भगवान ऐसे सास ससुर किसी को न मिले | Manohar Kahaniyan Book | Best Story In Hindi

Manohar Kahaniyan Book : 

मेरा नाम देविका है मेरे ससुर सास को घर से ठीक हालत में लेकर जाते थे उनका कहना था कि अपनी पत्नी को किसी रिश्तेदार के घर लेकर जा रहा हूं लेकिन जब वह लोग वापस आते तो मेरी सास बेहोश होती थी और उनके शरीर पर बहुत सारे घाव होते थे मैं अपने ससुर से पूछती कि आखिर क्या बात है मम्मी जी के शरीर पर इतने घाव कैसे आ गए 

 

मेरे ससुर जी कहते थे कि तुम्हारी सास का एक्सीडेंट हो गया है पर मुझे घाव डेंट वाले नहीं लगते थे मुझे अपने ससुर पर शक होने लगा था हालांकि मेरी सास भी मुझे कुछ नहीं बताती थी जब एक बार मैं अपने सास ससुर के घर से निकलते ही उनका पीछा करने लगी तो वह दोनों एक ऐसी जगह पर गए

 

 जहां पहुंचते ही मेरे पैरों तले से जमीन निकल गई थी क्योंकि वहां पर तो मैं काफी दिनों से देख रही थी कि मेरी मम्मी का बिहेवियर मेरे साथ बदला हुआ था हम तीन भाई बहन थे और मैं अपने दोनों भाई बहनों से छोटी थी मेरी दीदी की तो शादी हो चुकी थी जबकि भैया अभी जॉब ढूंढने में बिजी थे मैं अपने घर की सबसे लाडली थी मेरे पापा मुझे बहुत प्यार करते थे 

 

जबकि मेरी मम्मी सबसे ज्यादा प्यार मेरे भैया को किया करती थी वो भैया के मुकाबले हम दोनों से कम ही प्यार करती थी पापा मेरी सारी जिद पूरी किया करते थे इसलिए हर बार मम्मी उनको कहती थी कि आपने अपनी बेटी को बिगाड़ दिया है और इस बात पर पापा मम्मी को डांट दिया करते थे रात के समय में छत पर बैठी हुई थी जब मम्मी मेरे पास आकर बैठ गई और और मुझे घोर कर देखने लगी

 

 क्योंकि मैं एक लड़के को पसंद करती थी वह मेरी दोस्त का भाई था उसने मुझे प्रपोज किया था तो मैंने उसे बोल दिया था कि अगर मैं तुम्हें पसंद हूं तो तुम मेरे घर पर रिश्ता भेज दो वो लड़का मेरे घर रिश्ता भेज चुका था जिस टाइम पर लड़के के माता-पिता आए थे उस समय मैं घर पर मौजूद नहीं थी हालांकि उसके माता-पिता ने मुझे पहले ही देखा हुआ था क्योंकि उनकी बेटी मेरी बेस्ट फ्रेंड थी

 

 मैंने तो कुछ भी नहीं किया था फिर ना जाने मम्मी मुझे इस तरह से क्यों क घूर रही थी मुझे कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था वह हमेशा की तरह मुंह भुलाती हुई कहने लगी कि मैं सोच रही हूं कि ना जाने तुम किस पर गई हो जो इतनी जिद्दी और बदतमीज हो तुम्हारी वजह से मुझे हर किसी की बातें सुनाई पड़ती हैं मैंने गहरी सांस भर के मम्मी से कहा आखिर आपको क्या हो गया है 

 

मुझे मम्मी की बातों से उलझन होने लगी थी क्योंकि मुझे घुमा फिराक बातें करना नहीं आता था और घुमा फिरा करर बातें करने पर मम्मी मुझे उलझा जा रही थी ना जाने मेरी मम्मी ऐसी बातें क्यों कर रही है मैं मम्मी के पास से उठकर जाने लगी तो उन्होंने मुझे हाथ से पकड़कर दोबारा चारपाई पर झटक कर बैठा लिया और कहने लगी तुम्हारा उस लड़की के साथ चक्कर चल रहा है

 

 जिसके घर से तुम्हारा रिश्ता आया है मैंने कहा मम्मी रिश्ता आने से भी आपको कोई प्रॉब्लम है मेरा उससे कोई चक्कर नहीं चल रहा दरअसल उसने मुझे प्रपोज किया था इसलिए मैंने उसको बोल दिया कि मेरे घर रिश्ता भेज दो मेरे मम्मी पापा को तुम पसंद आ जाओगे तो शादी हो जाएगी वरना नहीं हो हो सकेगी मम्मी कहने लगी कि तुम्हें शर्म नहीं आती लड़के से इस तरह बात करते हुए 

 

और तुम आज के बाद अपनी उस दोस्त के घर नहीं जाओगी मैंने कहा मम्मी आप ये कैसी बातें कर रही हो अवंतिका मेरी बेस्ट फ्रेंड है हम दोनों एक दूसरे के बिना नहीं रह सकते आखिर इसमें अवंतिका की क्या गलती है मम्मी कहने लगी कि तुम नहीं जानती उसके घर का माहौल मुझे पसंद नहीं है तभी तो देखो उसके भाई ने तुम्हें प्रपोज कर दिया और बेशर्म की हरकतें देखी कि उसने रिश्ता भी भेज दिया मैंने मम्मी को समझाया कि आखिर इसमें बेशर्मी वाली क्या बात हो गई 

 

अगर वह चाहता तो मुझे परेशान भी कर सकता था उसने मेरे एक बार के कहने पर ही रिश्ता भेज दिया इसका मतलब यह है कि वह मुझसे प्यार करता है मेरी बात सुनकर मम्मी मुझे डांटने लगी और कहने लगी अभी तुम्हारी प्यार मोहब्बत में पड़ने वाली उम्र नहीं है जो तुम इस तरह की बातें कर रही हो मैंने कहा मम्मी मैं आपकी फालतू की बातों से तंग आ गई हूं अगर उसने रिश्ता भेजा है

 

 तो इसका मतलब यह है कि वह मुझे पसंद करता है और मुझसे शादी का करना चाहता है वैसे भी मैं अवंतिका की फैमिली को और उसके भाई को अच्छी तरह से जानती हूं मुझे वह लोग बहुत पसंद है इसलिए आपका लड़के वालों को जवाब दे देना कि हमारी तरफ से रिश्ता पक्का है मेरी बात सुनकर तो मम्मी को और भी ज्यादा गुस्सा आ गया उन्होंने कहा मन तो करता है कि तुम्हारे मुंह पर थप्पड़ मार दूं

 

 आखिर तुम यह कैसी पागलों वाली बातें कर रही हो तुम्हारे पापा कभी भी इस रिश्ते के लिए तैयार नहीं होंगे मैंने कहा तैयार होना तो सिर्फ आपका है मम्मी पापा को तो मैं मना लूंगी आप आप जानती हो कि मेरे पापा मेरी खुशी के लिए कुछ भी कर सकते हैं मम्मी ने फिर से मेरी बात पर मुंह सिकोल लिया था और फिर वह छत से नीचे चली गई थी यह कहती हुई कि तुम मेरी सबसे बदतमीज बेटी हो जिसे अपनी मां की कोई फिक्र नहीं है

 

 अपनी मम्मी की बातों को तो मैं एक कान से सुनकर दूसरे कान से निकाल दिया करती थी क्योंकि उनका हम दोनों बहनों के साथ शुरू से ही ऐसा बिहेवियर रहा था अगले दिन फिर से मेरी फ्रेंड के मम्मी पापा हमारे घर आए थे उन्होंने रिश्ते के लिए जवाब मांगा था क्योंकि उनको तो मैं पहले से ही पसंद थी यह बात मेरे मम्मी पापा को फाइनल करनी थी कि उन्हें अवंतिका का भाई पसंद है या नहीं उस लड़के का नाम अनंत था

 

 अनंत देखने में बहुत स्मार्ट था और उसका घर भी हमारे घर से बड़ा था मेरे पापा के सामने जब रिश्ते वाली बात आई तो पापा ने रिश्ते के लिए हां कर दी थी क्योंकि मेरे पापा को भी अवंतिका की फैमिली पसंद थी यह रिश्ता होने पर मेरी मम्मी और दीदी का मूड बहुत ज्यादा खराब हो गया था

 

 क्योंकि मेरी दीदी भी घर आ गई थी और उनको भी इस रिश्ते के बारे में सब कुछ पता चल चुका का था मैंने दीदी से कहा दीदी आप कब आई हो मैं अपनी दीदी से बहुत मजाक किया करती थी मैंने कहा आप तो अपने ससुराल में थी मैंने तो आपको आते हुए भी नहीं देखा आपको तो अपने ससुराल में इतने ढेर सारे काम होते हैं आखिर आपको हम लोगों से मिलने के लिए मौका कैसे मिल गया

 

 मैं उनसे यह बात बताते हुए ताना देते हुए कह रही थी तो वह मुझे घूर कर देखने लगी और कहने लगी देविका मुझे तुम्हारी हरकतों के बारे में सब कुछ पता चल गया है मैंने कहा दीदी आपको भी मम्मी ने बता दिया होगा कि मेरा उस लड़के के साथ अफेयर चल रहा है ऐसा कुछ भी नहीं है मम्मी के दिल में गलतफहमी बैठी हुई है लेकिन दीदी थी कि मेरी बात को समझ ही नहीं रही थी फिर मैंने उनको थोड़ा गुस्से से समझाया

 

 क्योंकि आज मैं इस तरह से पहली बार उनसे बात कर रही थी दीदी कहने लगी कि मुझे उम्मीद नहीं थी कि मेरे जाने के बाद तुम इतनी बदतमीज हो जाओगी छोटे बड़े से बात करने की तमीज भी भूल जाओगी तुम जानती भी हो कि मैं तुमसे कितनी बड़ी हूं इसके बावजूद भी तुम मुझसे इस तरी से बात कर रही हो तुम्हें शर्म आनी चाहिए दीदी ने जब मुझे गुस्से से देखा तो मैं भी शर्मिंदा हो गई थी 

 

और मैंने अपनी नजरें झुका ली थी क्योंकि मैं अपनी दीदी से काफी छोटी थी मगर दीदी और मम्मी तो मेरी बात समझने के लिए तैयार ही नहीं हो रही थी उन दोनों को ऐसा ही लगता था कि मेरा उस लड़के के साथ अफेयर चल रहा है पर मैं उन्हें कैसे समझाती वह दोनों मेरी कोई बात सुनने के लिए तैयार ही नहीं थी दीदी कहने लगी तुम जिस घर में शादी करने के सपने देख रही हो ना एक बार वहां चली जा जाओ

 

 उसके बाद तुम्हारी सारी अकड़ और बदतमीजी खत्म हो जाएगी मेरी दीदी ने गुस्से से मेरी तरफ देखकर कहा था मैं हैरानी से अपने दीदी के मुंह की तरफ देखने लगी थी ना जाने कि वह क्या कहना चाहती थी वह ऐसी कौन सी सच्चाई की बात कर रही थी मैंने कहा दीदी क्या मतलब है आपका आप किस सच्चाई की बात कर रही हो मैं भी तो आपकी तरह ही आपकी बहन हूं और इस घर की बेटी हूं

 

 मुझे वह लड़का पसंद है लेकिन मैं आपको कैसे बताऊं कि मेरा उसके साथ कुछ भी गलत नहीं है हां यह बात सही है कि मैं अवंतिका के घर ज्यादा जाती हूं उसने मुझे पसंद कर लिया मगर मेरा उसकी तरफ से कुछ भी नहीं है पता नहीं आप लोगों को क्या हो गया है जो मेरे बारे में ऐसी बातें कर रही हो दीदी मुझे मम्मी से तो ऐसी उम्मीद थी मगर आपसे ऐसी उम्मीद बिल्कुल भी नहीं थी 

 

मुझे लगता था कि आप तो अपनी बहन को समझो गी दीदी ने कहा कि बस खामोश हो जाओ ज्यादा सफाइट नहीं है मैंने दीदी से कहा बस ठीक है मैं अवंतिका की फैमिली को बहुत अच्छे से जानती हूं अ तो मैं उसके भाई के साथ ही शादी करके रहूंगी मुझे आज यकीन हो गया है कि मम्मी और आपको मेरी खुशी से कोई मतलब नहीं है मेरी खुशी सिर्फ मेरे पापा ही समझते हैं 

 

आप दोनों तो पता नहीं अपने दिमाग में क्या सोच लिए बैठी हो अब तो मैंने ठान लिया है कि मेरी शादी उसी घर में होगी अब मैंने भी जिद लगा ली थी यह दोनों मुझे बहुत गलत समझ रही थी इसीलिए जो वह समझ रही थी मैं उनको वैसा ही रूप दिखाना चाहती थी लेकिन मैं यह सोच सोचकर परेशान हो रही थी कि आखिर ऐसी क्या सच्चाई है जिसको मैं भी नहीं जानती थी 

 

फिलहाल मैंने इस बात को अपने दिमाग से निकाल दिया था मेरी दोस्त अवंतिका के माता-पिता बहुत अच्छे लोग थे अब मेरे रिश्ते की बात काफी हद तक बढ़ गई थी मम्मी और दीदी का मूड अभी तक ठीक नहीं हुआ था मम्मी मुझे हमेशा अजीब नजरों से घूरती रहती थी लेकिन पहले दीदी जब भी घर आती थी हम दोनों बहनें बैठकर घंटों बातें करते थे मगर अब तो वह मम्मी के साथ ही बैठकर बातें किया करती थी

 

 उन दोनों की नाराजगी की वजह मुझे समझ नहीं आ रही थी एक दिन मेरी मम्मी और दीदी किचन में खड़ी हुई आपस में बातें कर रही थी मैं जैसे ही किचन में गई तो मैंने उन दोनों को आपस में बातें करते हुए सुना था मेरी दीदी मम्मी से कह रही थी कि शादी से पहले इसे सब कुछ बता दो कि उसके ससुराल वाले कौन हैं क्योंकि इसके ससुराल वाले जिस तरह के लोग हैं वह तो इसके सर पर पहले दिन ही बम फोड़ देंगे

 

 मम्मी दीदी से कहने लगी बेटा मैं इसको ऐसे कैसे बता दूं इतनी ही देर में मैं अंदर चली गई थी मुझे देखकर मम्मी और दीदी घबरा गई थी मैंने उनसे पूछने की कोशिश की कि आखिर आप दोनों किस बारे में बात कर रही हो कुछ तो ऐसा जरूर है जो गलत है और आप दोनों मुझसे छुपा रही हो मम्मी और दीदी की शक्ल बहुत घबराई हुई लग रही थी अचानक बाहर से भैया के चिल्लाने की आवाज आने लगी

 

 हम तीनों जैसे ही बाहर दौड़ कर गए तो यह देखकर हैरान रह गए कि पापा की तबीयत अचानक खराब हो गई थी भैया और दीदी उनको अस्पताल लेकर चले गए डॉक्टर ने बताया था कि ज्यादा गर्मी हो जाने की वजह से मेरे पापा को चक्कर आ गए थे और उनका ब्लड प्रेशर भी लो हो गया था पापा की तबीयत की वजह से हम सब लोग बहुत परेशान हो गए थे मगर डॉक्टर ने कोई परेशानी वाली बात नहीं बताई थी 

 

हम लोगों की जान में जान आ गई थी मगर इस दौरान में इस बात को भूल गई थी कि आखिर व दोनों इस तरह की बातें क्यों कर रही थी इस बात का तो मुझे पूरी तरह से यकीन था कि कोई ना कोई बात जरूर थी जो यह लोग मुझसे छुपा रही थी मेरी दोस्त अवंतिका का फोन आया था वह हमारे इस रिश्ते से बहुत खुश थी और उसका कहना था कि जल्द से जल्द अब वह मुझे अपनी भाभी बनाना चाहती है

 

 अवंतिका के मम्मी पापा अपनी बेटी और बेटे की शादी एक साथ ही करना चाहते थे अवंतिका का रिश्ता दूसरे शहर में लगा था वह तो शादी के बाद इस शहर को ही छोड़कर जाने वाली थी अनंत के पास तो मेरा नंबर पहले ही था क्योंकि कई बार मैं अवंतिका के बारे में पूछने के लिए उसके भाई को कॉल कर चुकी थी

 

 अनंत और मेरे बीच भी अब कॉल पर बातें होने लगी थी हम लोग काफी काफी देर तक एक दूसरे से मैसेज और कॉल पर बातें किया करते थे मैं अपने कमरे में लेटी हुई अनंद से मैसेज पर बात कर रही थी तभी अचानक मम्मी ने आकर मुझे खबर दी थी कि कल तुम्हारे ससुराल वाले शादी की डेट फिक्स करने के लिए आ रहे हैं मैं इस बात पर बहुत खुश हो गई थी अब फाइनली मेरी अनंत के साथ शादी होने जा रही थी

 

 मुझे यकीन नहीं आ रहा था कि यह सब कुछ इतनी जल्दी हो गया अपनी शादी की बात सुनकर तो मेरा दिल जोर-जोर से धड़कने लगा था क्योंकि अब मेरी शादी के दिन करीब आ रहे थे मैं बहुत खुश हो रही थी और मुझे यकीन नहीं हो रहा था कि सच में मेरी शादी हो जाएगी मुझे तो बस अपने ससुराल जाने की बहुत जल्दी थी जिसकी वजह से मुझे शादी की बहुत जल्दी थी मगर मुझे क्या पता था कि मेरे ससुराल वाले कैसे हैं

 

 और वह शादी के बाद मेरे साथ क्या सुलूक करेंगे मेरे साथ-साथ अनंत का भी कुछ ऐसा ही हाल था वह भी बहुत खुश था क्योंकि हम दोनों की शादी में सबसे बढ़कर हिस्सा तो अनंत ने ही लिया था मैं और अनंत अपनी शादी के दिन गिन-गिन करर गुजार रहे थे अब हम दोनों से ही शादी के दिनों का सबर नहीं हो रहा था शादी की तैयारियों में बिजी होने के बाद दिनों का पता ही नहीं चला कि दिन कैसे गुजर गए

 

 और मेरी शादी वाला दिन आ गया मैं विदा होकर अपनी ससुराल आ गई और मेरी दोस्त जो कि अब मेरी नंद बन गई थी वह विदा होकर मुझसे काफी दूर चली गई थी शादी की रात में अपने कमरे में दुल्हन बनी हुई बैठी थी तभी अचानक कमरे में मेरी सांस आई और मुझे देखते हुए कहने लगी कि बहुत अच्छी लग रही हो बहू भगवान तुम्हें हमेशा खुश रखे मेरी सास कहने लगी बहू तुम्हें तो पता ही है कि हमारे बेटे की पोस्टिंग दूसरे शहर में हो गई है

 

 इसलिए वह शादी करने के बाद ज्यादातर घर से बाहर ही रहेगा तुम्हें इस घर में किसी चीज की कमी नहीं होगी इसलिए तुम्हें अनंत के बगैर रहने की आदत डाल लेनी है वैसे मेरा बेटा हर एक हफ्ते में एक दिन के लिए यहां पर आ जाया करेगा फिर काफी देर तक इधर-उधर की बातें करने के बाद मेरी सास कमरे से उठकर चली गई थी मेरी सास की आदत बहुत अच्छी थी व मुझ मुझे पहले ही बहुत पसंद थी 

 

अनंत मेरे पास कमरे में आया तो मेरे लिए गिफ्ट लेकर आया था हम दोनों अपनी शादीशुदा जिंदगी में बहुत खुश थे उसने मेरी बहुत तारीफ की थी क्योंकि मैं बहुत ज्यादा खूबसूरत लग रही थी उसने कहा था कि मैं तुम्हें पहले से ही बहुत पसंद करता था मगर डरता था कि अगर तुमने मुझे रिजेक्ट कर दिया तो फिर मेरी इंसल्ट हो जाएगी लेकिन तुमने और तुम्हारी फैमिली ने मुझे एक्सेप्ट कर लिया

 

 मुझे इस बात की बहुत खुशी हुई है मैंने अनंत से कहा कि तुमने अपनी पोस्टिंग के बारे में मुझे नहीं बताया अनंत कहने लगा कोई बात नहीं इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं है मेरी पोस्टिंग सिर्फ दो महीने की ही है उसके बाद हम दोनों एक साथ यहीं पर खुशी-खुशी रहेंगे और वैसे भी मैं हर हफ्ते में एक चक्कर यहां का लगा लिया करूंगा क्या करूं मेरा काम ही ऐसा है 

 

तुम तो जानती हो ना इस तरह हम दोनों ने अपनी जिंदगी की नई-नई शुरुआत की थी और हम दोनों बहुत ज्यादा खुश थे शादी के बाद एक साथ दो-तीन दिन हमने बहुत प्यार से गुजारे थे फिर उसके बाद मेरा पति अपनी नौकरी के सिलसिले में चला गया था अपने पति को जाता हुआ देखकर मेरी आंखों में आंसू आ गए थे क्योंकि अभी हमारी शादी को दो दिन ही हुए थे और हम दोनों एक दूसरे से जुदा हो गए 

 

अब घर में सिर्फ मेरी सास ससुर ही बचे थे और मैं अपने आप को बहुत ज्यादा अकेला महसूस कर रही थी मुझे अपने दोस्त की भी बहुत याद आती थी वह भी अपनी ससुराल में बहुत खुश थी मेरे लिए अपनी दोस्त की खुशी ही ज्यादा मायने रखती थी इस घर में तो मैं पूरी तरह से अकेली हो गई थी मेरे साथ ससुर तो ना जाने कहां बिजी रहते थे मेरे पति के जाने के बाद तो सास मुझसे किसी तरह की कोई बात ही नहीं करती थी 

 

उनके बदलते हुए बिहेवियर को देखकर मैं बहुत परेशान हुई थी और मेरी नंद की शादी हो जाने की वजह से मैं इस घर में पूरी तरह से अकेली हो गई थी मुझे इस घर में बहुत अकेलापन महसूस होता था मेरी सास तो यह भी नहीं सोचती थी कि घर में बहू अकेली रहती है मैं उसके साथ थोड़ी बहुत बातें कर लेती हूं मगर वह तो अपने पति के साथ ही कमरे से बाहर निकलती थी

 

 और उनके साथ ही कमरे के अंदर घुस जाती थी पता नहीं दोनों पति-पत्नी कमरे के अंदर क्या करते रहते थे मुझे नहीं पता था कि शादी के बाद भी इस तरह से इतनी अकेली पड़ जाऊंगी रात के टाइम पर जब एक दिन मैं अपने कमरे से बाहर निकली तो मेरी सास बाहर आंगन में बैठी हुई थी मैं आंखें फाड़कर हैरानी से अपनी सास को देखने लगी मगर मैंने उनसे कुछ नहीं पूछा थोड़ी देर के बाद मेरी सास और ससुर घर से बाहर चले गए ना जाने वह दोनों कहां गए थे 

 

मैंने आकर घर का मेन गेट अंदर से बंद कर लिया और मैं अपने कमरे में आ गई थोड़ी देर के बाद मैं बेचैन हुई तो मैंने अपनी दीदी को कॉल लगाई बहुत देर के बाद मेरी दीदी ने कॉल रिसीव की थी शायद वह किसी काम में बिजी थी मैंने अपनी दीदी से कहा दीदी क्या हाल है आपके आप तो मुझे भूल ही गई हो मेरी शादी को चार-पांच दिन हो गए लेकिन अभी तक घर वालों में से किसी ने भी मुझे याद तक नहीं किया 

 

मेरी शादी हुई है मैं कहीं दूर तो नहीं चली गई आप लोगों से जो आप लोगों ने मेरी खबर लेना अभी ठीक नहीं समझा मैं अपनी दीदी से बात कर ही रही थी कि अचानक दीदी की तरफ से कॉल कट गई मुझे लगा शायद कॉल गलती से कटी होगी मैंने दोबारा से कॉल की मगर फिर से मेरी दीदी ने कॉल कट कर दी और फिर मेरी दीदी का नंबर स्विच ऑफ जाने लगा मैं हैरान और परेशान होकर अपने मोबाइल की तरफ देखने लगी

 

 मुझे यकीन नहीं आ रहा था कि यह सब कुछ क्या हो रहा है आखिर दीदी ने कॉल कट क्यों कर दी थी मुझे डर लगने लगा था मैं घबरा भी रही थी थोड़ी देर बाद मेरे पति की कॉल आ गई मैंने उनसे कॉल पर बात करते हुए कहा कि अनंत आप घर कब आ रहे हैं मुझे बहुत डर लग रहा है मैं घर में बिल्कुल अकेली हूं ना जाने आपके मम्मी पापा कहां चले गए इससे पहले भी वह आपके जाने के बाद घर से कई बार जा चुके हैं

 

 मैं यहां पर अकेले बोर हो रही हूं मेरे पति ने लंबा सांस भरकर कहा कि तुम परेशान मत हो यहां मेरे पास काम का लोड ज्यादा है जैसे ही मैं फ्री होता हूं मैं घर पर आ जाऊंगा और मैं म पापा से कॉल पर बात करके कह दूंगा कि मेरी पत्नी को अकेला छोड़कर मत जाया करो मेरे पति ने कहा कि चलो मैं अभी काम में बिजी हूं बाद में बात करता हूं मेरे पति ने यह कहकर कॉल कट कर दी थी 

 

मैं घर में इधर-उधर टहल करर अपना टाइम पास कर रही थी उसके बाद में बिस्तर पर जाकर लेट गई ना जाने मेरी कब आंख लग गई मुझे पता ही नहीं चला मेरे सास ससुर घर में किस समय आए थे मुझे कुछ भी नहीं पता मैं तो फिर अगले दिन सुबह को ही सोकर उठी थी सुबह को फिर से जब मैं चाय बना ने के लिए किचन की तरफ गई तो अचानक मैं हैरान रह गई क्योंकि मुझे याद ही नहीं था कि रात मेरी आंख कब लग गई थी

 

 और रात को मैं देर से सोई थी मगर अपनी सास को किचन की तरफ आते हुए देखकर मैं हैरान रह गई थी मैंने बातों ही बातों में अपनी सास से कहा मम्मी जी आप कल कहां चली गई थी मुझे तो आपने कुछ बताया ही नहीं आप बिना बताए ही चली गई थी और यह भी नहीं पता कि आप किस समय आई थी मैं तो सो चुकी थी मैं अपनी सास से सीरियस होकर पूछने लगी 

 

मेरी सास ने गुस्से से से मेरी तरफ देखकर कहा इस बात का तुम्हें हक नहीं है कि तुम मुझसे पूछो कि मैं कहां जाती हूं कहां नहीं आइंदा मुझसे ऐसा सवाल मत करना तुम्हारी बहुत मेहरबानी होगी क्योंकि तुम्हारे सवालों के जवाब मैं नहीं दे सकती अपनी सास के गुस्से भरे शब्द सुनकर तो मैं हैरान रह गई थी कि आज वह मुझसे किस तरह की बातें कर रही थी मैं किचन से बाहर आ गई

 

 बाहर आंगन में रखा हुआ मेरी सास का मोबाइल लगातार बज रहा था मैंने हैरानी से अपनी सास का मोबाइल देखा तो स्क्रीन पर ही मेरी दीदी का नंबर शो हो रहा था मैं हैरानी से सोचने लगी कि अभी तक दीदी ने तो मुझसे ढंग से बात तक नहीं की थी ना कॉल की थी तो फिर वह मेरी सास को कॉल क्यों कर रही थी मैंने कांपते हुए हाथों से कॉल रिसीव की थी मगर दूसरी तरफ से जल्दी-जल्दी मेरी दीदी बोल रही थी 

 

और मैं आंखें फाड़कर अपनी दीदी की बातें सुन रही थी थोड़ी देर बाद मेरी सास पता नहीं किस समय किचन से निकल आई और उन्होंने फौरन ही मेरे हाथ से मोबाइल छीन लिया मगर मेरी आंखों में आंसू आ गए थे मैंने अपने आंसू साफ किए और मैं अपने कमरे की तरफ आ गई जैसे ही मैं कमरे के अंदर दाखिल हुई तो मेरे पति की कॉल आ रही थी

 

 मैंने अपने पति की कॉल रिसीव की और उनसे कहा कि अनंद तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया था कि मैं अपने माता-पिता की सगी बेटी नहीं हूं और यह राज तुम्हारे मम्मी पापा भी जानते हैं जबकि मेरे मम्मी पापा ने मुझे अडॉप्ट किया था आखिर यह सब कुछ क्या चल रहा है मुझे सारी सच्चाई जाननी है मेरी बात सुनकर मेरा पति घबरा गया था मैं रोती हुई अनंत से पूछने लगी तो अनंत मुझे चुप करवाने लगा 

 

और कहने लगा इस बारे में हम कल को बात करते हैं मैं कल घर आ रहा हूं मुझे हैरानी हुई थी कि मेरे पति ने मुझे कुछ बताया क्यों नहीं और फिर कॉल कट कर दी रात के समय में जैसे ही मैं कमरे से बाहर निकली तो आज फिर मेरी सास तैयार थी पता नहीं वह हर रोज अपने पति के साथ कहां जाती थी पीछे से मेरे ससुर भी आ गए मैं अपने साथ ससुर को आंखें फाड़ फाड़ कर देख रही थी 

 

मुझे तो सुबह वाली बात याद आ गई मैंने अपनी सा से इस बारे में कोई बात नहीं की और फिर मेरी सास वहां से चली गई मैं यह सोच सोच कर परेशान हो रही थी कि हर रात मेरे सास ससुर कहां जाते हैं मैं समझ गई थी कि यह दोनों जरूर मुझसे कुछ छुपा रहे हैं मैं उनकी इकलौती बहू थी उन लोगों को मुझे सब कुछ बताना चाहिए आखिर यह लोग कहां जा रहे हैं और कहां नहीं इस बारे में बताना इन लोगों का फर्ज बनता है

 

 लेकिन फिर मुझे अफसोस भी हो रहा था कि आखिर मेरे अपने माता-पिता ने मुझसे इतनी बड़ी बात छुपाई तो फिर यह लोग मेरे कौन हो होते हैं जो मुझे अपने बारे में कुछ बताएंगे मुझे अपने मम्मी पापा पर बहुत गुस्सा आ रहा था पता नहीं मैं कौन हूं किसकी बेटी हूं मैं अपनी आंखों से लगातार आंसू साफ कर रही थी क्योंकि मुझे बहुत रोना आ रहा था

 

 फिर रात के समय लगभग 3:00 बजे के टाइम पर मेरे सास ससुर घर पर आ गए थे मैंने देखा कि मेरी सास की बहुत बुरी हालत हो रही थी मैं जल्दी से अपनी सास की तरफ गई तो यह देखकर हैरान रह गई कि मेरी सास बेहोश थी और मेरे ससुर उन्हें धकेल कर अंदर र की तरफ ला रहे थे मैंने कहा पापा जी आखिर मम्मी जी को क्या हो गया मेरे ससुर कहने लगे कि कुछ नहीं हुआ बस तुम्हारी सास सीढ़ियों से गिर गई थी

 

 इस वजह से चोट आई है मैंने उनसे कहा कि आपने इनको डॉक्टर को नहीं दिखाया तो वह कहने लगे कि मैं दवाई लेकर आया हूं सुबह तक तुम्हारी सांस बिल्कुल ठीक हो जाएंगी यह कहते हुए मेरे ससुर उन्हें अपने कंधे पर लेकर चलते हुए कमरे की तरफ चले गए थे और उन्होंने मेरी सास को बिस्तर पर लेटा के बाद अंदर से दरवाजे को बंद कर लिया था ये दोनों आखिर क्या करते थे

 

 मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था अगले दिन मेरा पति घर आ गया था मैं अपने पति को देखकर बहुत खुश हुई थी क्योंकि एक यही ऐसा इंसान था जो मेरा अपना था कुछ देर तक तो मेरे पति ने आराम किया उसके बाद दोपहर का खाना खाते ही मेरे पति ने कहा कि चलो मैं तुम्हें कहीं घुमाने के लिए लेकर चलता हूं मैं अपने पति के साथ घूमने के लिए चली गई थी

 

 रात के समय जब हम लोग आए तो मेरा पति बहुत थक गया था इसलिए वह कमरे में सोने के लिए चला गया मैं आज फिर जैसे ही कमरे से बाहर निकली तो यह देखकर हैरान रह गई कि आज फिर से मेरी सास तैयार होकर कहीं जा रही थी और पीछे से मेरे ससुर जी भी थे मैंने बड़ी हिम्मत करके आज अपने ससुर से पूछ लिया था कि पापा जी आप रात के समय कहां जा रहे हैं 

 

उन्होंने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि बेटा हम लोग एक पार्टी में जा रहे हैं हमें घर लौटते हुए देर हो जाएगी लेकिन मैं इस बात से परेशान हो रही थी कि कल मेरी सास की तबीयत ठीक नहीं थी वह सीढ़ियों से गिर गई थी तो फिर आज उन्हें पार्टी में जाने की क्या जरूरत थी मेरे ससुर ने कहा कि हमें घर वापस आते हुए देर हो जाएगी इसलिए तुम घर के दरवाजे को अंदर से बंद कर लेना हमारे पास चाबी है

 

 हम लोग खुद खोलकर घर के अंदर आ जाएंगे तुम परेशान मत हो आराम से सो जाओ मेरे ससुर यह बात कहते हुए बाहर की तरफ चले गए और उनके पीछे पीछे मेरी सास भी घर से निकल गई थी मेरे सास ससुर बहुत देर से घर वापस आते थे आखिर ऐसी भी कौन सी पार्टी थी

 

 जो इतनी रात को खत्म होती थी शादी के बाद जिस दिन से मेरा पति घर से गया था तभी से ही मेरे सास ससुर रात को कहीं जाते थे और तो और मेरी सास की भी कंडीशन ठीक नहीं होती थी मैं अभी यह बात सोच ही रही थी तभी अचानक मेरे मोबाइल पर किसी की कॉल आने लगी मेरा मोबाइल कमरे में ही रखा हुआ था मेरा पति गहरी नींद में सो रहा था इसलिए मैंने जल्दी से कॉल रिसीव कर ली

 

 और कॉल मेरी दीदी की ही थी आज अचानक मुझे अपनी दीदी की बात याद आने लगी जो उस दिन वह कह रही थी मेरी दीदी को उस दिन यही लगा था कि मोबाइल मेरी सास के पास था आज ना जाने मेरी दीदी को मेरी याद कैसे आ गई थी मैंने गहरी सांस लेते हुए कॉल रिसीव करने के बाद कट कर दी थी और फिर जब दोबारा से दीदी की कॉल आई तो मैंने कॉल रिसीव कर ली थी

 

 मैंने हेलो बोला तो दूसरी तरफ से परेशानी भरी आवाज में मेरी दीदी ने भी हेलो बोला था मैंने दीदी से कहा क्या हाल है दीदी आज आपने मुझे कैसे याद कर लिया वैसे तो कभी आपने मुझे कॉल नहीं की मैंने सीरियस होकर अपनी दीदी से पूछा था मेरी दीदी कहने लगी कि मैं तुमसे मिलना चाहती हूं मेरी दीदी ने नरम शब्दों में कहा था मैंने दीदी से कहा मुझे आपसे नहीं मिलना क्योंकि आपके साथ मेरा कोई रिश्ता नहीं है 

 

अगर होता तो मैं जरूर आपसे मिलती मैं पहले आपको अपनी बहन समझती रहती थी मगर सारी सच्चाई पता चलने के बाद मुझे लगता है कि आप मेरी बहन नहीं हो और फिर बहनें ऐसा नहीं करती जैसा आपने मेरे साथ किया आपने मुझे कुछ भी नहीं बताया आपने जो कुछ भी किया है वह मैं नहीं भूल सकती और शादी के बाद घर पर किसी ने भी मुझे कांटेक्ट करने की कोशिश नहीं की 

 

और आपने भी मुझसे बात करना ठीक नहीं समझा ऐसे में क्या मैं आपसे कोई बात कर सकती हूं मुझे ना तो आपसे मिलना है और ना ही आपसे कोई बात करनी है मेरी दीदी कहने लगी कि तुम्हें क्या हो गया है क्यों पागलों जैसी बातें कर रही हो तुम्हें तुम्हारे पति ने कुछ नहीं बताया तुम शुरू से ही आधी अधूरी बातों पर विश्वास कर लेती हो तुम्हें तो जिसने बोल दिया बस वही समझना होता है 

 

एक बार मुझसे मिल तो लो तुम्हारी सारी गलतफहमी दूर हो जाएगी मेरी दीदी सीरियस होकर यह बात कह रही थी लेकिन मैंने दीदी से कहा कि मुझे आज के बाद कॉल मत करना और ना ही मुझे आपसे कभी मिलना है मैंने गुस्से में यह कहकर कॉल कट कर दी थी और फिर मैं अपने कमरे में आ गई अचानक मुझे याद आया कि मेरे पति ने मुझसे कहा था कि मैं तुम्हें सब कुछ घर आने के बाद बताऊंगा 

 

लेकिन आज अपने पति के आने की खुशी में मैं उनसे कुछ भी पूछना भूली गई थी अब तो वह गहरी नींद में सो रहे थे इसलिए मैंने फैसला कर लिया था कि मैं अपने पति से कल को सब कुछ पूछकर ही रहूंगी अगले दिन सुबह के टाइम पर मेरे पति नाश्ता कर चुके थे रात के समय उन्हें दोबारा से दूसरे शहर जाना था इसलिए मैं सोच रही थी कि इससे अच्छा मौका मेरे पास उनसे बात करने का नहीं होगा 

 

मैंने अपने पति से बहुत प्यार से कहा कि अनंत आपने मुझे अभी तक नहीं बताया कि मेरी सच्चाई क्या है मैं कौन हूं अनंत मेरे सवाल पर इधर-उधर की बातें करने लगे थे पर आज मैं सब कुछ जानना चाहती थी पहले मेरे पति ने मेरे हाथ पर हाथ रखा और कहने लगे कि मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं मैं तुम्हें यहां से कहीं दूर लेकर जाना चाहता हूं मैं अपने पति की बात बड़े गौर से सुन रही थी

 

 मगर इस बात पर हैरान हो गई कि वह मुझे यहां से दूर क्यों लेकर जाना चाहते हैं मेरे पति ने कहा कि सही वक्त आने पर मैं तुम्हें सारी सच्चाई बता दूंगा तुम्हें तुम्हारे सारे सवालों का जवाब मिल जाएगा मेरा पति यह कहकर घर से बाहर चला गया मैं अपने पति की तरफ पलटकर हैरानी से देख रही थी आखिर यह सब कुछ क्या हो रहा था इतने सारे सस्पेंस थे इस घर में मेरी कुछ समझ नहीं आ रहा था 

 

आज रात फिर से मेरे सास ससुर घर में आए थे मेरी सास बेहोश थी और मेरे ससुर उन्हें कमरे के अंदर ले जा रहे थे मैं हैरानी से अपने ससुर की तरफ देखने लगी और घबराकर पूछने लगी कि मम्मी जी को क्या हो गया मम्मी आज भी बेहोश कैसे हो गई मेरे ससुर ने फिर से मुझे देखा और कहने लगे कि बेहोश नहीं है सो रही है उन्होंने यह कहकर मुझे और कोई जवाब नहीं दिया

 

 और वह मेरी सास को कमरे के अंदर लेकर चले गए मैं हैरानी से अपने ससुर की तरफ देखने लगी मेरे ससुर तो कमरे के अंदर चले गए और फिर मैं भी अपने कमरे में आ गई थी मेरे पति का रात के समय जाना कैंसिल हो गया था इसलिए उन्हें अगले दिन सुबह में जाना था मैं कमरे में आई तो यह देखकर हैरान रह गई कि मेरा पति अभी तक जाग रहा था मगर वह क्यों जाग रहा था

 

 यह बात मेरी समझ नहीं आई थी मैं उनसे पूछने ल तो वह कहने लगे कि कुछ नहीं बस अचानक से आंख खुल गई थी मेरा पति जमाई लेता हुआ कहने लगा कि तुम बाहर क्यों गई थी मेरे पति की शक्ल बता रही थी कि वह जबरदस्ती जाग रहा है मैंने कहा कुछ नहीं आपकी मम्मी पापा भी बाहर से घर में वापस आए हैं तो मैं उन्हें ही देखने के लिए गई थी मेरा पति नॉर्मल अंदाज में बिस्तर पर जाकर लेट गया था 

 

मुझे हैरानी हुई थी कि अनंत ने अपनी मम्मी पापा के बारे में अभी तक कुछ पूछा ही नहीं था और मैं काफी दिनों से यह बात भी नोटिस कर रही थी कि जब से मेरी शादी हुई थी मेरा पति अपने मम्मी पापा से कोई बातचीत नहीं करता था हालांकि जब अपने दोस्त से मैं मिलने के लिए आई थी तब यहां पर सब कुछ बिल्कुल नॉर्मल रहता था 

 

जब से हम दोनों की शादी हुई थी इस घर का माहौल मुझे काफी बदला हुआ लग रहा था अचानक आधी रात के समय मेरी आंख खुली तो यह देखकर मैं हैरान रह गई कि बिस्तर पर मेरा पति मौजूद नहीं था और दरवाजे पर कोई दस्तक दे रहा था मैं दरवाजा डरते डरते खोलने गई तो यह देखकर हैरान रह गई मेरी दीदी घर के अंदर आई थी उन्होंने मुझसे कहा कि शोर मत करना

 

 प्लीज मेरी बात सुन लो मैंने जल्दी से उन्हें घर के अंदर ले लिया मैंने कहा दीदी इतनी रात को क्या हो गया है आप यहां पर क्या कर रही हो मैं इस बात को भूल चुकी थी कि मेरा पति भी घर में मौजूद नहीं था दीदी तो मुझ पर बरसने लगी थी और कहने लगी कि आजकल तुम कॉल पर बहुत ज्यादा दिमाग खराब करने लगी हो तुमने कुछ ज्यादा ही बातें बोल दी थी

 

 इसलिए तुम अब मेरी बात शांति से सुनो यह बात सच है कि तुम हमारे मम्मी पापा की बेटी नहीं हो जबकि भाई और मैं मम्मी पापा के सगे बच्चे हैं दरअसल तुम्हें तुम्हारी सास ने कहीं से उठाकर मेरी मम्मी के हवाले कर दिया था मेरी मम्मी और तुम्हारी सास आपस में बेस्ट फ्रेंड्स थी यही पूरी सच्चाई है मम्मी पापा ने तुम्हें अपनी औलाद की तरह पाला पोसा क्योंकि तुम बेसहारा थी

 

 उनके दिल में तुम्हारे लिए रहम जाग उठा था यह उनका बहुत बड़ा एहसान है कि उन्होंने तुम्हारी परवरिश की और तुम्हारी शादी कर दी अब तुम्हारे सास ससुर की क्या सच्चाई है इसे तो तुम्हें खुद ही पता लगाना होगा अपनी दीदी की बात सुनकर मैं हैरान रह गई थी कि आखिर मेरे साथ ससुर की क्या सच्चाई है उनके कहने का क्या मतलब है तो दीदी कहने लगी कि तुम खुद इस सच्चाई को पता लगाओगी 

 

तुम अपने सास ससुर का पीछा करना और देखना कि वह कहां पर जाते हैं उसके बाद तुम्हें सब कुछ पता चल जाएगा दीदी कहने लगी मैंने तुम्हें हमेशा अपनी सगी बहन की तरह प्यार किया बस मुझे हमेशा तुम्हारी जिंदगी की फिक्र रहती है भले ही हम दोनों बहनें एक मां से नहीं हैं लेकिन मैं तुमसे बहुत प्यार करती हूं मुझे यह बात बहुत सता रही थी कि तुम मुझसे नाराज हो

 

 इसीलिए मैं तुम्हें सारी बात बताने के लिए आ गई हूं और अब मैं चलती हूं क्योंकि दिन के समय यहां पर तुम्हारे साथ ससुर मौजूद होते हैं इसलिए मैं यहां नहीं आ सकती थी मेरी दीदी ने कहा कि तुम हमेशा अपना ख्याल रखना मैं चलती हूं दीदी यह बात कहकर आधी रात के समय ही मेरे घर से चली गई थी मगर हैरानी की बात यह थी कि घर में मेरा पति भी नहीं था और मेरे साथ ससुर भी नहीं थे 

 

आखिर यह लोग कहां गए थे मेरे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा था मैं घर के आंगन में ही बैठकर इन लोगों का इंतजार कर रही थी आधे घंटे बाद मेरा पति घर के अंदर आ गया था मैंने अपने पति से कहा कि क्या हो गया था आप कहां गए थे तो मेरा पति कहने लगा कुछ नहीं बस तुम कमरे में आकर लेट जाओ यह कहकर मेरा पति गुस्से से बिस्तर पर लेट गया था

 

और सो गया था फिर थोड़ी देर के बाद घर में खटर पटर की आवाजें आने लगी थी तो आज भी मेरे सास ससुर आधी रात को ही वापस आए थे और मेरी सास बेहोश थी उनके शरीर पर काफी घाव थे मैंने उन लोगों को खिड़की से देख लिया था और मैं खामोशी से अपने बिस्तर पर लेट गई थी अब मैंने फैसला कर लिया था कि सारी सच्चाई में खुद ही जानकर रहूंगी दीदी के कहने के मुताबिक मैं इन लोगों का पीछा करूंगी 

 

मेरा पति अभी कुछ दिन रुककर दूसरे शहर जाना चाहता था और मेरे पति का कहना था कि इस बार मैं तुम्हें अपने साथ लेकर जाऊंगा और तुम मेरे साथ ही रहोगी तुम इस घर में नहीं रहोगी अपने पति की बात पर मैं खामोश रही थी आज मैंने फैसला कर लिया था कि मैं आज अपने सास ससुर का पीछा करके ही रहूंगी

 

 इसलिए आज की रात जब मेरे सास ससुर तैयार होकर घर से बाहर निकले तो मैं भी चुपके-चुपके उनके पीछे निकल पड़ी थी और फिर चलते-चलते ये लोग एक ऐसी जगह पर आ गए थे जो पूरा खंडरई थे यह मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि यह लोग क्या कर रहे हैं एक औरत जो मेरी सांस से फाइट कर रही थी और मेरी सांस भी उसे मार रही थी 

 

उस औरत के मारने पर मेरी सास के शरीर पर घाव आ गए थे जिसकी वजह से मेरी सास बेहोश हो जाती थी मुझे समझ आ गया था कि मेरी सांस के शरीर पर घाव क्यों और कैसे आते हैं पर यह सब कुछ क्या हो रहा था मेरी कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था

 

 इससे पहले कि यहां पर कोई मुझे देख लेता मैं फौरन अपने घर आ गई थी मैं जैसे ही घर आई तो मेरे पति नेने मुझे दरवाजे पर ही रोक लिया और उन्होंने कहा कि मैं समझ गया हूं कि आज तुम उनका पीछा करते हुए सब कुछ देख आई हो मैं अपने पति को जागता हुआ देखकर हैरान रह गई थी क्योंकि मुझे तो लग रहा था कि वह सो रहे हैं तभी मैं खामोशी से घर से निकल गई थी

 

 मेरे पति ने कहा मैं जब यहां पर आता हूं तो किसी भी समय सोता नहीं हूं और जागता ही रहता हूं क्योंकि मेरे मम्मी पापा कोई मामूली से लोग नहीं हैं दरअसल यह लोग बहुत ही बड़े ग्रुप का एक हिस्सा है मेरे मम्मी पापा एक गैंग के साथ मिलकर काम करते हैं यह लोग शुरू से ही ऐसा काम करते हैं दरअसल बचपन में जब मुझे यह बात पता चली थी तो मैं इन लोगों से नाराज होकर बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने के लिए चला गया था

 

 इसलिए मैं ज्यादातर अपने घर से बाहर रहता हूं मैंने अपने मम्मी पापा को बहुत समझाया कि वह लोग गलत काम करना छोड़ दे मेरे मम्मी पापा हर तरह की चोरी करते हैं और हर तरह के ड्रग सप्लाई करते हैं और तो और अमीर लोगों के घर जाकर उन लोगों को किडनैप करने के बाद कभी-कभी वह उन्हें मार भी देते हैं ऐसा यह लोग सिर्फ पैसे की खातिर करते हैं 

 

मेरी बहन भी यह बात जानती थी लेकिन मैं तुमसे प्यार करता था इसलिए उसने कभी ये सच्चाई तुम्हें नहीं बताई थी यह सच्चाई अगर तुम्हें पता चल जाती तो फिर तुम मुझसे शादी नहीं करती मेरी फैमिली के बारे में तुम्हारी मम्मी और दीदी भी सब कुछ जानती थी जबकि तुम्हारे पापा इस बात से बिल्कुल अनजान थे मेरे कहने पर मेरे मम्मी पापा जब तुम्हारे घर रिश्ता लेकर गए तो तुम्हारे पापा इस रिश्ते के लिए तैयार हो गए थे 

 

तुम्हारी मम्मी तैयार नहीं हुई थी क्योंकि उन्होंने हमेशा तुम्हें अपनी बेटी की तरह पाला था दरअसल कुछ सालों पहले मेरे मम्मी पापा ने एक फैमिली को लूट लिया था और उनकी बेटी को किडनैप कर लिया था और तुम वही बच्ची हो वह दोबारा से तुम्हें उस फैमिली को नहीं दे सकती थी 

 

उन्होंने तुम्हें मारा तो नहीं पर अपनी फ्रेंड के हवाले कर दिया जो कि तुम्हारी मम्मी थी उन्होंने तुम्हें पाल पोस करर पढ़ाया लिखाया लेकिन अपने दोस्त से सारे संबंध खत्म कर दिए मगर जब तुम बड़ी हुई तो तुमने उनकी ही बेटी को अपनी दोस्त बना लिया और मुझे तुमसे प्यार हो गया इसलिए तुम्हारी मम्मी और दीदी इस रिश्ते से खुश नहीं थी वह चाहती थी कि तुम्हारी शादी मेरे साथ ना हो 

 

लेकिन मैंने उन्हें यह भरोसा दिलाया था कि मैं कभी तुम पर इन लोगों की आंच भी नहीं आने दूंगा यह लोग रात को जाकर अपने गैंग के साथ हर तरह की ट्रेनिंग करते हैं मुझे तुमसे प्यार भी इसलिए हुआ था क्योंकि मैं तुम्हारी स्टोरी बचपन से लेकर अभी तक जानता हूं मैंने फैसला कर लिया था कि मैं तुम्हारे साथ ही शादी करूंगा मगर तुम्हारी मम्मी डर रही थी कि अगर मेरे मम्मी पापा के बारे में तुम्हें पता चल गया तो तुम बहुत बड़ी मुसीबत में फंस जाओगी 

 

इसलिए मैं चाहता था कि मैं तुम्हें यहां से दूर लेकर चला जाऊं दरअसल इन दिनों में घर से बाहर किसी काम के सिलसिले में नहीं गया हुआ हूं मैंने पुलिस को जाकर अपने मम्मी पापा के बारे में सब कुछ बता दिया पुलिस जल्दी ही मेरे मम्मी पापा और उनके पूरे ग्रुप को अरेस्ट कर लेगी और फिर हम लोग यहां से दूर जाकर अपनी जिंदगी बसाएंगे

 

 अपने पति की बातें सुनकर तो मेरे होश उड़ गए थे कि मेरे सास ससुर इतनी उम्र में भी आकर इतने गलत काम कर रहे थे और तो और उन्होंने मेरे माता-पिता को मुझसे अलग कर दिया था फिलहाल मैं अपने सगे माता-पिता के बारे में नहीं जानना चाहती थी मेरे पति ने बताया कि मेरे पापा ज्यादातर शहर से बाहर काम किया करते थे 

 

पापा को सिर्फ इतना पता है कि मेरी मम्मी ने मुझे सड़क से उठाया था उन्हें यह नहीं पता कि किसी का घर उजाड़ने के बाद मेरी सास ने अपने दोस्त के हवाले मुझे कर दिया था इसलिए वह मुझसे बहुत प्यार करते हैं कि उन्होंने किसी दूसरे की बे बेटी को अपने घर में जगह दी मुझे इस बात पर बहुत ज्यादा खुशी थी कि जो इंसान यह बात जानता था कि मैं किसी और की बेटी हूं फिर भी उसने मुझसे सबसे ज्यादा प्यार किया

 

 अपने सगे बच्चों से भी ज्यादा मेरे पति ने अपने दिल पर पत्थर रखकर अपने माता-पिता को पुलिस के हवाले कर दिया था क्योंकि वह बचपन से लेकर अब तक अपने माता-पिता को समझाता रहा था कि वह गलत काम करना छोड़ दे पर उसके माता-पिता ने उसकी एक नहीं सुनी थी और यही वजह थी कि अनंत ने अपनी बहन की शादी दूसरे शहर में की थी

 

 ताकि अवंतिका की शादीशुदा जिंदगी पर अपने माता-पिता की वजह से कोई बुरा असर ना पड़े अब मेरे साथ ससुर और उनका पूरा ग्रुप पकड़ा गया क्योंकि ना जाने वह कब से पुलिस की आंखों में धूल जोक करर इतने सारे क्राइम कर चुके हैं मेरा पति काफी टाइम से उनको पकड़वाने के लिए सबूत इकट्ठा कर रहा था अब फाइनली मेरे सास ससुर पकड़े गए 

 

इतने अच्छे दिखने वाले मेरे सास ससुर इतने बुरे हो सकते थे मैं यह बात नहीं जानती थी मैंने अपनी मम्मी पापा से जाकर मुलाकात की थी और फिर मैं अपने पति के साथ दुबई आ गई अब मेरा पति दुबई में ही नौकरी कर रहा है और मैं अपने पति के साथ खुशी-खुशी जिंदगी गुजार रही हूं दोस्तों उम्मीद करती हूं आपको हमारी कहानी पसंद आई होगी 

 

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