पहने हुए थे और फुटपाथ पर वह बेबसी से सिर झुकाए हुए बैठा था

 जब मेरा ध्यान उस पर चला गया मैं अफसोस करते हुए उसे देखकर उसके पास गई और जाकर उसे थोड़े से पैसे दिए मुझे लगा कि वह भीख मांग रहा है मगर उसने तो मुझे मेरे पैसे वापस कर दिए और नजर झुका कर कहने लगा कि माफ करना मुझे यह पैसे नहीं चाहिए मैं मजदूरी करना चाहता हूं अगर आप के पास कोई काम है तो मुझे बता दो मैं काम करके पैसे कमाना चाहता हूं मैं कोई भिखारी नहीं हूं 

उसके बोलचाल से मुझे यह अंदाजा हो गया था कि वह किसी गरीब फैमिली से है लेकिन मुझे उसकी खुद्दारी बहुत अच्छी लगी थी मैंने उसे एडवाइज दी कि तुम जवान हो तुम जाकर मेहनत मजदूरी करके पैसा कमाओ लेकिन तुम यहां फुटपाथ पर बैठोगे तो यहां बैठे रहने से तो सिर्फ तुम्हें भीख ही मिल सकती है लोग मेरी तरह तुम्हें भिखारी ही समझेंगे इससे ब बतर होगा कि तुम कहीं जाकर नौकरी तलाश करो

 मेरी एडवाइस पर वह सैड हो गया था कहने लगा कि मैं लाचार हूं इसलिए यहां पर बैठा हुआ हूं मैं मेहनत मजदूरी नहीं कर सकता वह मेरे सामने खड़ा हो गया और कुछ ही कदम चलकर लड़खड़ा गया उसकी एक टांग में पोलियो था मैं यह देखकर शॉक्ड रह गई थी और मुझे उसकी हालत पर बहुत अफसोस भी हुआ था मैंने फौरन ही पैसे अपने पास रख लिए और उससे कहा कि क्या तुम मेरे लिए काम करोगे 

मैं तुम्हें रहने के लिए जगह भी दूंगी और तुम्हें पैसे भी दिया करूंगी मैंने उसी टाइम फैसला कर लिया था इस लड़के से बाहर के सारे काम करवा लिया करूंगी ताकि मुझे अकेले इस तरह से बाजारों में भीड़ के बीच घूमना नहीं पड़े मैं उस टाइम यह भी भूल गई थी कि वह जवान लड़का है जबकि मेरे पति और मेरे घर वालों ने हमेशा मुझे यही समझाया था कि किसी भी अनजान मर्द पर कभी भरोसा मत करना 

मगर मैं दूसरों से बहुत जल्दी हमदर्दी कर लिया करती थी उस उसकी हालत पर मुझे अफसोस हुआ था इसलिए मैं चाहती थी कि मैं इस लड़के की मदद करूं वह मेरी बात पर बहुत खुश हो गया था मैंने जल्दी से मेडिकल स्टोर से दवाई ली और उस लड़के को लेकर मैं अपने घर आ गई थी मेरे पति ने जब उस लड़के को देखा तो वह भी हैरान रह गए थे कि मैं आखिर किसको घर में लेकर आ रही हूं 

मैंने अपने पति को इस लड़के के बारे में सब कुछ बता दिया था कि यह बेचारा गरीब है लाचार है और इसे पैसों की सख्त जरूरत है इसका इस दुनिया में भी कोई नहीं है इसलिए मैंने इसे काम पर रख लिया है मेरे पति उस लड़के के सामने तो खामोश हो गए मगर अकेले में मुझे गुस्सा दिखाने लगे और डांटने लगे कहने लगे कि तुम एक जवान लड़के को घर ले आई हो यह कोई बच्चा तो नहीं है 

तुम्हें अभी लोगों के बारे में अंदाजा नहीं है इस दुनिया में कैसे-कैसे लोग रहते हैं हर दिन ना जाने कितनी वारदातों को अंजाम दिया जाता है इसलिए किसी पर हमदर्दी नहीं करनी चाहिए मैंने अपने पति से से रिक्वेस्ट की और कहा कि मुझे बाहर के काम के लिए इस लड़के की मदद चाहिए थी जैसा आप इस लड़के के बारे में सोच रहे हो यह वैसा नहीं है यह लाचार है इसलिए हम इसकी परेशानी को इग्नोर नहीं कर सकते

 और फिर हम इसे पैसे देकर ही तो इससे काम लेंगे मेरी जिद पर मेरे पति खामोश हो गए थे क्योंकि मेरे पति ने हमेशा मेरी जिद पूरी की थी हमारे घर की मजबूरी भी तो ऐसी थी कि मेरे पति जवान थे मगर वह हार्ट के पेशेंट थे और उनकी हालत ऐसी थी कि किसी भी टाइम उनके दिल में दर्द हो जाता था अपनी हालत की वजह से मेरे पति ऑनलाइन घर पर ही काम करते थे वह हर टाइम घर में रहते थे 

और दवाइयों का लगातार सेवन करते थे मुझे मजबूरन घर का राशन सब्जी हर चीज लेने के लिए ही घर से बाहर निकलना पड़ता था क्योंकि इस घर में हम दोनों ही रहते थे मैं अब घर से बाहर निकलने से घबराने लगी थी क्योंकि मैं बहुत खूबसूरत थी और कोई भी मुझे देखकर चौक जाता था कि मैं शादीशुदा हूं इसलिए गली के कुछ लड़के घूर घूर कर देखते थे वह लड़का लाचार था मगर उसने मुझे यकीन दिलाया था कि वह बाजार का हर काम जिम्मेदारी से करेगा और मुझे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं होने देगा

 उसने अपना नाम सुनील बताया था मैं बेफिक्र हो गई थी क्योंकि मुझे वह लड़का बहुत शरीफ लग रहा था मैंने अपने पति की किसी भी बात पर ध्यान नहीं दिया था कई दिन तक तो उन्होंने मुझसे बात भी नहीं की थी मेरे पति ने मुझे मेरे हाल पर छोड़ दिया था और वह खुद को कमरे में बंद रखने लगे थे मैं घर में सारा दिन काम करती रहती थी और वह लड़का बैठकर मुझे देखता रहता था या फिर मुझे बाहर का कोई काम होता

 तो वह फौरन उसे कर दिया करता था कभी-कभी मुझे उसका अपनी तरफ इतने गौर से देखना कुछ अजीब भी लगता था मैंने घर में साड़ी छोड़कर सलवार सूट पहनना शुरू कर दिया था मैं सावधानी बरत द थी और दुपट्टे को फैलाकर ओड़ती थी ताकि उस लड़के का ध्यान मेरी तरफ ना जाए मुझे पता था कि मैं बहुत खूबसूरत हूं और मेरी उम्र भी कम है इसलिए उसकी नजर भी शायद मेरी खूबसूरती से नहीं हटती होगी

 अपने पति के बार-बार समझाने पर ही मुझे एहसास हो चुका था कि मैंने उस लड़के को घर के अंदर लाकर ठीक नहीं किया था उस टाइम मुझे सिर्फ अपनी आसानी दिख रही थी उसको मैंने अपने ही घर में बना हुआ छोटा सा स्टोर रूम दे दिया था वह वहीं पर ही रहने लगा था इस लड़के ने मेरा बहुत हाथ बटा या था वह हर काम करने के लिए तैयार रहता था बल्कि की बाजार से भी सारा सामान लेकर आता था 

इसके अलावा घर के छोटे-मोटे काम भी कर देता था सारा दिन वह घर के आंगन में पड़ी हुई खटिया पर बैठा रहता था और रात होती तो स्टोर रूम में सोने के लिए चला जाता था हमारे घर का आंगन बहुत बड़ा था और एक तरफ पौधे लगे हुए थे मेरे पति की जब से तबीयत खराब रहती थी मैं बिजी रहने लगी थी और थकान की वजह से हम दोनों ने पौधों का ख्याल रखना भी छोड़ दिया था अब वो लड़का सारा दिन उन पौधों के साथ लगा रहता था

 मुझे वह लड़का देखने में बहुत सीधा-साधा लगता था मैं उसके लाचार और इस बिगड़ी हुई जिंदगी पर बहुत अफसोस करती थी मुझे आईडिया ही नहीं हुआ था कि वह जैसा नजर आता है वैसा बिल्कुल भी नहीं है मेरे होश तो उस दिन उड़े जब मैं रात के टाइम पर कमरे में पानी ना होने की वजह से कमरे से बाहर निकली थी मुझे किचन के पास से खटपट की आवाज सुनाई दे रही थी तो मैं घबरा गई थी मैंने जल्दी से आगे बढ़कर लाइट ऑन की तो मेरी आंखें फटी की फटी रह गई थी 

क्योंकि सामने तो सुनील खड़ा हुआ था हमारे किचन के दो दरवाजे थे एक पोषण अंदर की तरफ खुलता था जबकि दूसरा आंगन की तरफ खुलता था हमारा आधा पोर्शन बंद था और बाकी का सारा आंगन खुला हुआ था वह लड़का शायद मेरे जाग जाने का अंदाजा लगा चुका था तभी आंगन में खुलने वाले दरवाजे से बाहर निकल रहा था मगर लास्ट मोमेंट पर मैंने लाइट ऑन कर दी थी वह लड़का मुझे देखकर घबरा गया था और घबराते हुए कहने लगा कि मुझे भूख लग रही थी

 इसलिए मैं किचन में खाना खाने के लिए चला आया था किचन में तो सारा का सारा सामान वैसा का वैसा ही पड़ा हुआ था क्योंकि मैंने सोने से पहले सब समेट कर रख दिया था उस लड़के का चेहरा लाल हो रहा था और पसीना भी नजर आ रहा था ना जाने वह यहां पर क्या कर रहा था कि मेरे आने पर वह इस तरह से घबरा गया मैं उसकी हालत पर खामोशी से सिर हिलाने लगी

 मैं उस टाइम खुद भी बहुत डर गई थी इसलिए उससे ज्यादा सवाल नहीं कर सकी वह सर झुकाकर वहां से चला गया था और मैं परेशानी में पानी ही पीना भूल गई थी मैं कमरे में जाकर भी सो नहीं पाई थी वह लड़का सुनील किचन के दरवाजे से घर में दाखिल हुआ था क्योंकि हमारे अंदर के पोर्शन में स्टोर रूम नहीं था बल्कि बाहर आंगन में कोनों की तरफ को छोटा सा स्टोर रूम बना हुआ था वह रात को ही तो पेट भर करर खाना खाता था 

मुझे कभी आईडिया ही नहीं हुआ कि वह रात के टाइम घर के अंदर भी दाखिल होता था यही सब कुछ सोचते-सोचते मुझे कब नींद आ गई मुझे पता ही नहीं चला था फिर अगली सुबह इससे पहले कि मैं सुनील से कोई सवाल करती वह नाश्ता लेने के लिए आया और शर्मिंदा होकर कहने लगा मैं रात के टाइम बहुत भूख लगने की वजह से घर में आया था मैं अपनी इस हरकत पर बहुत ज्यादा शर्मिंदा हूं इस लड़के का झुका हुआ सर और शर्मिंदगी देखकर मैंने अपने आप को बहला लिया था

 मुझे लगा कि वह सच में भूख की वजह से ही आया होगा उस लड़के के माफी मांगने पर बात वहीं खत्म हो गई थी और मैंने अपने पति के सामने इस बात का बिल्कुल भी कोई जिक्र नहीं किया था और यह मेरी बहुत बड़ी गलती थी कि मैं घर के हर मामले से अपने पति को अनजान रख रही थी मेरे पति तो बेफिक्र थे कि यह लड़का अच्छा है अगली रात मेरी आंख फिर से खुल गई थी तो मैं उठकर बैठ गई मेरे दिमाग में इस लड़के की हरकत अभी भी मौजूद थी

 मैंने कुछ सोचते हुए कमरे का दरवाजा खोला तो अंधेरे में मुझे ऐसा महसूस हुआ कि कोई दरवाजे के पास मौजूद था मैं चौक गई थी इस बार लाइट ऑन करने पर कोई भी वहां पर नहीं था मैंने किसी के वहां पर ना होने को अपना वहम समझ लिया था और मैं घर में घूम-घूम कर चारों तरफ देख रही थी कि कहीं कोई है तो नहीं लेकिन मुझे कोई भी नहीं दिखा तो फिर मैं कमरे में वापस आ गई थी

 इसके बाद मैं कई रातें इसी तरह से जाग-जाग कर चेक करती रही और हर बार मुझे ऐसा वहम सताता कि घर में रात के टाइम पर कोई और भी मौजूद होता था और जाग रहा होता था मगर एक दिन खाना बनाते हुए अपने पति की एक बात पर मैं चौक गई थी जब मेरे पति ने कुछ सोचते हुए शब्दों में मुझसे कहा था कि आजकल सुनील को देखकर लगता है कि यह कई रातों से नहीं सोया

 इसकी आंखों में नींद भरी हुई होती है और दिन भर जहां भी बैठता है नींद में चला जाता है मैंने अपने पति से कहा कि उसे कोई काम नहीं होता इसलिए वह सुस्त रहता है फिर इंसान को वैसे भी नींद आती रहती है मेरे पति ने मेरी बात को सुन लिया और फिर वह उठकर कमरे में चले गए थे मगर मैं कुछ सोच में गुम हो गई थी कि वह लड़का शुरू के कुछ दिन तो बिल्कुल ठीक रहा था मगर अब वह अजीबोगरीब हरकतें करने लगा था जब वह बाजार जाता तो बड़ी ही जल्दी सारा सामान खरीदकर घर वापस आ जाता था

 और ऐसा लगता था कि जैसे वह भाग कर आया हो हालांकि वह तो लाचार था और एक लाचार इंसान के लिए भागना मुमकिन नहीं होता वह लड़का अब हर वक्त जल्दबाजी में रहने लगा था मैं उसके चेंजेज को महसूस कर रही थी मगर कुछ भी समझ नहीं पा रही थी एक दिन सुनील सब्जी लेकर आया तो बुरी तरह से हाफ रहा था मैं उसकी हालत देखकर बहुत घबरा गई थी उसका रंग बिल्कुल पीला हो रहा था

 मैंने परेशानी से सवाल किया तो वह कहने लगा कि सामान बहुत भारी था इसलिए मैं थक गया हूं वह जवान और हेल्दी था मुझे उसकी इस बात पर शक था वह सच नहीं बोल रहा था मैंने सीरियस होकर उसे कहा कि अगर यह काम तुम्हारे लिए मुश्किल हो चुका है तो तुम वापस जा सकते हो मैं अपना काम खुद संभाल लूंगी मेरी बात पर वह जल्दी से सीधा हुआ और कहने लगा कि नहीं नहीं अब मैं काम कभी नहीं छोड़ सकता

 मैं उसके इन शब्दों पर चौक गई थी और उसे देखा तो वह हंस कर कहने लगा कि आप बहुत कमजोर हो यह काम आपके बस की बात नहीं है यह काम आप नहीं कर सकती ऐसे काम मुझ जैसा नौजवान लड़का ही कर सकता है वह मुझसे कई बार यह बात कह चुका था कि मैं कमजोर हूं और कुछ नहीं कर सकती मगर मैंने पहली बार उसके शब्दों को महसूस किया था मुझे ऐसा लगा था कि जैसे वह एहसास दिलाता था कि मैं उसका मुकाबला नहीं कर सकती मुझे यह बात बहुत अजीब लग रही थी 

अचानक मुझे लगने लगा कि रात को जो डर मुझे सताता है वह भी सच्चाई ही थी और वह शायद सुनील ही था जो रात के टाइम पर अंदर आ जाता था मगर बिना सबूत के मैं उस लड़के पर इल्जाम नहीं लगा सकती थी इसी कंफ्यूजन में एक रात मैं सोई नहीं थी और मुझे नींद नहीं आ रही थी मैं कमरे से बाहर निकली तो सामने ही सुनील मुझे नजर आ गया था उस रात चांद की रोशनी तेज थी 

इसलिए खुली हुई खिड़की से रोशनी अंदर तक आ रही थी चांद की रोशनी में मैंने सुनील को जो हरकत करते हुए देखा था उसको देखकर तो मैं शोक रह गई थी मैं फटी फटी आंखों से उसकी तरफ देख रही थी उसी टाइम सुनील ने मुझे वहां पर देख लिया था शायद वह मेरी मौजूदगी को महसूस कर चुका था और चौक कर कमरे के दरवाजे की तरफ देखने लगा मैं अंधेरे में दीवार के करीब खड़ी हुई थी 

उस लड़के का ध्यान अपनी तरफ होने पर मैं घबरा गई थी और जब उसने मेरी तरफ मुड़कर देखा तो मैं जल्दी से कमरे में आ गई थी और दरवाजा बंद कर लिया था मेरा दिल बुरी तरह से धड़क रहा था मैं बड़ी मुश्किल से चलकर अपने बिस्तर तक पहुंची थी मैं अपना सर पकड़कर अपने पति को देख रही थी मैं बहुत ज्यादा परेशान थी मैं अपने पति की कमजोरी इस लड़के के सामने ला चुकी थी और मैं मैं खुद उसे इस घर में लेकर आई थी 

अब उसकी जो हरकत मैं देख चुकी थी मेरे लिए तो सुकून से सोना मुश्किल हो गया था अब मुझे अपने पति की बात समझ आ गई थी और मुझे अपनी गलती पर अफसोस हो रहा था वह लड़का भी बहुत बार मुझे एहसास दिला चुका था कि वह अब हमारे घर से नहीं जाएगा जबकि मुझे अब उससे डर लगने लगा था और मुझे यह भी डर था कि कहीं कोई नुकसान तो नहीं हो गया अगर ऐसा कुछ हुआ तो मेरे पति मुझ पर ही इल्जाम लगाएंगे

 मैं इस लड़के से डर गई थी मगर अपने पति को बताने की मुझ में हिम्मत नहीं थी मैं गलती पर गलती कर रही थी मैंने अपने पति को कुछ भी नहीं बताया था मुझे लग रहा था कि मुझे अपने पति को पूरी बात बता देनी चाहिए थी मुझे खबर नहीं थी कि इस बात का मुझे इतना पछतावा होने वाला है मैं कई दिनों से डरी हुई थी और खोई खोई सी होकर काम करती रहती थी मेरा बिहेवियर उस लड़के के साथ बदलने लगा था

 मैं चाहती थी कि वह खामोशी से हमारे घर से चला जाए मगर वह तो शिंदा होने के बजाय मेरे आगे पीछे घूमने लगता था मैं किचन में काम कर रही होती तो वह वहां पर भी चला आता था और बहाने बहाने से मेरे करीब रहता था मैं उसे जाने के लिए कहती तो वह कभी बर्तन धोने लग जाता तो कभी किचन की सफाई कर देता था वह धीरे-धीरे घर के हर मैटर में घुसने लगा था और मेरे गुस्सा करने पर भी उसे कोई परवाह नहीं होती थी

 मेरे पति ने जब उसके हर काम में दखल अंदाजी महसूस की तो वह मुझसे नाराज होने लगे थे और एक दिन मुझे डांटते हुए कहने लगे कि तुम इस लड़के के साथ कुछ ज्यादा ही फ्री होने लगी हो इससे हमारा ऐसा कोई रिश्ता नहीं है कि वह हमारे घर के अंदर घुसा रहे मैं घबरा गई थी और मैंने अपने पति से कहा कि इस लड़के से कह दो कि वह बाहर आंगन तक ही मौजूद रहा करें पर मैं चाहती थी कि मेरे पति के कहने पर वह लड़का डर जाएगा

 क्योंकि मेरी बात का तो उस पर कोई असर ही नहीं हो रहा था मेरी सोच के मुताबिक मेरे पति ने जब उसे समझाया तो वह बाहर आंगन तक ही रहने लगा था मैं बेफिक्र हो हो गई थी मुझे लगा कि वह लड़का समझ गया है और अब कोई परेशानी नहीं होगी मगर रात होते ही वह लड़का अंदर आ जाता था क्योंकि रात के वक्त मेरे पति तो गहरी नींद में सो रहे होते थे

 मैंने दो रातों तक उसे घर के अंदर वाले पोशन में आते हुए देखा तो मैंने एक दिन बहाने से उस लड़के को सुनाते हुए कहा कि रात को मेरे पति को वहम होने लगा है कि जैसे हमारे कमरे के पास कोई आता है शायद कोई चोर होगा अगर किसी रात मेरे पति ने उसे पकड़ लि या तो उस चोर की खैर नहीं होगी मुझे लगा मैं इस लड़की को इस बात से डरा सकूंगी मगर उसके शब्दों ने मेरे रोंगटे खड़े कर दिए थे 

वह मुझसे कहने लगा कि आपके पति तो रात को दवाई लेकर सो जाते हैं और उनकी दवाई की वजह से वह जागते भी नहीं हैं इस लड़के की बात ने तो मुझे डरा दिया था मेरे पति अपनी बीमारी की वजह से रात के टाइम दवाई लेकर सोते थे ताकि उन्हें सुकून की नींद आ सके मगर हमने यह बात किसी को आज तक नहीं बताई थी और इस लड़के को मैंने इस बात की खबर तक नहीं होने दी थी

 पता नहीं इस बारे में इसे कैसे पता चल गया था मैं तो खुद कंफ्यूज हो रही थी कि अगर यह बात इसको पता चल गई तो मेरे लिए तो और ज्यादा मुसीबत आ जाएगी मैं परेशान हो गई थी मेरी समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं मैं यह सोच सोचकर पागल हो रही थी कि आखिर उसे कैसे पता चल गया कि मेरे पति रात को नींद की दवाई लेकर सोते हैं डर की वजह से मेरी हालत खराब होने लगी थी

 मुझे यकीन हो गया था कि उस लड़के की नियत ठीक नहीं थी मैं किसी भी तरह से उसे अब अपने घर से निकालना चाहती थी लेकिन किस तरह से मैं उसको यहां से निकाल सकूं यह मेरी समझ में नहीं आ रहा था मैं सोच रही थी कि अपने पति से कहती हूं कि आप इस लड़के को अब घर से निकल जाने के लिए साफ-साफ कह दो क्योंकि मुझे डर था कि वह इस बात का फायदा ना उठा ले वैसे मुझे पता था कि मेरे पति के ऐसा कहने पर भी उस पर कोई असर नहीं होगा

 लेकिन मैं कोशिश करना चाहती थी मैं अपने पति को बताने ही वाली थी कि अचानक से मेरे पति की बहन की बहुत ज्यादा तबीयत खराब हो गई उसके यहां से हमें इमरजेंसी की कॉल आई थी तो मेरे पति ने वहां जाने की तैयारी शुरू कर दी और मुझसे कहा कि वह उनकी बहन की तबीयत देखते ही घर वापस लौट आएंगे मुझे तो टेंशन हो रही थी कि अब मैं इस घर में अकेले कैसे रहूंगी यह सोच सोच कर तो मैं बहुत घबरा रही थी

 अगर मैं भी अपने पति के साथ चली जाती तो यह ठीक नहीं था क्योंकि हम अपना घर इस लड़के के हवाले करके भी नहीं जा सकते थे मुझे यह उम्मीद थी कि मेरा पति रात होने से पहले ही घर वापस आ जाएगा क्योंकि वह मुझे कभी भी अकेला नहीं छोड़ते थे उनकी बहन का घर दूसरे शहर में था मेरे पति जब घर से निकलते थे तो मैं बहाने से पड़ोसन के यहां जाकर बैठ जाती थी या फिर उसको अपने घर बुला लिया करती थी 

अभी भी मुझे अपने पति के जाने के बाद सुनील से बहुत डर लग रहा था इसलिए मैंने पड़ोसन को अपने घर पर ही बुला लिया था सुनील तो पड़ोसन के आने पर अपने कमरे में बंद हो गया था मैं सारा दिन सुकून से काम करती रही थी मगर जब शाम होने लगी तो वह भी अपने घर जाने के लिए कहने लगी और मुझे शर्मिंदा होकर कहने लगी कि मैं अब और तुम्हारे घर पर नहीं बैठ सकती क्योंकि मेरे पति काम से आते होंगे 

मुझे उन्हें भी खाना देना होता है और मुझे अपने घर में बहुत काम है मैंने भी उसे जाने दिया था आखिर वह बेचारी भी कब तक मेरे साथ यहां पर रह सकती थी वह भी तो अपना घर छोड़कर मेरे घर पर बैठी हुई थी मेरे आईडिया के मुताबिक तो मेरे पति घर आने वाले थे पड़ोसन तो अपने घर जा चुकी थी क्योंकि बहुत रात हो गई थी लेकिन मेरा पति अभी तक घर वापस नहीं आया था मैं बहुत ज्यादा परेशान हो रही थी

 मुझे डर लग रहा था और मैं बार-बार अपने पति को कॉल लगा रही थी लेकिन वह मेरी कॉल रिसीव नहीं कर रहे थे तो मुझे और ज्यादा टेंशन हो गई कि पता नहीं वह अभी तक घर क्यों नहीं आए कुछ देर के बाद तो सुनील भी मुझसे सवाल करने लगा था कि आपके पति घर कब आएंगे मैंने उसे डांट कर उसके कमरे में जाने के लिए कहा मगर वह तो बेशर्म की तरह वहीं पर खड़ा रहा तभी अचानक मेरे पति की भी कॉल आ गई मैंने जैसे ही कॉल रिसीव की तो मेरे पति मुझे परेशानी से बताने लगे कि मेरी बहन की कंडीशन बहुत ज्यादा सीरियस है 

उसकी तबीयत भी ठीक नहीं है यहां सारे लोग मुझे रोक रहे हैं और इस टाइम उन्हें मेरी जरूरत है मैं उसे इस हालत में छोड़कर नहीं आ सकता इसलिए मुझे घर आने में सुबह हो जाएगी मेरे मेरे पति ने रात भर वहीं रुकने की बात कही थी मैं तो उनकी बात सुनकर बहुत घबरा गई थी

 दिन तो जैसे-तैसे गुजर गया था मगर रात तो मेरे लिए बड़ी मुश्किल से गुजरने वाली थी अब उनकी भी मजबूरी थी इसलिए वह घर नहीं आ सकते थे क्योंकि मेरी ननद उनकी इकलौती बहन थी इसलिए ऐसे कठिन वक्त में भाई का साथ होना बहुत जरूरी था मेरे पति रात भर के लिए वहीं पर ही रुक गए थे हालांकि मुझे अपने पति की हरकत पर गुस्सा भी आ रहा था गुस्सा मुझे सिर्फ सुनील के इस घर में होने की वजह से ही आ रहा था

 वरना मेरे पति अपनी बहन को कितना ही टाइम दे मुझे इससे कोई मतलब नहीं था क्योंकि मैं बहन भाइयों में दरार पैदा करना नहीं चाहती थी मैंने हमेशा ही रिश्तों की बहुत कदर की थी गुस्सा तो मुझे आ रहा था मगर मैंने कॉल पर अपने पति से कुछ नहीं कहा था क्योंकि ऐसे टाइम पर मेरा कुछ कहना कोई मतलब नहीं रखता था कसूर तो मेरा ही था मैंने अपने पति के सामने हमेशा ही इस लड़के की अच्छाई दिखाई थी

 और जो मैं महसूस करती रही थी उस बात को भी मैंने उनसे छुपाए रखा था अगर मैं उनको हर बात से आगाह कर देती तो शायद आज यह नौबत ना आती अब वह भी सुनील पर भरोसा करके वहां पर रुक गए थे अगर उन्हें उसकी हरकतों के बारे में पता होता तो वह कभी भी ऐसा नहीं करते जबकि वह तो इसे धक्के मारकर घर से निकाल देते उन्होंने मुझसे कहा था कि रात को अंदर वाला पोर्शन लॉक कर लेना फिर वह लड़का बाहर स्टोर रूम में ही पड़ा रहेगा शायद सुनील ने कॉल पर बातें सुन ली थी मैंने उससे कह दिया था कि आज मैं रात का खाना नहीं बना सकती 

इसलिए तुम जाकर सो जाओ मैं उठकर अपने कमरे में जाने लगी थी अब मैं यह बात छुपा नहीं सकती थी कि मेरे पति आज रात भर नहीं आएंगे क्योंकि वह लड़का सब कुछ जान चुका था और खाली घर उसके सामने था हम दोनों के अलावा घर में कोई भी नहीं था मेरे बारे में भी उसे अच्छी तरह से पता था कि मैं एक डरपोक और कमजोर लड़की हूं जबकि मेरी आंखों में उस रात का नजारा ठहरा हुआ था

 जब चांद की रोशनी में आधी रात को मैंने सुनील को देखा था डर की वजह से मेरी तो हालत खराब हो रही थी जल्दबाजी करने की वजह से मैं यह भूल गई थी कि मुझे तो सुनील को स्टोर रूम में भेजकर बाकी पोर्शन को लॉक करना था मैं कमरे में पहुंची तो बिस्तर पर लेट गई थी मैं समझ नहीं पा रही थी कि मैं अपनी मदद के लिए किसको बुलाऊं मेरा मायका भी दूसरे शहर में था और ससुराल का भी कोई इस शहर में नहीं रहता था 

जिसे मैं अपने पास बुला ले ती और जो मेरे ससुराल वाले थे वह भी मेरी ननद के पास गए हुए थे पड़ोसियों को मैं ज्यादा घर में घुसने नहीं देती थी सिर्फ बराबर वाली पड़ोसन के अलावा आज मुझे अफसोस हो रहा था कि मैंने इस लड़के के साथ हमदर्दी जताते हुए कितनी बड़ी गलती कर दी थी हालांकि मेरी शादी से पहले मेरे घर वालों ने इसी तरह की एक हमदर्दी का बहुत बुरा नतीजा भुगता हुआ था 

उससे भी मैंने कोई सबक नहीं लिया था दरअसल मेरे भैया ने भी अपने एक दोस्त को उसके माता पिता के मरने के बाद हमदर्दी में उसे हमारे घर किराएदार के तौर पर घर में रहने के लिए जगह दे दी थी और कहा था कि जल्दी ही मेरा दोस्त शादी करने के बाद अपनी पत्नी के साथ दूसरे घर में शिफ्ट हो जाएगा और अपने लिए नया मकान खरीद लेगा जब तक वह अकेला है तब तक हम लोगों के साथ ही रहेगा मगर अभी वह अपने पुराने घर में नहीं जा सकता वह अपने माता-पिता के साथ रहता था क्योंकि वह घर किराए का था

 और अब वह हमारे यहां भी किराए पर ही रहने लगा था हमने तो उसको अपनी फैमिली मेंबर जैसा समझ लिया था वह खाना भी हम लोगों के साथ ही खाता था और हम उसके सारे काम किया करते थे फिर कुछ महीनों बाद भैया का वही दोस्त अकेले घर में मौका मिलने पर मेरी दीदी के साथ जबरदस्ती करने लगा भगवान की कृपा से हमारी किस्मत अच्छी थी कि लास्ट मोमेंट पर मेरे पापा ने आकर उसे पकड़ लिया था

 क्योंकि वह किसी काम से घर वापस आ गए थे और मेरी दीदी को बचा लिया था भैया का वह दोस्त घर से भाग गया था और दोबारा कभी पुलिस को भी नहीं मिला था मैं तो इतना बड़ा धोखा खाने के बाद भी सुनील के साथ हमदर्दी कर बैठी थी और अब डर की वजह से कमरे में ही पड़ी हुई थी रात गहरी होती चली जा रही थी अचानक मेरे कमरे का दरवाजा खुला तो मैं घबरा गई थी 

यह देखकर मैं शोक रह गई थी कि मेरे सामने कोई और नहीं बल्कि वही लड़का सुनील खड़ा हुआ है वह मेरे कमरे में आ गया था मैं उसे बे यकीनी से देख रही थी वो लाचार था जो जो पहले लंगड़ा हुआ चलता था लेकिन इस टाइम तो वह बिल्कुल नॉर्मल सा लग रहा था मेरी हैरानी करने पर तो वह अचानक से कहने लगा कि मैं लाचार नहीं हूं मैंने आपसे झूठ बोला था ताकि मुझे आपके घर में रहने के लिए जगह मिल जाए वह मुझे खाना देते हुए कहने लगा कि आपका मूड नहीं था

 तो इसलिए आज मैंने खाना बना लिया मैं उसकी इस हरकत पर बहुत परेशान थी वह हमारे घर में आने के लिए लाचारी का झूठ बोल चुका था अब तो वह मुझे अकेला देखकर मेरे कमरे तक भी आ गया था मैं उसे इस टाइम अपने पति की धमकी भी नहीं दे सकती थी मैंने झूठ बोल दिया था कहा था कि खाना ले जाओ मुझे भूख नहीं है मैं अपने भाई का इंतजार कर रही हूं मेरा भाई थोड़ी देर में यहां पहुंच जाएगा तो मैं उसके साथ खाना खा लूंगी

 मुझे लगा कि मेरे भाई के आने का सुनकर वह लड़का डर जाएगा और कमरे से बाहर चला जाएगा लेकिन वह तो मेरी बात पर हैरानी से कहने लगा कि अचानक से आपका भाई कहां से आ रहा है अब तो रात का 1 बज रहा है उसकी बात से साफ जाहिर हो रहा था कि उसे मेरी बात सुनकर मेरी बात का कोई यकीन नहीं हुआ था 

मैं कहने लगी कि मेरे पति ने वहां पर रुकते ही मेरे भाई से कह दिया था कि शाम को वह अपने घर से निकलकर यहां आ जाए मेरा भाई बस थोड़ी देर में पहुंचने ही वाला होगा मैंने गुस्से से उस लड़के को कहा था कि मेरे घर के मैटर में इंटरफेयर मत करो और अपने काम से काम रखा करो अपने कमरे में चले जाओ मैं गुस्सा करके सुनील को अपने कमरे में भेजना चाह रही थी मगर उसने तो उठकर कमरे के दरवाजे को अंदर से लॉक कर लिया 

मुझे लग रहा था कि वह जा रहा है लेकिन उसने तो दरवाजा ही बंद कर लिया था उस रात मुझे अपनी गलती पर बहुत पछतावा हो रहा था और एहसास भी हो रहा था कि गलती मेरी ही है मगर मैं कुछ नहीं कर पाई थी क्योंकि जिसका मुझे डर था वही हुआ था सुनील मेरी इज्जत को खराब कर चुका था मेरी लाख कोशिश करने पर भी कोई मेरी मदद करने वाला नहीं था और उसने अपना काम कर लिया था 

अगली सुबह मैं डर से रो रही थी जब सुनील ने मुझे अपने बारे में बताया उसकी बातों ने तो मेरे होश उड़ा दिए थे सुबह के 6:00 बज रहे थे और सुनील 7:00 बजे तक घर से निकल गया था मेरे पति जब आधा घंटा बाद घर पर वापस आए तो मेरी हालत देखकर परेशान हो गए थे मेरी हालत बहुत ज्यादा खराब हो रही थी वह घबरा गए और मुझे संभालने लगे मेरे पति ने सुनील को आवाज लगाई थी तो पता चला कि वह तो हमारे घर से भाग चुका है है वह घर में है ही नहीं मेरे पति उलझ गए थे

 उन्हें लगा कि सुनील कहीं बाजार गया होगा जबकि मैं जानती थी कि वह लड़का घर से भाग गया था मैं बुरी तरह से रोती रही थी मेरे पति कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि मैं क्यों रो रही हूं और मैं अपने पति को सब कुछ बताने के काबिल नहीं रही थी मेरी गलती यह थी कि मैंने घर के मर्द से पूछे बिना ही इस जवान लड़के को अपने घर में रखा हुआ था 

और शाम तक जब सुनील घर वापस नहीं आया तो मेरे पति पति समझ गए थे कि कुछ तो बुरा हुआ है और फिर मेरा इस तरह से लगातार रोना यह भी उनको शक में डाल रहा था उसका गायब होना मेरे पति को शक में डाल चुका था वह मुझसे बार-बार पूछ रहे थे कि मेरे पीछे क्या हुआ मेरी हालत बिगड़ती चली जा रही थी मैं अपने पति को कुछ भी बताने के बजाय जिद करने लगी कि आप मुझे मेरे मायके में छोड़कर आ जाओ 

क्योंकि मुझे अपनी बेचैन हालत डरा रही थी मैंने अपने पति से बहुत जिद की थी और मैं बार-बार रो रही थी मुझे ऐसे रोता हुआ देखकर मेरे पति ने हार मान ली थी और वह मुझे मेरे मायके छोड़ने पर तैयार हो गए थे और मुझे भरोसा दिलाया कि वह सुबह ही मुझे मेरे मायके ले जाएंगे रात को जाना हमारे लिए ठीक नहीं था क्योंकि मेरी मां का घर तो वैसे भी दूसरे शहर में था मुझे अपने पति के मान जाने पर थोड़ी तसल्ली हुई थी 

और फिर मैं चुप हो गई थी मगर मेरा दिल बुरी तरह से डरा हुआ था मैं अपने पति को नहीं बता पाई थी कि मेरे साथ क्या हो चुका है किसी भी तरह से मैं इस घर से जल्द से जल्द भागना चाहती थी मगर उस रात मेरी जिंदगी ऐसे बर्बाद हुई कि मेरे लिए जीना दुश्वार हो गया था मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी जिंदगी इस तरह से बर्बाद हो जाएगी उस रात हमारे घर में चार आदमी घुस आए थे वह चारों ही बदमाश थे और हमारे घर में जबरदस्ती घुसकर उन्होंने मेरे पति का गिरेबान पकड़कर पूछा कि वह लड़का कहां है

 जो हमारे घर में इतने दिनों से रह रहा था मैं और और मेरे पति बहुत परेशान हो गए थे क्योंकि वह लड़का हमारे घर से भाग गया था और वह चारों बदमाश हमारे घर में घुसकर उसी लड़के को तलाश करने आए थे और कह रहे थे कि हमें किसी भी हाल में वो लड़का चाहिए मेरे पति ने मानदार से उन्हें बता दिया था कि व लड़का कल तक हमारे घर पर ही था मगर आज सुबह से ही गायब है हम तो खुद भी नहीं जानते कि वह कहां चला गया

 मुझे बहुत डर लग रहा था और मैं रो रही थी मेरी आंखों से आंसू निकल रहे थे कि एक परेशानी खत्म नहीं हुई थी और एक और परेशानी हमारे सर पर आ गई थी मेरे पति ने सच बता दिया मगर उन बदमाश आदमियों को मेरे पति की बात पर यकीन नहीं आ रहा था वह कहने लगे कि तुम उस लड़के को छिपा रहे हो और झूठ बोल रहे हो बताओ कहां है वो लड़का वरना हम तुम्हें जान से मार देंगे यह बात सुनकर तो मैं डर गई थी 

क्योंकि वह चारों ही देखने में बहुत ज्यादा डरावने थे उन्होंने कहा कि हमें पैसों का लालच नहीं है मगर हमें वह लड़का किसी भी हाल में चाहिए मैंने डरते डरते उन लोगों को बताया था कि शायद वह जान चुका था कि आप लोग उसका पीछा कर रहे हो इसलिए वह भाग गया हमें उसके बारे में कुछ नहीं पता वह बदमाश हमारे लगातार इंकार करने पर गुस्सा हो गए थे फिर उन्होंने हमारे घर की तलाशी लेना शुरू कर दी थी

 मेरे पति को तो उनकी इस हरकत पर गुस्सा आ गया था लेकिन मुझे डर लग रहा था कि कहीं मेरे पति की तबीयत खराब ना हो जाए वह वैसे भी हार्ड पेशेंट थे और इस टाइम उनका चेहरा पीला पड़ रहा था मेरे पति ने गुस्से से उन चारों बदमाशों से कहा कि हमारे घर से निकल जाओ वरना हम पुलिस को बुला लेंगे और चारों बदमाश मेरे पति की बात पर गुस्सा करने लगे थे और फिर वह धीरे-धीरे हमारे करीब आए कहने लगे कि लगता है तुम्हें अभी तक आईडिया नहीं हुआ कि हम कौन हैं 

हम लोग एक खुफिया गैंग से ताल्लुक रखते हैं और जो लड़का तुम्हारे घर में इतने दिनों से रह रहा था वह हमारे लिए ही काम करता था लेकिन वह काफी दि नों से हमें धोखा दे रहा था हमारा माल कहीं और सप्लाई कर रहा था और पैसे लाकर तुम लोगों को देने लगा था तभी तो वह यहां से भाग गया तुम हमें पुलिस की धमकी दे रहे हो हम पुलिस से नहीं डरते और अगर तुमने हमसे जुबान लड़ाने की कोशिश की तो नुकसान तुम्हारा ही होगा 

इसलिए खामोशी से हमें बता दो कि वह लड़का कहां पर है तुमने ही उसे कहीं पर छुपाया है मेरे पति उनको बार-बार यकीन दिला रहे थे कि हमें उसके बारे में कुछ नहीं पता कि वह कौन था और कहां रहता था और वह किसको पैसे देता था क्या काम करता था हमें उसके बारे में कुछ भी नहीं पता वह तो हमारे घर पर काम करता था बाजार से थोड़ा बहुत सामान ला दिया करता था तो इसलिए हमने उसे अपने घर में रहने के लिए छोटा सा स्टोर रूम दे दिया था बाकी उससे हमारा कोई मतलब नहीं था

 और कभी-कभी हम उसे थोड़े बहुत पैसे भी दे दिया करते थे हम नहीं जानते कि वह कहां काम करता था और क्या काम करता था और कहां चला गया आप लोग हमारे जबरदस्ती प पीछे पड़ रहे हो हम ईमानदार और शरीफ लोग हैं वह लोग मेरे पति की बात ही नहीं मान रहे थे मैं अपने पति को खामोश रहने के लिए कह रही थी मगर वह यह सब बर्दाश्त नहीं कर पा रहे थे

 उनको गुस्सा आ रहा था और वह बार-बार उन लोगों को बता रहे थे कि हमें उसके बारे में कुछ नहीं पता इन चारों बदमाशों का हमारे घर में घुसकर गुंडागर्दी करना मेरे पति का इस बात से गुस्सा बढ़ता चला जा रहा था मेरे पति ने जब उनके धमकाने पर भी उन्हें गुस्से से देखा और उन्हें घर से निकलने के लिए कहा तो एक बदमाश को बहुत गुस्सा आ गया और उसने अचानक पलटकर अपनी बंदूक से मेरे पति के सीने पर फायर कर दिया था

 यह सब देखकर तो मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी मैं चिल्लाने लगी थी और भागकर अपने पति के करीब गई मगर मेरे पति तो खून से लथपथ होकर जमीन पर गिर चुके थे मैं बहुत ज्यादा रो रही थी और चिल्ला रही थी पर कोई भी हमारी मदद के लिए नहीं आ रहा था क्योंकि आधी रात का टाइम हो रहा था और इस टाइम पर सब लोग गहरी नींद में सो रहे होते हैं वह लोग तो मेरे पति को मारने के बाद हमारे घर से चले गए थे 

मैं रोते हुए अपने पति के करीब बैठी थी कोई भी मेरा साथ देने वाला नहीं था मेरा पति मुझे इस दुनिया से छोड़कर जा चुका था और मैं अपने पति की लाश के पास बैठी रही मेरी अंधी हमदर्दी ने मुझे ऐसा नुकसान दिया था जिसकी भरपाई करना मेरे लिए बहुत मुश्किल था बल्कि इसकी भरपाई मुमकिन ही नहीं थी सुनील नाम के लड़के की अजीब अजीबोगरीब हरकतों के बारे में मुझे पता चल गया था 

लेकिन फिर भी मैंने कोई एक्शन नहीं लिया था अगर मैं यह सब कुछ पुलिस को बता देती तो आज मेरे पति की जान नहीं जाती दरअसल उस रात चांद की रोशनी में मैंने उसे पिस्टल में गोलियां डालते हुए देख लिया था वह भी इस गैंग का हिस्सा था जिस गैंग के आदमी ने मेरे पति को मारा था मैं इसी बात से डरती रही थी और खामोश रही व लड़का मेरी इज्जत के साथ भी खेल गया था और उसकी वजह से मेरे पति की भी मौत हो गई थी 

यह सदमा मेरे लिए बहुत बड़ा था जब मेरे पति घर पर नहीं थे तो उस लड़के ने मुझे कमरे में बंद कर दिया था और सारी रात मेरी इज्जत के साथ खिलवाड़ किया था और फिर उसने मुझे अपनी हकीकत के बारे में भी बताया था कि वह कौन है और कहां से ताल्लुक रखता है मैं तो बहुत ज्यादा डर गई थी जब उसने मुझे इतना डरते हुए देखा था तो मुझे अपनी सारी सच्चाई बता दी थी वह खुफिया गैंग का हिस्सा था

 वह गलत तरीके से से कमाता था उसने किसी का मर्डर किया था जिसकी वजह से पूरे शहर की पुलिस उसे ढूंढ रही थी और वह छुप चाहता था इसलिए वह हमारे घर में छुप गया था वह झूठ बोलकर कई महीनों तक हमारे घर में रहा रातों को उठकर वह अंदर आकर छुप जाता था क्योंकि पुलिस को शक हुआ था कि वह इधर के एरिया में कहीं छुपा हुआ है पर जब मैं बाहर से उससे कोई सामान मंगवा द तो वह घर से नॉर्मल निकलता था

 लेकिन घर से निकलने के बाद वह अपने चेहरे को अच्छी तरह से छुपा लिया करता था ताकि कोई उसे पहचान ना सके और यही वजह थी कि वह जल्दी ही सारा सामान लेकर आ जाता था मैं अपने पति की दवाई मंगवा थी इसलिए वह जान गया था कि मेरे पति हर रात नींद की दवाई खाकर सोते हैं यह बात जानने के बाद वह खामोशी से हमारे घर के अंदर वाले पोर्शन में आकर छुप जाता था वह एक दिन बाजार में आते-जाते पुलिस की नजरों में आ गया था 

इसलिए वह पुलिस के डर से खुद को बचाने के लिए सारी रात मेरे कमरे में बैठ रहा था और फिर मौके का फायदा उठाते हुए उससे मेरी खूबसूरती देखकर रहा नहीं गया इसलिए जाते-जाते वह मेरे साथ भी गलत कर गया था उसके बाद वह भाग गया था उसकी वजह से हमें बहुत नुकसान पहुंचा था मैंने सोच लिया था कि भगवान उसे कभी माफ नहीं करेगा मेरे पति की मौत हो गई थी

 और मैं तो सच जानने के बाद भी अपने पति को और खुद को महफूज रखने के लिए कुछ दिन अपनी मां के घर जाकर रहना चाहती थी लेकिन मुझे नहीं पता था कि आज का दिन मेरे पति की जिंदगी का आखिरी दिन होगा और मैं इतनी कम उम्र में ही विधवा हो जाऊंगी मैं विधवा होकर अपने घर आ गई थी मेरे पति का अंतिम संस्कार हो चुका था मेरी जिंदगी उजड़ गई थी

 मैं आप सब लोगों से रिक्वेस्ट करना चाहती हूं कि हमदर्दी और किसी की मजबूरी को समझने की वजह से आप लोग मेरे जैसी गलती ना करें क्योंकि किसी की भी मदद करना सिर्फ एक हद में ही अच्छा लगता है किसी पर इतना ज्यादा भरोसा नहीं करना चाहिए कि उसके साथ हमदर्दी करने पर हमें सिर्फ और सिर्फ नुकसान पहुंचे और खास तौर पर अपने घर के आदमियों को तो इस बारे में जरूर बताना चाहिए 

उनसे पूछे बिना कोई भी फैसला नहीं लेना चाहिए ना ही उनसे कोई बात छुपानी चाहिए वरना आपका घर भी इसी तरह से उजड़ जाएगा जैसे कि मेरा उजड़ गया ऐसा सिर्फ मुझ जैसी लापरवाह औरतों की वजह से ही होता है मैं आज भी भगवान से रो-रोकर प्रार्थना करती हूं कि उन दरिंदों के साथ भी बहुत बुरा होना चाहिए और खासकर तो सुनील जिसने मेरी पूरी जिंदगी को तबाह कर दिया 

पुलिस ने उन लोगों को तो अरेस्ट कर लिया जिन्होंने मेरे पति को मारा था लेकिन सुनील अभी भी लापता है पुलिस अपना काम जारी रख रही है पुलिस सुनील को ढूंढने की बहुत कोशिश कर रही है और मैं भगवान से प्रार्थना करती हूं कि एक ना एक दिन वह घटिया इंसान भी पुलिस के हाथ लग जाएगा और उसे सजा मिलकर ही रहेगी क्योंकि भगवान के अंदर देर है पर अंधेर नहीं है मैं अब अपनी मां के घर में रह रही हूं

 और इस बात को एक महीना गुजर गया आप लोग भी प्रार्थना कीजिए कि सुनील जल्दी ही पकड़ा जाए और उसे उसके जुर्म की सजा मिल जाए आखिर उसे भी तो पता चलना चाहिए कि किसी का भरोसा तोड़ने की क्या सजा होती है तो इस कहानी के बारे में आपकी क्या राय है आप हमें कमेंट करके जरूर बताइएगा | 

 

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