देवर ने मुझे समझा | Heart Touching Story In Hindi | Sad Story In Hindi | Meri Kahaniya Ft 20

Heart Touching Story In Hindi : मैं अपने घर की तरफ आ रहा था रात का समय था वह लड़की मेरे पीछे-पीछे चल रही थी उसकी खुशबू मुझे पागल कर रही थी वह कितनी सुंदर थी इतनी खूबसूरत कि यह कोई सपना था वरना इतनी सुंदर लड़की मेरे पीछे क्यों चल रही होती मैंने उसे घर में ले आया पर मुझे नहीं पता था कि वह कौन है मेरा कोई बुरा इरादा नहीं था मैं उसकी मदद कर रहा था लेकिन मुझे नहीं पता था कि वह मेरे साथ कुछ ऐसा करेगी कि फिर मुझे मदद की जरूरत पड़ जाएगी

 

 मैंने उससे पूछा कि तुम्हारा नाम क्या है तो उसने कहा कि तुम्हें कौन सा नाम पसंद है मैं यह सुनकर हैरान हुआ मैंने कहा यह कैसी बात है तो कहने लगी बताओ ना तुम्हें कौन सा नाम पसंद है मैंने दिल में सोचा और कहा तुम तो मुझे राधा जैसी खूबसूरत लगती हो इसलिए मुझे तो राधा नाम ही पसंद है तो कहने लगी मेरा नाम तो राधा ही है मैं बड़ा हैरान हुआ लेकिन उसकी प्यारी सी मुस्कान ने मुझे कुछ सोचने नहीं दिया 

 

वह जाकर मेरे कमरे में बैठ गई लेकिन और कहां जाती इस घर में तो एक ही कमरा था शायद थक गई होगी मैं बाहर बैठ गया मैंने कहा कि वह अंदर सो जाएगी और मैं बाहर जमीन पर ही सो जाऊंगा लेकिन थोड़ी देर के बाद उसने मुझे अंदर बुलाया उसने मुझे आवाज दी थी मुझे लगा कि किसी चीज की जरूरत होगी इसलिए मैं फौरन चला गया पर जब देखा तो हैरान रह गया क्योंकि वह तो दुल्हन बनी बिस्तर पर बैठी थी

 

 और मुझे इसी तरह बुला रही थी कि जैसे अपने पति के साथ पहली रात है और उसके चेहरे पर मुस्कान भी थी वह बहुत खूबसूरत लग रही थी इसे देखकर मैं हैरान रह गया लेकिन जब मैं अपनी जगह पर खड़ा रहा और आगे नहीं गया तो उसने मुझसे एक बात कही उसने कहा कि आज तो हम दोनों की मेरा नाम रवि है मैं रेलवे की पटरी के पास रहता था वहीं पर मेरी छोटी सी खोली थी और मैं खोली का काम करता था

 

 मेरे पास और कोई काम नहीं था मैं दिखने में सुंदर था लेकिन घर परिवार से दूर हुआ था मेरी एक मां थी जिसने मेरे बापू से दूसरी शादी की थी लेकिन उसे हमेशा से अपना बड़ा बेटा ही अच्छा लगता था उसने मुझे कभी भी दिल से कबूल नहीं किया और अपने बेटे के लिए मेरे बापू जी को भी छोड़ दिया लेकिन मेरा बड़ा भाई अच्छा था जब तक हम साथ थे उसने मुझे कभी कुछ नहीं कहा वह मुझे अपना छोटा भाई ही समझता था लेकिन जब मां ने ही पराया कर दिया तो फिर उससे क्या रिश्ता नाता रखता

 

 अब मैं यहां आ गया और वह लोग कहीं और रहते थे लेकिन कभी-कभी मुझे मेरा बड़ा भाई फोन कर लेता था पर अब तो दो-तीन साल से उसका फोन भी नहीं आया था सुना था कि उसने शादी कर ली थी और वह बच्चों वाला हो गया था शायद इसीलिए बीजी हो गया था अब उसके पास अपने सौतेले भाई को फोन करने का भी वक्त कहां था मेरा भी दिल करता था कि मेरी भी शादी हो जाए मेरी एक पत्नी हो यहां पर मेरा एक दोस्त भी था

 

 जो मेरी तरह ही था उसका भी घर परिवार नहीं था वह भी शादी करना चाहता था उसका नाम आशीष था वह मुझे कहता था कि हमारी शादी नहीं होगी यार हमारी शादी कौन करवाएगा हमारे तो अपने नहीं है हम अकेले लड़कों को कौन अपनी बेटी का हाथ देगा और हमारे पास है क्या एक कमरे वाला छोटा सा मकान जिसमें कुछ भी नहीं है ऐसे घर में आज कल की लड़कियां नहीं रहती हैं और अगर हम लोग किसी सुंदर लड़की से शादी करना चाहते हैं तो वह तो बिल्कुल भी यहां नहीं आएगी 

 

फिर हमें ही अपने आप को थोड़ा नीचे करना पड़ेगा और कोई भी बस ठीक ठाक लड़की किसी गरीब घर की हो तो उसके साथ शादी करके चला होगा शायद वह भी यहां पर ना रहे वह हमेशा सच्ची बात करता था तो मेरा दिल बहुत जलता था मैं उसे कहता था कि दिल रखने के लिए ही झूठ बोल दिया कर लेकिन ऐसा नहीं करता था मैं तो हमेशा से ही किसी सुंदर लड़की से शादी करना चाहता था मुझे तो सपने भी सुंदर लड़कियों के ही आते थे क्योंकि मैं खुद भी खूबसूरत था हां मैं गरीब था 

 

पर मेरी शक्ल तो अच्छी थी मेरा दोस्त कहता था कि तेरी शक्ल अच्छी होने से क्या होता है मर्द की शक्ल कोई नहीं देखता सब लोग मर्द की जेब देखते हैं तेरी जेब में क्या है यह तू हटा कटा है लंबा चौड़ा है इसलिए तू ज्यादा काम कर लेता है तो हमसे दो पैसे ज्यादा बना लेता है लेकिन इतने में भी गुजारा नहीं होता मुझे भगवान पर भरोसा था मुझे पता था उसने मेरे लिए कुछ ना कुछ सोचा होगा 

 

क्योंकि उसने मुझे आज तक कभी कुछ नहीं दिया था क्या मेरी सारी जिंदगी ऐसी ही गुजर जाए गी कुछ ना कुछ तो मेरे लिए भी रखा होगा उसने अपने पास जो वह मेरे पास भेज देगा इससे पहले एक लड़की से मेरी दोस्ती हुई थी लेकिन वह मेरे खर्चे करवाती रही मैंने बड़ी मुश्किल से उसकी सारी मांगें पूरी की पर आखिरी वक्त पर कहने लगी कि मेरा रिश्ता तो बचपन में ही तय हो गया था 

 

मैं तुम्हें पहले ही बता देना चाहती थी पर मैं डर रही थी मैं हैरान रह गया यह कैसा डर था कि तुमने मुझे यह बात नहीं बताई और मेरा दिल तोड़ दिया फिर वह गुस्से में आ गई और अपनी असलियत पर आ गई उसने कहा कि हां किया है मैंने कर ले जो मेरा कर सकते मैं क्या कर सकता था कुछ नहीं कर सकता था मेरी अपनी मां इस दुनिया में नहीं थी मेरी सौतेली मां ने भी मुझे कुछ नहीं समझाया 

 

लेकिन मैं बुरा आदमी नहीं था कि किसी औरत के साथ बुरा करता इसीलिए चुप हो गया और भगवान के पास अपनी शिकायत लिखवा दी और उसको कहा कि अब तूने ही मेरी मदद करनी है पर अब तक ऐसा कुछ नहीं हुआ था मेरी भी उम्र बढ़ रही थी कब शादी करता कब बच्चे होते कब घर बसा आता एक दिन इसी दुख में आकर मैं अपने घर से निकल गया और रेलवे स्टेशन पर बैठ गया

 

 क्योंकि घर में अकेले रहने से मुझे बहुत ज्यादा अजीब महसूस हो रहा था कि जैसे मेरा कोई भी नहीं है यहां पर तो लोगों को आते जाते देख रहा था पर सर्दियों की रातें की वजह से फिर यहां पर भी सन्नाटा छाने लगा सब कुछ बंद होने लगा और सब लोग जाने लगे रात भी काफी हो गई थी मैंने सोचा कि बस में भी जाता हूं और जा ही रहा था जब मुझे एक खड़ी हुई ट्रेन के पीछे से किसी लड़की के रोने की आवाज आई ट्रेन काफी देर से यहां खड़ी थी और आवाज ऐसे आ रही थी कि जैसे इसके पास ही कोई जमीन पर बैठा है

 

 पहले मुझे लगा कि ऐसी ही मेरे कान बज रहे हैं लेकिन फिर मैंने गौर किया लड़की कौन थी जो इस वक्त यहां खड़ी थी और रो रही थी मुझे यकीन हो गया था कि आवाज सच मुछ आ रही थी मैं उस तरफ जाने लगा और जब मैंने उसे लड़की को देखा तो मैं एक पल को डर गया क्योंकि वह मुझे कोई लड़की नहीं आसमान से उतरी कोई अप्सरा ही लग रही थी कितनी खूबसूरत थी पर उसके सर पर एक चोट का निशान था उसकी बड़ी-बड़ी आंखें थी उसने कपड़े भी सफेद पहन रखे थे पता नहीं वह जिंदा भी थी या नहीं 

 

पर जैसे उसने मुझे देखा तो उसकी आंखों में एक अजीब सा एहसास उभरा जैसे कि किसी अपने को देखकर इंसान सोच लेता है कि बस अब सब कुछ ठीक हो जाएगा मैं मैंने कहा कि आप कौन है यहां क्या कर रहे हैं क्या आपको मदद की जरूरत है तो वह फॉरेन मेरी तरफ बढी और कहने लगी कि हां मुझे मदद की जरूरत है मैं बिल्कुल अकेली हूं रात हो गई है मुझे बहुत डर लग रहा है 

 

पीछे से कुत्तों की आवाज भी आ रही है कहीं वह कुत्ते मुझ में हमला ना कर दे आप मेरी मदद कर सकते हैं आप तो इतने हट्ट कट्टे लगते हैं आप तो मेरी मदद करेंगे ना यह लड़की तो एक सांस में ही बोल रही थी मैंने कहा कि हां हां मैं आपकी मदद करता हूं आपका घर कहां है आपको कहां जाना है आपको स्टेशन तक ले जाता हूं और गाड़ी में बिठा देता हूं क्योंकि उसने अपने घर ही जाना था पर वह कहने लगी कि नहीं मुझे मेरे घर नहीं जाना मुझे पता नहीं है मेरा घर कहां है मुझे नहीं पता मेरा घर कहां है मेरा तो कोई घर है ही नहीं

 

 बस आप मेरी मदद करें पता नहीं यह कैसी बातें कर रही थी जब उसको उसके घर का पता ही मालूम नहीं था तो फिर मैं उसकी मदद कैसे कर सकता था लेकिन अब तो उसने मेरा हाथ पकड़ लिया और कहा कि क्या मेरी मदद नहीं करेंगे आप तो अच्छे इंसान लगते हैं मर्द की फैसला करने की ताकत बहुत तेज होती है और औरत की बहुत कमजोर इसलिए मेरा दिमाग तो चल रहा था मैंने सोचा किसको फिलहाल घर ले जाता हूं अभी रात है ठीक कह रही थी वह इस वक्त स्टेशन पर इस इलाके में कुत्ते भी होते थे

 

 और फिर स्टेशन था हर किस्म का आदमी यहां आता जाता जितनी यह सुंदर थी इस के साथ कुछ भी हो सकता था इस लड़की ने तो मुझे बहुत मुश्किल में डाल दिया था अगर कोई इसको मेरे साथ देख लेता तो वह भी मुझसे ही सवाल करता अगर यह बात भी सच थी कि मैं इसको यहां पर छोड़कर नहीं जा सकता था मेरा दिल ही नहीं कर रहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि बस इसकी मदद में मुझे ही करनी है 

 

और एक जिम्मेदारी का एहसास होने लगा था कि अकेली लड़की है अगर मैं इसको नहीं बचा उंग तो कौन बचाएगा बस मैंने उससे कहा मेरी बात गौर से सुनो और देखो अभी रात हो गई है तुम्हें पता भी नहीं है कि तुम्हें कहां जाना है इसलिए मैंने सोचा है कि मैं तुम्हें अपने घर ले जाता हूं तो कहने लगी हां यह बिल्कुल ठीक है

 

 

आप मुझे अपने घर ले जाएं मुझे बहुत डर लग रहा है बहुत सर्दी भी लग रही है बहुत भूख भी लगी है मैंने कहा तो पहले मेरी पूरी बात सुन लो मैं घर में अकेला रहता हूं मेरे घर में कोई औरत नहीं है मुझे लगा था कि उसे इस बात से कोई दिक्कत होगा

 

 जाहिर है वही अकेले आदमी के साथ रात के समय उसके घर में क्यों जाएगी उसने कहा ठीक है मुझे कोई आपत्ति नहीं है जब उसने ऐसा कहा तो यह सुनकर मैं हैरान रह गया यह किस किस्म की लड़की थी कहीं उस किस्म की लड़की तो नहीं थी लेकिन नहीं यह ऐसी नहीं लग रही थी यह तो बहुत अच्छे घर की लग रही थी मैं उसे अपने साथ ले जाने लगा वह मेरे साथ चल रही थी जैसा मैंने पहले कहा था कि मैं जिन खूबसूरत लड़कियों को अपने सपनों में देखा करता था यह बिल्कुल वैसी ही लग रही थी 

 

लेकिन अभी मेरे दिमाग में ऐसी कोई बात नहीं आ रही थी सर्दियों की रातें आम रातों से ज्यादा सुनसान होती हैं अच्छी बात थी मैं नहीं चाहता था कि कोई हम दोनों को देख ले और फिर अभी से ही सवाल करना शुरू कर दे वह कह रही थी कि मुझे भूख लगी है मेरे घर में सिर्फ मेरे लिए खाना पड़ा था मैंने सोचा कि मैं तो गरीब आदमी हूं पहले भी तो भूखे पेट सोता हूं इसी को खिला दूंगा मैं उसे अपने घर ले गया मुझे उसे अपने घर ले जाते हुए भी बहुत बुरा लग रहा था यह घर थोड़ी था यह तो एक छोटी सी जगह थी

 

 और यह किसी के घर नहीं लग रही थी मैंने दिल में सोचा कि यह क्या सोचेगी कि कैसी जगह पर ले आया है इससे अच्छा तो वहीं पर बैठी रहती है लेकिन उसने ऐसे कुछ नहीं कहा बल्कि कहा कि आपका घर तो बहुत सुंदर है मैं हैरान रह गया यह क्या मुझे पागल बना रही हो यह घर कहीं से भी सुंदर नहीं था मैंने उसके लिए खाना रखा और कहा मुंह धो लो मैं खाना लेकर आता हूं उसने कहा ठीक है और खाना ऐसे खाया कि जैसे पता नहीं कब से नहीं खाया था उसके सर पर चोट लगी थी मुझे उसकी चोट पर कोई दवाई लगानी चाहिए थी

 

 पर अभी मेरे पास ऐसा कुछ भी नहीं था इसलिए मैंने बात नहीं की पर मैंने पूछा यह क्या हुआ तुम्हारे साथ तो कहने लगी मुझे नहीं पता वह खाना खाते बहुत मासूम लग रही थी और खाना ऐसे खा रही थी कि पता नहीं आखिरी दफा कब खाया था मैंने कहा आराम से खा लो कोई दिक्कत नहीं है वह खाना खाने के बाद ऐसे बैठ गई कि जैसे उसे बहुत ज्यादा अच्छा लगा मैंने पूछा तुम्हारा नाम क्या है

 

 तो कहने लगी कौन सा नाम पसंद है आपको मैंने कहा यह तुम क्या पूछ रही हो मैं तुमसे तुम्हारा नाम पूछ रहा हूं तुम कह रही हो क्या आपको कौन सा नाम पसंद है वैसे मुझे तो तुम बिल्कुल राधा जैसी खूबसूरत लग रही हो इसलिए मुझे तो राधा नाम ही पसंद है कहने लगी अरे मेरा नाम राधा ही तो है मैं हैरान रह गया इतना बड़ा संयोग कैसे हो गया पर क्यों नहीं हो सकता था राधा नाम तो बहुत ही लड़कियों का होता है 

 

और शायद उसकी सुंदरता की वजह से ही किसी ने उसका नाम राधा रख दिया होगा मैंने उसे कहा कि अब तुम आराम कर लो खुद में थोड़ी देर के लिए बाहर गया जब वापस आया तो वह घर में नहीं थी मैंने सोचा कि पता नहीं कहीं बाहर तो नहीं निकल गई पर फिर मुझे महसूस हुआ कि वह कमरे के अंदर है मैंने उसे नहीं कहा था कि अंदर जाकर सो जाओ लेकिन अगर अंदर ही लेट गई थी तो ठीक है मैं बाहर बिस्तर डालकर सो सकता था मुझे अंदर जाने की जरूरत नहीं थी मुझे भी अजीब लग रहा था 

 

वह एक अकेली लड़की थी जवान थी और मेरे घर में थी मुझे उसके पास ज्यादा नहीं जाना चाहिए था कहीं वह मुझसे डर ही जाती लेकिन थोड़ी देर के बाद उसने मुझे खुद ही आवाज दी मैं हैरान रह गया और जब कमरे के अंदर गया तो सामने का माहौल देखकर तो ऐसा लगा कि जैसे या तो मेरे साथ बहुत बड़ा मजा हो रहा है और या फिर आज मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा सपना साकार होने वाला है उसने मेरी अलमारी में पड़ा मेरी मान का एक लाल दुपट्टा अपने सर पर कर लिया था 

 

और बिस्तर पर ऐसे बैठी थी जैसे नई नवेली दुल्हन हो मैंने उसे देखकर हैरान रह गया उसने घूंघट किया हुआ था मैंने कहा कि तुम क्या कर रही हो उसने कहा दरवाजा बंद कर दो मैं आपकी पत्नी हूं और क्या मैंने कहा ऐसा मजाक नहीं करो मेरे साथ यह तुम क्या कर रही हो मैं तुम्हें वहां से लेकर आया हूं तुम जब से आई हो अजीब बातें क्यों कर रही हो उसे ऐसे लगा कि मैं उसे डांट रहा हूं 

 

तो उसने रोना शुरू कर दिया और मुझे और भी बुरा लगने लगा वह कहने लगी आप मुझे डांट क्यों रहे हैं मैं तो आपकी दुल्हन हूं क्या कोई पहली रात को अपनी पत्नी को ऐसे डांटता है आप तो बड़े निर्दय हैं मैं उसे चुप करवाने लगा मैंने कहा अच्छा बताओ यह सब क्यों कर रही हो उसने कहा और क्या करूं पत्नी हूं मैं आपकी वह तो ऐसे हांक जता रही थी जैसे आज ही हमारी शादी हुई थी और मेरा दिमाग घूम रहा था

 

 यह लड़की क्या चाहती थी मैंने कहा देखो तुम मेरी पत्नी नहीं हो उसने कहा फिर बना लेना मुझे अपनी पत्नी ऐसे बोली जैसे बहुत ज्यादा समझदार है और मेरे पास बोलने को कुछ नहीं था उसने कहा सुबह तक सोच कर बता दीजिएगा मुझे तो आपके साथ इसी घर में रहना है आप मुझे बहुत अच्छे लगे हैं मैं बाहर आ गया और सारी रात यही सोचता रहा लड़की कौन थी कहां से आई थी मुझे कुछ भी पता नहीं था लेकिन मैं कौन सा किसी बड़े खानदान का वारिस था जो यह सोचता कि कौन है कैसी है किस जाति की है

 

 जैसा मैंने आप लोगों को पहले बताया मेरी जो इस वक्त हालत थी यह लड़की क्या अगर मुझे कोई बूढ़ी औरत भी मिल जाती और वह कहती कि शादी कर लो तो मुझे इतना सोचना नहीं चाहिए था मेरे पास था ही क्या किसी को देने के लिए मैं तो अगर उससे शादी करता तो शायद मंगलसूत्र भी उधार पर लेता पर पर वह मुझसे शादी करने को तैयार थी वह बहुत ज्यादा सुंदर भी थी उसने कहा था कि आप सुबह तक सोच सकते हैं और मैं वाकई सुबह तक सोचता ही रहा फिर मैं खुदगर्ज हो गया

 

 मैंने कहा जब उसको कोई दिक्कत नहीं है तो मुझे क्या दिक्कत है मुझे ऐसा मौका बार-बार नहीं मिलेगा लड़की अच्छी है सुंदर है मासूम है मैं इसको जो कहता हूं यह मानती जाती है हम किसी मंदिर में जाकर शादी कर लेंगे और यह मेरे साथ इसी घर में रहेगी जो भी मेरे साथ रहा था बहुत अजीब था लेकिन आप लोगों को यह भी बता दो कि यह सब कुछ बहुत देर से और बहुत समय तक अकेले रहने के बाद हो रहा था ऐसा समझो कि मैंने इतने बुरे वक्त देखे थे कि अगर यह सब मेरे साथ हो रहा था तो शायद मेरे दुख का इनाम था

 

 सुबह मैंने उससे कहा कि मेरे से शादी करोगी तो वह इस बात पर बहुत खुश हो गई और शर्माने लगी उसने कहा कि और नहीं तो क्या मैं तो कब से आपसे शादी करना चाहती हूं पता नहीं वह ऐसा क्यों कह रही थी कि कब से आप मुझसे शादी करना चाहती है वह तो मुझे रात को ही मिली थी अब मैंने इन बातों पर ध्यान देना छोड़ दिया मैं भी उसी तरह हो गया था बिना सोचे समझे जो भी करना था कर रहा था हम लोग ने मंदिर जाकर शादी कर ली लेकिन मैं ऐसे वक्त पर गया कि मुझे कोई भी ना देखे 

 

क्योंकि अगर कोई भी देखता तो बहुत सारे सवाल करता और मैं यह नहीं चाहता था खास कर के मेरा दोस्त आशीष अगर उसे पता चल जाता तो उसे बुरा भी लगता कि मुझे क्यों नहीं बताया मैं नहीं चाहता था कि मेरी राधा पर कोई भी बुरी नजर लगाए कोई भी उसको आंख भर कर देखे वह बहुत ज्यादा सुंदर थी उसके सर पर जो चोट लगी थी उसकी वजह से उसके सर में दर्द था मैंने उसे दवाई भी दे दी थी

 

 हमारी जिंदगी शुरू हो गई थी मैं बहुत ज्यादा खुश था अचानक से ही वह बिल्कुल वैसी पत्नी बन गई जैसी पत्नी हर मर्द को चाहिए होती है मुझसे प्यार मोहब्बत करने वाली घर को संभालने वाली अच्छा खाना बनाने वाली मैंने उसे कहा कि तुम तो बहुत अच्छा खाना बनाती हो तो उसने कहा मुझे तो पता नहीं था कि मैं भी अच्छा खाना बनाती हूं अच्छा तो बन गया है एक दिन मैं घर आया तो वह साथ वालों के घर से सिलाई मशीन मंग के लाई थी और अपने लिए कुछ कपड़े सी रही थी मैंने कहा कि तुम्हें कपड़े भी सीने आते हैं 

 

तो कहने लगी कि सीने को नहीं आते थे लेकिन ऐसे ही मेरे दिल में बात आई तो मैं जाकर मशीन मंगलाई और मेरे पास यह एक आपकी मा की साड़ी पड़ी थी इसी का सूट बना रही हूं लेकिन जब मैंने उसे देखा तो मैं हैरान रह गया वह तो बहुत अच्छे कपड़े सी रही थी फिर ऐसी बातें क्यों करती थी या तो यह थोड़ी सी पागल थी या फिर मुझे पागल बनाती रहती थी मुझे उसकी बातों पर हंसी आने लगी 

 

अब मुझे उसकी सारी हरकतें बहुत मासूम लगती थी मैं बस उसकी बातों पर हंसता रहता था लेकिन यह बात बहुत खुशी की थी उसने इस घर को घर बना दिया था और वह मेरे साथ बहुत ज्यादा खुश थी वह कहती थी कि यह घर इस दुनिया का सबसे सुंदर घर है आप इस दुनिया के सबसे सुंदर आदमी हो और मैं तुम्हारे साथ बहुत ज्यादा खुश हूं और अब मैं चाहती हूं कि हमारी कोई संतान भी हो जाए लेकिन मैंने उसे कहा कि मैं नहीं चाहता मैं कोई और काम करना चाहता हूं अब मैं यह कुली की नौकरी छोड़ना चाहता था 

 

मैंने एक जगह जाकर बात भी की उन्होंने कहा कि एक नौकरी है बॉयलर पर काम करना है लेकिन काम मुश्किल है अगर तुम्हारे साथ कोई अनहोनी हो गई तो उसकी जिम्मेदारी हम लोग नहीं लेंगे पर पैसे वह लोग बहुत ज्यादा दे रहे थे इतने पैसे दे रहे थे कि जितने मैं पाच महीने में कमाता था मैंने राधा को नहीं बताया कि कौन सा काम करने के लिए जा रहा हूं पर उसे कह दिया कि अच्छा काम मिल गया है

 

 तो वह भी खुश होगी जब मेरा काम बदल गया तो मेरा आशीष से मिलना भी कम हो गया पर उसको किसी ने बता दिया कि मैंने शादी कर ली है और अपने घर में पत्नी ले आया हूं यह बात सुनकर उसे बहुत बुरा लगा कि मैंने उसे यह बात नहीं बताई थी तो मेरा दोस्त और उसके अलावा मेरा था ही कौन इसलिए फिर उसको मैंने सब कुछ बता दिया वह मुझसे ज्यादा समझदार था उसने कहा कि तुझे यह लड़की कुछ अजीब नहीं लगती 

 

कहीं यह तेरे साथ कुछ बुरा करने तो नहीं आई है उसकी हरकतें तो बड़ी अजीब सी हैं मैंने कहा कि क्या बुरा करेगी मेरे साथ मेरे पास है ही क्या जो वह लूट के ले जाएगी यह मुझे किसी को बेच देगी या यह घर बेच देगी हमारे पास आखिर है ही क्या आशीष ने कहा कि हां तेरी बात बिल्कुल सही सही है हमारे पास है ही क्या लेकिन हो सकता है लड़की थोड़ी सी पागल हो मैंने कहा कि नहीं पागल नहीं है सारे घर के काम करती है कपड़े भी सी लेती है बहुत अच्छा खाना बनाती है मेरा ख्याल करती है 

 

लेकिन कभी-कभी अजीब सी बातें करती है मेरे दोस्त ने पूछा कि कौन सी अजीब बातें मैंने कहा कि उसकी बातें बहुत अजीब होती हैं एक दिन मुझे कहने लगी कि याद है एक दफा हम लोग आइसक्रीम खाने गए थे और आपको आइसक्रीम बिल्कुल पसंद नहीं आई थी तो फिर आपने मुझे बहुत डांटा था और कहा कि इस जगह नहीं आना चाहिए था आपके बहुत सारे पैसे भी खर्च हो गए थे

 

 लेकिन यार मैं तो उसे अब तक कहीं भी लेकर नहीं गया फिर एक दिन मुझे कहने लगी कि मैंने आपकी पसंद का मटर का सालन बनाया लेकिन मुझे तो मटर पसंद ही नहीं है ऐसी ऐसी बातें करती है जो हमने एक साथ की नहीं होती हमने वह वक्त गुजारा ही नहीं होता जिसके बारे में वह मुझे याद करवा रही होती है मेरे दोस्त ने कहा कि फिर मेरी बात ठीक है ना यह लड़की थोड़ी सी पागल है ज्यादा पागल नहीं है लेकिन थोड़ी सी है थोड़ी हो या ज्यादा अब वह मेरी पत्नी है 

 

और तुझे तो पता है तू खुद ही तो कहता था कोई भी लड़की नहीं आएगी हमसे मोहब्बत करने कोई लड़की शादी नहीं करेगी लेकिन वह बहुत ज्यादा सुंदर भी है और इस घर को संभाल भी रही है और बहुत खुश भी है मुझसे कुछ मांगती भी नहीं है कोई शिकायत भी नहीं करती आज हमारी शादी को तीन महीने होने वाले हैं उसने एक दफा भी मुझसे झगड़ा नहीं किया मुझे तो ऐसे लग रहा है कि मेरे घर को उसने स्वर्ग बना दिया 

 

आखिर को मेरा दोस्त दोस्त था वह खुशी हुआ उसने कहा कि चलो अच्छी बात है ऐसी ही कोई मुझे भी मिल जाए लेकिन उस पर थोड़ी नजर भी रखना कहीं इसको पागलपन का दौरा ना पड़ जाए मुझे इस बात पर गुस्सा आया लेकिन मैंने कुछ नहीं कहा मैं अपनी जिंदगी में बहुत खुश था और जिंदगी बहुत तेजी से गुजर रही थी मैंने जो चाह वह मुझे सब कुछ मिल गया था मैं राधा से बहुत प्रेम करता था

 

 वह भी मेरे बगैर नहीं रह पाती थी हमें एक दूसरे से आशा प्रेम हो गया था जैसा किसी फिल्म या ड्रामा में होता है शायद उससे भी ज्यादा लेकिन एक दिन मुझे मेरे सौतेले भाई का फोन आया मैं हैरान हुआ कि आज उसको मेरी याद कैसे आ गई लेकिन जब उससे बात की तो आवाज से ही वह ज्यादा परेशान लग रहा था उसने कहा कि बहुत अकेला पड़ गया हूं बहुत परेशान हूं पिछले कुछ महीनों से मेरी जिंदगी बहुत बुरी हो गई है मैंने उससे पूछा कि वह ठीक तो है उसके घर वाले तो ठीक हैं 

 

लेकिन उसने जवाब नहीं दिया और कहा कि मैं आकर तुम्हें सब कुछ बताऊंगा मुझे तुम्हारी मदद की जरूरत है आखिर को मेरे साथ उसने बहुत अच्छा वक्त गुजारा था इसलिए मैंने यह नहीं कहा कि अब तुम्हें मेरी याद आ गई इतने साल से कहां थे मैंने कहा कि हां आ जाओ और उसको अपना पता बता दिया बात तो ठीक थी जब उसको मेरा पता ही नहीं मालूम था तो वह कैसे आता पर पहले भी तो फोन कर सकता था मेरा नंबर तो था उसके पास अब वह आ रहा था उसने कहा था कि ज्यादा वक्त नहीं लूंगा 

 

तुम्हारा बहुत परेशान हूं बस तुम्हारी थोड़ी मदद चाहिए मैंने अपनी पत्नी को बताया कि मेरा भाई है जो तुम्हारा जेठ लगता है और वह आ रहा है तुम उसके लिए अच्छा सा खाना बना लेना मेरी पत्नी फिर से कोई अजीब सी बात करने लगी उसने कहा कि लेकिन आपके तो बड़े भैया नहीं थे आपका तो छोटा भैया था मैंने कहा कि मैंने तुम्हें कभी बताया ही नहीं कि मेरा कोई बड़ा भाई है तो तुम छोटे भैया का जिक्र कहां से ले उसने कहा कि आप ने खुद बताया था कि मेरा एक छोटा भाई है 

 

जो बहुत दूर रहता है अब आप कह रहे हैं कि मेरा एक बड़ा भाई है आप भी ना अपनी बात को भूल जाते हैं घर में चली गई और मैं हैरान रह गया कि क्या बात है यह तो खुद पागलों जैसी बातें कर रही है और फिर मुझे पागल बना रही है पर जैसा मेरे दोस्त ने कहा था कि इसके साथ कोई ना कोई दिक्कत जरूर था पर वह इतनी सुंदर थी कि मैं एक परेशानी को नजरअंदाज कर रहा था मैं उसकी ऐसी बातों को सुन लेता था

 

 और हंस ने लगता था यह देखो जरा इसको यह मेरा छोटा भाई ना जाने किसको बनाकर बैठी थी पर उसने कह दिया कि वह खाना भी बना देगी और घर को भी साफ कर देगी अगले दिन ही मुझे मेरे भाई का फोन आया उसने कहा कि मैं आ रहा हूं मेरी ट्रेन स्टेशन पर पहुंचने वाली है मैं तो स्टेशन के पास ही रहता था इसलिए मैंने उसे जाकर रिसीव कर लिया बहुत सालों बाद उसे देखा था

 

 थोड़ा परेशान और बुरा लग रहा था ऐसा लगता था कि कोई बहुत बड़ा परेशानी है लेकिन उसकी मां तो कब से इस दुनिया से चली गई थी और क्या हो सकता था मैंने कहा कि भाभी को साथ नहीं लेकर आए तो कहने लगा कि लंबी कहानी है बाद में बताऊंगा मैंने उसे पानी वगैरह पिलाया और मैंने बताया कि मैंने भी शादी कर ली है तो वह बहुत खुश हुआ मैंने कहा कि मैंने तो सुना था कि तुम्हारे बच्चे भी हैं तो कहने लगा कि नहीं तुमने गलत सुना था मेरे बच्चे नहीं है मैंने कहा कि हां शायद गलत सुना होगा

 

 क्योंकि जिससे सुना था वह भी तो एक ऐसा पाग सा आदमी था चलो घर चलते हैं मैं तुम्हें अपनी पत्नी से मिलवा हूं खाना पना करते हैं फिर उसके बाद बताना तुम्हारा परेशानी क्या है मैं तुम्हारी मदद जरूर करूंगा आखिर को तुम मेरे भाई हो उसने कहा कि भाई तो मैं तुम्हारा नहीं हूं और मैंने तुम्हारे साथ इतने वक्त तक कोई मेल मिलाप भी नहीं रखा मुझे माफ कर दो मुझे पता है तुम बुरे वक्त में थे 

 

और मैं वहां पर अच्छी नौकरी करता था पैसे कमाता था शायद मुझे तुम्हारी ही हाय लग गई है कि मेरी बनी बनाई जिंदगी बर्बाद हो गई है यह बात सुनकर मैं भी थोड़ा परेशान हो गया पर मैंने कहा कि चलो इसे घर ले जाता हूं घर आया मैंने उसे कहा कि मुंह धो लो और अपनी पत्नी को कहा कि मेरा भाई आ गया है जरा बाहर आ जाओ मेरा भाई भी मुंह धोकर बैठ गया था जैसे ही मेरी पत्नी बाहर आई वह मेरी पत्नी को देखकर अचानक से रोने लगा और फौरन उसकी तरफ बढ़ा और उसे अपने गले से लगा लिया 

 

और ऐसे गले से लगाया कि जैसे सदियों से उससे बिछड़ा हुआ था मैं यह सब देखते ही हैरान रह गया मैंने राधा को उसकी बाहों से निकाला और मैंने कहा कि छोड़ो मेरी पत्नी को राधा इधर आओ उसने कहा यह राधा नहीं यह तो दीप्ति है यह मेरी पत्नी है तुम्हारी नहीं मैंने कहा कि इतनी वक्त बाद मिले हो पागल हो गए हो लगता है यह मेरी पत्नी है हम दोनों ने शादी की है राधा ने भी कहा कि हां मैं इसकी पत्नी हूं तुम कौन हो 

और मुझे कहने लगी कि यह है आपका भाई देखो तो सही जरा कितना बुरा आदमी है इसकी इतनी जरूरत कैसे हुई अब वह राधा से ही बात करने लगा कि तुम मुझे नहीं जानती यह मैं हूं मैं तुम्हारा पति मैंने कहा कि पीछे हट जाओ उसने कहा तुम मेरे पति नहीं हो कैसी बातें कर रहे हो मुझे कहने लगी तुम्हारा भाई पागल है और कमरे में चली गई लेकिन थोड़ी देर के बाद हमें उसके बेहोश होने की आवाज आई और हम लोग हैरान रह गए कि बेहोश क्यों हो गई 

 

हम उसे उठ कर डॉक्टर के पास ले गए और फिर डॉक्टर को यह सारी कहानी भी सुनाई डॉक्टर ने हमें किसी और डॉक्टर के पास भेज दिया जो कि दिमाग का डॉक्टर था फिर उसको यह सारी कहानी बताई उसने राधा के साथ दो घंटे भी गुजारे और उससे कोई बात पूछता रहा और फिर हमें वह कहानी सुनाई जिसको सुनकर हम तीनों ही जिंदगी के एक ऐसे मोड़ पर फंस गए कि अब हमारे लिए बहुत बड़ा फैसला करना मुश्किल हो गया था किसने सोचा था कि हम तीनों की जिंदगी इस तरह एक दूस दूसरे से जुड़ जाएगी

 

 उस डॉक्टर ने कहा कि राधा को एसोसिएटिव फ्यू नाम की एक बीमारी है जिसमें इंसान किसी आदमी की वजह से अपनी पुरानी जिंदगी के बारे में भूल जाता है और अपनी मर्जी से किसी दूसरी जगह पर चला जाता है वह वहां पर जाकर नए खानदान नए रिश्ते बना लेता है यहां तक कि नई पसंद नापसंद भी बना लेता है और उसको जो कहो वह मानता जाता है देखा जाए तो ऐसा ही हुआ था मेरे बड़े भाई ने बताया कि उसने राधा के साथ अच्छा सलूक नहीं किया था उस पर हाथ उठाया था झगड़ा किया था 

 

और वह बहुत ज्यादा दुख में थी इसलिए अचानक घर से चली गई और किसी ट्रेन में बैठ गई फिर किसी अजनबी स्टेशन पर उतर गई जहां से मेरे घर के पास थी और फिर मुझे मिल गई मैंने उसको जो कहता गया वह मानती गई उसने नाम भी मेरी मर्जी का रख लिया मुझसे शादी भी कर ली पर डॉक्टर ने कहा कि उसके दिमाग में पुरानी यादें थी तभी तो वह मुझे कभी-कभी कहती थी कि मैं आपके साथ एक जगह गई थी थी लेकिन हम लोग तो वहां गए नहीं थे और एक दिन उसने कहा था कि आपने तो मुझे बताया था कि आपका छोटा भाई है 

 

बड़ा भाई कहां से आ गया क्योंकि शायद मेरे भाई ने उसको बताया था कि मेरा एक छोटा भाई है मेरे बारे में बताया था राधा बेहोश इसलिए हुई थी क्योंकि वह मां बनने वाली थी और अब उसके पेट में मेरा बच्चा था मेरा भाई भी बहुत गुस्सा हुआ पर मैंने उसे कहा कि गलती तुम्हारी है तुम्हें मुझे अपनी शादी में बुलाना चाहिए था अपने बारे में बताना चाहिए था मेरे साथ मिलाप रखना चाहिए था ताकि मुझे पता होता कि तुमने किससे शादी की पर तुमने तो मुझे अपनी शादी में बुलाना भी जरूरी नहीं समझा

 

 अपनी पत्नी की तस्वीर तक नहीं दिखाई अगर मुझे पहले से पता होता तो यह मुझे मिलती और मैं इसको तुम्हारे पास ना लाता ऐसे कैसे हो सकता था मैं तुम्हारी मदद नहीं करता लेकिन तुमने तो मुझे कभी किसी का भी काबिल नहीं समझा और अब तुम आ गए हो मुझसे अपनी बीवी मांगने के लिए डॉक्टर ने कहा कि जो राधा चाहती है वही करें नहीं तो वह डॉक्टर के पास आत्महत्या कर सकती है और वह मेरे साथ रहना चाहती थी वह मेरे भाई को ऐसे ही समझ रही थी कि जैसे वह कोई दुश्मन है जो उसकी जिंदगी बर्बाद करने के लिए आया है 

 

वह उसके साथ नहीं जाना चाहती थी और बच्चा भी तो मेरा था मेरा भाई मान गया उसने कहा कि मेरी गलती है मैंने किसी और के साथ रिश्ता रखा था और दीप्ति को इस बारे में पता चल गया था इसीलिए हमारा झगड़ा हुआ था और वह मुझे छोड़कर चली गई शायद अब मैं उसके काबिल ही नहीं हूं क्योंकि मैंने उसके साथ बुरा किया लेकिन तुमने उसे बहुत अच्छी तरह से रखा हुआ है वह हमारे बीच से निकल गया 

 

और हम लोग तब से साथ रहते हैं डॉक्टर ने कहा था कि उसे उसकी पुरानी जिंदगी कभी याद आएगी या नहीं इस बात की कोई गारंटी नहीं है यह बहुत ही खास किस्म की बीमारी है बहुत कम लोगों को होती है और अभी तक ना तो इसका ठीक से इलाज पता चला है और ना ही इसकी वजह लेकिन यह सब कुछ सदमे और दहक की वजह से होता है मुझे नहीं पता कि मैंने सही किया या गलत लेकिन हमने वही किया जो हमें डॉक्टर ने करने को कहा था

 

 उन्होंने कहा था कि अगर राधा की मर्जी के खिलाफ कुछ किया गया तो अपने आप को नुकसान पहुंचा सकता है और ऐसा ना ही मैं चाहता था और ना ही मेरा भाई लेकिन कितनी अजीब बात है कि इतनी दूर से यहां तक चली आई और फिर मिली भी किसको मुझे मैं तो उसका देवर था ना लेकिन अब मैंने उससे शादी कर ली थी और हम लोग अपनी जिंदगी को अच्छी तरह से गुजार रहे थे आप लोग बताओगे मैंने सही किया या नहीं 

 

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